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बेंगलुरु में विपक्ष की मीटिंग पर संकट, इस पार्टी ने शामिल होने पर रखी शर्त

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भाजपा को घेरने के लिए बन रहे विपक्षी मोर्चे में शामिल दलों के बीच भी खींचतान जारी है। बेंगलुरु में होने वाली बैठक को लेकर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को भी आमंत्रित किया है, लेकिन कांग्रेस के न्यौते पर ‘आप’ ने फिर से शर्त रख दी है। आप की ओर से कहा गया है कि पटना की मीटिंग में कांग्रेस ने संसद सत्र के 15 दिन पहले अध्यादेश के विरोध का ऐलान करने की बात कही थी। संसद सत्र 20 जुलाई से है और उम्मीद है कि कांग्रेस जल्द अध्यादेश का विरोध करेगी।

पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद अध्यादेश के विरोध का ऐलान न करने पर आप ने नाराजगी जताई थी और केजरीवाल ने मंच साझा नहीं किया था। आप ने तब कहा था जब तक कांग्रेस अध्यादेश के विरोध का ऐलान नहीं करती तब तक विपक्ष की ऐसी बैठक में शामिल होना मुश्किल है। अब बैंगलोर में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के लिए आम आदमी पार्टी को कांग्रेस की ओर से आमंत्रण भेजा गया है।

कांग्रेस ने कही थी संसद सत्र के पहले घोषणा की बात
अमंत्रण मिलने के बाद आप की ओर से फिर से केंद्र के अध्यादेश पर विरोध दर्ज कराने की शर्त रखी गई है। आम आदमी पार्टी ने इस पर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने पटना की बैठक में सबके सामने कहा था कि संसद सत्र से 15 दिन पहले वे दिल्ली की जनता के पक्ष में अध्यादेश के विरोध का ऐलान करेंगे। हमें उम्मीद है कि कांग्रेस जल्द ही अध्यादेश के खिलाफ अपने विरोध की घोषणा करेगी, क्योंकि संसद सत्र 20 जुलाई से है।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: लाखों बुजुर्गों के श्रवण कुमार शिवराज

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भोपाल। हिंदू धर्म में तीर्थों का विशेष महत्व होता है। हर व्यक्ति का सपना होता है कि जीवन में एक बार तीर्थदर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त कर ले। परंतु धनाभाव एवं आर्थिक विपन्नता इस सपने के साकार होने में बाधा बनती है। गाँव-देहात में मजदूरी करके जीवन यापन करने वालों को भर पेट भोजन मिलना और जीवकोपार्जन के लिए आवश्यक संसाधन जुटाना ही दुष्कर है, ऐसे में दुर्गम स्थानों की यात्रा का सोचना भी मुमकिन नहीं है। यह उनके लिए कभी पूरा न होने वाले सपने के समान था। लेकिन आज यह संभव हो पा रहा है।

जैत के छोटे से गाँव से निकले शिवराज सिंह चौहान ने गाँव, गरीब को नजदीक से देखा व जिया है। इसलिए वह इन मनोभावों को बहुत प्रामाणिक तरीके से महसूस करते हैं। सामाजिक न्याय के उनके विशिष्ट मॉडल में यह दृष्टिगोचर भी होता है। वह गाँव-देहात में बसने वाले लोक के मानस को भली प्रकार समझते हैं। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों का तीर्थ दर्शन का सपना गरीबी की वजह से न टूटे और वह धर्मलाभ ले सकें, इसके लिए मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना लागू की और और देश के सभी प्रमुख तीर्थस्थलों तक के लिए तीर्थदर्शन योजना के तहत ट्रेन चलवाई। लाखों-करोड़ों लोग तीर्थ यात्रा की आकांक्षा के साथ ही इस दुनिया से विदा हो जाते हैं, ऐसे में शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी संसाधनों पर इसे पूरा कराकर लोगों को अपना मुरीद बना लिया है। तीर्थ दर्शन योजना लाखों बुजुर्गों के जीवन की अंतिम मुराद को पूरा करने का माध्यम बन गई है।

