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विपक्ष के नेताओं और मुख्यमंत्रियों को ममता का पत्र, मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का लगाया आरोप

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्रीय सरकार द्वारा एजेंसियों के गलत पर चिंता व्यक्त की है।

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र अपने विरोधियों को निशाना बनाने और उन्हें घेरने के लिए ईडी, सीबीआई, सीवीसी और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है।

सीएम बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा, “हम शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही में विश्वास करते हैं, लेकिन हम भाजपा की इस राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

ममता ने आगे कहा कि भाजपा न्यायपालिका के एक निश्चित वर्ग को प्रभावित करने की कोशिश करके “इस देश के संघीय ढांचे” पर बार-बार हमला करने की कोशिश कर रही है।

राहत सामग्री चोरी करने के आरोप में शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ FIR दर्ज, जल्द गिरफ्तार करेगी पुलिस

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पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई पर सनसनीखेज आरोप लगे हैं आरोप है कि शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई ने नगरपालिका की राहत सामग्री को चोरी किया है जिसके विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांथी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने कहा कि हम जल्दी अधिकारी और उनके भाई को सम्मन जारी कर बुलाएंगे और जरूरत पड़ी तो गिरफ्तार करेंगे।


आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच की आधा बाद कोई नई नहीं है शुभेंदु अधिकारी पहले तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता हुआ करते थे और उन्हें ममता का बड़ा करीबी भी माना जाता था लेकिन विधानसभा चुनाव के ऐन पहले अधिकारी ने पाला बदल कर भाजपा को चुन लिया था उनके साथ अधिकारी के भाई और पिता भी भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन चुनाव में मिली करारी हार के बाद अधिकारी के सितारे गर्दिश में जाते दिखाई दे रहे हैं।

शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी को बहुत ही करीबी अंतर से चुनावी शिकस्त दी थी जिसके बाद से ही तृणमूल और भाजपा के कार्यकर्ताओं में कई बार झाड़ पर हुई जय f.i.r. भी उसी हार का बदला माना जा रहा है इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि ममता अधिकारी पर शिकंजा कसने के लिए अन्य कोई पैंतरा भी अपना सकती हैं।

बीते दिनों भी पश्चिम बंगाल में आए यास तूफान पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक बुलाई थी जिसमें राज्यपाल और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को भी बाद में बुलवा लिया गया था देश से नाराज होकर ममता ने उस बैठक में सिर्फ 2 मिनट के लिए जाकर और औपचारिकता अदा की थी इससे ही ममता और शुभेंदु अधिकारी के बीच बिगड़े रिश्ते की हकीकत नजर आती है।

हालांकि बाद में ममता ने इस पर सफाई भी दी थी और कहा था कि प्रधानमंत्री के प्रोटोकॉल के कारण मुझे आने में 35 मिनट की देरी हो गई थी जिस पर शुभेंदु अधिकारी ने पलटवार करते हुए कहा था कि मेरे पास ममता के खिलाफ आलोचना करने के लिए शब्द नहीं है उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान किया है।

तृणमूल कांग्रेस ने किए कई अहम बदलाव, ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का बढ़ा कद

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पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी में कई अहम बदलाव किए हैं इन बदलावों में प्रमुख रूप से एक आदमी एक पोस्ट के साथ भतीजे अभिषेक बनर्जी का भी कद बढ़ाया गया है, अब अभिषेक तृणमूल कांग्रेस युवा इकाई के अध्यक्ष से हटकर पार्टी के महासचिव बना दिए गए हैं।

गौरतलब है कि बीते कई दिनों से तृणमूल में नेतृत्व परिवर्तन की मांग लगातार उठ रही थी बीते विधानसभा चुनाव में भी कई नेताओं ने सुप्रीमो ममता बनर्जी पर दही आरोप लगाकर पार्टी छोड़ी थी हालांकि आरोपों से ममता को फायदा ही हुआ और वह पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब हो गई लेकिन फिर भी लगातार उठ रही मांगों के मद्देनजर ममता बनर्जी ने पार्टी में ‘वन पर्सन,वन पोस्ट’ का फार्मूला लागू करने की बात कही है।

इसी प्रकार अब ममता की पार्टी तृणमूल में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी का कद बढ़ा दिया गया है अभिषेक अभी तक सांसद होने के साथ-साथ तृणमूल की युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे लेकिन अब उनका कद बढ़ाकर बुआ ने उन्हें पार्टी का महासचिव घोषित कर दिया है जाहिर है कि अब अभिषेक पार्टी के अंदर बड़े फैसले ले सकते हैं।

