अमित शाह के बेटे जय शाह पर स्टोरी करके सनसनी मचने वाली वाली द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह की तारीफ हर जगह हो रही है . कई जगह विरोध भी हो रहा है . इस सब के बीच रोहिणी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर इन सब्भी बातों पर प्रितिक्रिया दी है .
फेसबुक पर अपनी बात लिखते हुए वह कहती है कि उन्होंने 2011 में रॉबर्ट वाड्रा पर भी ऐसा ही खुलासा किया था लेकिन जैसी प्रक्रिया अभी मिल रही है, तरह तरह से धमकियां दी जा रही है ऐसा तब उन्हें सामना नहीं करना पड़ा था ।
‘मैं यह सब नहीं लिखना चाहती कि एक जर्नलिस्ट को क्या-क्या करना चाहिए । मैं सिर्फ अपने लिए बोल सकती हूं ,मेरा प्रमुख काम है सच बोलना । जिस दौर में जो सरकार रहेगी उससे सवाल करना ।
2011 में जब मैंने रॉबर्ट वाड्रा पर DLF डील के बारे में स्टोरी लिखी थी तो मुझे नहीं याद कि इस तरह की कोई प्रतिक्रिया मिली थी ।
जिस तरह से अभी WhatsApp और ऑडियो के जरिए संदेश फैलाए जा रहे हैं, तब ये सब नहीं हुआ । मुझे बार-बार लोकेशन बदलने की जरूरत नहीं पड़ी । भाजपा नेता के एक करीबी ने हमारी कॉल रिकॉर्ड करके अपने हिमायती राजनेताओं संग साझा किया (हालांकि उनके लिए ठीक ही है ) और इन सबके बाद वो एक घटिया ऑनलाइन कैंपेन चला रहे हैं ।
अक्सर पत्रकारों को बांधने और सीमित करने के लिए धमकाया और परेशान किया जाता है ,यह शक्तिशाली लोगों का प्रमुख हथियार होता है।
किसी ने बहुत सटीक ही कहा है कि न्यूज़ वही है जिसे कोई दबाना चाहता है बाकी सब तो विज्ञापन है ।
मुझे दूसरों का नहीं पता लेकिन इतना जानती हूं कि मुझे अपना ध्यान नहीं भटकाना है । मैं जब तक पत्रकारिता करूंगी ऐसी ही करूंगी नहीं तो छोड़ दूंगी । मैं वो पत्रकारिता नहीं कर सकती जो आजकल देखने को मिलती है ।
आप लोगों में से बहुत ऐसे हैं जो मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार कर रहे हैं और मेरे अंदर इतने गुण ढूंढ रहे हैं जितने मेरे पास है भी नहीं।
ऐसी स्टोरी मैं इसलिए नहीं करती कि मैं बहादुर हूं बल्कि मैं ऐसा इसलिए करती हूं क्योंकि मैं पत्रकार हूँ । जो काम मैंने किया है वो बहादुरी नहीं पत्रकारिता (जर्नलिज्म ) कहलाती है।