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मध्यप्रदेश में नहीं रुक रहीं हैं रेमडेसिविर की कालाबाजारी

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सरकार की सख्ती के बाद भी मध्य प्रदेश में रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले थम नहीं रहे हैं। आज फिर भोपाल की गांधी नगर पुलिस ने दो रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

बता दे कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों का नाम गौरव लोधी और सर्जन सिंह है। जिसमें से एक आरोपी मेडिकल स्टोर का मालिक है वहीं दूसरा दवाईयों की सप्लाई करता है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी 27 हजार रुपये में बेचने की फिराक में थे। और फिर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये इंजेक्शन इंदौर के एक शख्स ने उन्हें बेची थी।

दरअसल रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर सरकार सख्त है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों को कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए है।

मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल, सरकार को ठहराया है दोषी

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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। जूडा एसोसिएशन ने मानदेय बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन की शुरुवात कर ली है। इतना ही नहीं जूनियर डॉक्टर्स ने 6 मई गुरुवार से इमरजेंसी सेवाएं और 7 मई से कोरोना से जुड़ी सेवाएं बंद करने की भी चेतावनी दी है।

दरअसल जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार पर वादा पूरा न करने का आरोप लगाया है। जूडा का आरोप है कि 12 अप्रैल को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा मांगे पूरी करने का आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया था लेकिन इस बात को 3 हफ्ते बीत चुके है और अबतक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है सिर्फ आश्वाशन पर बात चल रही है।

बता दे कि जूनियर डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि इस बार अगर उनकी मांगों पर आदेश जारी नहीं हुए तब फिर 6 मई से वो इमरजेंसी सेवाएं रोक देंगे और 7 मई से कोरोना से जुड़ी सेवाएं बंद कर देंगे।

जूनियर डॉक्टर्स की ये है प्रमुख मांगे

  • मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में कोरोना के सिर्फ गंभीर मरीजों का ही इलाज किया जाए। जिससे चिकित्सा छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
  • जूनियर डाक्टरों के एक ऐसा प्रशस्ति पत्र दिया जाए भविष्य में जब भी वह किसी विभाग में सेवा के लिए आवेदन करें तो उन्हें 10 नंबर अतिरिक्त मिले।
  • जूनियर डाक्टरों ने पिछले 1 साल में अपनी सारी परेशानी भूल कर मरीजों की सेवा की है। लिहाजा उनकी एक साल की शिक्षण शुल्क माफ की जाए।
  • जूनियर डाक्टरों का मानदेय पिछले 3 साल से नहीं बढ़ा है, जबकि मुख्यमंत्री ने हर साल 6 परसेंट बढ़ाने की बात कही थी। 3 साल के मिलाकर 18 फीसद मानदेय बढ़ाया जाए।
  • कोरोना के इलाज में लगे डाक्टरों को सरकार ने 10 हजार रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने की बात कही थी। एक साल बाद भी यह राशि नहीं मिली है।

भोपाल में अब ये कर सकते हैं आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी

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भोपाल में आवश्यक सामग्रियों की सप्लाई घरों तक करने के लिए बिग बाजार, वी मार्ट रिटेल लिमिटेड, ऑनडोर और ऐमेज़ॉन टेलर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को प्रशासन ने कर्फ्यू पास जारी किए हैं। इनमें ऑनलाइन आर्डर करने पर शहर में कहीं पर भी होम डिलीवरी की जा सकेगी।

दरअसल बड़े स्तर पर खरीदारी के लिए शहर में अब तक बड़े स्टोर को पास जारी नहीं किए गए थे। त्योहार का समय और मांग को देखते हुए प्रशासन ने चार बड़े रिटेल स्टोर को ई-पास जारी कर दिए हैं।

बता दे कि पहले शहर के विभिन्न क्षेत्रों की 54 किराना दुकानों को खाद्य सामग्री की होम डिलीवरी करने की अनुमति दी थी। लेकिन यह दुकानदार सिर्फ अपने ही क्षेत्र में होम डिलीवरी कर सकते थे। अन्य क्षेत्र में इन्हें सप्लाई की अनुमति नहीं दी गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने इन 4 स्टोरों को पास जारी किए है। इससे अब कहीं भी ऑनलाइन आर्डर कर समान की डिलीवरी आपके घर तक हो सकेगी।

