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‘व्यापम घोटाले’ के मुख्य आरोपी का अधूरा सपना पूरा करेंगे सिंधिया, कांग्रेस बोली क्या ‘बड़ी मछलियों को जेल भिजवा पाएंगे महाराज’

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मध्यप्रदेश के बहुचर्चित ‘व्यापम घोटाले’ के मुख्य आरोपी का सपना पूरा करने की बात कहकर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया घिरते नजर आ रहे हैं। सिंधिया ने मीडिया से बातचीत में व्यापम के मुख्य आरोपी रहे लक्ष्मीकांत शर्मा के सपनों को पूरा करने की बात कही है जिसपर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए पूछा है ‘ लक्ष्मीकांत तो आजीवन कहते रहे ‘मैं व्यापम की छोटी मछली हूँ असल खिलाड़ी कोई और है क्या उन बड़ी मछलियों पर कार्यवाही की हिम्मत जुटा पाएंगे महाराज?’।

ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान साभार- खबर मध्यप्रदेश

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर पलटवार करते हुए मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के मीडिया विभाग अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने लिखा “महाराज का कहना है कि वह लक्ष्मीकांत शर्मा जी के सपनों को पूरा करेंगे,महोदय स्व लक्ष्मीकांत शर्माजी आखरी दम तक खुद को व्यापम महा घोटाले के मैं निर्दोष बताते रहे कहते रहे मैं तो छोटी मछली हूं असली खिलाड़ी तो कोई और है,उनकी अंतिम इच्छा उस खिलाड़ी को जेल भेजने की थी”

मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के मीडिया विभागाध्यक्ष विवेक त्रिपाठी का ट्वीट

सिंधिया के इस बयान पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार नरेंद्र सलूजा ने एक मीडिया बाईट ट्विटर पर पोस्ट लड़ते हुए लिखा ‘ स्व. लक्ष्मीकांत शर्मा जी के अधूरे सपनों को हम पूरा करेंगे- सिंधिया’

कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का ट्वीट

कौन है लक्ष्मीकांत शर्मा

लक्ष्मीकांत शर्मा आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उनका बीते दिनों ही कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया था। वह शिवराज सरकार में जनसंपर्क मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। शर्मा व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपी रहे हैं, जिसके जिसके कारण उन्हें भोपाल सेंट्रल जेल में भी रहना पड़ा था। शर्मा का नाम हनीट्रैप मामले में भी सामने आया था। वह हनीट्रैप मामले की सरगना श्वेता जैन के साथ रंगरेलियां मनाते हुए पाए गए थे, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

क्या कहा सिंधिया ने?

ज्योतिरादित्य सिंधिया व्यापम के मुख्य आरोपी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत शर्मा के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त करने उनके भाई और भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा के निवास सिरोंज पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने लक्ष्मीकांत के अधूरे सपनों को पूरा करने की बात कही है।

इसलिए मजे ले रही है कांग्रेस

मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद जैसे ही प्रदेश से कांग्रेस की सरकार गई, कांग्रेस हर मौके पर सिंधिया के खिलाफ हमलावर रहती है। यही कारण है कि वह सिंधिया के छोटे से छोटे मूवमेंट पर भी अपनी पूरी नजर रहती है। अब जब सिंधिया ने व्यापम के मुख्य आरोपी लक्ष्मीकांत शर्मा के अधूरे सपनों को पूरा करने की बात कही तो भला कांग्रेस कैसे पीछे रहती।

क्या है व्यापम घोटाला

व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश का एक बहुत बड़ा घोटाला है। जिसमें शासकीय नौकरियों की तैयारी कर रहे युवाओं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ एक भयानक खिलवाड़ हुआ था। व्यापम में 50 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई थी। हजारों लोगों की गिरफ्तारियां हुई थी। इसमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री और तत्कालीन राज्यपाल तक भी ‘जांच की आंच’ पहुंची थी। जिसके बाद इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था जो आज तक लंबित है।

राहुल गांधी के विरोध के बाद हरकत में आई दिल्ली सरकार, जाने क्या है पूरा मामला?

