Monday, June 5, 2023
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीतेंगे 150 सीट,कर्नाटक की जीत को दोहराएँगे : राहुल गाँधी

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत ने पार्टी में नई जान फूंक दी हो। पार्टी के प्रवक्ता से लेकर कार्यकर्ता तक इस जीत के बाद नई ऊर्जा के साथ के सक्रिय हो गए है। पार्टी आगमी चुनावो को लेकर उत्साहित नज़र रही है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कहा की पार्टी यहां 150 सीटों पर विजय प्राप्त करते हुए कर्नाटक की जीत को मध्य प्रदेश में दोहराएगी।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक के बाद यह टिप्पणी की। पत्रकारों से बात करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, “हमने अभी बहुत विस्तृत बैठक की है। हमारा आंतरिक आकलन कहता है कि चूंकि हमें कर्नाटक में 136 सीटें मिली थीं, अब हमें मध्य प्रदेश में 150 सीटें मिलने जा रही हैं। हमने कर्नाटक में क्या किया, हम मप्र में दोहराएंगे।

बैठक में पार्टी प्रमुख सहित कई बड़े नेता शामिल

मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर सवाल करने पर राहुल गाँधी ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को मध्य प्रदेश के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में उनके साथ राहुल गांधी, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी मौजूद थे।

2018 विधानसभा चुनाव में मिली थी कांग्रेस को जीत

मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और भाजपा को 109 सीटें मिलीं। हालाँकि, 2020 में, कांग्रेस सरकार ने कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद बहुमत खो दिया। इसके बाद, बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल किया गया।

कर्नाटक के बाद अब एमपी फतह के लिए जुटी कांग्रेस, पांच गारंटी के साथ मैदान में उतरेंगे कमलनाथ

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भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस के हौंसले बुलंद है। कर्नाटक में कांग्रेस ने जिस फॉर्मूले की मदद से बीजेपी को मात दी है अब उसी फॉर्मूले को मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है। विधानसभा चुनाव में जनता से पांच गारंटी के वादे के साथ पार्टी पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की हनुमान भक्त वाली छवि को जनता के बीच भुनाने की तैयारी में है। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत की इबारत लिखने वाले सुनील कानुगोलू अब कर्नाटक चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में पूरी तरह सक्रिय होंगे और पूरी चुनावी रणनीति तैयार करेंगे।

बताया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत के लिए पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। यहीं कारण माना जा रहा है कि कर्नाटक में जीत के बाद राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जनता से जो 5 प्रमुख वादे किए गए हैं उस सभी वादों पर सरकार बनते ही काम शुरू हो जाएगा।

दरअसल कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पांच गारंटी वादे के साथ चुनावी मैदान में गई थी। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि राज्य की परिवार की हर महिला मुखिया को हर महीने 2,000 रुपये भत्ता दिया जाएगा, बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये हर महीने दिए जाएंगे।

वहीं कांग्रेस ने कर्नाटक के लोगों को गृह ज्योति योजना के माध्यम से 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया था। अन्नभाग्य योजना के तहत 10 किलो चावल मुफ्त देने के साथ अगले 5 सालों में किसान कल्याण के लिए 1.5 लाख रुपये, फसल नुकसान की भरपाई के लिए 5000 करोड़ रुपये और नारियल किसानों और अन्य के लिए MSP सुनिश्चित करने का भी ऐलान किया था।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की जीत जनता की जीत है। हमें आगे बहुत कुछ करना है। हमें वादे निभाने हैं, हमारी 5 गारंटी हम पूरी करेंगे।कर्नाटक में जिस तरह से कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों के उठाकर बीजेपी को करारी मात दी है। अब उसी तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को जनता के बीच ले जाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

जानकारी के अनुसार कर्नाटक में जीत के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस में चुनाव की रणनीति तैयार करने को लेकर बैठकों का सिलसिला तेज हो गया है। चुनाव में पार्टी के वचन पत्र को अंतिम रूप देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक हुई। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने पर नारी सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1500 रु देने का वादा करने के साथ 500 में गैस सिंलेंडर का वादा कर रही है।

मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस युवा वोटरों को साधने के लिए रोजगार देने का वादा करने के साथ सत्ता में आने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने जा रही है। पार्टी अपने वचन पत्र में सत्ता आने पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ दो से ढाई हजार तक बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर सकती है।

