माखनलाल विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति समित 20 प्राध्यापकों को मिली हरी झंडी

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय(Makhanlal Chaturvedi National University Of Journalism And Communication) में हुई आर्थिक अनियमितताओं के मामले में ईओडब्ल्यू (EOW) ने विशेष अदालत में रिपोर्ट पेश की है। लेकिन अदालत में ईओडब्ल्यू के जांच अधिकारियों की पेशियां होंगी। ऐसा कहा जा रहा है कि पुष्टि होने पर ही अदालत EOW की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करेगी।

कोर्ट में पेश की क्लोजर रिपोर्टई

ओडब्ल्यू के अधिकारियों ने भोपाल विशेष अदालत में इस पूरे मामले की क्लोजर रिपोर्ट पेश की है। ऐसा मानना है कि क्लोजर रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि, पूर्व कुलपति बीके कुठियाला समेत 20 प्रोफेसर पर लगे आरोप द्वेष पूर्ण हैं और जांच के दौरान इन आरोपों को सिद्ध नहीं हुए है और लिहाजा इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की जा रही है।क्लोजर रिपोर्ट पेश होने के बाद अब ईओडब्ल्यू के अधिकारियों की पेशियां विशेष अदालत में होगी।

आरएसएस से तालुक रखते है कुठियाला

कुठियाला को आरएसएस का बेहद करीबी माना जाता है। प्रोफेसर बीके कुठियाला MCU के 10 साल कुलपति रहे हैं। और उस समय भाजपा सरकार रही थी । मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद यह आरोप लगाए थे कि प्रोफेसर बीके कुठियाला ने माखनलाल विश्विद्यालय को आरएसएस का गढ़ बना दिया था और भारी आर्थिक अनियमितताएं थी। उस दौरान ईओडब्ल्यू की जांच में कई ऐसे बिल भी सामने आए थे जो कहीं ना कहीं आर्थिक अनियमितताओं के पुख्ता सबूत थे।

2 साल पूर्व कमलनाथ सरकार ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आर्थिक अनियमितताओं के चलते पूर्व कुलपति बीके कुठियाला समेत 20 प्रोफेसर के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी । शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने इस मामले में कुठियाला समेत 20 प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की। इतना ही नहीं बीके कुठियाला से भी EOW के अधिकारियों ने कई बार पूछताछ की और इससे पहले उन्हें फरार घोषित भी किया। बाद मे जब मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी तब ईओडब्ल्यू के कई अधिकारियों के तबादले भी किए गए और अब इस पूरे मामले में ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी है।

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