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के विरोध के बाद हरकत में आई दिल्ली सरकार ने जीबी पंत अस्पताल द्वारा नर्सिंग स्टॉफ के ‘मलयालम’ बोलने पर रोक लगाने के कड़ा एतराज जताया है और अस्पताल प्रशासन को अपने आदेश को तुरंत वापस करने का निर्देश दिया है।

दरअसल मामला दिल्ली के जी बी पंत अस्पताल से जुड़ा हुआ है जहां पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा नर्सिंग स्टाफ के मलयालम बोलने पर रॉक लगाई गई थी उनसे हिंदी अंग्रेजी में बात करने का कहा गया था लेकिन इसकी खबर जैसे ही कांग्रेस के केरल से सांसद राहुल गांधी को पड़ी उन्होंने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए ट्वीट किया जिसके बाद फौरन दिल्ली सरकार ने जीबी पंत अस्पताल को नोटिस भेजकर ऐसे फिजूल के आदेश को वापस लेने का निर्देश दिया।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल प्रशासन से इससे संबंधित आदेश वापस लेने के लिए कहा था उन्होंने इस तरह का आदेश जारी करने के लिए जीबी पंत अस्पताल के एमएस को नोटिस भी जारी किया और पूछा है कि इस तरह का आदेश कैसे जारी किया गया।

नर्सिंग स्टॉफ के मलयालम बोलेने के बैन मामले पर जीबी पंत नर्सेस एसोसिएशन के प्रेसिडेंट लीलाधर रामचंदानी ने बताया कि दिल्ली सचिवालय से एक शिकायत फॉरवर्ड होकर नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट के पास आई थी शिकायत में यह कहा गया था कि नर्सिंग स्टाफ अपनी लोकल भाषा मलयालम में बात करते हैं. शिकायतकर्ता ने कहा था इससे मरीजों को उनकी बात समझने में परेशानी होती है.

उसी आधार पर ये सर्कुलर जारी किया गया था, जिसे मेडिकल डायरेक्टर की जानकारी में आने के बाद वापस ले लिया गया है. उन्होंने दावा किया कि नर्सिंग स्टाफ में आपस में धर्म या भाषा को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है. रामचंदानी ने कहा कि हम लोग एकजुटता के साथ काम कर रहे हैं और करते रहेंगे।

आपको बता दें कि जीबी पंत अस्पताल की ओर से एक दिन पहले ही यह आदेश जारी किया गया था कि बातचीत के लिए नर्सिंग स्टाफ केवल हिंदी या अंग्रेजी भाषा में ही बात करेंगे. इन दो भाषाओं को छोड़कर किसी अन्य भाषा में बात करते पाए जाने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई थी।

कमलनाथ का शिवराज सरकार पर निशाना, कहा- प्रदेश में पनप रहा है ‘खाद-बीज माफिया’

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प्रदेश में लगातार बढ़ रहे नकली खाद-बीज के मामलों पर संज्ञान लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोरोना महामारी के समय उपजे कोविड माफिया के बाद अब प्रदेश मे ‘खाद-बीज माफिया’ पनप रहा है जो किसानों की समस्या बढ़ा रहा है। इसपर सरकार को जल्द कार्यवाही करनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि “मध्यप्रदेश में किसान पहले से ही सोयाबीन व मूँग की फसल के लिये बीजों की भारी कमी से परेशान है , इसकी आसमान छूती क़ीमतों से परेशान है और अब प्रदेश में नक़ली खाद- बीज के मामले रोज़ सामने आ रहे है ? शिवराज सरकार में इस कोरोना महामारी में “कोविड माफिया” के बाद सामने आया ये नया “खाद- बीज माफिया“ संकट के इस दौर में किसानो की परेशानी को और बढ़ा रहा है ?”

कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “सरकार तत्काल कड़े कदम उठाकर इस माफिया पर कड़ी कार्यवाही कर इस अवैध व्यापार पर रोक लगाये। पहले के माफियाओ का तो सभी को पता है कि वो आज तक ना गढ़े है , ना टंगे है , ना लटके है ? ये बाते भी अन्य बातों की तरह जुमला ही साबित हुई है।”

कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों पर बोले पीसी शर्मा, कहा अलग से देने चाहिए 4 लाख

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भोपाल: प्रदेश में कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि ऐसे बेसहारा बच्चों के लिए अलग से हॉस्टल बनाना चाहिए। जहां उनकी शिक्षा और रहने की व्यवस्था की जाए।

अपनी बात को आगे बढ़ते हुए उन्होंने यह भी कहा कि हमारे नेता कमलनाथ ने पहले ही मांग की थी कि ऐसे परिवारों को चार लाख रुपये की मदद राशि दी जाए। कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रकोप को लेकर पूर्वमंत्री शर्मा ने आगे यह भी बोला की अस्पताल में इलाज नहीं मिल रहा है और लगातार मौतें हो रही है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश बेसहारा बच्चों की मदद करने वाला पहला राज्य बन गया है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिन बच्चों के सर से मां-बाप का साया हट चुका है, उनके मदद के लिए आगे आए और कुछ अहम फैसले लिए हैं। सरकार ने फैसला किया है कि अब उन बच्चों को प्रति महीना 5 हज़ार रुपए पेंशन दी जाएगी।

इसके साथ साथ उन सभी बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी मध्‍य प्रदेश सरकार उठाएगी। यही नहीं अनाथ हुए परिवारों को हर महीने राशन देने का भी वादा किया है। इस बात की जानकारी CMO मध्य प्रदेश ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक वीडियो ट्वीट कर दी है।

कांग्रेस की मांग मध्यप्रदेश में लगाया जाए राष्ट्रपति शासन

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मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अब्बास हफ़ीज़ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की है।

अब्बास ने पत्र में लिखा है कि मध्य प्रदेश में कोरोना से हालात बेक़ाबू हो गए हैं लेकिन सरकार दमोह उपचुनाव में व्यस्त है, कांग्रेस प्रवक्ता का आरोप है कि जिन लोगों की जवाबदेही जनता के प्रति होना चाहिए वो चाहे मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया हों जो कभी दमोह तो कभी बंगाल में प्रचार करते दिखाई देते हैं या फिर स्वास्थ्य मंत्री जो उपचुनाव में तो घर घर जा कर प्रचार कर रहे हैं लेकिन आम जनमानस की सुध लेने का वक्त उनके पास नही है। ऐसे हालात में सरकार का बने रहना उचित नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज का पत्र



अब्बास ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की जगह पर प्रेस में आ के बयान देने पर भी सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री के रोज़ाना के पौधा रोपण पर भी कटाक्ष करते हुए लिखा है कि शहर के प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर ऐसे हालात में पौधा लगाना ठीक नहीं है।

अब्बास हफ़ीज़ का कहना है कि “मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में ऑक्सिजन की भारी कमी है और लोग परेशान हैं पर सरकार की प्राथमिकता चुनाव है तो ऐसे हालात में जनता के लिए सरकार किस काम की, महामहिम को ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और राष्ट्रपति शासन लगा के मध्य प्रदेश की जनता की जान बचानी चाहिए”।

भोपाल में मौत के आंकड़ों पर बड़ा खेल कर रही है सरकार!

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मध्यप्रदेश में कोरोना बेकाबू हो चुका है हालात यह हैं कि मरीज के बेहतर इलाज के लिए न तो सरकार के बेड की समुचित व्यवस्था है और न ही ऑक्सीजन सिलेंडर की यह आरोप हम नही प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगा रही है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कई बार सार्वजनिक मंचों और ट्विटर के माध्यम से सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं लेकिन उसके बाद भी सरकार को कोई फर्क नही पड़ रहा है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब दमोह में मीडिया वालों ने सवाल किया कि दमोह छोड़ पूरे प्रदेश में लॉकडाउन क्यों लगाया जा रहा है तो मुख्यमंत्री ने ऐसा जवाब दिया कि मीडिया वाले ही सन्न रह गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दमोह उनके अधिकार क्षेत्र में नही आता अभी वह इलेक्शन कमीशन के अंतर्गत है।

यही हाल राजधानी भोपाल के श्मशान घाटों का भी है जहाँ पर हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब तो मुर्दे जलाने तक की जगह नहीं बची है कई शमशान घाटों और कब्रिस्तान ने तो शासन प्रशासन से भी गुहार लगाई है कि उनके यहा न तो मुर्दा जलाने के लिए लकड़ी है न ही इतनी जगह की मुर्दा दफन किया जा सके।

कैसे खेल खेल रहा है प्रशासन?