एमपी में कांग्रेस किसान वोट बैंक को साधने के लिए कर्जमाफी का वादा करने जा रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी किसानों का बिजली बिल आधा करने, किसानों को फसल का उचित मूल्य देना , फसल में नुकसान होने पर उचित मुआवजा देने का वादा भी किया है।

बता दें कि वह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कट्टर हिंदुत्व के कार्ड और बजरंग दल विवाद को बजरंग बली से जोड़ने के बाद कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलते हुए सत्ता में आने पर पूरे प्रदेश बजरंग बली के मंदिर बनवाने की घोषणा की थी। ठीक वैसे ही मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड को चुनौती देने के लिए कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलने की तैयारी में है। चुनाव के लिए अपने वचन पत्र में पार्टी प्रदेश में राम वन गमन पथ का निर्माण करने, समस्त पंचायतों में गौशाला खोलने, नर्मदा परिक्रमा पथ का विकास करने, धार्मिक नगरों को पवित्र घोषित करने का वादा लोगों से करने जा रही हैं।

MP के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को साधने में जुटी कांग्रेस, बनाई अलग रणनीति

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मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव का शंखनाद बज चुका है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्य पार्टियां अपने हिसाब से वोटरों को साधने में जुट गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने महिलाओं को साधने के लिए अनोखा कदम उठाया है। एमपी कांग्रेस पहली बार महिलाओं के लिए अलग से वचन पत्र तैयार कर रही है।

जानकारी के अनुसार इस वचन पत्र में महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने, 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के वचन के साथ उनके परिवार पर महंगाई का बोझ कम करने के लिए 300 रुपये में 300 यूनिट बिजली देने और स्वरोजगार के लिए अलग से योजना लागू किए जाने की घोषणा करने का वादा किया है।

सूत्रों ने बताया कि इसे कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा से मई-जून में प्रस्तावित महिला रैली में जारी कराया जाएगा। इसके लिए उनसे समय मांगा गया है।

मीडिया अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है। कांग्रेस की सरकार में उन्हें सम्मान और अधिकार प्राप्त हों, इसके लिए कमलनाथ नए अंदाज़ के साथ चुनावी मैदान में उतरना चाह रहे हैं।

जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में भी वचन पत्र जारी किया था, जिसमें महिलाओं के लिए कई प्रावधान रखे थे, लेकिन इस बार महिलाओं के लिए अलग से वचन पत्र जारी करना तय किया गया है।

बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ प्रारंभिक चर्चा भी हो चुकी है। इसमें महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ब्याज मुक्त ऋण, रिक्त पदों पर प्राथमिकता के आधार पर भर्ती सहित अन्य प्रावधान किए जा रहे हैं।

दमोह के नवनिर्वाचित विधायक अजय टंडन पहुंचे विधान सभा, विधायक पद की ली शपथ

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मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शुक्रवार को दमोह के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक अजय टंडन को विधायक पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर शपथ समारोह में नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मौजूद रहे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया के बात चीत करते हुए विधायक अजय टंडन ने अपनी जीत का श्रेय दमोह की जनता को दिया। उसके बाद यह पार्टी की जीत है।

उन्होंने कहा कि दमोह का विकास करना ही मेरी पहली प्राथमिकता है। दमोह की जनता को कोविड से मुक्त करने के लिए हमे बहुत काम करना होगा। साथ ही स्वाथ्य सुविधाओं में बेहतर सुधार करना होगा। आगे टंडन ने पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को लेकर कहा कि वह अच्छे इंसान है।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि कोरोना के चलते विधानसभा का सत्र बुलाना सम्भव नहीं था लेकिन कांग्रेस के आग्रह पर टण्डन का शपथ समारोह कराया गया है। आगे उन्होंने मानसून सत्र कराने का भी संकेत दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक लगभग 80 फीसदी विधायकों का वैक्सीनेशन हो चुका है।

कोरोना के संकट पर बात करते हुए गौतम ने बताया की इस संकट और महामारी के दौरान उन्होंने 52 लाख रुपये दिए हैं। उन्होंने आगे यह भी बताया की रीवा क्षेत्र में करीब ढाई करोड़ रुपया का सहयोग के लिए दिया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा फैसला, 1 जून से धीरे धीरे खोले जाएंगे जिले