वस्तुतः यह एक अनोखी योजना है जो धर्म से अधिक मानवता के धरातल पर समावेशी सोच के साथ चित्रित की गई है। समाजशास्त्री डॉ. अभय गच्छ कहते हैं कि तीर्थदर्शन योजना एक गेम चेंजर स्कीम है क्योंकि यह सामाजिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से बहुत शानदार है। कोई सरकार व्यक्ति के निजी जीवन के इस पक्ष को भी पूरा करने का प्रयास कर सकती है, यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पहले किसी ने सोचा तक नहीं था। यह केवल सरकार की केवल एक योजना भर नहीं है बल्कि जनता और शिवराज सिंह के मध्य भरोसे और प्रेम की ऊंची उड़ान भी है।

तीर्थदर्शन योजना ने मध्यप्रदेश में बीजेपी और खासतौर पर शिवराज सिंह का नया वोटबैंक तैयार किया है जो हर तरह के राजनैतिक दुष्प्रचार से दूर रहता है। यदि इस योजना के राजनैतिक प्रभावों पर गौर करें तो हम पाते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के जनाधार को स्थाई बनाने में इस योजना का अहम रोल है क्योकि जिस मोहल्ले से बुजुर्गों ने इस यात्रा को किया है वे और उनका पूरा परिवार शिवराज सिंह के सॉलिड कैम्पेनर की तरह काम करते हैं। इस योजना के माध्यम से शिवराज सिंह के प्रति जनता की खुली दीवानगी से खुन्नस खाते हुए कमलनाथ सरकार ने इसे अपने 16 महीने के कार्यकाल में बंद कर दिया था लेकिन शिवराज सिंह ने सत्ता में आते ही फिर इसे बहाल किया और अब हवाई जहाज से तक श्रद्धालुओं को यात्रा करवा रहे हैं।

शिवराज सच्चे अर्थों में जनाकांक्षाओं को समझने एवं उन्हें पूरा करने वाले नेता हैं। वह यह भली भांति जानते हैं कि सरकार का काम जन-चेतनाओं को मूर्तरूप प्रदान करना होता है। आमजन के लिए रोटी-कपड़ा-मकान, शिक्षा-स्वास्थ्य बौर रोजगार जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना होता है। लेकिन इसके साथ ही आमजन बहुत कुछ चाहता है, अपने धर्म, अपनी संस्कृति, अपनी बोली-वाणी इन सबसे गहरे तक जुड़ना चाहता है। उन्होंने जनता की इस मौन भाषा को पढ़ा और सांस्कृतिक संवर्धन के लिए रूपरेखा बनाई।

चुनावी माहौल में यह कदम शिवराज सिंह चौहान की छवि को और मजबूत करेगा। हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा करने वाले श्रद्धालु उन्हें खूब आशीर्वाद एवं आशीष भी दे रहे हैं। बुजुर्गों के कल्याण और उनके सम्मान के लिए जो काम शिवराज कर रहे हैं, उनको देखकर बर्री गाँव के तुलाराम जी सहित पूरे प्रदेश के बुजुर्ग कह रहे हैं कि बेटा हो तो शिवराज जैसा…

एबीपी-सीवोटर सर्वे: कर्नाटक में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत, 57 प्रतिशत लोग बदलना चाहते है सरकार

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आए एबीपी-सीवोटर के विशेष जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है। इस ओपिनियन पोल में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। जनमत सर्वे के अनुसार कांग्रेस 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में अधिकांश सीटों पर जीत हासिल करेगी। राज्य में 10 मई को मतदान होना है और 13 मई को परिणाम आने हैं।

57 प्रतिशत लोग सरकार बदलना चाहते हैं

सर्वेक्षण के अनुसार, कम से कम 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वह परेशान हैं और वर्तमान राज्य सरकार को बदलना चाहते हैं। चुनावी राज्य में बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे के बाद भ्रष्टाचार तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। एबीपी-सीवोटर सर्वेक्षण के अनुसार, 50.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बीजेपी सरकार के प्रदर्शन को ‘खराब’ बताया है। इसके विपरीत, केवल 27.7 प्रतिशत ने इसे ‘अच्छा’ और अन्य 21.8 प्रतिशत ने ‘औसत’ के रूप में प्रदर्शन का मूल्यांकन किया।

मुख्यमंत्री बोम्मई का प्रदर्शन बेहद ‘खराब’

