सीधी के विक्रांत सिंह परिहार ने रौशन किया जिले का नाम, 20 साल की उम्र में बने किकबॉक्सिंग के कोच

कहते हैं पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब. लेकिन आज के दौर में यह कहना अप्रासंगिक हो गया है. अब पढ़ाई लिखाई के साथ ही खेल कूद भी करियर का अहम हिस्सा हो गया है. लोग न सिर्फ मनोरंजन के लिए बल्कि बतौर करियर भी खेल के चुनने लगे हैं. छोटे-छोटे शहरों के बच्चे भी अब खेल में बड़ा नाम कर रहे हैं. ऐसा ही एक नाम है विक्रांत सिंह परिहार का. विक्रांत ने अपने जिले सीधी का नाम रौशन किया है. 20 साल की उम्र में ही वो किकबॉक्सिंग के कोच बन गए हैं.

विक्रांत सिंह परिहार सीधी जिले के निवासी हैं जो कि पिछले 8 सालों से निरंतर मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण लेते आ रहे हैं एवं taekwondo खेल विधा में उनका उच्च स्तरीय प्रदर्शन रहा है. सीधी का यह लाल केवल मार्शल आर्ट्स ही नहीं अपितु कई अन्य खेल विधाओं जैसे- भारोत्तोलन, hammer थ्रो (तार गोला फेक), हैंड बाल, बास्केटबॉल इत्यादि में भी इन्होंने निपुणता हासिल की है।

राज्य किकबॉक्सिंग ट्रेनिंग कैंप सम्पन्न

बता दें कि वाको इंडिया किकबॉक्सिंग फेडरेशन को खेल मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता मिलने के बाद पहली बार वाको एमपी, किकबॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ मध्य प्रदेश के तत्वाधान में इंदौर जिला किकबॉक्सिंग एसोसिएशन द्वारा किकबॉक्सिंग कोच प्रशिक्षण शिविर का आयोजन संपन्न हुआ. उक्त जानकारी देते हुए किकबॉक्सिंग एसो. ऑफ मध्य प्रदेश के सचिव मनीष आर्य ने बताया कि शिविर में मध्य प्रदेश राज्य के विभिन्न जिलों के किकबॉक्सिंग कोच ने भाग लिया. किकबॉक्सिंग हाई एटीट्यूड प्रशिक्षण शिविर में मास्टर सईद आलम ने किकबॉक्सिंग के सभी इवेंट्स की थ्योरी और प्रैक्टिकल अभ्यास काराया, कोचेस को एडवांस स्किल सीखने का मौका मिला. जिससे वे अपने जिलों के खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग दे सकेंगे।

राज्य कोच डिप्लोमा प्रमाण पत्रधारी है विक्रांत

विक्रांत को किकबॉक्सिंग कोच विनोद सोंडवले एवं अब्दुल राशिद ने अलग-अलग इवेंट की ट्रेनिंग दी है। शिविर के आखिरी चरण में कोचेस परीक्षा आयोजित हुई, जिसमे सीधी जिले से विक्रांत सिंह परिहार, रीवा से लकी प्रसाद पटेल, इंदौर से जावेद हुसैन, आयुष मौर्य तथा प्रियंका कांबले ने सफलता अर्जित की साथ ही सफल कोचेस को राज्य कोच डिप्लोमा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

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