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भोपाल के इस ऑटो वाले ने बचाई 10 लोगों की जान

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मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते हाहाकार मचा हुआ है। मरीज अस्पतालों में भटक रहे हैं।ऐसे में राजधानी भोपाल के एक ऑटो ड्राइवर अपने काम से दूसरों के लिए सेवा की मिसाल पेश कर रहा है। अपने ऑटो को चलते-फिरते एंबुलेंस में तब्दील कर जावेद खान नाम का शख्स अब तक 8-10 लोगों की जान बचा चुका है।

बता दे कि 18 साल से ऑटो चला रहे जावेद खान के पास ज्यादा संसाधन नहीं है। ऐसे में परिवार के लोगों ने उन्हें कहा कि अपने ऑटो को एंबुलेंस बना लें। तब उन्होंने कुछ दवाएं और सैनिटाइजर के साथ ऑक्सिजन का एक सिलिंडर साथ में रखा और लोगों का मदद करने के लिए बाहर निकल गए।

दरअसल जावेद ने कहा कि वे अपने पैसों से ऑक्सिजन का सिलिंडर भराते हैं। इसमें उन्हें 3-4 घंटों का समय लगता है और हर बार 600 रुपये खर्च होते है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर उधार लेकर ये काम करना पड़े तो भी कोई दुख नहीं होगा।

इंदौर से भोपाल आ रहीं Fabiflu रास्ते में हुई चोरी

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मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। ऑक्सीजन ,दवाएं, और अस्पतालों की स्तिथि काफी खराब है। ऐसे में आज इंदौर से भोपाल के बीच चलते ट्रक से फेबीफ्लू टेबलेट का एक कार्टन चोरी हो गया है। पुलिस ने दवा कारोबारी से लिखित शिकायत लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। हनुमानगंज थाना पुलिस के मुताबिक नयन गुप्ता की घोड़ा नक्कास मेडिकेश फार्मा नाम से दुकान है।

उन्होंने बुधवार को लिखित शिकायत दर्ज करी है। 26 अप्रैल को इंदौर के एसबी वेयर हाउसिंग एंड लाजिस्टिक से फेबीफ्लू 400 एवं 800 एमजी दवाई के सात कार्टन बुक कराए थे। यह कार्टन मधुर कोरियर इंदौर से बुक किए गए थे, जो 27 अप्रैल को मधुर कोरियर भोपाल के कबाड़खाना स्थित कार्यालय से मिलने थे।

बता दे कि जब वह कार्टन लेने पहुंचे तो उन्हें छह कार्टन प्राप्त हुए। उन्होंने ये बताया गया कि एक कार्टन संभवत: डोडी घाटी पर किसी ने चोरी कर लिया है। चोरी गए कार्टन में फेबीफ्लू-800 एमजी की 60 से 70 स्ट्रीप थी जिनकी खरीद कीमत एक लाख से ज्यादा है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में इस दवा की काफी जरूरत है। थाना प्रभारी महेंद्रसिंह ठाकुर के मुताबिक नयन गुप्ता की लिखित शिकायत दर्ज कर ली गई है।

भोपाल: कोरोना वैक्सीन लगवाने के 3 दिन बाद 80 वर्षीय बुजुर्ग की मौत, लाश उठाने वाला भी…

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राजधानी भोपाल में कोरोना वैक्सीनेशन करवाने के 3 दिन एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की मौत होने का मामला सामने आया है।

मामला राजधानी भोपाल के गोविन्दपुरा स्थिति गोविंद गार्डन का है जहाँ पर 80 वर्षीय बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ रहते थे वह एमपीईबी के रिटायर्ड अधिकारी थे उन्होंने 3 दिन पहले ही कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया था और कल शाम उनकी मौत हो गयी।

मृतक की पत्नी ने पति के निधन की सूचना पड़ोसियों को दी लेकिन कोरोना संक्रमण के डर से 12 घंटे तक कोई भी उन्हें देखने नहीं आया जब पत्नी की चीख पुकार रास्ते से गुजर रहे नव युवकों ने सुनी तो उन्होंने फ्रीजर की व्यवस्था करी और शव को फ्रीजर में रखवाया।

मृतक की पत्नी ने बताया कि पति 3 दिन पहले एमपीईबी के डॉक्टर से पूछ कर एमपीईबी ऑफिस स्थिति वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन लगवाने गए थे। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और 28 तारीख की शाम उनकी मृत्यु हो गई।

मृतक की पत्नी ने कहा कि इससे पहले मेरे पति की तबीयत बिल्कुल सही थी उन्हें कुछ भी नहीं था।वैक्सीनेशन के बाद तबीयत बिगड़ी और मृत्यु हो गई। मृतक के बच्चे बाहर रहते हैं और उन्हें बुलाया गया और वह भी आ रहे है।

ऑक्सीजन लेकर भोपाल पहुची ऑक्सीजन एक्सप्रेस

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कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मरीजों की वजह से प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। इसी बीच बोकारो से संजीवनी लेकर पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन देर रात भोपाल पहुच गई है। इस ऑक्‍सीजन एक्सप्रेस में छह टैंकर है जिसमें 64 मीट्रिक टन ऑक्सीजन है। बताया जा रहा है कि इसमे से एक टैंकर ऑक्‍सीजन जबलपुर, तीन टैंकर सागर और दो टैंकर मंडीदीप भोपाल के लिए पहुंचाई गई है।

