Sunday, September 24, 2023
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बीजेपी नेताओं को होगी जेल ! कांग्रेस अपने वचन पत्र में जारी करेगी करप्शन की सूची

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भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर है। दोनों ही मुख्य पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। इसी बीच एमपी कांग्रेस अपना वचन पत्र तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वचन पत्र में बीजेपी नेताओं को जेल भेजने का वचन देगी।

बता दें कि कांग्रेस अपने आने वाले वचन पत्र में करप्शन का मुद्दा लेकर आएगी। इसके अलावा वचन-पत्र में सरकारी विभागों में करप्शन की सूची जारी की जाएगी और जिन नेताओं पर आरोप है उन्हें जेल भेजने का वचन देगी। इसके अलावा कांग्रेस पुराने मामले फिर से खोलने का भी वचन देगी।

इस बारे में जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि जिस दिन कांग्रेस सरकार आएगा उसी दिन जिन्न बाहर निकलेगा। यह जिन्न घोटालों का होगा जो बाहर आएगा। इसमें व्यापमं, सिंहस्थ, पेंशन और बीजेपी सरकार ने जितने अन्य घोटाले किए है सब बाहर आएंगे।

सज्जन वर्मा के बयान और वचन पत्र पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस हमेशा द्वेष से काम करती है। 15 महीने में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किए गए, मकान तोड़े गए। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो वोट नहीं मिलने पर जनता से भी बदला लेती है। जनता को सब दिखता है और हमें जनता पर पूरा विश्वास है कि वे कांग्रेस को नहीं चुनेगी।

कांग्रेस ने बताया फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ को झूठ पर आधारित, BJP का फिल्म को लेकर प्रचार करना राजनीतिक एजेंडा: दिग्विजय सिंह

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फ़िल्म ‘द केरला स्टोरी’ रिलीज के बाद से ही चर्चा में है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई कर रही है। वहीं दूसरी तरफ फिल्म को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी इसे सत्य घटना पर आधारित फिल्म बता रही है, तो वहीं कांग्रेस फ़िल्म को झूठ पर आधारित बताकर उसका विरोध कर रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि द केरला स्टोरी फिल्म झूठ पर आधारित है। लव जिहाद की 32 हजार नहीं सिर्फ तीन घटनाएं सामने आई थीं। 3 मामलों में धर्म परिवर्तन करवाकर ISIS में शामिल करवाया था, जबकि फिल्म में 32 हजार धर्म परिवर्तन दिखाए गए।

उन्होंने आगे कहा कि झूठी फिल्म दिखाने से मतलब क्या? कश्मीर फाइल्स भी झूठ पर बनी फिल्म थी। सरकार जिस तरीके से फ़िल्म का प्रचार कर रही है उससे साफ है कि ये उनका राजनीतिक एजेंडा है। वहीं दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार किया है उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने। सिंह ने कहा कि दिग्विजय सिंह पहले ये बताएं कि उनको घटनाओं की संख्या के बारे में कैसे पता है। इसका मतलब शायद यह है कि वह खुद इन चीजों में शामिल रहे हैं। दिग्विजय सिंह हमेशा राष्ट्र विरोधी बात करते हैं। हमारे देश की अखंडता और जो ताकत है उसको देखते हुए बयान बहुत सोच विचार कर देना चाहिए।

मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा, कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी फिल्म बनी है तो जाहिर है कि सेंसर बोर्ड ने बड़े गौर से इनमें सारी चीजों को देखा होगा। फिल्म देखने योग्य है तो फिल्म को देखना भी चाहिए। जनता को दिग्विजय सिंह के बयानों पर ज्यादा गौर करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो सुर्खियों में रहने के लिए कुछ ना कुछ बोलते ही रहते हैं। इंदौर में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में महिलाओं को द केरला स्टोरी दिखाई।

फ़िल्म देखने के बाद सिनेमा घर के बाहर ही लव जिहाद का पुतला भी दहन किया गया।महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि लव जिहाद के कारण हमारी बहन, बेटियां आज सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी घटनाओं से सतर्क रहने और लव जिहाद जैसी घटना को द केरला स्टोरी फिल्म में दिखाने की अच्छी और सार्थक कोशिश की गई है। मध्यप्रदेश में सरकार ने इस फिल्म को टैक्स फ्री भी कर दिया है।

2023 विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ीं दिग्विजय सिंह की मुश्किलें, राज्यसभा की सदस्यता हो सकती है निरस्त !

