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एनएसयूआई ने स्वास्थ्य मंत्री के बंगले के बाहर लगाए पोस्टर, रवि परमार समेत 10 कार्यकर्ताओं पर दर्ज हुआ मुकदमा

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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में एनएसयूआई ने स्वास्थ्य मंत्री के बंगले के बाहर “डॉ. बिकाऊ लाल चौधरी की तबादले की दुकान” के पोस्टर चस्पा कर दिए। दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री पर एनएसयूआई मेडिकल विंग ने ये पोस्टर लगाकर तबादले की दुकान चलाने का आरोप लगाया है। एनएसयूआई नेता रवि परमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री के बंगले पर पहुंचकर बंगले के बाहर जगह-जगह पोस्टर चस्पा किए।

वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी के बंगले पर ‘डॉक्टर बिकाऊ लाल की तबादले की दुकान’ के पोस्टर लगाना NSUI कार्यकर्ताओं को महंगा पड़ गया। टीटी नगर पुलिस ने इस मामले को लेकर नेता रवि परमार समेत करीब 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।

जानकारी के मुताबिक भोपाल की टीटी नगर पुलिस ने मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले के बाहर खड़े गार्ड की शिकायत पर टीटी रवि परमार समेत करीब 10 लोगों पर केस दर्ज किया है। पुलिस ने छात्र नेताओं के खिलाफ धारा 353 (शासकीय कार्य में बाधा), 491, 294 , 149 संपत्ति निवारण अधिनियम जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

मुकदमा दर्ज होने के बाद नेता रवि परमार ने बताया कि हम पुलिस से डरने वाले नहीं है। शिवराज सरकार जब भी डरती है तो पुलिस को आगे करती है। रवि ने कहा कि सरकार के खिलाफ निरंतर प्रदर्शन जारी रहेगा। जिस प्रकार से बिकाऊ लाल सिर्फ तबादलों पर ध्यान दे रहें है, उसके खिलाफ NSUI लगातार आवाज़ उठाएगी।

दरअसल मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार हर जगह विरोध का सामना कर रही है। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के विरुद्ध मंगलवार को एनएसयूआई मेडिकल विंग का अनोखा प्रदर्शन देखने को मिला। प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने डॉ प्रभुराम चौधरी के बंगले की नेमप्लेट सहित बंगले के बाहर पोस्टर चस्पा कर दिया।

एनएसयूआई द्वारा चस्पा किए गए पोस्टर में “डॉ बिकाऊ लाल चौधरी की तबादले की दुकान” और “यह स्वास्थ्य मंत्री का बंगला नहीं बिकाऊ लाल चौधरी का तबादलो का कारखाना है” लिखा था। इस प्रदर्शन के जरिए एनएसयूआई ने मेडिकल विभाग में हो रहे तबादलों का विरोध जताया है। इस दौरान रवि परमार ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, “स्वास्थ्य विभाग में नियमों को अनदेखी करते हुए लाखों रुपयों लेकर धड़ल्ले से तबादले किए जा रहे हैं।

परमार ने चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा, “हम भाजपा को चेतावनी देना चाहते हैं कि उनकी सत्ता ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी। छः महीने बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी और सबका कच्चा-चिट्ठा बाहर आएगा। परमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि चौधरी यदि तबादलों का कारखाना बंद नहीं करेंगे तो प्रदेशभर में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू किया जाएगा।

राममंदिर ट्रस्ट घोटाले के विरोध में NSUI ने बजरंगबली को सौंपा ज्ञापन, मुकदमा दर्ज

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अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट में हुए करोड़ों के घोटाले के विरोध में आज भोपाल NSUI के एक प्रतिनिधिमंडल ने भोपाल जिलाध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में भगवान राम के प्रमुख भक्त हनुमानजी को ज्ञापन सौंपा।

चौकसे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के हजारों हजार लोगों ने अपनी श्रद्धानुसार अरबों रुपये दान किये थे जिससे रामलला का भव्य मंदिर बन सके लेकिन भाजपा और संघ से जुड़े चंपत राय ने लोगों की आस्था से खिलवाड़ करते हुए घोटाला कर दिया जिसके विरोध में आज हमने हनुमान जी को ज्ञापन सौंपा है।