एबीपी-सीवोटर सर्वेक्षण ने कर्नाटक में 25,000 उत्तरदाताओं के साथ बातचीत की। इस सर्वे में बीजेपी के लिए और भी बुरी खबर है। मुख्यमंत्री की बात करें तो संभावित मतदाताओं में से 46.9 प्रतिशत ने मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के प्रदर्शन को ‘खराब’ बताया, जबकि सिर्फ 26.8 फीसदी ने उनके प्रदर्शन को ‘अच्छा’ बताया। उसी सर्वेक्षण में, काफी अधिक अनुपात (39.1 प्रतिशत) ने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना, जबकि 31.1 प्रतिशत ने बोम्मई को चुना।

कांग्रेस का वोट शेयर 38 से 40.1 फीसदी होने का अनुमान

एबीपी-सीवोटर ने जबरदस्त सत्ता-विरोधी लहर के बीच कांग्रेस को 115 और 127 सीटों के बीच दिया हैं, जो 224-सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में आरामदायक बहुमत है। सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस का वोट शेयर 2018 के 38 फीसदी से बढ़कर इस बार 40.1 फीसदी हो सकता है। सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि पार्टी कर्नाटक के सभी क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वियों बीजेपी और जेडीएस से आगे चल रही है। यहां तक कि पुराने मैसूर क्षेत्र में भी, जो जेडीएस का गढ़ रहा है, कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी से आगे निकलने का अनुमान है, जबकि बीजेपी के इस क्षेत्र में बहुत खराब प्रदर्शन करने का अनुमान है।

ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे 7 दिन में पूरा करें : मुख्यमंत्री

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chief minister shivraj singh chouhan holding meeting in bhopal

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओलावृष्टि से नुकसान का सर्वे 7 दिन में पूरा करें और 10 दिन के भीतर राहत राशि बाँटना शुरू की जाए। फसल क्षति सर्वे का कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से किया जाये। फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने की पूरी कार्यवाही गंभीरता से हो। खरीफ फसलों के लिए खाद का अग्रिम भंडारण करें। किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय में असुविधा नहीं होना चाहिए। साथ ही भुगतान समय पर सुनिश्चित हो। ग्रीष्मकाल में पेयजल की व्यवस्था बेहतर एवं सुचारू बनी रहे। प्रतिदिन जल प्रदाय हो, जहाँ पेयजल परिवहन की व्यवस्था करना है, उसकी भी तैयारी अग्रिम रूप से कर लें।

मुख्यमंत्री चौहान आज देर रात निवास कार्यालय में विकास यात्रा के फीडबैक संबंधी बैठक को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मंत्रीगण, विधायक, जन-प्रतिनिधि और जिलों के प्रशासनिक अधिकारी वर्चुअली जुड़े।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास यात्राएँ व्यवस्थित और अभूतपूर्व तरीके से हुई हैं। यात्राओं में सरकार के साथ समाज भी जुड़ा। सभी 230 विधानसभाओं में यात्राएँ हुई। सभी ओर यात्रा की प्रशंसा हुई है। कलेक्टर्स ने कई नवाचार किए हैं। यात्रा का स्वरूप अद्भुत था। मुख्यमंत्री ने यात्रा की सफलता के लिए सभी को बधाई दी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यात्रा का फॉलोअप हो। इस दौरान जो कमी मिली हो उसे पूरा किया जाये। शेष रहे कार्यों को भी पूरा करें। यात्रा तभी परफेक्ट होगी जब जीरो डिफेक्ट होगा। यात्रा की रिपोर्ट भेजी जाए, जिससे कमियों को पूरा किया जा सके।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो बहनों की जिंदगी बदलने में मील का पत्थर साबित होगी। बहने योजना के लाभ से वंचित नहीं रहें। प्राण-प्रण से योजना का लाभ दिलवाने में जुट जाएँ। गाँव और वार्ड में पहुँचकर बहनों के आवेदन भरवाए जाएँ। बहनों को कोई असुविधा नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस बार गेहूँ उत्पादन अच्छा होने की संभावना है। किसानों के हित में समर्थन मूल्य पर गेहूँ के उपार्जन की व्यवस्थाएँ अच्छी हों। उपार्जन व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें।

मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 2055 से बढ़ कर 3700 होंगी: शाह

