मध्यप्रदेश में दिन प्रतिदिन कोरोना महामारी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं अब मौजूदा हालात शिवराज सरकार के भी कंट्रोल में नहीं है प्रदेश में लगातार हर दिन अस्पतालों में घटनाएं घटित होती है जिसमें कई लोग जान गंवा बैठते हैं इन हालातों के बीच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा टीकाकरण में कार्य हेतु नर्सिंग कॉलेजों के अनट्रेंड ( अप्रशिक्षित ) विद्यार्थियों की ड्यूटी लगाने के आदेश दिये गए हैं यह बात मध्यप्रदेश एनएसयूआई(NSUI) मेडिकल विंग के समन्वयक रवि परमार ने कही हैं।
परमार ने बताया एनएसयूआई ने पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भी संज्ञान में लेकर आये थे उसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नर्सिंग कॉलेजों को थमाई गए नोटिस अनुचित है नर्सिंग छात्र-छात्राओं पर इस प्रकार का दबाव डालना उचित नहीं क्योंकि छात्र-छात्राये अभी पूर्ण तरीके से प्रशिक्षित नहीं है ऐसे में अगर कोई अनहोनी होगी तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
रवि ने कहा कि अगर शासन के पास कार्य करने के लिए स्टाफ नहीं है तो स्टाफ की भर्ती करें या फिर नर्सिंग कॉलेजों के स्टाफ और उनके अस्पतालों के स्टाफ की ड्यूटी लगाएं अप्रशिक्षित ( अनट्रेंड ) विद्यार्थियों से कार्य करवा कर मरीज के स्वास्थ्य ओर जान के साथ खिलवाड़ ना करें हमारी चेतवानी की अनदेखी का परिणाम कुछ दिन पूर्व ही नीमच में अनट्रेंड स्टाफ की वजह से 2 मरीजों की जान गवा कर देख चुकी है सरकार ,अब ओर लोगो के साथ खिलवाड़ न करे सरकार
परमार ने बताया कि अप्रशिक्षित नर्सिंग छात्र छात्राओं से कोविड-19 का टीकाकरण करवाना गलत है जो स्टूडेंट टीकाकरण में कार्य करेगे वह ना तो रजिस्टर्ड है और ना ही ठीक से प्रशिक्षित है ऐसी स्थिति में अगर कोई अनहोनी होगी तो उसका जिम्मेदार कौन होगा क्या सरकार सीएमएचओ या कॉलेज जिम्मेदारी लेने को तैयार है
रवि परमार ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार मुफ्त में छात्र-छात्राओं का शोषण कर रही है नर्सिंग छात्र छात्राओं को टीकाकरण में कार्य करने पर ना तो कोई सुविधा दी जा रही है ना ही उन्हें किसी प्रकार का मानदेय दिया जा रहा है बल्कि मास्क सैनिटाइजर भी अपने खुद के पैसो से खरीद रहे हैं टीकाकरण में कार्य करवाना है तो पहले तो सभी छात्र छात्राओं का टीकाकरण करवाएं और जो आपके सरकारी नर्सिंग स्टाफ को वेतन और सुविधाएं दी जा रहे हैं वही वेतन और सुविधाएं नर्सिंग छात्र छात्राओं को भी दे।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो एनएसयूआई मेडिकल विंग उग्र प्रदर्शन करेगी
आपको बता दें कि आज जिला टीकाकरण अधिकारी भोपाल ने एक आदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने उन नर्सिंग कॉलेजों के एकेडमिक ईयर को शून्य घोषित करने की बात की है जिन नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने इस महामारी के दौरान अपनी सेवाएं कम्युनिटी वर्कर के रूप में नहीं दी है इसी के विरोध में एनएसयूआई के रवि परमार सामने आए हैं।