Sunday, September 24, 2023
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मोदी सरकार ने जनजातीय बजट बढ़ा कर 90 हजार करोड़ किया : शाह

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की डबल इंजन की सरकार हर गरीब के जीवन को सुखी बनाने के लिये संकल्पित है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। पूर्व की केन्द्र सरकार एससी-एसटी वर्ग के लिये 24 हजार करोड़ प्रतिवर्ष खर्च करती थी, मोदी सरकार ने इस राशि को कई गुना बढ़ा कर 90 हजार करोड़ रूपये कर दिया है। पहले सिर्फ 167 एकलव्य विद्यालय हुआ करते थे, मोदी सरकार ने इनकी संख्या बढ़ा कर 690 कर दी है। इसी प्रकार एससी-एसटी वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये पहले 1000 करोड़ रूपये का प्रावधान था, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ा कर 2833 करोड़ रूपये कर दिया है।

केन्द्रीय मंत्री श्री शाह आज सतना के मैत्री पार्क में माता शबरी जयंती पर कोल जनजाति महाकुंभ में शामिल हुए। अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की। केन्द्रीय मंत्री श्री शाह और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाकुंभ का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। साथ ही 507 करोड़ रूपये लागत के 70 विकास कार्यों का शिलान्यास और 26 करोड़ रूपये लागत के 18 कार्यों का लोकार्पण किया। समारोह में विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं में हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किये गये। प्रारंभ में केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम और माता शबरी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। साथ ही कन्या-पूजन कर बेटियों का सम्मान किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज माता शबरी की जयंती का ऐतिहासिक दिन है। माता शबरी ने अपनी भक्ति से लोगों को युगों-युगों तक राम की भक्ति करने की प्रेरणा दी, ऐसी पवित्र भूमि को मैं प्रणाम करता हूँ। उन्होंने कहा कि मुझे यहाँ तीन बार आने का अवसर मिला। जब-जब मैं यहाँ आया, तब-तब मैं नई ऊर्जा और चेतना लेकर गया। माता शबरी समग्र विश्व का कल्याण करने वाली माँ है, आप सभी सौभाग्यशाली है जो माँ के सान्निध्य में रह रहे हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज करोड़ों रुपयों के लोकार्पण और शिलान्यास श्री शिवराज सिंह चौहान ने मेरे हाथों कराये हैं। मैं आज मन से श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई देना चाहता हूँ, जिन्होंने आपकी सभी जरूरतों को समझ कर कोल समाज के भाई-बहनों के लिए संकल्प लिए हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं जबलपुर आया था, उस दिन मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय वर्ग के लिये 14 घोषणाएँ की थी। मुझे प्रसन्नता है कि श्री चौहान ने अपनी सभी घोषणाओं पर अमल कर जनजातीय वर्ग के उत्थान का कार्य किया है। श्री शाह ने कहा कि केन्द्र और मध्यप्रदेश की सरकार अंत्योदय के तहत गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन को सँवारने का काम कर रही है।

केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पूरे देश में कोरोनारोधी टीके नि:शुल्क लगवा कर देशवासियों के जीवन को सुरक्षित किया है। साथ ही प्रधानमंत्री ने हर गरीब के घर में प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5 किलो अनाज मुफ्त में भेजने का फैसला भी किया, 10 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय बनवाये और 3 करोड़ लोगों को गैस सिलेण्डर उपलब्ध कराये हैं। देश के 80 करोड़ लोगों को ढाई साल से लगातार मुफ्त में 5 किलो अनाज दिया जा रहा है। उन्होंने वर्ष 1832 के कोल विद्रोह का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार देश में शहीदों के स्मारक बनाने का काम कर रही है। पिछले 5 सालों में 80 जनजातीय स्मारक बनाने के लिये 200 करोड़ रूपये खर्च किये। देश में 70 साल में जो नहीं किया गया वह प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कर दिखाया है। देश में यह पहली बार हुआ है कि गरीब जनजातीय समाज की बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बना कर समग्र जनजातीय समाज का सम्मान किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 5 करोड़ रूपये खर्च कर रघुनाथ शाह और शंकर शाह का स्मारक बनाया और ढेर सारी योजनाएँ संचालित की हैं। श्री शाह ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बधाई देते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में प्रदेश तरक्की के नये आयाम हासिल कर रहा है। श्री चौहान एक लोकप्रिय जननायक हैं।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अन्याय का अंत करना ही धर्म है। माता शबरी द्वारा सच्चे मन से की गई भगवान श्री राम की भक्ति अमर हो गई। मुख्यमंत्री ने मैया शबरी और भगवान श्री राम के मिलन का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि माँ शबरी और भगवान राम की कथा संदेश देती है कि शासन और प्रशासन चल कर अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, तभी राम राज्य होगा। यह कथा अन्याय का अंत करने का संदेश देती है। साथ ही इस कथा से माँ की इच्छा की पू‍र्ति करने का संदेश भी मिलता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत गौरवशाली, वैभवशाली, समृद्धशाली, भ्रष्टाचारमुक्त और अन्याय को समाप्त करने वाला बन रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत को नये मुकाम पर पहुँचाना है। मोदी सरकार द्वारा गरीबों को पक्का मकान दिया गया। साथ ही आयुष्मान कार्ड से 5 लाख रूपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा और जम्मू-कश्मीर में धारा 370 समाप्त की गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोल समाज की उन्नति और गौरव को स्थापित करने के लिये राज्य सरकार की संकल्प शक्ति को जताया। उन्होंने कहा कि रीवा जिले की त्यौंथर तहसील में कोल शासकों की कोल गढ़ी का साढ़े 3 करोड़ रूपये की लागत से जीर्णोद्धार किया जायेगा। गढ़ी की बाउण्ड्री-वॉल बनाई जायेगी, मैया शबरी की प्रतिमा स्थापित की जायेगी और अंतिम कोल राजा का तेल चित्र बनवाया जायेगा। गढ़ी परिसर में कोल जनजाति की संस्कृति, वेशभूषा, रीति-रिवाज एवं इतिहास को भी दर्शाया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोल समाज की बहनों को भी पोषण आहार के लिए प्रतिमाह एक हजार रूपये का आहार अनुदान दिया जायेगा। साथ ही समाज के छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये प्रशिक्षण और कोचिंग की व्यवस्था की भी जायेगी। रीवा जिला मुख्यालय पर पोस्ट ग्रेजुएट जनजातीय छात्रावास और सतना में कोल जनजाति कन्या छात्रावास बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार स्वयं का व्यवसाय करने वाले कोल जनजाति के युवाओं को बैंक से ऋण दिलाने की गारंटी सरकार लेगी और ब्याज अनुदान भी देगी। कोल जनजाति के सभी भाई-बहनों को प्लाट उपलब्ध कराया जायेगा। कोल जनजाति का कोई भी व्यक्ति बिना जमीन के नहीं रहेगा। कोल जनजाति के देवी-देवताओं के धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण एवं संरक्षण का कार्य किया जायेगा। प्रदेश में एक अप्रैल से शराब की दुकानों के अहाते बंद होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातियों के बच्चों के उच्च शिक्षा में आगे बढ़ने के लिये कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को हिन्दी माध्यम में शुरू किया गया है, जिससे गरीब जनजातीय परिवारों के बच्चे भी आगे बढ़ सकें। सीएम जन-सेवा अभियान के माध्यम से छूटे हुए पात्र हितग्राहियों के राशन कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। विकास यात्रा से यह कार्य सतत् जारी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की गरिमामयी उपस्थिति में जबलपुर में शंकरशाह-रघुनाथ शाह जयंती कार्यक्रम में जनजातीय समाज के उद्धार के लिये की गईं सभी 14 घोषणाएँ अमल में आ चुकी हैं। मध्यप्रदेश में जनजातीय वर्ग को जल, जंगल और जमीन का हक देने पेसा नियम लागू कर दिया गया है।

सांसद श्री गणेश सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरूद्ध 18वीं शताब्दी में पहला कोल विद्रोह हुआ था। आज केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाकुंभ में कोल समाज को सम्मानित कर उनका गौरव बढ़ाया है। कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामलाल रौतेल और विधायक श्री शरद कोल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल, सांसद खजुराहो श्री व्ही.डी. शर्मा, जन-प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत परंपरागत लोक नृत्यों से किया गया।

मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 2055 से बढ़ कर 3700 होंगी: शाह

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सतना मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया। समारोह में 43 एकड़ में विस्तारित तथा 550 करोड़ रुपये से निर्मित मेडिकल कॉलेज भवन परिसर का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र को समग्र विकास (होलेस्टिक अप्रोच) की अवधारणा पर बढ़ाया जा रहा है। सबसे पहले स्वच्छता अभियान चलाकर आम जनमानस में एक संस्कार डालने की शुरुआत की गई। इसके बाद योग, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, फिट इंडिया, खेलो इंडिया, इंद्रधनुष अभियान, पोषण अभियान और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को नया स्वरुप देकर स्वास्थ्य सेवाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाने का प्रयास किया गया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि भगवान श्री राम की पावन धरा विन्ध्य के सतना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। सतना मेडिकल कॉलेज में रोगियो को महानगरों की तरह उपचार की सभी सुविधाएँ मिलेंगी। अब इस क्षेत्र के बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिये बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।

केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि आजादी के अमृत वर्ष में देश समग्र विश्व का सिरमौर बने। ऐसे शक्तिशाली और प्रगतिशील भारत का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। स्वास्थ्य के साथ स्वच्छता भी जुड़ी हुई है। देश में 10 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। योग को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से अब तक 7 करोड़ से अधिक गरीबों का निःशुल्क उपचार किया गया है। इंद्रधनुष अभियान में सभी बच्चों को जीवन रक्षक टीके लगाये जा रहे हैं। कोरोना के बाद 60 हजार करोड़ रुपये व्यय करके स्वास्थ्य संरचना को नया रुप देकर गाँव-गाँव तक पहुँचाया जा रहा है।

श्री शाह ने कहा कि गत वर्ष के बजट में स्वास्थ्य के लिये 94 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान था, जिसमें इस वर्ष 30 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। देश में वर्ष 2021-22 के पहले मेडिकल कॉलेज में 51 हजार 300 डॉक्टर तैयार होते थे। अब यह संख्या बढ़कर 89 हजार 900 हो गई है।

एमबीबीएस के साथ-साथ एमडी और एमएस की सीटें भी बढ़ाई जा रही हैं। देश में 22 नये एम्स अस्पताल बनाये गये हैं। मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की 2055 सीटें उपलब्ध थीं, जो शीघ्र ही बढ़कर 3700 हो जायेंगी। राज्य सरकार ने दमोह, छतरपुर और सिवनी में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सतना का मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये मील का पत्थर साबित होगा। इससे संबद्ध चिकित्सालय का शीघ्र निर्माण आरंभ किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब गौरवशाली, समृद्धशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया है। भोपाल से विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, रीवा होकर सिंगरौली तक विंध्य एक्सप्रेस-वे बनाया जायेगा। इसमें औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जायेगा। सतना शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से 940 करोड़ रुपये के कार्य कराये जा रहे हैं। शीघ्र ही सतना बदले हुए स्वरूप में दिखेगा और महानगरों की श्रेणी में शामिल होगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि आज का दिन सतना वासियों के लिये गौरव का दिन है। वर्ष 2003 से पूरे प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की सीमित संख्या को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। अब प्रदेश में 14 शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित हो गये हैं। शीघ्र ही अन्य मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया जायेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प को पूरा करते हुए हर जिले में मेडिकल कॉलेज शुरू करने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज सतना सर्व-सुविधायुक्त आधुनिक चिकित्सा प्रणाली वाला मेडिकल कॉलेज होगा। यह सुपर स्पेशिलिटी के प्रावधान को पूरा करेगा। सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सतना के लिये आज का दिन ऐतिहासिक है। यहाँ के लोग इससे पहले इलाज कराने जबलपुर और नागपुर जाते थे। अब उन्हें सतना में ही मेडिकल कॉलेज में जटिल रोंगों के इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कॉलेज में 600 बिस्तर के अस्पताल की स्वीकृति प्रदान करने और सतना मेडिकल कॉलेज को एम्स दिल्ली के नियंत्रण में लिये जाने की मांग भी रखी। साथ ही चित्रकूट अंचल के मझगवां में अर्द्ध-सैनिक बलों के प्रशिक्षण केंद्र खोलने का भी सुझाव दिया। महापौर श्री योगेश ताम्रकार ने मेडिकल कॉलेज के समीप अपनी निजी भूमि में एक करोड़ रुपये की लागत से रोगियों के परिजन के लिये आश्रय-स्थल बनाने की घोषणा की।