चौकसे ने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय ने 2 करोड़ की जमीन को 10 मिनट बाद 18.5 करोड़ में खरीदा यानी सीधा सीधा इसमे 16.5 करोड़ का घोटाला किया है।

NSUI के ज्ञापन की कॉपी

NSUI के समर्थ समाधिया ने बताया कि आज इसी घोटाले के विरोध में हम सभी NSUI कार्यकर्ता हनुमानजी को ज्ञापन सौंपने आये थे लेकिन भाजपा सरकार के दवाब में पुलिस ने हमारे जिलाध्यक्ष आशुतोष चौकसे को गिरफ्तार किया है और उनपर मुकदमा दर्ज किया है।

आपको बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और सपा नेता पवन पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दो करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में खरीदने का खुलासा किया था। जिसके बाद से देश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। विपक्ष भाजपा और संघ को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश युवा कांग्रेस की बैठक ली

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना काल के दौरान युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने युवा कांग्रेस के किए गए कार्यों की सराहना भी की। साथ ही युवा कांग्रेस से जोड़ने, बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन और कोरोना काल में दिवंगत हुए लोगों के परिवार को न्याय दिलाने के बारे में विस्तृत चर्चा कर दिशा निर्देश दिए है।

वहीं प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भुरिया ने कमलनाथ के निर्देशासनुसार कार्ययोजना तैयार कर सभी पदाधिकारियों को संगठन कार्य और सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरुद्ध कमर कसने के निर्देशित दिए है।

इस बैठक में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मनीष चौधरी, एकता ठाकुर, प्रदेश मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी, सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष चंचलेश व्यास उपस्थित थे।

नर्सिंग स्टूडेंट्स की जान से खिलवाड़ कर रही है शिवराज सरकार- रवि परमार

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मध्यप्रदेश में दिन प्रतिदिन कोरोना महामारी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं अब मौजूदा हालात शिवराज सरकार के भी कंट्रोल में नहीं है प्रदेश में लगातार हर दिन अस्पतालों में घटनाएं घटित होती है जिसमें कई लोग जान गंवा बैठते हैं इन हालातों के बीच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा टीकाकरण में कार्य हेतु नर्सिंग कॉलेजों के अनट्रेंड ( अप्रशिक्षित ) विद्यार्थियों की ड्यूटी लगाने के आदेश दिये गए हैं यह बात मध्यप्रदेश एनएसयूआई(NSUI) मेडिकल विंग के समन्वयक रवि परमार ने कही हैं।

परमार ने बताया एनएसयूआई ने पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भी संज्ञान में लेकर आये थे उसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नर्सिंग कॉलेजों को थमाई गए नोटिस अनुचित है नर्सिंग छात्र-छात्राओं पर इस प्रकार का दबाव डालना उचित नहीं क्योंकि छात्र-छात्राये अभी पूर्ण तरीके से प्रशिक्षित नहीं है ऐसे में अगर कोई अनहोनी होगी तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?

रवि ने कहा कि अगर शासन के पास कार्य करने के लिए स्टाफ नहीं है तो स्टाफ की भर्ती करें या फिर नर्सिंग कॉलेजों के स्टाफ और उनके अस्पतालों के स्टाफ की ड्यूटी लगाएं अप्रशिक्षित ( अनट्रेंड ) विद्यार्थियों से कार्य करवा कर मरीज के स्वास्थ्य ओर जान के साथ खिलवाड़ ना करें हमारी चेतवानी की अनदेखी का परिणाम कुछ दिन पूर्व ही नीमच में अनट्रेंड स्टाफ की वजह से 2 मरीजों की जान गवा कर देख चुकी है सरकार ,अब ओर लोगो के साथ खिलवाड़ न करे सरकार

परमार ने बताया कि अप्रशिक्षित नर्सिंग छात्र छात्राओं से कोविड-19 का टीकाकरण करवाना गलत है जो स्टूडेंट टीकाकरण में कार्य करेगे वह ना तो रजिस्टर्ड है और ना ही ठीक से प्रशिक्षित है ऐसी स्थिति में अगर कोई अनहोनी होगी तो उसका जिम्मेदार कौन होगा क्या सरकार सीएमएचओ या कॉलेज जिम्मेदारी लेने को तैयार है

