प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल की उपेक्षा को लेकर लगातार कांग्रेस पर किए जा रहे हमलों के बाद कांग्रेस अभी पूरी तरह से गांधी-नेहरू से बाहर तो नहीं निकल पाई है लेकिन, उसने पटेल के अलावा देवी अहिल्या बाई, स्वामी विवेकानंद, और टंटया भील जैसे नामों को भी अपनाना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणा पत्र में किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता पर खास तौर पर जोर दिया गया है।
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को वचन पत्र का नाम दिया है। इस वचन पत्र में प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने मित्र संजय गांधी को भी जगह दी है। संजय गांधी की विधवा मेनका गांधी के सास इंदिरा गांधी का घर छोड़ दिए जाने के बाद कांगे्रस ने भी संजय गांधी का नाम लेना बंद कर दिया था। वचन पत्र में विधानसभा की कार्यवाही को हंगामे से बचाने के लिए कार्यबाधित होने पर सदस्यों को उस दिन का भत्ता न देने प्रावधान लागू करने की घोषणा की गई है। जनता भी विधानसभा में मंत्रियों से सीधे सवाल पूछ सके,इसके लिए जनता प्रहर शुरू करने का एलान किया गया है।
किसानों के सिर्फ दो लाख रूपए तक के कर्ज ही माफ होंगे
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के शिवाजी नगर स्थित कार्यालय में चुनाव का वचन पत्र जारी करने के लिए प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता मौजूद थे। चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस वचन पत्र पर कहा कि इसमें दर्ज एक-एक अक्षर घोषणा नहीं है, कांग्रेस का वचन है। हर वचन को सरकार बनने के बाद समय-सीमा में पूरा किया जाएगा। वचन पत्र में कांग्रेस ने किसानों के सिर्फ दो लाख रूपए तक के कर्ज माफ करने का वादा किया है। यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश भर में घूम-घूमकर अपनी सभाओं में किसानों का पूरा कर्जा दस दिन में माफ करने की बात कह रहे हैं। राहुल गांधी की इस मंशा के अनुरूप ही छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफी की कोई सीमा निर्धारित नहीं की है। दस दिन का वादा भी किया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के वचन पत्र में दस दिन की समय-सीमा का उल्लेख भी नहीं किया गया है। यद्यपि उस कर्ज को भी माफ करने का वचन कांग्रेस ने दिया है, जो कालातीत हो चुका है। किसानों का बिजली का बिल आधा किए जाने के लिए दस हॉर्सपावर की सीमा निर्धारित की गई है। लगभग डेढ़ दर्जन फसलों के अलावा दूध पर भी पांच रूपए प्रति लीटर का बोनस दिए जाने का वचन दिया गया है। किसानों को फसल बीमा का लाभ ग्रामसभा की अनुशंसा पर दिलाए जाने का वचन भी दिया गया है। राज्य कृषि विकास आयोग का गठन किए जाने का उल्लेख भी किया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि किसानोंे को उनकी उपज को मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बिकने दिया जाएगा।
सरकारी नौकरयों में नहीं घुस सकेंगे दूसरे राज्यों के बेरोजगार
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में युवाओं को नौकरी न दिला पाने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देने का कोई सीधा वादा नहीं किया है। युवाओं को उद्योगों में रोजगार मिल सके इसके लिए उद्योगपतियों को वेतन अनुदान दिए जाने की योजना का एलान किया गया है। इस योजना का लाभ उन उद्योगपतियों को दिया जाएगा, जो पचास करोड़ के निवेश से नया उद्योग लगाएगें अथवा उद्योग का विस्तार कर प्रदेश के युवाओं को रोजगार देंगे। सरकार रोजगार के एवज में वेतन का पच्चीस प्रतिशत अथवा दस हजार रूपए प्रतिमाह, जो भी कम उद्योगपति को देगी। सरकारी नौकरियों में राज्य के बाहर के उम्मीदवारों का चयन रोकने के लिए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा है कि वे ही लोग शासकीय अथवा सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी के लिए पात्र होंगे, जिन्होंने दसवीं अथवा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा मध्यप्रदेश से उत्तीण की हो। कांग्रेस ने व्यापमं को बंद कर इसके स्थान पर राज्य कर्मचारी चयन आयोग के गठन का एलान किया है। परिवार की छह लाख से कम बार्षिक आय होने पर चयन परीक्षा शुल्क से छूट देने का वादा किया गया है। अधिकतम आयु सीमा में दो साल की वृद्धि देने का भी उल्लेख वचन पत्र में है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागी रहे खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी न दे पाने की स्थिति में हर माह पंद्रह हजार रूपए सम्मान निधि देने का उल्लेख भी वचन पत्र में है।