प्रारंभ में केंद्रीय गृह मंत्री ने शिला पट्टिका का अनावरण कर कॉलेज का लोकार्पण किया और फिर कॉलेज भवन का अवलोकन भी किया। केद्रीय गृह मंत्री को सांसद तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल ने आभार माना। समारोह में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सतना प्रभारी तथा वन मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह, सांसद खजुराहो श्री वी.डी. शर्मा, विधायकगण सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

‘भारत आज कश्मीर की तरह दिख रहा है’: सुब्रमण्यम स्वामी का अमित शाह पर तीखा हमला

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बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान को लेकर देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर बीजेपी नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. पूर्व राज्यसभा सांसद ने ट्वीट कर कहा है कि आज पूरा भारत कश्मीर जैसा दिखता है. जबकि हम कश्मीर को भारत जैसा बनाना चाहते हैं।

सुब्रह्मण्यम् स्वामी

स्वामी ने ट्विटर पर कहा, ” भारत आज कश्मीर जैसा दिख रहा है। इसके बजाय हम चाहते थे कि कश्मीर भारत जैसा दिखे। क्या गृह मंत्री के रूप में अमित शाह को समाधान के बारे में कोई जानकारी है? अगर अगले 48 घंटों में स्थिति नियंत्रण में नहीं आती है, तो क्या शाह को गृह मंत्री बने रहना चाहिए?

पथराव के दृश्य आमतौर पर कश्मीर में देखे जाते हैं, लेकिन भाजपा नेता इस बात से निराश थे कि अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही देखा गया।

उन्होंने यहां तक पूछा कि अगर अगले 48 घंटों में देश में हालात नहीं सुधरे तो क्या शाह को अपने पद पर बने रहना चाहिए?

बता दें कि नूपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में शुक्रवार यानी 10 जून को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. कई जगहों पर प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

योगी आदित्यनाथ से नाराज हुए मोदी शाह, बढ़ सकती हैं मुश्किलें?

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले क्या भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह नाराज है? यह ऐसा सवाल है जो कल से हर उस व्यक्ति के मन मे उठ रहा है जो राजनीति को थोड़ा बहुत भी समझता है।

यूपी में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव के बीच राज्य में चुनावी सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही है राज्य की सियासत भी चुनावी मोड में नजर आने लगी है यही कारण है कि चुनाव से ठीक पहले होने वाले सियासी उठापटक और दलबदल भी अक्सर देखे जाने लगे हैं।

इस बीच एक ऐसी खबर आई है जिसे सुनकर भाजपा ऑरकुस के केंद्रीय नेतृत्व की छटपटाहट साफ़ दिखाई देने लगी है खबर है कि 2017 के चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह ने भले ही योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का ताज पहना दिया था लेकिन अब वही शाह योगी को पसंद नहीं करते हैं इसकी वजह उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही हत्याएं घपले घोटाले के साथ-साथ योगी का कमजोर प्रशासन भी माना जा रहा है जिसमें कई ऐसे फैसले लिए गए जो बाद में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के लिए किरकिरी का सबब बन गए।

योगी से अमिता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाराजगी का एक कारण यह भी है कि वह सत्ता और संगठन के बीच आपसी समन्वय बनाने में नाकाम साबित हुए हैं ताजा सर्वे की मानें तो यूपी के 7 परसेंट से ज्यादा विधायक योगी आदित्यनाथ को हटाने के पक्ष में है वह नहीं चाहते कि योगी मुख्यमंत्री बने रहें क्योंकि इससे आगामी चुनाव में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

बीते दिनों भाजपा के संगठन प्रभारी और आर एस एस के प्रमुख पदाधिकारियों ने भी योगी सरकार के कामकाज का फीडबैक लिया था जिसमें भी नेगेटिव फीडबैक ही मिला था जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास ब्यूरोक्रेट रहे एक पूर्व आईएएस को उपमुख्यमंत्री पद पर बिठाकर सत्ता और संगठन के बीच में सामंजस्य बनाने की बात सामने आई थी लेकिन वह बात आई गई हो गई।

मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री किस कदर नाराज हैं इसकी बानगी कल देखने को मिली जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्म दिवस के दिन भी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देना तक मुनासिब नहीं समझा जबकि कल ही इन दोनों ने कई ट्वीट अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए लेकिन दोनों प्रमुख नेताओं को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का जन्मदिन याद नहीं आया इसे राजनीतिक पंडित शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ को न केवल अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से बधाई दी थी बल्कि योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को रिप्लाई कर धन्यवाद भी दिया था। वहीं मीडिया की कुछ खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई दी है।

आपको बता दें कि इसके पहले योगी आदित्यनाथ के हर जन्मदिन पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री उन्हें सोशल मीडिया पर विश किया करते थे लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा नहीं किया इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में सरकार में फेरबदल की कई संभावनाएं जताई गई लेकिन अभी तक उसमें अमल नहीं हुआ है हो सकता है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व योगी की कार्यशैली और उनके क्रियाकलापों से खुश ना हो इस कारण भी वहीं से किनारा करना चाह रहा है ताकि आने वाले चुनाव में भाजपा अपना स्टैंड क्लियर कर सके।

बीजेपी का कार्यकर्ता झूठ फैलाने में हुआ नाकाम,सामने आया बंगाल हिंसा का एक और सच

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पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजे आने के बाद से भड़की हिंसा में अबतक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से BJP ने अपने 9 कार्यकर्ताओं की मौत का दावा कर रही है। वहीं TMC 7 कार्यकर्ताओं की।

वहीं एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें आंगन में पड़े अपने पिता की को बेटी पानी पिलाने की कोशिश कर रही है और गिरकर रोने लगती है। इस वीडियो को बंगाल हिंसा का बताया जा रहा है। संदीप ठाकुर नाम के एक यूज़र ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि राष्ट्रपति शासन लगाकर बंगाल को सेना के हाथ में दे देना चाहिए।

दरसअल ये आंध्रप्रदेश का वीडियो है। इसका पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना पीड़ित की बेटी एक बोतल में पानी भरकर अपने पिता को देने के लिए जा रही है लेकिन उसकी मां उसे इस डर से रोक रही है । 50 वर्षीय शख्स ने अपनी बेटी और पत्नी के सामने अंतिम सांस ली।

https://www.indiatoday.in/coronavirus-outbreak/story/heartbreaking-wailing-daughter-fights-mother-water-covid-positive-father-andhra-pradesh-village-1799040-2021-05-05

अपने दिए नारे पर भी अमल नहीं कर पाई BJP, 5 राज्यों को मिलाकर भी नही हुआ 200 पार

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देश में कोरोना का कहर बरकरार है। ऐसे में बीते दिनों 5 राज्यों में चुनाव हुए है । वहीं आज पश्चिम बंगाल, असम, केरल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी हद तक साफ हो चुके है। बंगाल में ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करती दिख रही है। असम में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए वापसी कर रही है। केरल में भी सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की वापसी हो रही हैम वहीं तमिलनाडु में सत्ता पलट रही है और कांग्रेस-डीएमके गठबंधन बहुमत से सरकार बना रही है। पुद्दुचेरी में अभी तक के रुझानों के अनुसार एनडीए सरकार बना रही है।

  • पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी हैट्रिक बनाने की ओर अग्रसर है। रुझानों में टीएमसी 208 सीटों की बढ़त के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। नंदीग्राम की सीट भी ममता बचाती नजर आ रही है। वहीं बीजेपी डबल डिजिट से भी कम महज 81 सीटों पर सिमटती दिख रही है। बीजेपी के तमाम बड़े नेता भी अपनी सीट हार रहे है।
  • असम में बीजेपी अपना गढ़ बचाने में कामयाब होती दिख रही है। रुझानों में सत्तारूढ़ एनडीए को 78 सीटों पर बढ़त मिली है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में बने महागठबंधन को 47 सीटों पर बढ़त हासिल हुई है। असम में सरकार बनाने के लिए 64 सीटों की जरूरत होती है।
  • तमिलनाडु में बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन है। यहां पिछले 10 सालों से एआईएडीएमके काबिज है। लेकिन इस बार यहां सत्ता पलट रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि की पार्टी डीएमके सत्ता पर काबिज होती दिख रही है।रुझानों में एआईएडीएमके गठबंधन महज 84 सीटों से आगे है जबकि डीएमके गठबंधन ने 149 सीटों पर बढ़त बना रखी है।
  • केरल में विधानसभा की 140 सीटें है। वर्तमान में यहां सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है।और इस बार भी एलडीएफ दोबारा सत्ता में आ सकती है। रुझानों में एलडीएफ 98 और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 41 सीटों से आगे है।वहीं तीसरे मोर्चे बीजेपी को एक ही सीट मिलती नजर आ रही है।
  • पुडुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है। कुल 30 सीटों वाले पुडुचेरी में एनडीए की सरकार बन सकती है। 12 सीटों पर आए रुझानों के अनुसार, यहां एनडीए 8 सीटे और यूपीए को 3 सीटे मिल रही है। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। चुनाव शुरू होने से कुछ महीने पहले यहां कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार गिर गई थी।

बंगाल चुनाव: खेला होबे, बीजेपी अपनी शतक से भी चूक गई

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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार तीसरी बार बनना लगभग तय हो गया है। रूझानों में ममता बनर्जी की पार्टी 202 सीटों पर आगे है।

ऐसे में कई बड़े नेताओं में ममता को बधाई दी है। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बधाई देते हुए ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की नफ़रत की राजनीति को हराने वाली जागरुक जनता, जुझारू नेता ममता बनर्जी व टीएमसी के समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई।

उन्होंने आगे लिखा कि ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष ‘दीदी ओ दीदी’ का जनता द्वारा दिया गया मुंहतोड़ जवाब है।

बता दे कि भाजपा ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव प्रचार किया था। वहीं देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में 200 सीटें जीतने की घोषणा की थी पर भाजपा 100 सीटें भी नहीं हासिल कर सकी।

बता दें कि 294 में बहुमत के लिए 147 सीटें चाहिए जबकि टीएमसी इससे कहीं आगे 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है।

बंगाल चुनाव: बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राहुल गांधी ने रद्द की जनसभाएं, बाकी दलों से भी की ये अपील

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पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना संक्रमण से जनता की सुरक्षा के मद्देनजर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी सभी जनसभाएं रद्द कर दी हैं। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में विधानसभा का चुनाव हो रहा है जिसमें अब अंतिम चरण के ही चुनाव बचे हैं।

राहुल ने अन्य दलों के नेताओं से भी अपील की है कि वह भी पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर जनसभाएं करना बंद कर दें जिससे भीड़ ना बढ़े और कोरोना संक्रमण को रोका जा सके।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस और वामदलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है प्रधानमंत्री गृहमंत्री लगातार पश्चिम बंगाल में सभाएं कर रहे हैं तो उधर ममता बनर्जी भी सत्ता वापसी का पूरा जोर लगा रही हैं।

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं बीते दिनों कांग्रेस के 1 उम्मीदवार की कोरोनावायरस कारण मौत भी हो चुकी है यही कारण है कि राहुल गांधी ने अपनी आगामी सभी जनसभाएं कैंसिल कर दी हैं।

पश्चिम बंगाल में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है लेकिन चुनावों की आड़ में नेता कोरोनावायरस की गाइडलाइन का पालन नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण लोग अधिक मात्रा में संक्रमित हो रहे हैं।

भाजपा की स्थापना के पीछे थे यह दो चेहरे, कठिन रहा था संघर्ष

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6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई थी। कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के सामने भाजपा खुद को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने में कामयाब रही। आज की भारतीय जनता पार्टी पहले जनसंघ के नाम से जानी जाती थी। 1952 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ की स्थापना हुई थी।

1977 में जेपी आंदोलन के बाद जब विभिन्न दलों को मिलाकर जनता पार्टी की सरकार बनी तो जनसंघ भी इसमें शामिल हुई। इस सरकार में दो मंत्री बने-अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी। अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने, वहीं लालकृष्ण आडवाणी को सूचना प्रसारण मंत्रालय मिला। मोरारीजी देसाई के नेतृत्व में बनी यह सरकार ज्यादा दिनों तक चल नहीं पायी। और जनसंघ ने खुद को सरकार से अलग कर लिया।