राजधानी में रविवार का दिन जिलेवासियों के लिए कहर बनकर टूटा आज भोपाल में कोरोना से कुल मौते 66 हुई है जिसमे भदभदा विश्राम घाट में 39, सुभाष नगर विश्राम घाट में 23 और झदा कब्रिस्तान में 4 लोगों का कोरोना गाइड लाइन से अंतिम संस्कार किया गया है लेकिन मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थय संचालनालय द्वारा जारी बुलेटिन में आज शाम 6 बजे तक भोपाल में सिर्फ 1 मौत होना बताया जा रहा है जबकि ये सभी 66 अंतिम संस्कार सुबह से शाम के बीच के ही हैं।

स्वास्थ्य विभाग का बुलेटिन जिसमे सिर्फ 1 मौत दर्शाई गई है।

राजधानी में 4 दिन में कोरोना हुई हैं इतनी मौत

भोपाल में बीते 4 दिनों में कोरोना गाइडलाइन द्वारा 208 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है जबकि शासन 8 मौते दर्शाने से भी कतरा रहा है।

भाजपा को झटका,दमोह उपचुनाव से ठीक पहले भाजपाइयों ने ली कांग्रेस की सदस्यता

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मध्यप्रदेश के दमोह में उपचुनाव का बिगुल बजते ही दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत चुनाव जीतने में लगा दी है।

एकतरफ जहाँ भाजपा ने अपने सभी बड़े और प्रमुख नेताओं मसलन केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा,दमोह के प्रभारी मंत्रीद्वय भूपेंद्र सिंह,गोपाल भार्गव समेत लगभग 30 विधायकों को जीत सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी दी है

तो दूसरी तरह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी इस सीट को वापस पाने के लिए कमर कस ली है कमलनाथ ने लगभग 30 विधायकों और पूर्व मंत्रियों की टीम समेत समस्त मोर्चा संगठनों के प्रमुखों को दमोह में कैम्प करने के निर्देश दिए हैं।

आज इसी क्रम में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के नेतृत्व में दमोह के लगभग 20 से ज्यादा उन भाजपा के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में शामिल करवा लिया जो भाजपा की जीत में निर्णायक भूमिका अदा करते रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले दिनों हुई मुख्यमंत्री की रैली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मुकेश नायक के भाई ने कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा जॉइन कर ली थी आज उसी का पलटवार करते हुए कांग्रेस ने भी भाजपा के कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करवा लिया।

मध्यप्रदेश कांग्रेस में हो सकता है जल्द ही बड़ा बदलाव, युवाओं को मौका देने के मिले संकेत

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2018 विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर सरकार बनाने वाली कांग्रेस जो बमुश्किल 15 महीनों में ही अपनी सरकार गिरवा चुकी है ऐसे में केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व ने मध्य प्रदेश कांग्रेस में जल्द ही बड़े बदलाव करने के संकेत दिए हैं।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सूत्रों की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ जल्द ही संगठन में बड़े बदलाव कर सकते हैं इसके पीछे कमलनाथ की मंशा है कि संगठन को भाजपा से टक्कर देने के योग्य बनाया जा सके।

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव संजय कपूर,कुलदीप इंदौरा,सी पी मित्तल और सुधांशु त्रिपाठी ने आज कमलनाथ से मिलकर अपनी विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंप दी है जिसके बाद से संभावना जताई जा रही है कि कमलनाथ इस रिपोर्ट के दम पर जल्द बड़े बदलाव कर सकते हैं।

प्रदेश प्रभारियों ने कमलनाथ को सौंपी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 20 से ज्यादा जिला अध्यक्ष निष्क्रिय हैं जिसके कारण से संगठन उस मजबूती से काम नहीं कर पा रहा है जिस दिशा से विपक्ष में संगठन को काम करना चाहिए यही कारण है कि कमलनाथ ऐसे 20 जिला अध्यक्षों के जल्द से जल्द पद मुक्त करने की योजना बना सकते हैं।