बात दे कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस के कम समय में राज्यों तक पहुंचाने और तेज आवाजाही के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। साथ ही लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन क्रायोजेनिक लोड होने के चलते ट्रेन की स्पीड और एक्सेलेरेशन का भी ध्यान रखा गया है।

दरअसल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद भारतीय रेलवे की तरफ से पिछले हफ्ते ऑक्सीजन ट्रेन की शुरुआत की गई थी। ऑक्सीजन की आपूर्ति जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन टैंकरो को इस ट्रेन के जरिए सड़क मार्ग के मुकाबले कम से कम घंटों में राज्यों में पहुंचाया जा रहा है। और ऑक्सीजन एक्सप्रेस से एमपी में ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहेगी।

मध्यप्रदेश को मिली राहत, रिकवरी रेट में आया सुधार

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मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर एक अच्छी खबर है। दरअसल लगातार रिकवरी रेट में सुधार आने से मध्य प्रदेश देश में 7 वें से 11 वें नंबर पर आ गया है। मध्‍य प्रदेश में हर रोज 12 हजार के आसपास संक्रमित मरीज मिल रहे है, जिससे शिवराज सरकार की टेंशन लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन रिकवरी रेट में सुधार से राहत मिली है।

बता दें कि मध्‍य प्रदेश में सोमवार को 11612 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौटे है। इस हिसाब से रिकवरी रेट 80.92 फीसदी रहा है। वहीं, अब तक 4,14,325 मरीज स्वस्थ हो चुके है। इसके अलावा 21 अप्रैल को एक्टिव केस की संख्या के हिसाब से मध्य प्रदेश देश में सातवें नंबर पर था। अब 11 वें स्थान पर आया। संक्रमण दर भी बीते 3 दिन से 23 से 24 फीसदी के बीच बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि कल रात बोकारो से ऑक्सीजन एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है। यह आज रात तक प्रदेश पहुचेंगी। भोपाल के साथ जबलपुर ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुचेंगी। ऑक्सीजन के छह टैंकर भोपाल और जबलपुर आएंगे।

भोपाल में कोरोना वार्ड में वीडियो कॉलिंग की सुविधा हुई शुरू , मरीज दिन में एक बार कर सकता है अपने परिजनों से बात

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भोपाल के हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने के बाद यहा के इलाज पर सवाल उठने लगे थे। मरीजों के स्वजन को इलाज से जुड़ी जानकारी नहीं मिलने के कारण कई बार विवाद और आरोप की स्थिति भी बन रही थी। इस समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने एक नया तरीका निकाला। बता दे कि भर्ती मरीज के इलाज और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी स्वजन को सीधे परिवार के सदस्य को उपलब्ध कराने के लिए दिन में एक बार उनके परिवार वालों से वीडियो कॉलिंग पर बातचीत कराई जा रही है।

दरअसल हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड में मरीज अपना इलाज करा रहे हैं। कोविड वार्ड में परिवार के सदस्य आ नहीं सकते, इसलिए उनका पूरा परिवार उनकी चिंता में रहता है। परिवार के सदस्य खुद संक्रमित होने के खतरे के बीच भी दिनभर इसीलिए हमीदिया अस्पताल के परिसर में घूमते रहते थे कि किसी तरह एक बार उनसे बात हो जाए।

बता दे कि यह व्यवस्था कोरोना वालेंटियर बने कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। इस प्रयास से न सिर्फ परिवार के सदस्यों को राहत मिलती है बल्कि मरीजों को भी स्वस्थ होने में मदद मिलती है। वीडियो कॉल पर बात करवाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को टैबलेट्स उपलब्ध कराए गए है। हर स्वास्थ्य कर्मी को चार से पांच मरीजों की जिम्मेदारी दी गई है।

40 महिला आरिक्षित बेड के साथ शुरू हुआ भोपाल के 3 EME सेंटर में कोविड केयर सेंटर

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3 ईएमई सेंटर में कोविड केयर सेंटर शुरू हो गया है। 150 बेड वाले कोविड सेंटर में सभी सुविधाएं जुटाई गई है। डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर को कोरोना के बढ़ते मरीजों के हित तथा लोकहित में कोरोना मरीजों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से स्टेशन कमांडर आशुतोष शुक्ल तथा सेना के कई जवानों ने मिलकर इसे महज 48 घंटे में तैयार किया है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को आर्मी केम्प स्थित कोविड सेंटर का निरीक्षण किया। इस मौके पर कलेक्टर अविनाश लवानिया सहित सेना के प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री सारंग ने बताया कि 150 बिस्तरों के इस कोविड केयर सेंटर में 40 बिस्तर महिलाओं के लिए रिजर्व किए गए है। बता दे कि जिस प्रकार से सेना ने इस देश में हर संकट में समाज के साथ खड़े हो कर देश की सेवा की है खासकर ऐसे संकट जिसमें समाज को बहुत जरूरत होती है ऐसे में उन्होंने सेना को बहुत धन्यवाद कहा है।