शुरुआत में पार्टी ने अपनी छवि एक हिंदुत्ववादी पार्टी के रूप में रखी थी। आमतौर पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को भारतीय जनता पार्टी के मातृसंस्था के रूप में देखा जाता है। देश के हिन्दी प्रांतों में पार्टी ने अपना काम शुरू किया। भाजपा के संगठन का काम लालकृष्ण आडवाणी देखते थे लेकिन पार्टी का चेहरा अटल बिहारी वाजपेयी थे। यह देश में मंडल कमीशन का दौर था। लिहाजा उन दिनों भाजपा के लिए खुद की प्रासंगिकता बनाये रखने की चुनौती थी।

लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण आंदोलन छेड़ दिया था। पहले से ही जातिगत आंदोलन के माहौल में अब हिंदुत्ववादभी प्रमुख बिंदु बन चुका था। जहां-जहां आडवाणीका रथ गया, वहां-वहांपार्टी का आधार बढ़ता गया। इस बीच 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मसजिद के विध्वंस की खबर ने पूरे देश को चौंका दिया। भाजपा अब देश की राजनीति में जगह बना चुकी थी।अब लोग इसे कांग्रेस के विकल्प के रूप में देख रहे थे।

1996 में अटलजी के नेतृत्व में केंद्र में पहली बार भाजपा की सरकार बनी, लेकिन बहुमत नहीं होने के कारण यह सरकार 13 दिन ही रही। फिर 1998 में अटलजी दूसरी बार सरकार में आये।अपनी विकास यात्रा के इस मोड़ पर भाजपा ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कई क्षत्रपों से गठजोड़ किया। इसमें समता पार्टी के नीतीश कुमार, बसपा की मायावती, बीजद के नवीन पटनायक आदि प्रमुख हैं।

भाजपा की विकास यात्रा का एक ओर अहम पड़ाव रहा पहली बार दक्षिणी राज्य कर्नाटक में येदुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाना। पर, अपने विरोधाभाष के कारण यह सरकार नहीं चली। आज भारतीय जनता पार्टी केंद्र में अपने दम पर सत्ता में है लेकिन अब भी बतौर राष्ट्रीय पार्टी के रूप में राजनीतिक पंडित उस पर कई सवाल उठाते हैं।

आज नरेंद्र माेदी-अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा सबका साथ-सबका विकास का नारा लेकर अपनी विकास यात्रा के अगले चरण पर चल रही है। पश्चिम व उत्तर में अपने परचम लहराने के बाद अब वह पूरब और दक्षिण में भी अपना विजय पताका लहराने की कोशिश में जुटी है।

केंद्रीय मंत्री ने गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड पर पुर्नविचार की अपील की

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ग्वालियर पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर से सोमवार को संवाददाताओं ने जब किसान आंदोलन और किसानों के गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने के ऐलान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सभी किसान यूनियनों से आग्रह करता हूं कि 26 जनवरी हमारा गणतंत्र दिवस है, यह राष्ट्रीय त्योहार है, यह आजादी बड़ी कुर्बानी के बाद देश को मिली है, किसान के किसी भी कदम से गणतंत्र दिवस की गरिमा प्रभावित न हो यह जिम्मेवारी किसान की भी है।

किसानों की माली हालत सुधारने के लिए बीते छह सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कई कदम उठाए हैं। किसानी का क्षेत्र फायदे का क्षेत्र बने, नए नौजवान भी इस ओर आकर्षित हो सकें, किसान तकनीक का उपयोग करके महंगी फसलों की ओर जा पाए। इसके लिए दो नए कानून और एक बिल में संशोधन कुल मिलाकर तीन नए कानून बनाए गए हैं।

किसान यूनियनों से हर बार यही कहा गया है कि, वह प्रावधान पर चर्चा करें, जिस प्रावधान से किसान को तकलीफ है उस पर विचार करने के लिए और उसमें संशोधन करने के लिए सरकार खुले मन से चर्चा कर रही है और करना चाहती है मगर यूनियन की तरफ से प्रावधान पर चर्चा नहीं हो पा रही है।