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सतना मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया। समारोह में 43 एकड़ में विस्तारित तथा 550 करोड़ रुपये से निर्मित मेडिकल कॉलेज भवन परिसर का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र को समग्र विकास (होलेस्टिक अप्रोच) की अवधारणा पर बढ़ाया जा रहा है। सबसे पहले स्वच्छता अभियान चलाकर आम जनमानस में एक संस्कार डालने की शुरुआत की गई। इसके बाद योग, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, फिट इंडिया, खेलो इंडिया, इंद्रधनुष अभियान, पोषण अभियान और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को नया स्वरुप देकर स्वास्थ्य सेवाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाने का प्रयास किया गया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि भगवान श्री राम की पावन धरा विन्ध्य के सतना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। सतना मेडिकल कॉलेज में रोगियो को महानगरों की तरह उपचार की सभी सुविधाएँ मिलेंगी। अब इस क्षेत्र के बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिये बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।

केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि आजादी के अमृत वर्ष में देश समग्र विश्व का सिरमौर बने। ऐसे शक्तिशाली और प्रगतिशील भारत का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। स्वास्थ्य के साथ स्वच्छता भी जुड़ी हुई है। देश में 10 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। योग को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से अब तक 7 करोड़ से अधिक गरीबों का निःशुल्क उपचार किया गया है। इंद्रधनुष अभियान में सभी बच्चों को जीवन रक्षक टीके लगाये जा रहे हैं। कोरोना के बाद 60 हजार करोड़ रुपये व्यय करके स्वास्थ्य संरचना को नया रुप देकर गाँव-गाँव तक पहुँचाया जा रहा है।

श्री शाह ने कहा कि गत वर्ष के बजट में स्वास्थ्य के लिये 94 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान था, जिसमें इस वर्ष 30 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। देश में वर्ष 2021-22 के पहले मेडिकल कॉलेज में 51 हजार 300 डॉक्टर तैयार होते थे। अब यह संख्या बढ़कर 89 हजार 900 हो गई है।

एमबीबीएस के साथ-साथ एमडी और एमएस की सीटें भी बढ़ाई जा रही हैं। देश में 22 नये एम्स अस्पताल बनाये गये हैं। मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की 2055 सीटें उपलब्ध थीं, जो शीघ्र ही बढ़कर 3700 हो जायेंगी। राज्य सरकार ने दमोह, छतरपुर और सिवनी में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सतना का मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये मील का पत्थर साबित होगा। इससे संबद्ध चिकित्सालय का शीघ्र निर्माण आरंभ किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब गौरवशाली, समृद्धशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया है। भोपाल से विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, रीवा होकर सिंगरौली तक विंध्य एक्सप्रेस-वे बनाया जायेगा। इसमें औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जायेगा। सतना शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से 940 करोड़ रुपये के कार्य कराये जा रहे हैं। शीघ्र ही सतना बदले हुए स्वरूप में दिखेगा और महानगरों की श्रेणी में शामिल होगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि आज का दिन सतना वासियों के लिये गौरव का दिन है। वर्ष 2003 से पूरे प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की सीमित संख्या को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। अब प्रदेश में 14 शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित हो गये हैं। शीघ्र ही अन्य मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया जायेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प को पूरा करते हुए हर जिले में मेडिकल कॉलेज शुरू करने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज सतना सर्व-सुविधायुक्त आधुनिक चिकित्सा प्रणाली वाला मेडिकल कॉलेज होगा। यह सुपर स्पेशिलिटी के प्रावधान को पूरा करेगा। सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सतना के लिये आज का दिन ऐतिहासिक है। यहाँ के लोग इससे पहले इलाज कराने जबलपुर और नागपुर जाते थे। अब उन्हें सतना में ही मेडिकल कॉलेज में जटिल रोंगों के इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कॉलेज में 600 बिस्तर के अस्पताल की स्वीकृति प्रदान करने और सतना मेडिकल कॉलेज को एम्स दिल्ली के नियंत्रण में लिये जाने की मांग भी रखी। साथ ही चित्रकूट अंचल के मझगवां में अर्द्ध-सैनिक बलों के प्रशिक्षण केंद्र खोलने का भी सुझाव दिया। महापौर श्री योगेश ताम्रकार ने मेडिकल कॉलेज के समीप अपनी निजी भूमि में एक करोड़ रुपये की लागत से रोगियों के परिजन के लिये आश्रय-स्थल बनाने की घोषणा की।