रवि परमार ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार मुफ्त में छात्र-छात्राओं का शोषण कर रही है नर्सिंग छात्र छात्राओं को टीकाकरण में कार्य करने पर ना तो कोई सुविधा दी जा रही है ना ही उन्हें किसी प्रकार का मानदेय दिया जा रहा है बल्कि मास्क सैनिटाइजर भी अपने खुद के पैसो से खरीद रहे हैं टीकाकरण में कार्य करवाना है तो पहले तो सभी छात्र छात्राओं का टीकाकरण करवाएं और जो आपके सरकारी नर्सिंग स्टाफ को वेतन और सुविधाएं दी जा रहे हैं वही वेतन और सुविधाएं नर्सिंग छात्र छात्राओं को भी दे।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो एनएसयूआई मेडिकल विंग उग्र प्रदर्शन करेगी

आपको बता दें कि आज जिला टीकाकरण अधिकारी भोपाल ने एक आदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने उन नर्सिंग कॉलेजों के एकेडमिक ईयर को शून्य घोषित करने की बात की है जिन नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने इस महामारी के दौरान अपनी सेवाएं कम्युनिटी वर्कर के रूप में नहीं दी है इसी के विरोध में एनएसयूआई के रवि परमार सामने आए हैं।

अब ओपन बुक प्रणाली से होंगे फाइनल ईयर के भी पेपर,NSUI ने जताई खुशी

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मध्यप्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते हुए मामलों के बाद अब यूनिवर्सिटी और कॉलेज के फाइनल ईयर के स्टूडेंट की इस साल भी फाइनल ईयर के एग्जाम ओपन बुक प्रणाली से देंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इस साल की यूजी और पीजी की जो परीक्षाएं क्लास में बैठकर होने वाली थी,उसको अब बदल दिया गया। नए फैसले के मुताबिक स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं की परीक्षा ओपन बुक प्रणाली से कराने का फैसला विभाग ने किया है।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के मुताबिक अब छात्र-छात्राओं को उनके लॉगिन आईडी तथा निर्धारित वेबसाइट पर प्रश्नपत्र ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसका उत्तर परीक्षार्थी अपने घर में बैठकर लिख सकेंगे। स्टूडेंट अपने-अपने यूनिवर्सिटी के निर्धारित कार्यक्रम के जरिए परीक्षा देने के बाद उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्र में जमा करना होगी। इसके लिये संग्रहण केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में इस साल ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुशन में 19 लाख स्टूडेंट शामिल होंगे।

इससे पहले पिछले दिनों उच्च शिक्षा विभाग ग्रेजुशन में फर्स्ट ईयर एवं सेकंड ईयर और स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुशन) के द्वितीय सेमेस्टर को स्टूडेंट की परीक्षा ओपन बुक प्रणाली से कराने का फैसला ले चुका है। स्नातक स्तर पर इस बार 14 लाख 88 हजार स्टूडेंट ओपन बुक प्रणाली तरीके से पेपर देंगे वहीं पोस्ट ग्रेजुशन में 1 लाख 35 हजार स्टूडेंट शामिल होंगे।

वही उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बयान पर एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने कहा कि एनएसयूआई ने स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं की ओपन बुक एग्जाम की मांग को लेकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों ओर महाविद्यालय में एनएसयूआई पदाधिकारियों द्वारा प्रदर्शन से लेकर भूख हड़ताल तक की गई थी।

रवि ने कहा कि आज मंत्री जी ने हमारी मांगो को प्राथमिकता देते हुए फैसला लिया जिसका हम स्वागत करते हैं। हम उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करते है। उन्होंने सही समय पर कोरोना की भयावह स्थिति को समझते हुये और छात्र- छात्राओं की सुरक्षा ओर स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए ओपन बुक प्रणाली से परीक्षा कराए जाने की घोषणा की है।

भाजपा कार्यालय में लगे भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर की गुमशुदगी के पोस्टर, ढूंढने वालों को उचित इनाम देगी NSUI