भोपाल के अस्पतालों से मिली शिकायत के बाद भोपाल कलेक्टर ने उठाया ये बड़ा कदम

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राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बरकरार है। किसी भी अस्पताल में इलाज मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है। के अस्पताल तो अपने मनमाने दामों में इलाज कर रहे है। ऐसे में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर एसडीएम कोलार ने 4 अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए सभी दस्तावेज जप्त कर दिए है। और 2 अस्पतालों में गड़बड़ी पाए जाने पर सीएमएचओ को अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कर्रवाई करने लिए आदेश दिया है।

दसअसल कलेक्टर को कुछ अस्पतालों से अधिक बिलिंग करने और इलाज में ज्यादा राशि वसूलने की शिकायतें मिल रही थी। इस पर उन्होंने सभी संबंधित एसडीएम को अस्पताल का औचक निरीक्षण करने और शिकायत के आधार पर बिल जांचने के निर्देश दिए थे।

कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा कोलार स्थित रुद्राक्ष मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीजों से अधिक राशि वसूल किए जाने की शिकायतें प्राप्त होने पर अस्पतालो की जांच की । उसमे बिलो की जांच के दौरान अस्पताल के द्वारा भर्ती मरीजों से शासन के द्वारा निर्धारित दर से 40 प्रतिशत से अधिक राशि लिया जाना पाया गया।

अधिक बिलिंग और शिकायत में सही पाए जाने पर रुद्राक्ष और उबंटू अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए सीएमएचओ को निर्देश दिए गए है।
कोलार स्थित अन्य अस्पताल भगवती गौतम एवं निर्माणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी शिकायतों की जांच किए जाने हेतु एसडीएम क्षितिज शर्मा के नेतृत्व में अस्पताल से दस्तावेज जब्त किए गए।

एसडीएम शर्मा ने कहा कि कई अस्पतालों की जांच में पाया गया है कि मरीज को विभिन्न प्रकार के टेस्ट कराए जाने एवं ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने के नाम पर अनाप-शनाप राशि वसूली जा रही थी। और इसके संबंध में मरीजों के परिजनों और अटेंडेंट को जानकारी भीं नही दी जा रही थी। इस संबंध में कोलार क्षेत्र के सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए है कि जो भी बिल का चार्ज किया गया है उसके संबंध में समस्त जानकारी दी जाए।

भोपाल में शुरू हुई आहार सेवा योजना

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भोपाल में कोरोना को चलते आज सरकार ने कोरोना मरीजो के लिए स्वस्थ आहार सेवा योजना शुरू की है। ये सुविधा सभी अस्पतालों के लिए है जहां कोरोना मरीजों के लिए खाने का इंतजाम नहीं है। बता दे भोपाल में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तब इसे बाकी सभी जिलों में लागू किया जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कोविड मरीजों को सरकार की तरफ से निशुल्क भोजन सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। जिन अस्पतालों में मरीजों को भोजन नहीं दिया जाता उन सभी अस्पतालों में खाना पहुंचाया जाएगा।

बता दे कि शहर के 110 अस्पतालों में खाने की सुविधा नहीं है। विश्वास सारंग ने ये भी कहा मरीज के परिवार वाले जब अस्पताल में खाना देने जाते हैं तो उन्हें भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसलिए ऐसे में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए यह योजना कारगर साबित होगी।

सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना ग्रसितों को मिला निशुल्क परामर्श, जानें मुख्य सवालों के जवाब

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कोरोना पीड़ितों की मदद में लगी गैर सरकारी संस्था “उद्देश्य” ने एक फिर कोरोना महामारी से लड़ाई में अपना योगदान दिया है। संस्था ने जाने माने डॉक्टर रुचिर वार्ष्णेय के साथ मिलकर अपने फेसबुक पेज पर निशुल्क परामर्श का आयोजन किया। जिसके माध्यम से सैकड़ों रोगियों को कोरोना से लड़ाई में मददगार जानकारी प्राप्त हुई।

उद्देश्य युवा सामाजिक एवं जन कल्याण समिति द्वारा कोरोना महामारी में जो संक्रमित मरीज घरों में आइसोलेट है ओर जो मरीज कोरोना की वजह से किसी समस्या को लेकर डॉक्टरों से परामर्श नहीं ले पा रहे हैं उनके लिये संस्था के फेसबुक पेज NGO uddeshya yuva samajik evam jankalyan samity से लाइव कर नाक काल गला एवं एलर्जी विशेषज्ञ डॉक्टर रुचिर वार्ष्णेय से परामर्श करवाया