प्रारंभ में केंद्रीय गृह मंत्री ने शिला पट्टिका का अनावरण कर कॉलेज का लोकार्पण किया और फिर कॉलेज भवन का अवलोकन भी किया। केद्रीय गृह मंत्री को सांसद तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल ने आभार माना। समारोह में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सतना प्रभारी तथा वन मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह, सांसद खजुराहो श्री वी.डी. शर्मा, विधायकगण सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

नुपुर शर्मा की मुश्किलें बढ़ी, एफआईआऱ के बाद मुंबई पुलिस ने भेजा समन

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भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर के बाद मुंबई पुलिस उन्हें समन भेजकर 22 जून को हाजिर होने के लिए कहा गया है। हाल ही में एक टीवी डिबेट के दौरान पैंगबर मोहम्‍मद पर आपत्तिजनक टिप्‍पणी की। धारा 295A, 153A, 505B के तहत केस दर्ज किया गया है। नूपुर शर्मा एक निजी टीवी चैनल की डिबेट में हिस्सा लेने पहुंची थीं। यह डिबेट वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर थी। आरोप है, उन्होंने इसी दौरान इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की। इसके बाद से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है।


कौन हैं नूपुर शर्मा


भाजपा नेता नूपुर शर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़कर चर्चा में आई थीं। वह 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार थीं। वर्तमान में वह भाजपा दिल्ली की प्रदेश कार्यकारिणी समिति की सदस्य हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 2008 में एबीवीपी की ओर से छात्र संघ चुनाव जीतने वाली एकमात्र उम्मीदवार थीं।

खाडी देशों के साथ पाकिस्तान ने की भारत की निंदा


खाडी देशों के बाद पाकिस्तान ने सोमवार को भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब करके आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया। सऊदी अरब, बहरीन और अफगानिस्तान ने भी बीजेपी के पूर्व प्रवक्ताओं के विवादित बयान की निंदा की है। इससे पहले कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब किया था।


भारत ने दिया जवाब


पैगंबर पर कमेंट से जुड़े विवाद पर इस्लामिक देशों की बढ़ती आलोचना का भारत ने कड़ा जवाब दिया है। भारत सरकार ने 57 इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) के बयान को छोटी सोच और गुमराह करने वाला बताया है।

पाकिस्तान को दिया कड़ा जवाब


खासतौर पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की आलोचना पर विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘एक ऐसा देश, जहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों का लगातार उल्लंघन होता है… किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे बर्ताव पर उसका कमेंट हमारे गले नहीं उतर रहा है।’ मालूम हो कि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर अपने दो प्रवक्ताओं को हटा दिया था। फिर भी OIC ने बयान जारी कर भारत की आलोचना की और मुस्लिम राष्ट्रों से इस मुद्दे पर एकजुट होने को कहा।

कश्मीर में हो रही पंडितों की हत्या, सरकार खामोश, विरोध प्रदर्शन के बाद कल से शुरू करेंगे सामूहिक पलायन

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कश्मीर में चल रही टारगेट किलिंग के कारण वह रह रहे कश्मीरी पंडितों में भय का माहौल है। पिछले कुछ हफ्तों से एक के बाद एक हत्या की वारदात सामने आ रही है। गुरुवार को आतंकियों ने एक हिंदू बैंक मैनेजर को गोलियों से भून दिया। घाटी में इससे पहले भी कई लोगों की टारगेट किलिंग की गई। इन सब घटनाओं से डरे अब कश्मीरी पंडितों ने घाटी से सामूहिक पलायन करने का ऐलान किया है। कल (3 जून) कश्मीरी पंडित घाटी से एक साथ पलायन करेंगे।