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“कोरोना” महामारी में भोपाल की व्यवस्था हो गई ध्वस्त। जनता ने जिनको चुना है “सांसद” वो हैं अपनी मस्ती में मस्त।” इस लेख के साथ एनएसयूआई(NSUI) मेडिकल विंग ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर के पोस्टर चस्पा किये हैं। NSUI ने सांसद को ढूंढ़कर लाने वाले व्यक्ति को उचित इनाम देने की घोषणा भी की है।

भाजपा कार्यालय के मुख्य गेट पर लगे NSUI के पोस्टर

NSUI मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने बताया कि जबसे भोपाल में कोरोना की महामारी ने विकराल रूप धारण किया है तभी से भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर न जाने कहा लापता हो गयी हैं? रवि के अनुसार उन्होंने अपने स्तर पर सांसद को ढूंढ़ने के बहुत प्रयास किये लेकिन उन्हें सांसद का कोई पता नही चला इसलिए हमने उनकी गुमसुदगी के पोस्टर उनके कार्यालय,भाजपा कार्यालय और शहर के प्रमुख चौक चौराहों समेत समूचे लोकसभा क्षेत्र में लगाये हैं और जनता से अपील की है कि उन्हें खोजें अगर वो मिल जाएं तो हमे बताये हम खोजकर्ता को उचित इनाम देंगे।

भाजपा प्रदेश कार्यालय के मुख्य गेट पर लगा सांसद की गुमशुदगी का पोस्टर

रवि ने कहा कि आज जब भोपाल लोकसभा क्षेत्र में रोज सैकड़ों मौतें उचित समय पर इलाज न मिलने,इंजेक्शन की कमी,ऑक्सीजन न होने के कारण हो रही है भोपाल में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है लेकिन ऐसे नाजुक समय मे जब उनकी सबसे ज्यादा आवश्यकता उनके वोटर को हैं तब सांसद गायब हैं ये उनकी अकर्मण्यता है। भोपाल की जनता ने बड़ी भूल की है जो ऐसे जनप्रतिनिधि को चुना जो महामारी के दौर में अपनी जान की रक्षा करता छुपता घूम रहा है।

मोदी के गढ़ में कांग्रेस ने लगाई सेंध, एबीवीपी को क्लीन स्वीप कर एनएसयूआई ने गाड़े झंडे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(narendra modi) के लोकसभा संसदीय क्षेत्र वाराणसी के काशी विद्यापीठ के बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने जीत का परचम लहरा दिया है।

कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई(NSUI) ने आज हुए छात्र संघ के छात्र संघ चुनाव में आरएसएस(RSS) की छात्र इकाई एबीवीपी को बुरी तरह पटखनी देते हुए 7 संकायों समेत अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव और सचिव के पदों पर कब्जा जमा लिया है।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन एनएसयूआई के छात्र पदाधिकारियों की बड़ी जीत पर अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से लिखा “खोखले #AkhilBharatiyaViolenceParishad को छात्र शक्ति का मुहंतोड़ जवाब

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में काशी विद्यापीठ के बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में NSUI ने सभी पदों व समस्त 7 संकायों पर दर्ज की शानदार जीत। लगातार दूसरी बार वाराणसी फतेह

#NSUISweepsVaranasiAgain”

आपको बता दें कि पिछले वर्ष हुए चुनाव में भी एनएसयूआई ने एबीवीपी को बुरी तरह पटक नहीं देते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमाया था लेकिन इस बार के चुनाव तो एबीवीपी के लिए बड़ी बुरी खबर लेकर आए हैं क्योंकि इस बार एबीवीपी को एनएसयूआई ने क्लीन स्वीप कर दिया है।

गौरतलब है कि बीते दिन जब एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अविनाश यादव अपने काफिले के साथ चुनाव प्रचार के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय गए थे तो उनकी कार पर हमला भी हुआ था जिसमें उनकी कार के शीशे टूट गए थे जिस पर उन्होंने इसे एबीवीपी की कायराना हरकत बताते हुए कहा था कि हम संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के सभी पदों पर जीत रहे हैं जिससे बौखला कर एबीवीपी गुंडई पर उतर आई है।

ओपन बुक प्रणाली से परीक्षा कराए जाने की मांग को लेकर छात्रों ने सौंपा कुलपति को ज्ञापन

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बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में आज छात्रों ने एनएसयूआई ओर प्रोग्रेसिव स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले ओपन बुक एग्जाम करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और कुलपति को ज्ञापन सौंपा।

एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार के अनुसार अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं की परीक्षा ओपन बुक प्रणाली से करवाई जाए आज इसी मांग को लेकर हमने छात्र छात्राओं के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुई प्रदर्शन किया है।

NSUI का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र-छात्रों के भविष्य और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करें क्योंकि इस भीषण महामारी में परीक्षा करवाना संभव नहीं है। प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है जिससे छात्र – छात्राओं के स्वास्थ्य के साथ साथ जान को अत्यधिक खतरा है ऐसी परिस्थिति में परीक्षा करवाना संभव नहीं है

प्रदर्शन में NSUI जिलाध्यक्ष आशुतोष चौकसे, नीरज बारिवा,अंकेश अहिरवार,मयंक पूशाम, आशीष शर्मा,विकास ठाकुर, मोहम्मद आतिफ,फैजल खान,अंजली जी,महिमा,शालिनी के साथ समस्त छात्र उपस्थित रहे।

खुद को बचाने और कुठियाला के उपकार को चुकाने क्यों बेताब हैं राकेश सिन्हा ?

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माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के nsui प्रभारी और nsui प्रदेश प्रवक्ता सुहृद तिवारी ने संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा पर खुद को बचाने और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति ब्रज किशोर कुठियाला के उपकार को चुकाने का आरोप लगाया है।

तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बयान जारी करके कहा है कि सिन्हा को पूर्व कुलपति कुठियाला ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के नोएडा कैंपस में विश्वविद्यालय के नियमों को ताक पर रखकर नियुक्त किया था जबकि नियमानुसार महापरिषद या प्रबंध समिति से अनुमोदन के बाद ही कुलपति अपने विशेषधिकार(कुलपति के विशेषाधिकार) से ऐसी नियुक्ति कर सकता है लेकिन पूर्व कुलपति कुठियाला को राकेश सिन्हा को उपकृत करने की इतनी जल्दी थी कि उन्होंने विश्वविद्यालय के नियमों को ताक पर रखकर पहले नियुक्ति दे दी और लगभग 4 महीने के बाद महापरिषद और प्रबंध समिति को सूचना दी।

पूर्व कुलपति कुठियाला ने सिन्हा को विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘पाकिस्तानी मीडिया स्कैन’ हेतु प्रतिनियुक्ति पर रखा था इस दौरान उनकी सैलरी विश्वविद्यालय के एशोसिएट प्रोफ़ेसर की सैलरी के बराबर 1.30 लाख प्रतिमाह थी। लेकिन राकेश सिन्हा इस अवधि में एक भी दिन भी विश्वविद्यालय नही आये और न ही कोई काम किया।

तिवारी ने राकेश सिन्हा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने कार्यकाल (6 माह की अवधि मे) वो सिर्फ संघ के जानकार और प्रवक्ता के तौर पर राष्ट्रीय चैनलों को बहस में भाग लेते रहे और विश्वविद्यालय से पूरी सैलरी लेते रहे।

तिवारी ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पूर्व कुलपति कुठियाला पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब सिन्हा ने विश्वविद्यालय में एक भी क्लास नही ली और न ही वो विश्वविद्यालय आये तो आखिर किस मूल्यांकन के आधार पर और किसके आदेश पर उन्हें नियमित रूप से सैलरी मिलती रही?

तिवारी ने सिन्हा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक निजी सांध्यकालीन मोतीलाल नेहरू कॉलेज में राजनीति विज्ञान के एशोसिएट प्रोफेसर हुआ करते थे जहा पर वो कभी आते जाते नही थे इस कारण संस्थान ने उनकी तनख्वाह रोककर उन्हें निष्कासित कर दिया था। निष्कासित होने के बाद सिन्हा ने अपने राजनैतिक कद के दम पर माखनलाल विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में दूसरे कार्यकाल को बढ़वाने में मदद की थी इसलिए कुठियाला ने राकेश सिन्हा को उपकृत करने के उद्देश्य से माखनलाल विश्वविद्यालय में नियुक्ति दे दी थी।

तिवारी ने राकेश सिन्हा की प्रेस वार्ता पर भी प्रश्न चिन्ह उठाते हुए कहा है कि सिन्हा किस मुँह से माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति कुठियाला और शिक्षकों के विरुद्ध हुई EOW(आर्थिक अपराध अन्वेषण व्यूरो) पर हुई FIR का विरोध कर रहे हैं? कहीं वो पूर्व कुलपति कुठियाला द्वारा उनके ऊपर किये गए उपकार का ऋण तो नही चुका रहे? कहीं वो जांच की दिशा को राजनैतिक रूप देकर उनके खुद के द्वारा किये गए आर्थिक भ्रष्टाचार को बदलने का प्रयास तो नही कर रहे?