संस्था के समन्वयक भव्य सक्सेना ने बताया कि फेसबुक पर 100 से अधिक मरीजों ने डाॅ. रुचिर वार्ष्णेय से परामर्श के लिये चर्चा की जिसमें कई कोविड पाॅजिटीव मरीजों ने भी अपने उपचार ओर स्वास्थ्य को लेकर सवाल पूछे ओर सामान्य मरीजों ने भी अपने सवाल पूछे


जिसमें मुख्य सवाल ये सवाल थे -:


सवाल 1 – कोरोना होने पर हमें कौनसा टेस्ट करवाना है रैपिड एंटीजन या आरटी-PCR मे से कौनसा ज्यादा भरोसेमंद हैं ?
सवाल 2 – अगर कोविड पॉजिटिव मरीजों की बीपी शुगर की दवाई चल रही हो तो क्या लेना चाहिए ?
सवाल 3 – गले में खरास हो रही उसके लिये क्या उचित होगा ?
सवाल 4 – कोविड से रिकवर होने के कितने दिन बाद हम प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं ?
सवाल 5 – कोविड की वजह से शरीर में काफी ज्यादा कमजोरी आती है तो उसके लिये आहार ( Diet ) में क्या बदलाव करे ?

डाॅ. रुचिर वार्ष्णेय ने बताया कि अगर कोविड होता हैं तो घबराने की आवश्यकता नहीं आप को अगर कोई समस्या नहीं हो तो आप डॉक्टर की सलाह लेकर घर पर ही आइसोलेट होकर उपचार ले सकते हैं ओर किसी प्रकार की समस्या होने पर नजदीकी कोविड सेंटर पर दिखा सकते हैं

डॉ रुचिर ने कोरोना से बचाव के लिये कहा कि कोरोना वायरस नाक ओर मुँह के माध्यम से ही फैलता है इसलिये आप हमेशा मास्क को उपयोग करे ओर हमेशा नाक , मुंह को छूने से पहले हाथो को अच्छे तरीके से धोये या सैनिटाइज करें ओर अगर आवश्यक कार्य हो तो ही घर से निकले |

संस्था के संदीप राजपूत ने मरीजों को निशुल्क परामर्श और अपना अनुभव साझा करने के लिए डाॅक्टर रूचिर वार्ष्णेय का आभार व्यक्त किया |

भोपाल AIIMS की एक बड़ी लापरवाही, मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर बिना ऑक्सीजन के लगा दिया

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भोपाल में AIIMS की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक मरीज और उसके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि उन्होंने मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर तो लगाया था लेकिन सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं था। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

मध्य प्रदेश सरकार के हिसाब से भोपाल में संक्रमण का असर कम हुआ है। बीते 10 दिनों में भोपाल में कोरोना संक्रमण 12.75 फीसदी तक कम हो गया है। वहीं देश के जाने माने डॉक्टर और एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाए तो 3 हफ्ते में पूरे देश में कोरोना संक्रमण कम हो जाएगा।

दरअसल भोपाल के अस्पतालों की हालात देखे तब स्थिति कुछ और ही है। हर जगह ऑक्सीजन की किल्लत दवाओं की किल्लत बेड और वेंटिलेटर की किल्लत है। बता दे कि सरकारी आंकड़े कुछ और ही कहते है।

शमशान घाट और कब्रिस्तान की तस्वीरें बयान कर रही है मौत की सच्चाई, सरकारी आंकड़ों से अलग है हकीकत

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भोपाल में कोरोना का कहर अब भी जारी है और इससे तमाम लोग दम तोड़ रहे है। भोपाल के 2 श्मशान घाट और एक कब्रिस्तान में अप्रैल में कुल 2,557 शवों को अंतिम संस्कार कोरोना के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया है। लेकिन भोपाल में सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में मात्र 104 लोगों की मौत बताई गई है।

बता दे कि भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव शर्मा ने कहा कि भदभदा विश्राम घाट में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुल 2,052 शवों का अंतिम संस्कार किया है। इनमें से 1,654 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया है। भदभदा विश्राम घाट प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिन्दुओं के बड़े श्मशान घाटों में से एक है।

