MP Congress Manifesto: उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण
- मसाला उत्पादन के लिए छोटे-छोटे
प्रोसेसिग प्लांट लगवायेंगे।
- सब्जियों के उत्तम किस्म के बीज एवं
पौध प्रदाय करेंगे । स्वसहायता समूह/ सहकारी समितियों के माध्यम से बीज एवं पौध
तैयार करा कर उपलब्ध करायेंगे।
- सब्जियों, फल एवं फू लों को उचित मूल्य दिलाने
हेतुमार्के ट की व्यवस्था, ग्रेडिग, पैकिग, भण्डारण हेतु शीत गृह एवं परिवहन के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण
बैंक से उपलब्ध कराएंगे।
- शासकीय नर्सरियों को आधुनिक तरीके से
पी.पी.पी मोड पर विकसित करेंगे।
- फलों के अंतर्गत के ला, संतरा, अंगूर, अमरूद, आम एवं अनारों की पैदावार बढ़ाने के कार्यक्रम
बनायेंगे इनके क्लस्टर और सिट्रस जोन विकसित करेंगे, प्रदेश में TISSUE कल्चर प्रयोगशाला स्थापित
करायेंगे।
- संतरा उत्पादक जिलों से नागपुर अथवा
निकटस्थ बड़ी मंडियों में संतरा बेचने ले जाने के लिए परिवहन अनुदान देंगे।
- खरबूज, तरबूज, सिंघाड़े
एवं कमल की खेती को फसल कार्यक्रम में रखते हुये, उन्नत बीज, बाजार
एवं अनुदान देंगे, इन
फसलों को राजस्व परिपत्र 6-4 में सम्मिलित कर मुआवजा देंगे।
- चिन्हित फल एवं सब्जियों को फसल बीमा
से जोड़ेंगे। शेष फसलों की बीमारी एवं प्राकृतिक आपदा से नुकसान पर मुआवजा राजस्व
परिपत्र 6-4 में जोड़ेंगे।
- फूलों की खेती को बढ़ावा देंगे तथा नये
बाजार विकसित करेंगे तथा इनके निर्यात हेतु इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, भोपाल, छिन्दवाड़ा एवं रीवा में निर्यात केंद्र खोलेंगे तथा विशेष अनुदान देंगे।
- आदिवासी अंचलों में फू लों की खेती को
प्रोत्साहित करते हुये विशेष अनुदान उपलब्ध करायेंगे।
- प्रदेश में फू ड प्रोसेसिग पार्क स्थापित
करेंगे तथा खेतों एवं बगीचे से सीधा जोड़ते हुये फूड प्रोसेसिग इकाईयां स्थापित करायेंगे।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को जीएसटी
से मुक्त करने हेतु भारत सरकार को अनुशंसा भेजेंगे।
- फल, सब्जी, औषधीय
फसल, फू लों की खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन के क्षेत्र में
निजी निवेश
को प्रोत्साहित करेंगे तथा सुरक्षात्मक प्रबंधकीय व्यवस्था के साथ बड़े
औद्योगिक संस्थानों
से जोड़ेंगे तथा नवीन मंडियां स्थापित करेंगे जिसमें कोल्ड स्टोरेज की सुविधा
रहेगी।
- पान उत्पादन- ‘’पान उत्पादन हेतु नया कार्पोरेशन
बनाएंगे, जिसके माध्यम
से पान उत्पादन
बढ़ाने और पान उत्पादकों को बाजार तथा पूंजी उपलब्ध कराएंगे। ( पान
अनुसंधान केन्द्र बुंदेलखण्ड,
मालवा तथा महाकौशल में स्थापित करेंगे। पान बरेज के नुकसान पर प्रतिपारी राहत
राशि 1000/- के मान से देंगे।)
- कृषि विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में
उद्यानिकी विभाग पृथक से स्थापित करेंगे तथा आधुनिक उद्यानिकी पद्धति के प्रशिक्षण केन्द्र
प्रत्येक जिले में स्थापित करेंगे।
- उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण
हेतुविशेषज्ञ समिति का गठन करेंगे।