बंगाल चुनाव की सबसे चर्चित सीट रही नंदीग्राम सीट(Nandigram) से हार के बाद आज टीएमसी(TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी(Mamata Banarji) को चुनाव आयोग(Election Commission) ने एक और बड़ा झटका दिया है।
ममता की सरकार में मंत्री रहे और कभी उनके करीबी माने वाले जाने वाले भाजपा उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी ने नजदीकी मुकाबले में दीदी को हरा दिया था।
हार के बाद TMC ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की थी लेकिन उस मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर कहा था कि रिटर्निंग ऑफिसर का फैसला अंतिम है और इसे केवल हाई कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है।
Election Commission ने मीडिया की उन रिपोर्ट्स को भी खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा है कि नंदीग्राम में दोबारा काउंटिंग होगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि “किसी विधानसभा क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) आरपी एक्ट, 1951 के तहत अर्ध-न्यायिक क्षमता में स्वतंत्र रूप से और चुनाव आयोग के गाइडलाइंस के आधार पर अपने काम को अंजाम देते हैं”।
चुनाव आयोग के मुताबिक नियम के आधार पर यदि दोबारा गिनती की मांग की जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर उसे स्वीकार कर सकते हैं या असंगत लगने पर खारिज कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि आरओ के फैसले को आरपी एक्ट 1951 की धारा 80 के तहत चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है।
आज जारी बयान में चुनाव आयोग ने कहा, ”नंदीग्राम में गिनती खत्म होने के बाद एक प्रत्याशी के इलेक्शन एजेंट ने दोबारा मतगणना की मांग की थी जिसे आरओ ने अपने सामने मौजूद तथ्यों को देखते हुए मौखिक आदेश में खारिज कर दिया। इसके बाद परिणाम की घोषणा की गई थी। ऐसे मामले में अब हाई कोर्ट में ईपी दायर करने का ही विकल्प बचता है।