इन सभी से प्रभारियों ने कमलनाथ को युवा नेतृत्व को मौका देने की भी बात कही है इसके पीछे सभी प्रभारियों का तर्क है कि अगर हम युवा नेतृत्व को मौका देंगे तो हम ज्यादा मजबूती से संगठन को खड़ा कर सकते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के नेतृत्व में युवक कांग्रेस करेगी राजभवन का घेराव- विवेक त्रिपाठी

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मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया बताया कि कल होने वाले कांग्रेस पार्टी के राजभवन घेराव में युवक कांग्रेस अपने अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगी।

श्री त्रिपाठी ने बताया कि कल 23 तारीख को कांग्रेस पार्टी किसानों के सम्मान में अपना समर्थन देते हुए राजभवन का घेराव करेगी जिसमें प्रदेशभर से आए युवक कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भारी संख्या में शामिल होंगे।

त्रिपाठी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी ने युवक कांग्रेस को किसानों की लड़ाई में मजबूती के साथ खड़ा रहने का निर्देश दिया है जिसका पालन करते हुए कल युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया जी के नेतृत्व में अपना समर्थन कांग्रेस पार्टी और किसानों को देगी।

श्री त्रिपाठी के अनुसार आज इसी विषय पर चर्चा करने के लिए मैंने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के निवास पर उनसे मिलकर चर्चा की है जिसमें श्री कमलनाथ जी ने आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए हैं।

श्री त्रिपाठी ने बताया कि कल होने वाले राजभवन घेराव के लिए युवक कांग्रेस ने आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली है पूरे प्रदेश भर से हमारे कार्यकर्ता,पदाधिकारी और नेता भोपाल पहुंच चुके हैं उनसे आगामी रणनीतियों पर चर्चा भी हो चुकी है हम कल इस गूंगी बहरी सरकार के खिलाफ किसानों की आवाज को बुलंद करने अपना मोर्चा खोलेंगे।

प्रदेश जहरीली शराब और मौतों से आक्रांत है और मंत्री आनलाईन शराब नीति बना रहे हैं-भूपेंद्र गुप्ता

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मध्यप्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर तीखा हमला किया है कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने महामहिम राज्यपाल महोदया को पत्र लिखकर कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार अपनी लय और ताल खो चुकी है। नीतिगत फैसलों की घोषणाएं बिना कैबिनेट में जाये हो रही हैं जिस मंत्री के मुंह में जो आ रहा है उसकी घोषणा की जा रही है जो जंगलराज की शुरुआत है।


गुप्ता ने महामहिम से अपेक्षा की है कि मध्य प्रदेश के प्रशासन और शासन को अनुशासित करने हेतु निर्देशित करे ताकि वे ऐसी नीतिगत घोषणाएं ना करें जिन्हें उन्हें तत्काल वापस लेना पड़े।

गुप्ता ने स्मरण कराया कि मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री ने प्रदेश में मांस की दुकानें बंद करने की घोषणा कर दी यह नीतिगत फैसला है किंतु आधे घंटे बाद ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा इस फैसले को रद्द करने की घोषणा कर दी गई। और मुख्यमंत्री को पता ही नहीं चला।

गुप्ता ने कहा कि इसी तरह कृषि मंत्री कभी मंडियों में पेट्रोल पंप चालू करने की घोषणा करते हैं तो कभी किसान क्लीनिक बनाने की घोषणा कर देते हैं जबकि मध्य प्रदेश के 12 सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 600 में डॉक्टर ही नहीं है,लगभग 2000 चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं।

गुप्ता के अनुसार कृषि मंत्री ने किसानों को आधे दाम पर दवायें देने की घोषणा भी कर दी जबकि सरदार पटैल स्वाथ्य योजना में सरकार मुफ्त दवा वितरण की घोषणा कर चुकी है।

गौरतलब है कि दल बदल कानून के तहत मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने एक्सेप्ट कर लिया है जिस से उत्साहित कांग्रेस सरकार पर हमला करने से चूक नहीं रही है कांग्रेस को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस के पक्ष में फैसला देगी और एक बार पुनः प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी इसके संकेत पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कल आयोजित एक पत्रकार वार्ता में भी दिए हैं।