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भोपाल। राजधानी की विशेष अदालत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा लगाए गए मानहानि के मामले में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप तय किए हैं। दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत भाजपा नेता द्वारा दायर एक मामले में मानहानि का आरोप लगाया है। सिंह पर 2013 में मध्यप्रदेश को हिलाकर रख देने वाले व्यापम घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई एक जुलाई के लिए स्थगित कर दी।

दरअसल साल 2014 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान विष्णुदत्त शर्मा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। दिग्गी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि वीडी शर्मा एबीवीपी के महामंत्री रहे हैं। साथ ही सिंह ने उन पर आरोप लगाया था कि शर्मा ने व्यापमं घोटाले में बिचौलिये का काम किया है, जिसके चलते शर्मा ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।

पूर्व सीएम के बयान के आधार पर वीडी शर्मा ने कहा था कि दिग्विजय सिंह के इस बयान को आम लोगों ने पढ़ा और सुना है, जिससे उनकी छवि खराब हुई है। इसके बाद विष्णुदत्त शर्मा ने 17 जुलाई 2014 को भोपाल कोर्ट में दिग्विजय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने दिसंबर 2022 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 500 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया था, हालांकि इस मामले में दिग्विजय सिंह फिलहाल जमानत पर हैं।

एडवोकेट अशोक विश्वकर्मा ने बताया कि दिग्विजय सिंह कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, इसलिए उनके वकील के माध्यम से आरोप तय किए गए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी। उन्होंने आगे कहा कि व्यापम मामले में जो आरोप दिग्विजय सिंह ने लगाए थे उस पर किसी एजेंसी ने वीडी शर्मा से पूछताछ तक नहीं की है। एमपी एमएलए कोर्ट ने दिसंबर 2022 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 500 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया था।

CM शिवराज ने कहा दिग्विजय और कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को किया तबाह

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भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता अब आमने-सामने आ गए हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ‘मैं बीजेपी और संघ के लिए कोरोना हूं’ वाले बयान पर अब सीएम शिवराज और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जमकर हमला बोला है।

दिग्विजय सिंह के खुद के कोरोना वायरस बताने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये व्यक्ति हानिकारक है, इतना तो तय हो गया है। लोग कहते हैं ये वायरस तो ISI से आया है। कोरोना वायरस तो चीन से आया था, उस लिहाज से भी यह व्यक्ति हानिकारक है। खुद को इन्होंने कोरोना वायरस साबित कर लिया है।

भाजपा नेता ने कहा कि कमलनाथ ने तो कोविड-19 के दौरान मध्यप्रदेश की जनता को छोड़ दिया था कि जो करना है करो। कोविड आज पूरी तरह से कंट्रोल में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने मिलकर मध्यप्रदेश को तबाह कर दिया। दिग्विजय सिंह ने बिल्कुल ठीक तुलना की है। कोरोना वायरस ने जितना नुकसान पहुंचाया था, उससे कई गुना ज्यादा नुकसान दिग्विजय और कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को पहुंचाया है। मुझे तो आश्चर्य होता है कि तुलना के लिए उन्हें और कोई वायरस नहीं मिला। कोरोना वायरस से हाहाकार मच गया था, लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई थी। इसके अलावा अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई थी। ये तो मोदी जी थे जिनके नेतृत्व में दो-दो वैक्सीन बनी।

बता दें कि इंदौर में पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कोरोना वायरस बताया था और कहा था उनका जन्म चीन में होना चाहिए। मंत्री तुलसी सिलावट के सवाल पर पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा इंदौर के लोग जानते हैं कि तुलसी सिलावट ने कैसे काम किया। वह कितने धंधों में शामिल हैं और उससे कितना पैसा कमाते हैं ये सबको पता है। इसलिए मैं भाजपा और संघ के लिए कोरोना वायरस हूं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह को कहा देश विरोधी, ट्वीट लिखकर कही ये बात…

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भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) पर हमला बोला है। दिग्विजय सिंह के उज्जैन में दिए बयान पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा है, “हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्य प्रदेश के बंटाधार, भारत में पैदा ना हों।”

आगामी चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने कमर कस ली है। दिग्गज नेता हर जिले में जाकर मंडल वार्ड स्तर के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गुरुवार देर रात उज्जैन पहुंचे। शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

पत्रकारों ने जब दिग्विजय सिंह से पूछा कि, यदि इस बार भी कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कोई नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह बीजेपी में शामिल हो जाएगा तो कांग्रेस क्या करेगी? इसका जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि, हे महाकाल, कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा ना हो।