इससे पहले कश्मीरी पंडितों ने घाटी में हो रही हत्यों को लेकर आपात बैठक बुलाई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कश्मीरी पंडितों ने घाटी में चल रहे प्रदर्शनों को तत्काल बंद करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर से पलायन करने का भी ऐलान कर दिया है। उनका कहना है कि अब कश्मीर में रह रहे अल्पसंख्यकों के सामने कोई और विकल्प नहीं बचा है। इसलिए उन्हें पलायन करना होगा। बैठक में सभी लोगों से बनिहाल की नवयुग सुरंग के पास इकट्ठा होने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडित पिछले 22 दिनों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें घाटी से सुरक्षित निकाला जाए। पिछले कई दिनों से घाटी से टारगेट किलिंग खबरें आ रही हैं। आज ही आतंकियों ने कुलगाम में एक बैंक मैनेजर पर फायरिंग की। इस हमले में बैंक मैनेजर विजय कुमार की मौत हो गई। इससे पहले 31 मई को कुलगाम में आतंकियों ने महिला टीचर रजनीबाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं 12 मई को जम्मू कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी को गोली मारी। तहसील ऑफिस में घुसकर आतंकियों ने राहुल भट्ट नाम के अधिकारी को निशाना बनाया था। राहुल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

विपक्ष के नेताओं और मुख्यमंत्रियों को ममता का पत्र, मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का लगाया आरोप

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्रीय सरकार द्वारा एजेंसियों के गलत पर चिंता व्यक्त की है।

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र अपने विरोधियों को निशाना बनाने और उन्हें घेरने के लिए ईडी, सीबीआई, सीवीसी और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है।

सीएम बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा, “हम शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही में विश्वास करते हैं, लेकिन हम भाजपा की इस राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

ममता ने आगे कहा कि भाजपा न्यायपालिका के एक निश्चित वर्ग को प्रभावित करने की कोशिश करके “इस देश के संघीय ढांचे” पर बार-बार हमला करने की कोशिश कर रही है।

लखीमपुर हिंसा को हिन्दू बनाम सिख का रंग देने की हो रही है कोशिश: वरुण गांधी

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लखीमपुर हिंसा पर सरकार के रुख पर भाजपा नेता वरुण गांधी ने एक बार फिर हमला बोला है। ट्वीट करते हुए वरुण ने लिखा, लखीमपुर खीरी हिंसा को हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है। यह न केवल एक अनैतिक और झूठा आख्यान है, ऐसी नफरत की रेखाएँ बनाना और उन घावों को फिर से खोलना खतरनाक है, जिसे एक पीढ़ी को ठीक करने में लगे हैं। हमें राष्ट्रीय एकता से ऊपर राजनीतिक लाभ नहीं रखना चाहिए।

बता दें कि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खेरी में हुई हिंसा के बाद से जहां एक ओर सरकार आरोपियों को बचाने में लग गई थी वहीं दूसरी ओर वरुण गांधी अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर किसानों की आवाज़ उठा रहे थे। जिसके चलते पार्टी ने वरुण और मेनका गांधी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

कयास लगाए जा रहे है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले वरुण पार्टी में हो रही अपनी उपेक्षा से नाराज है और जल्द ही किसी और पार्टी का दामन थाम सकते है।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से वरुण- मेनका गांधी की छुट्टी, लखीमपुर हिंसा पर किसानों के पक्ष में उठाई थी आवाज़

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अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन में बड़े बदलाव करते हुए नए राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की है। प्लास्टिक कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं के नाम हैं। 

जारी की गई लिस्ट में मुख्य तौर पर मेनका गांधी वरुण गांधी को बाहर किया गया है। सूत्रों की माने तो वरुण गांधी को लखीमपुर हिंसा पर योगी सरकार की आलोचना करने की सजा मिली है। दरअसल लखीमपुर हिंसा पर वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए योगी सरकार पर हमला बोला था 1 ग्राम


पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी लखीमपुर खीरी कांड पर हर दिन ट्वीट कर योगी सरकार पर दबाव बना रहे थे।आज भी लखीमपुर कांड पर ट्वीट किया और अपनी ही सरकार को आड़े हाथ लिया। वरुण गांधी ने लिखा कि यह वीडियो बिल्कुल शीशे की तरह साफ है। प्रदर्शनकारियों का मर्डर करके उनको चुप नहीं करा सकते हैं। निर्दोष किसानों का खून बहाने की घटना के लिए जवाबदेही तय करनी होगी। हर किसान के दिमाग में उग्रता और निर्दयता की भावना भरे इसके पहले उन्हें न्याय दिलाना होगा।