वन पर्सन वन पोस्ट का फार्मूला लागू होने के बाद ममता बनर्जी भी टीएमसी सुप्रीमो के पद से हट सकते हैं वह अपने किसी विश्वस्त को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर खुद कार्यकारी अध्यक्ष बन सकती हैं जिससे पार्टी उनके पूर्ण नियंत्रण में चल सके।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के सियासी हालात लगातार बनते बिगड़ते रहते हैं भाजपा और उसका केंद्रीय नेतृत्व लगातार सरकार गिराने की कोशिश में व्यस्त है ममता बनर्जी ने कई बार राज्यपाल जयदीप धनखड़ पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं उसके बाद से ही यह चर्चा थी कि ममता अब पार्टी अपने दोस्तों को छोड़ कर सत्ता पर विशेष ध्यान देंगे जिससे बीजेपी अपनी किसी भी चाल में कामयाब ना हो सके।

West Bengal Election: ममता बनर्जी को चुनाव आयोग का झटका, बोला शुभेन्दु ही है नंदीग्राम सीट के असली ‘अधिकारी’

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बंगाल चुनाव की सबसे चर्चित सीट रही नंदीग्राम सीट(Nandigram) से हार के बाद आज टीएमसी(TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी(Mamata Banarji) को चुनाव आयोग(Election Commission) ने एक और बड़ा झटका दिया है।


ममता की सरकार में मंत्री रहे और कभी उनके करीबी माने वाले जाने वाले भाजपा उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी ने नजदीकी मुकाबले में दीदी को हरा दिया था।

हार के बाद TMC ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की थी लेकिन उस मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर कहा था कि रिटर्निंग ऑफिसर का फैसला अंतिम है और इसे केवल हाई कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है।

Election Commission ने मीडिया की उन रिपोर्ट्स को भी खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा है कि नंदीग्राम में दोबारा काउंटिंग होगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि “किसी विधानसभा क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) आरपी एक्ट, 1951 के तहत अर्ध-न्यायिक क्षमता में स्वतंत्र रूप से और चुनाव आयोग के गाइडलाइंस के आधार पर अपने काम को अंजाम देते हैं”। 

चुनाव आयोग के मुताबिक नियम के आधार पर यदि दोबारा गिनती की मांग की जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर उसे स्वीकार कर सकते हैं या असंगत लगने पर खारिज कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि आरओ के फैसले को आरपी एक्ट 1951 की धारा 80 के तहत चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है। 

आज जारी बयान में चुनाव आयोग ने कहा, ”नंदीग्राम में गिनती खत्म होने के बाद एक प्रत्याशी के इलेक्शन एजेंट ने दोबारा मतगणना की मांग की थी जिसे आरओ ने अपने सामने मौजूद तथ्यों को देखते हुए मौखिक आदेश में खारिज कर दिया। इसके बाद परिणाम की घोषणा की गई थी। ऐसे मामले में अब हाई कोर्ट में ईपी दायर करने का ही विकल्प बचता है। 

अपने दिए नारे पर भी अमल नहीं कर पाई BJP, 5 राज्यों को मिलाकर भी नही हुआ 200 पार

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देश में कोरोना का कहर बरकरार है। ऐसे में बीते दिनों 5 राज्यों में चुनाव हुए है । वहीं आज पश्चिम बंगाल, असम, केरल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी हद तक साफ हो चुके है। बंगाल में ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करती दिख रही है। असम में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए वापसी कर रही है। केरल में भी सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की वापसी हो रही हैम वहीं तमिलनाडु में सत्ता पलट रही है और कांग्रेस-डीएमके गठबंधन बहुमत से सरकार बना रही है। पुद्दुचेरी में अभी तक के रुझानों के अनुसार एनडीए सरकार बना रही है।

  • पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी हैट्रिक बनाने की ओर अग्रसर है। रुझानों में टीएमसी 208 सीटों की बढ़त के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। नंदीग्राम की सीट भी ममता बचाती नजर आ रही है। वहीं बीजेपी डबल डिजिट से भी कम महज 81 सीटों पर सिमटती दिख रही है। बीजेपी के तमाम बड़े नेता भी अपनी सीट हार रहे है।
  • असम में बीजेपी अपना गढ़ बचाने में कामयाब होती दिख रही है। रुझानों में सत्तारूढ़ एनडीए को 78 सीटों पर बढ़त मिली है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में बने महागठबंधन को 47 सीटों पर बढ़त हासिल हुई है। असम में सरकार बनाने के लिए 64 सीटों की जरूरत होती है।
  • तमिलनाडु में बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन है। यहां पिछले 10 सालों से एआईएडीएमके काबिज है। लेकिन इस बार यहां सत्ता पलट रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि की पार्टी डीएमके सत्ता पर काबिज होती दिख रही है।रुझानों में एआईएडीएमके गठबंधन महज 84 सीटों से आगे है जबकि डीएमके गठबंधन ने 149 सीटों पर बढ़त बना रखी है।
  • केरल में विधानसभा की 140 सीटें है। वर्तमान में यहां सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है।और इस बार भी एलडीएफ दोबारा सत्ता में आ सकती है। रुझानों में एलडीएफ 98 और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 41 सीटों से आगे है।वहीं तीसरे मोर्चे बीजेपी को एक ही सीट मिलती नजर आ रही है।
  • पुडुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है। कुल 30 सीटों वाले पुडुचेरी में एनडीए की सरकार बन सकती है। 12 सीटों पर आए रुझानों के अनुसार, यहां एनडीए 8 सीटे और यूपीए को 3 सीटे मिल रही है। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। चुनाव शुरू होने से कुछ महीने पहले यहां कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार गिर गई थी।

बंगाल चुनाव: खेला होबे, बीजेपी अपनी शतक से भी चूक गई

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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार तीसरी बार बनना लगभग तय हो गया है। रूझानों में ममता बनर्जी की पार्टी 202 सीटों पर आगे है।

ऐसे में कई बड़े नेताओं में ममता को बधाई दी है। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बधाई देते हुए ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की नफ़रत की राजनीति को हराने वाली जागरुक जनता, जुझारू नेता ममता बनर्जी व टीएमसी के समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई।

उन्होंने आगे लिखा कि ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष ‘दीदी ओ दीदी’ का जनता द्वारा दिया गया मुंहतोड़ जवाब है।

बता दे कि भाजपा ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव प्रचार किया था। वहीं देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में 200 सीटें जीतने की घोषणा की थी पर भाजपा 100 सीटें भी नहीं हासिल कर सकी।

बता दें कि 294 में बहुमत के लिए 147 सीटें चाहिए जबकि टीएमसी इससे कहीं आगे 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है।

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान, मतगणना शुरू हो चुकी है कुछ देर में दीदी को विदा कराने के आएंगे रुझान

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मध्य प्रदेश के गृहमंत्री और बंगाल चुनाव में 40 विधानसभा सीटों के प्रभारी नरोत्तम मिश्रा ने बयान देते हुए कहा कि मतगणना शुरू हो चुकी है कुछ देर में ही दीदी को विदा कराने के रुझान आने भी शुरू हो जाएंगे और शाम होते-होते दीदी बंगाल से विदा हो जाएंगी।

आपको बता दें कि आज पांच राज्यों में हुए चुनाव की मतगणना है जिसमें बंगाल असम पांडुचेरी केरल और तमिलनाडु शामिल है। आज इन 5 राज्यों की सरकारों का फैसला होना है।

बंगाल में भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के और गृहमंत्री अमित शाह के साथ पूरी मोदी केबिनेट और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत उनके पूरा मंत्रिमंडल बंगाल चुनाव में व्यस्त था इसके साथ ही आर एस एस ने भी अपने प्रचारक प्रत्येक विधानसभा सीटों पर छोड़ रखे थे जिससे भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया जा सके।

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भी बंगाल की 40 विधानसभा सीटों के प्रभारी बनाए गए थे जिसकी शुरुआत उन्होंने भोपाल से की थी जहां पर उन्होंने बंगाली समाज के लोगों का कार्यक्रम किया था और लोगों से अपने परिजनों रिश्तेदारों को भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की थी।

बंगाल चुनाव: बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राहुल गांधी ने रद्द की जनसभाएं, बाकी दलों से भी की ये अपील

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पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना संक्रमण से जनता की सुरक्षा के मद्देनजर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी सभी जनसभाएं रद्द कर दी हैं। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में विधानसभा का चुनाव हो रहा है जिसमें अब अंतिम चरण के ही चुनाव बचे हैं।