उन्होंने ये भी कहा कि जब कमलनाथ सरकार को गिराया गया उस समय राजा महाराजा बीजेपी के हाथों बिक गए। दिग्विजय सिंह के इस बयान पर पलटवार करते हुए अब सिंधिया ने भी हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर दिग्विजय पर निशाना साधा है।

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने की तैयारी, कमलनाथ ने 16 नेताओं को सौंपी अलग-अलग जिलों की कमान

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भोपाल। 2023 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के 16 नेताओं को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है। सभी नेता आवंटित जिलों में संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने के साथ ही चुनाव की कार्ययोजना को लेकर कार्य करेंगे। कमलनाथ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को विंध्य, अरुण यादव और जीतू पटवरी को बुंदेलखंड और जयवर्धन सिंह को इंदौर व उज्जैन जिले की ज़िम्मेदारी सौंपी है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और फूल सिंह बरैया ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में चुनाव की तैयारियां संभालेंगे। चुनाव अभियान समिति की बैठक में वरिष्ठ नेताओं को जिले सौंपने का निर्णय लिया गया था। सभी की सहमति के बाद जिले आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी की जिम्मेदारी दी गई है तो फूल सिंह बरैया श्योपुर, मुरैना और भिंड में मतदान केंद्र स्तर पर चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को सीधी, रीवा, कटनी और सिंगरौली, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और जबलपुर का प्रभार दिया गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के पास आदिवासी बहुल बड़वानी और खरगोन जिले में पार्टी को जिताने का काम रहेगा। संगठन ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को बुंदेलखंड के निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर और जीतू पटवारी को सतना, दमोह, पन्ना के साथ रायसेन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

सज्जन सिंह वर्मा छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, नर्मदापुरम, बाला बच्चन खंडवा, बुरहानपुर और धार जिले में चुनाव अभियान को देखेंगे। तो वहीं मीनाक्षी नटराजन को आलीराजपुर, झाबुआ और आगर को संभालने की ज़िम्मेदारी दी गई है। रामनिवास रावत को राजगढ़ और शाजापुर, केपी सिंह को गुना, अशोकनगर और विदिशा तो वहीं तरुण भनोत को डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी, मंडला और नरसिंहपुर की कमान सौंपी है। कमलेश्वर पटेल को नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले का प्रभार दिया गया है। सीहोर और देवास जिले में पार्टी को जिताने का दायित्व लाखन सिंह यादव का होगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को समन्वय का कार्य सौंपा गया है।

हाईकोर्ट ने बढ़ाई पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह की चिंता ! अपहरण कर मारपीट करने का लगा आरोप

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मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां चरम पर हैं। इसी बीच कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मारपीट और धमकाने के मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे व कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (Jaivardhan Singh) को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने इस मामले में जयवर्धन सिंह को पक्षकार बनाया है। पुलिस ने एफआईआर में पूर्व मंत्री जयवर्धन को आरोपी नहीं बनाया था। जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला 2015-16 का है। विजयपुर की फैक्ट्री में लेबर सप्लायर विश्वंभर लाल के साथ राघोगढ़ के किले में मारपीट हुई थी। जिसके बाद विश्वंभर ने जयवर्धन सिंह पर अपहरण कर मारपीट का आरोप लगाया था, उसने थाने में भी शिकायत की।

लेकिन पुलिस ने एफआईआर में जयवर्धन को आरोपी नहीं बनाया था। जिसके बाद पीड़ित ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं विश्वंभर लाल ने वकील के माध्यम से एक याचिका दायर की। बुधवार को ग्वालियर हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जयवर्धन को भी अब पक्षकार बनाया है। बताया जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई दो दिन बाद यानी 21 अप्रैल को होगी।

दिग्विजय सिंह ने BJP की आईटी सेल और बजरंग दल पर लगाए गंभीर आरोप, कही ये बात…

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पुलवामा हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक (satyapal malik) के दिए गए बयान ने राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। मलिक के बयान का मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने समर्थन किया है। दरअसल मलिक ने एक इंटरव्यू में पुलवामा हमले की एक वजह केंद्र सरकार की खामी बताया था।

सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले यहां के आखिरी राज्यपाल थे। जिस समय पुलवामा अटैक हुआ, उस वक्त भी मलिक राज्यपाल के पद पर थे। सत्यपाल मलिक के इंटरव्यू में दिए गए इस बयान के बाद एक बार फिर कांग्रेस मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सत्यपाल मलिक के बयान का समर्थन किया है। सिंह कहा कि पहले ही दिन इंटेलिजेंस फेलियर का खुलासा हो गया था। वहीं उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के आईटी सेल और बजरंग दल के लोग आईएसआई (ISI) से पैसे लेकर जासूसी करते हैं।

दिग्विजय ने राज्य सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सतना में बजरंग दल का अध्यक्ष और भोपाल में ध्रुव सक्सेना के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। लेकिन देशद्रोह का मामला राज्य सरकार ने दर्ज क्यों नहीं किया? जमानत कैसे हो गई? इन सभी सवालों के सरकार को जवाब देना चाहिए।

दिग्विजय सिंह के बयान पर सीएम शिवराज सिंह का पलटवार, जनता को डराना चाहती है कांग्रेस: शिवराज

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हाल ही में दिए बयान को लेकर सियासी गरमा-गरमी शुरू हो गयी है। दिग्विजय सिंह के मुस्लिमों की अपेक्षा हिंदुओं की आबादी अधिक होने वाले बयान पर सीएम शिवराज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा दिग्विजय सिंह कह रहे थे कि हिंदुओं के मुकाबले मुस्लिमों की संख्या कम हो रही है, तो कुछ दिन पहले कमलनाथ कह रहे थे कि दंगे भड़क रहे हैं। मप्र में शांति बरकरार है तो चुनाव के समय इस तरह के बयान देकर क्यों लोगों को डराना चाहते हो आप लोग।

मध्यप्रदेश के सागर जिले में पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि हिंदुओं के मुकाबले मुसलमानों की आबादी कम है। उन्होंने यह भी कहा था कि बीजेपी और संघ यह दुष्प्रचार करती है कि मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है जो कि सरासर गलत है।

दिग्विजय ने कहा था कि मैं प्रमाणिकता के साथ इस बात को साबित कर सकता हूं कि हिंदुओं की आबादी मुसलमानों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है, और कहा कि जनगणना को लेकर हमारा स्टैंड साफ है कि जनगणना ओबीसी आधारित और राष्ट्रीय स्तर पर होनी चाहिए।

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लापता होने का पोस्टर हुआ वायरल

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मध्य प्रदेश में कोरोना और ब्लैक फंगस के कहर के बीच बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के विदेश जाने की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि सिंधिया चार दिन ही पहले प्राइवेट जेट से दुबई के लिए रवाना हो गए है। जिसके बाद ग्वालियर में एक पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें जगजीत सिंह द्वारा गाई मशहूर गजल “चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वह कौन सा देश, जहां तुम चले गए” लिखा हुआ है।

बता दे कि इस पोस्टर को ग्वालियर से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने भी साझा किया है। पाठक ने शायराना अंदाज में तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘मत ढूंढो इन्हें संकट के समय मध्य प्रदेश में, सिंधिया जी अपने निजी कार्यों से हैं विदेश में। अपने शहर में जब सब कुछ सामान्य हो जाएगा, इनका कारवाँ तभी यहाँ आएगा। आप तो बैठिए दुबई, जनता है भरोसे राम के, अभी चुनाव थोड़ी है अभी आम लोग आपके क्या काम के।’

प्रदेश की समस्त जनता को निवेदक बताने वाले इस पोस्टर में लिखा गया है कि, ‘महाराज कहां हो आप? भारतीय जनता पार्टी की सरकार मौत के आंकड़ें छिपा रही है। आपके उसूलों पर आंच कब आएगी, आप सड़क पर कब उतरेंगे?’ इसी के साथ 80 के दशक का मशहूर गजब चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए लिखा हुआ है।

वहीं कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘जनता चौखट से बाहर निकले तो डंडा, —और ये महाराज बहादुर दुबई की सैर पर..? शिवराज जी, आपके नेताओं को जनता से कोई सरोकार क्यों नहीं बचा..?भारत में उतरने को सड़कें थीं कम, इसलिये दुबई में जनसेवा करेंगे हम।’

दरअसल सिंधिया के विदेश जाने की बात सामने आने के बाद लोगों के मन में एक यह सवाल भी है कि जब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगे हुए हैं तो सिंधिया दुबई कैसे गए? दरअसल, एयर बबल के तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चल रही हैं। इस व्यवस्था के तहत चयनित देशों के बीच द्विपक्षीय विमानों का संचालन हो रहा है।