सारंग ने बताया कि हमने सेना को विश्वास दिलाया है कि उन्हें जिस भी तरह की आवश्यकता होगी वे सारी सुविधाएं उन्हें मुहैया करवाई जाएगी। सारंग ने बताया कि 3 EME सेंटर में शुरू हुए इस कोविड केयर सेंटर को बैरागढ़ के सिविल अस्पताल से लिंक किया जा रहा है। सिविल अस्पताल में जो भी को कोरोना के मरीज आएंगे उन्हें यहां पर शिफ्ट किया जाएगा।

भोपाल में टूटे सारे रिकॉर्ड, इतने लोगों का किया गया है अंतिम संस्कार

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भोपाल में कोरोना का आतंक बरकरार है। पहली बार शनिवार को भदभदा विश्रामघाट में 118 शवों को अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें कोरोना संक्रमितों के 100 शव थे। 100 शवों में 66 भोपाल और 34 शव बाहर के थे। सरकार के रिकाॅर्ड में शनिवार को भोपाल में सिर्फ 5 मौतें काेरोना से होना दर्ज किया गया है।

दरअसल भदभदा विश्रामघाट में शनिवार लको जितन अंतिम संस्कार किए गए है , उतनी मौतें सरकारी रिकार्ड में पिछले 15 दिनों में होना दर्ज किया गया है। जबकि इस श्मशान में वन विभाग हर रोज 2 से 3 ट्रक लकड़ी उपलब्ध करा रहा है।

बता दे कि शव के अंतिम संस्कार के आरक्षित सभी स्थान फुल होने के कारण विश्राम घाट के अध्यक्ष अरुण चौधरी और सचिव ममतेश शर्मा ने दाह संस्कार के लिए नए अस्थाई वैकल्पिक स्थान के रूप में विद्युत शवदाह गृह के कैंपस का चयन किया है।

रेमडेसिविर की कमी के सवाल ने मंत्री जी और नगर अध्यक्ष को भागने में किया मजबूर

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मध्य प्रदेश के इंदौर में शनिवार को कोरोना के मुद्दे पर भाजपा कार्यालय में बैठक थी। जिसमे कई वरिष्ठ नेता गण मौजूद थे। चर्चा के बाद मंत्री तुलसी सिलावट और इंदौर जिला अध्यक्ष गौरव रणदिवे मीडिया के साथ बातचीत करने पहुंचे।

बता दे कि पत्रकारों ने उसने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के बारे में सवाल पूछा तो दोनों ने सिर्फ इतना कहा कि पूरे देश में इसकी किल्लत है। डिमांड के मुकाबले आपूर्ति काफी कम हो रही है।

इसके बाद दोनों ने मीडिया से सहयोग करने की अपील की। इसके बाद उन्होंने साफ कह दिया कि इस पर ज्यादा बात नहीं कर पाएंगे और अपनी अपनी सीटों से उठकर चल दिए।

रेमडेसिविर के लिए मारामारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो हफ्ते में 60 हजार से ज्यादा इंजेक्शन आने के बाद मरीजों के परिजन अभी भी इंजेक्शन के लिए भटकने को मजबूर है। पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में रेमडेसिविर के चोरी होने के कुछ मामले भी सामने आए है।

भोपाल के AIIMS के बाहर लगा बेड फुल का बोर्ड

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मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई है। अब AIIMS भोपाल ने परिसर के बाहर बोर्ड लगा दिया है। बोर्ड पर ये लिखा है- अभी सब बेड फुल है, असुविधा के लिए खेद है। प्रदेश के अस्पतालों का यही हाल देखा जा रहा है।

प्रदेश में ऑक्सीजन की व्यवस्था भी पूरी तरह से गड़बड़ा गई है। अस्पतालों में डिमांड से कम ऑक्सीजन मिलने के कारण हड़कंप मचा हुआ है। ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं होने के कारण अब अस्पतालों ने भी नए मरीज को भर्ती करने से इंकार कर दिया है। बता दे कि भोपाल में लगभग 100 टन ऑक्सीजन की हर रोज जरूरत है, लेकिन सिर्फ 80 टन की ही सप्लाई हो रही है।

बता दे कि RKDF में ऑक्सीजन की कमी के चलते खाली पड़े 95 बेड पर नए मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है। यहा कुल 225 बेड की व्यवस्था है। जिसमे 120 मरीज भर्ती और 95 खाली है। बता दें, कल इंदौर के बड़े अस्पताल ने भी नो-एंट्री का बोर्ड लगा दिया था।

दरअसल कोविड अस्पतालों में सुरक्षा के लिए ऑक्सीजन सेफ्टी ऑडिट कमिटी गठित की गई है। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अपर आयुक्त नगर निगम सीपी गोहल की अध्यक्षता में ये कमेटी बनाई है। कमेटी ऑक्सीजन की स्थिति सुधारने और व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए जिम्मेदार होगी।