राहुल ने अन्य दलों के नेताओं से भी अपील की है कि वह भी पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर जनसभाएं करना बंद कर दें जिससे भीड़ ना बढ़े और कोरोना संक्रमण को रोका जा सके।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस और वामदलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है प्रधानमंत्री गृहमंत्री लगातार पश्चिम बंगाल में सभाएं कर रहे हैं तो उधर ममता बनर्जी भी सत्ता वापसी का पूरा जोर लगा रही हैं।

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं बीते दिनों कांग्रेस के 1 उम्मीदवार की कोरोनावायरस कारण मौत भी हो चुकी है यही कारण है कि राहुल गांधी ने अपनी आगामी सभी जनसभाएं कैंसिल कर दी हैं।

पश्चिम बंगाल में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है लेकिन चुनावों की आड़ में नेता कोरोनावायरस की गाइडलाइन का पालन नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण लोग अधिक मात्रा में संक्रमित हो रहे हैं।

बंगाल चुनाव की तैयारियां करते समय मध्यप्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री पर हुआ हमला

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बंगाल (bengal) में चुनाव(election) अपने चरम पर पहुच चुका है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर हमले का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। CJI एसए बोबडे (SA Bobde) की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच आज (शुक्रवार) सुनवाई करेगी। इसी बीच में मध्य प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनिस एवं भाजपा प्रत्याशी रुद्रनील घोष पर बंगाल की भवानीपुर विधानसभा में हमला होने की खबर सामने आ रही है।

बंगाल में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आज रोड शो है। और इसी संबन्ध में अर्चना चिटनिस तैयारियों का जायजा ले रही थी। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी के गुंडों ने आकर उनपर हमका बोल दिया और पथराव किया।

बताया जा रहा है कि 2 दर्जन से अधिक भाजपा कार्यकर्ता घायल हुए है । यह तक बताया जा रहा है कि काफिले में शामिल सभी गाड़ियां में तोड़फोड़ भी की गई है। केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ साथ बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने घटना की जानकारी मिलते से ही थाने पर पहुंचे के घेराव कर दिया है।

बंगाल विधानसभा चुनाव: साथ लड़ेंगे कांग्रेस- लेफ्ट, सीटों को हुआ बटवारा

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बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों में गठबंधन को लेकर चल रही चर्चाओं ने अंतिम रूप ले लिया है। विधानसभा की 193 सीटों को लेकर कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ बंटवारा कर लिया है। इन 193 सीटों में से 101 पर लेफ्ट पार्टियां और 92 पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। वहीं बाकी सीटों के लिए अगली बैठक में फैसला किया जाएगा।

बता दें कि कांग्रेस ने 2016 के बंगाल विधानसभा चुनाव में भी वाममोर्चा के साथ गठबंधन किया था। जहां माकपा 148 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 26 सीटों पर उसे जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस ने 92 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें उसे 44 सीटों पर जीत मिली थी।

इसके अलावा वामदलों के सहयोगी के तौर पर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ कर दो सीटें जीती थी। सीपीआई 11 सीटों पर चुनाव लड़कर 1 सीट जीती थी। इसके अलावा रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी 19 सीटों पर चुनाव लड़कर 3 सीटें जीती थी।

इस तरह से देखें तो 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस वाम मोर्चे के गठबंधन में सबसे अधिक फायदा कांग्रेस को ही हुआ था। कांग्रेस पार्टी ने मात्र 92 सीटों पर चुनाव लड़कर 44 सीटें जीती, जबकि वामपंथी दल 202 सीटों पर चुनाव लड़कर मात्र 32 सीटें ही जीत पाए थे। 44 सीटें जीतने के कारण कांग्रेस को विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी मिला था। इसके बाद कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन टूट गया था और 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थी।

वहीं, इस बार कांग्रेस और लेफ्ट ने फैसला किया था कि साल 2016 के चुनाव में जीती हुई अपनी-अपनी सीटों पर कांग्रेस और लेफ्ट के प्रत्याशी उतरेंगे। इस तरह कांग्रेस को अपनी जीती हुई 44 सीटों के साथ 92 सीटें मिली है और लेफ्ट को अपनी जीती हुई 33 सीटों के साथ 101 सीटें मिली है।इसके बाद बाकी बची सीटों पर अभी पेच फंसा हुआ है, जिस पर दोनों दलों के साथ सहमति बनने बाद बंटवारे का ऐलान होगा। इससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस इस बार बंगाल में पिछले चुनाव से ज्यादा सीटों पर किस्मत आजमाएंगी।