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मध्य प्रदेश में कोरोना के कम होते मामलों के बाद अब 1 जून से जिलों को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका एलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब कोरोना पूरी तरह काबू में आ गया है और अब जून से प्रदेश को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन किया जाएगा और इसमें किसी भी प्रकार से छूट नहीं दी जाएगी। फिर 31 मई तक सख्ती से कोरोना कर्फ्यू  का पालन कर गांव से लेकर शहरों को कोरोना मुक्त बनाना है। 

उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू  के चलते कोरोना अब काबू में है। अब हमें टारगेट कर 31 मई तक गांव और वार्ड को कोरोना मुक्त करने की मुहिम शुरु करना होगा।  दूसरी ओर प्रदेश में कोरोना संक्रमण में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

मध्यप्रदेश में कोरोना से मृत्यु के चलते 3 विधानसभा सीटें हुई रिक्त

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मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर बरकरार है। इसी कोरोना के चलते कई मंत्री और विधायकों की भी मृत्यु हुई है। ऐसे में प्रदेश की विधानसभा की तीन सीटें रिक्त घोषित की गई है। बताया जा रहा है कि फिलहाल में इन रिक्त सीटों पर फिलहाल चुनाव नहीं होंगे।

बता दें कि ये तीनों सीटे विधायकों के निधन के बाद रिक्त हुई है। वहीं इन तीनों विधानसभाओं का अधिकांश क्षेत्र ग्रामीण होने की वजह से मानसून में उपचुनाव की संभावना कम दिख रही है। ऐसे में मानसून के बाद ही चुनाव की संभावना बनेगी।

दरअसल रिक्त विधानसभा सीटों में जोबट विधानसभा क्षेत्र से कलावती भूरिया का निधन 24 अप्रैल को हो गया था। वहीं पृथ्वीपुर क्षेत्र से बृजेन्द्र सिंह राठौर का भी निधन कोरोना के चलते 2 मई को हो गया था। बता दे कि सतना जिला के रैगांव विधानसभा से जुगल किशोर बागरी का निधन 10 मई को हुआ था। इसी कारण यह सीट भी रिक्त हो गई है।

हार पर बीजेपी मे हाहाकार, कमलनाथ का सरकार से सवाल हार के लिए कौन-कौन जिम्मेदार

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दमोह के एसपी-कलेक्टर के ट्रांसफर पर सवाल उठाया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए प्रदेश की सरकार से पूछा है कि क्या दमोह में बीजेपी को चुनाव जिताने की ज़िम्मेदारी वहाँ के कलेक्टर और एसपी को सौंपी गई थी ?

कमलनाथ ने कहा कि यदि दमोह कलेक्टर और एसपी ने अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन और अपनी वर्दी का सम्मान करते हुये निष्पक्ष चुनाव कराये तो क्या सरकार उन्हें इस कर्तव्यपरायणता की सजा देगी ?  असफल होने के बाद अब प्रशासनिक अधिकारियों में आतंक पैदा करने के लिये कलेक्टर एवं एसपी को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि दमोह चुनाव की पराजय का दूसरा शिकार बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया एवं उनके पुत्र सिद्धार्थ मलैया को बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा यदि वास्तव में धनबल के साथ-साथ पूरी बीजेपी, पूरी सरकार, 22 मंत्री, कई विधायक और सांसद के दमोह में महीनों डेरा डालने के बाद भी यदि मलैया परिवार कांग्रेस को 17000 वोटों से जीत दिला सकते है तब उनके वर्चस्व और राजनीतिक कौशल को देखते हुये उन्हें तत्काल मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना देना चाहिये ?

उन्होंने आगे कहा, जबकि ये हार वास्तव में बीजेपी के हर उस नेता की है जो पूरे दो महीने दमोह में रहने के बाद भी अपने प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके। ये हार शिवराज की उस अनैतिक राजनीति की हार है जो ख़रीद-फ़रोख़्त से सत्ता हथियाने के लिये कुख्यात है।

दरअसल दमोह में बीजेपी की हार शिवराज सरकार के एक साल के कार्यकाल पर जनता का मत है। ये हार बताती है कि बीजेपी ने पिछले एक साल में प्रदेश को कैसी सरकार दी है।

मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर कल हो सकता है कोर्ट में फैसला