इसके साथ शर्मा ने कहा कि भोपाल में भदभदा विश्राम घाट, सुभाष नगर विश्राम घाट एवं झदा कब्रिस्तान जहांगीराबाद में ही कोविड-19 के मरीजों का अंतिम संस्कार करने की अनुमति है।

वहीं सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज सुखवानी ने बताया कि उनके विश्राम घाट में अप्रैल में 1,386 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से 727 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया।

झदा कब्रिस्तान जहांगीराबाद के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रेहान गोल्डन ने कहा कि पिछले महीने हमारे कब्रिस्तान में कुल 373 शव दफनाये गये। इनमें से 176 को कोविड-19 के प्रोटोकोल के मुताबिक दफनाया गया। जबकि 42 शवों को कोरोना वायरस से हुई मौत के संदेह में दफनाया।

हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार की 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक की कोविड-19 बुलेटिनों के अनुसार अप्रैल 2021 में भोपाल में मात्र 104 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से हुई।

गुफा मंदिर भोपाल के महंत का कोरोना से हुआ निधन

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देश में कोरोना का कहर बरकरार है। कुछ दिन पहले कुंभ से लौटे श्रद्धालुओं की कोरोना जांच हुई थी। कल ही विदिशा जिले में लगभग 60 से 70 श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव आये है। ऐसे में शनिवार की दोपहर भोपाल के लिए बुरी खबर आई है।

बता दे कि गुफा मंदिर के महंत चंद्रमादास त्यागी ने करीब दो बजे देह त्याग दी। जानकारी के मुताबिक पिछले 14 दिनों तक पालीवाल अस्पताल में वेंटिलेटर पर रहे 42 वर्षीय महंत हरिद्वार कुंभ से लौटने के बाद कोरोना की चपेट में आ गए थे। उनके फेफड़े संक्रमण से 100% खराब हो गए थे।

गौरतलब है कि महंत चन्द्रमादास त्यागी कुंभ स्नान करने हरिद्वार गए थे। बड़ी तादाद में उनके भक्त भी उनके साथ कुंभ में पहुंचे थे। इस दौरान हरिद्वार में उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। और उसके बाद वे ट्रैन से वापिस भोपाल लौट आये थे। यहां पहुंचने के बाद उनकी स्थिति देखकर इलाज के लिए उन्हें तत्काल पालीवाल अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

राजधानी भोपाल की एक अजीब प्रेम कथा, रंजिश निकलने के लिए जला डाली पूरी बस्ती

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मध्य प्रदेश की राजधानी में एक प्रेमी जोड़े के बढ़ते प्रेम ने परिवार को आक्रोश में डाल दिया कि लड़की पक्ष ने लड़के के गांव पहुंचकर बवाल खड़ा कर दिया। लड़की के परिजन मारपीट के इरादे से पहुंचे थे। उन्हें देख लड़के के परिवार वाले अपने घर से भाग खड़े हुए। उन्हें भागते हुए देख नाराज पक्ष ने पूरी बस्ती को ही आग के हवाले कर दिया। 

बता दे कि ये मामला बैरसिया थाना का है। यहा सपेरा बस्ती में बुधवार की रात करीब दस बजे उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब दो दर्जन से ज्यादा लोग लड़ने पहुंच गए थे। बस्ती के लोग मारपीट देख कर तुरंत भाग निकले, जिसके बाद उनके टपरों में आग लगा दी गई। इस आगजनी में करीब आठ मकान पूरी तरह से जलकर खाक हो गए।

थाना प्रभारी कैलाश नारायण भारद्वाज ने कहा कि करीब एक महीने पहले गांव की एक लड़की लापता हो गई थी। इस मामले में गांव के एक नाबालिग पर केस दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में दोनों नाबालिग लौट आए थे। इस घटना के बाद से गुर्जर समाज के लोग रंजिश पाल कर बैठे हुए थे। नाथ समाज के लोग जानते थे कि बस्ती में वह लोग किसी भी वक्त हमला कर सकते है। 

दरअसल बुधवार रात करीब दस बजे गुर्जर समाज के दो दर्जन से अधिक लोग गांव में घुस गए। एक साथ इतने सारे लोगों को आता देख नाथ समाज के लोग घरों से भाग निकले। जिसके बाद नाथ समाज के टपरों में आग लगा दी गई। पुलिस ने इसके बाद दो दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।