लड़कियों की पीएचड़ी तक की शिक्षा मुफ्त
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं के जवाब में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में एक लाइन में लिखा है कि कन्याओं को स्कूल से पीएचड़ी तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। कॉलेज जाने वाली छात्राओं को दो पहिया वाहन के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण दिलाए जाने का भी वचन दिया गया है। महिला अपराधों को रोकने के लिए सिर्फ ठोस कानून बनाने की बात कही गई है। ज्ञातव्य है कि महिला अपराधों के मामले में देश में मध्यप्रदेश का पहला नंबर होने पर कांग्रेस लगातार शिवराज सिंह चौहान पर हमले कर रही है। महिला अपराधों को कांग्रेस ने चुनाव का मुद्दा भी बनाया है। कांग्रेस का वचन पत्र 75 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित है। इसमें रामपथ गमन का निर्माण और पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलना भी शामिल है। सपाक्स की चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस ने सरकार में आने पर सामान्य वर्ग आयोग के गठन का भी एलान किया है। राज्य के असंतुष्ट कांग्रेस ी नेताओं को साधने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर विधान परिषद के गठन का कार्ड खेला है। डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस सस्ता करने का वचन भी दिया गया है।
वचन पत्र में नेहरू नहीं संजय गांधी का उल्लेख है
कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस भवन में टंगी तस्वीरों में भी बदलाव देखा गया था। इंदिरा-राजीव के साथ-साथ कमलनाथ ने संजय गांधी की तस्वीर को भी कांग्रेस के दफ्तर में जगह दी है। कांग्रेस के वचन पत्र में पंडित जवाहर लाल नेहरू के उल्लेख कहीं नहीं है। लेकिन, इंदिरा-राजीव के साथ संजय गांधी का उल्लेख किया गया है। संजय गांधी के नाम पर पर्यावरण मिशन शुरू करने की बात वचन पत्र में कही गई है। समग्र सामाजिक सुरक्षा परिवार कार्यक्रम को वैधानिक मान्यता हेतु राजीव गांधी स्व निराकरण सेवा नाम से अधिनियम बनाया जाएगा। राजीव गांधी स्मार्टकार्ड देने की योजना भी प्रस्तावित है। इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सौ यूनिट तक बिजली सौ रूपए प्रतिमाह की दर पर दिए जाने की घोषणा की गई है। वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान की सरकार दो सौ रूपए प्रतिमाह की निश्चित दर पर एक हजार वॉट पर बिजली दे रही है। घोषणा पत्र में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर किसान पुत्र स्वावलंबन योजना की घोषणा की गई है। विवेकानंद के नाम पर युवा शक्ति निर्माण मिशन शुरू करने की घोषणा है। देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम पर लड़कियों की नि:शुल्क शिक्षा योजना शुरू की जाएगी। रानी दुर्गावती के नाम से महिला पुलिस बटालियन बनाने की घोषणा की गई है।
विधायकों ने रोकी सदन की कार्यवाही तो नहीं मिलेगा भत्ता
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सबसे महत्वपूर्ण पहल सदन को जवाबदेह बनाने की दिशा में की है। सदन की कार्यवाही बिना बाधा के चले इसके लिए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा है कि विधायकों द्वारा सदन की कार्यवाही बाधित किए जाने की स्थिति में उस दिन का भत्ता सदस्यों को नहीं दिया जाएगा। देश में कहीं भी अब तक इस तरह की व्यवस्था लागू नहीं है। राज्यसभा और लोकसभा में भी कार्यवाही बाधित होने पर भी भत्ता नहीं रोका जाता। विधायकों एवं मंत्रियों को प्रतिवर्ष अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण पटल पर रखना होगा। विधानसभा में जनता सीधे मंत्रियों से सवाल पूछ सके इसके लिए जनता पहर की व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की गई है। इस तरह की व्यवस्था भी देश में कहीं भी प्रचलन में नहीं है।