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मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर स्तिथि कल सोमवार को स्पष्ट हो सकती है। नगर निकाय आरक्षण को लेकर ग्वालियर हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है । इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को जवाब प्रस्तुत करना होगा। वहीं कोर्ट की सुनवाई के बाद ही प्रदेश में नगरी निकाय चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी ।

नगरी निकाय आरक्षण के लिए सोमवार को कोर्ट में सुनवाई होगी जहां 81 नगर निकाय के आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया को लेकर मध्यप्रदेश सरकार को जवाब प्रस्तुत करना है। इससे पहले मध्यप्रदेश हाई कोर्ट द्वारा निकाय चुनाव में महापौर अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया में गलती पाए जाने के बाद हाईकोर्ट में आरक्षण पर रोक लगा दी थी। 

पंचायत चुनाव प्रक्रिया में अध्यक्ष पद के आरक्षण ना होने की वजह से चुनाव टल रहा है। इस मामले में निर्वाचन आयोग ने पंचायतों ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर अध्यक्ष पद के आरक्षण कराए जाने की बात की थी। लगभग 23000 ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है । वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण ना होने की वजह से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया मैं तेरी हो रही है।

दमोह बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोधी ने आज भरा अपना नामांकन

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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह(Damoh) विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी( BJP Candidate) राहुल लोधी ( Rahul Lodhi) का नामांकन दाखिल कराया। वहा मुख्यमंत्री के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा भी मौजूद रहे। मीडिया को बाईट देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दमोह की जनता सिर्फ विकास चाहती है और इसी वजह से हम वहां जीत रहे है।

इससे पहले जयंत मलैया ने दमोह का विकास किया है। आगे भी दमोह के लोग विकास चाहते है। यही एक वजह है जिसके चलते राहुल सिंह लोधी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था और अब वह चुनाव भी लड़ रहे हैं और दमोह में भारी मतों से भी विजई हो रही है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार ने हमेशा विकास किया है और यह विकास आगे भी जारी रहेगा। नामांकन के बाद शिवराज सिंह चौहान सीधे पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के घर उनसे बातचीत करने के लिए पहुंचे। पार्टी से विरोध करके सिद्धार्थ मलैया के द्वारा चुनाव लड़ने का मन बनाया गया था। लेकिन पार्टी से बात करने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। वही मुख्यमंत्री जयंत मलैया को पार्टे की आम सभा में ले जाने के लिए पहुंचे।

दमोह के कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ भाजपा करेगी इलेक्शन कमीशन में शिकायत

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मध्यप्रदेश के दमोह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का आचारसंहिता का उल्लंघन करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है। अजय टंडन आज अपने विधानसभा क्षेत्र में वोट खरीदते हुए नज़र आ रहे है। अपनी विधानसभा में खुले आम पैसे बाटते अपने लिए वोट मांग रहे है।

मध्यप्रदेश भाजपा ने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट करते हुए कहा है कि जब झूठे वादों पर बात नहीं चल पाती तो कांग्रेस अपने न्यूनतम स्तर पर उतर ही आती है। दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन नोट के जरिये जनता को खरीदने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दमोह की जनता समझदार है। कमलनाथ जी जनता भगवान है, बिकाऊ नहीं।

मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले दिन से पता है कि वो चुनाव बुरी तरह से हार रही है। इसीलिए पैसों का लालच देकर वोट खरीदने की कोशिश जारी है, लेकिन जनता कांग्रेस का असली चेहरा देख चुकी है। वो कांग्रेस के झूठे वादों और प्रलोभन में नहीं आएगी। सरकार इलेक्शन कमीशन में भी शिकायत दर्ज करने जा रही है।

साल 1984 में दमोह सीट कांग्रेस विधायक चंद्र नारायण टंडन के निधन के बाद रिक्त हो गया था। कांग्रेस ने उनके भतीजे अनिल टंडन को मैदान में उतारा था जो भाजपा उम्मीदवार जयंत मलैया से हार गए थे। मलैया की जीत ने उनके सियासी करियर को 2018 तक मजबूत बनाए रखा, तब तक वह भाजपा सरकार में मंत्री बने रहे। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दमोह उपचुनाव लोधी या मलैया के करियर को पुनर्जीवित करेगा, या किसी नए नेता को उभारेगा।

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