तिवारी ने ‘अकेडमिशियन्स फॉर फ्रीडम’ पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि आखिरकार ये कैसे संभव है कि EOW द्वारा पूर्व कुलपति कुठियाला और शिक्षकों पर FIR के 3 दिन में ही 300 पूर्व और वर्तमान कुलपतियों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन उन्होंने माननीय उपराष्ट्रपति को सौप दिया? ये 300 पूर्व और वर्तमान कुलपति, प्रोफेसर उन्हें इतनी जल्दी मिल कैसे गए? आजतक 300 लोगों के द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन पत्र मीडिया या सार्वजनिक माध्यमों में क्यों नही भेजा गया? सिर्फ एक लेटर ही क्यों भेजा गया?

इन सब बातों पर ने सवाल उठाते हुए तिवारी ने राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा से पूछा है कि क्या सिन्हा में इतनी हिम्मत है कि वो पूर्व कुलपति द्वारा पी गई शराब और उनके द्वारा कुलपति निवास पर बनाई गई ‘शराब स्टैंड’ के बिल माननीय उपराष्ट्रपति महोदय को भेजें? क्या राकेश सिन्हा ने कुठियाला द्वारा स्वयं और अपनी पत्नी को कराई गई लंदन यात्रा के बिल उपराष्ट्रपति को भेजे? क्या सिन्हा ने या ‘अकेडमिशियन्स फॉर फ्रीडम’ को कुठियाला के द्वारा की गई फर्जी नियुक्तियां,आर्थिक भ्रष्टाचार नही दिखता? या राकेश सिन्हा और ‘अकेडमिशियन्स फॉर फ्रीडम’ सिक्के के एक पहलू को देखकर ही उपराष्ट्रपति की शरण मे पहुचकर हो हल्ला मचा सकता है?

विपिन वानखेड़े : स्थानीय-बाहरी के जाल से कब बाहर निकलेगी भाजपा?

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आगर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी श्री विपिन वानखेड़े टिकट घोषित होने के बाद आज जिला कांग्रेस कार्यालय आगर,कानड़ और बड़ौद पहुंचे जहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।

बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री वानखेड़े ने कहा की हमे बीजेपी की कुटिल नीतियों और भ्रामक प्रचार से संभलकर रहना होगा क्योंकि भाजपा हर चुनाव में ऐसे हथकंडे अपनाकर ही चुनाव जीतती आ रही है।

बैठक में उन्होंने प्रत्येक कार्यकर्ता को लक्ष्य देते हुए कहा की हमे हर बूथ से कम से कम 75% वोट प्राप्त करने होंगे तभी हम आगर विधानसभा में कांग्रेस की विजय पताका लहरा पाएंगे।

बीजेपी पर हमला बोलते हुए श्री वानखेड़े ने कहा की निश्चित तौर पर आगर की जनता भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से परेशान है और हर वर्ग चाहे वो युवा हो,किसान हो या समाज का अन्य कोई भी वर्ग यहाँ अच्छी जिंदगी नही जी रहा इसलिए जनता की बेहतरी के लिए बदलाव जरूरी है और यह चुनाव जनता खुद बीजेपी के खिलाफ लड़ेगी।

भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर चुटकी लेते हुए श्री वानखेड़े ने कहा की भाजपाई तो मनोहर ऊंटवाल को अपना प्रत्याशी ही नही मान रहे हैं और उनके पुतले जला रहे हैं ऐसे में जनता उनका विश्वास कैसे मान ले जिनका उनकी पार्टी के नेता ही उनका नही मान रहे।

इस दौरान जिले भर के कांग्रेस नेता,कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनके साथ रहे।