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कमलनाथ का शिवराज सरकार पर निशाना, कहा- प्रदेश में पनप रहा है ‘खाद-बीज माफिया’

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प्रदेश में लगातार बढ़ रहे नकली खाद-बीज के मामलों पर संज्ञान लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोरोना महामारी के समय उपजे कोविड माफिया के बाद अब प्रदेश मे ‘खाद-बीज माफिया’ पनप रहा है जो किसानों की समस्या बढ़ा रहा है। इसपर सरकार को जल्द कार्यवाही करनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि “मध्यप्रदेश में किसान पहले से ही सोयाबीन व मूँग की फसल के लिये बीजों की भारी कमी से परेशान है , इसकी आसमान छूती क़ीमतों से परेशान है और अब प्रदेश में नक़ली खाद- बीज के मामले रोज़ सामने आ रहे है ? शिवराज सरकार में इस कोरोना महामारी में “कोविड माफिया” के बाद सामने आया ये नया “खाद- बीज माफिया“ संकट के इस दौर में किसानो की परेशानी को और बढ़ा रहा है ?”

कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “सरकार तत्काल कड़े कदम उठाकर इस माफिया पर कड़ी कार्यवाही कर इस अवैध व्यापार पर रोक लगाये। पहले के माफियाओ का तो सभी को पता है कि वो आज तक ना गढ़े है , ना टंगे है , ना लटके है ? ये बाते भी अन्य बातों की तरह जुमला ही साबित हुई है।”

भाजपा की दहलीज तक पहुँचा कोरोना,10 दिनों के लिए बन्द किया गया कार्यालय

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भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही दमोह उपचुनाव के लिए खूब रैलियां और नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं अब भाजपा को भी कोरोनावायरस सताने लगा है।

प्रदेश भाजपा दमोह में भले ही कोरोना से इंकार कर रही हो लेकिन उसी भाजपा ने भोपाल में तेजी से बढ़ते को रोना वायरस के संक्रमण बचने के लिए भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आमजन के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

खबरों के अनुसार कोरोना संक्रमण के भय से भाजपा ने 10 दिनों के लिए प्रदेश मुख्यालय को बंद करवा दिया है। उसके दोनों दरवाजे पूर्णता बंद रहेंगे किसी भी बाहरी व्यक्ति को कार्यालय के अंदर आने की अनुमति नहीं रहेगी।

सूत्रों की माने तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को आशंका है कि हम भले ही चुनाव जीतने के लिए दमोह में कोरोनावायरस से ना नुकुर करते रहें। लेकिन वास्तव में कोरोनावायरस बड़ी तेजी से फैल रहा है। यही कारण है कि भाजपा ने अपने नेताओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेश कार्यालय को बंद करा दिया है।

भाजपा को झटका,दमोह उपचुनाव से ठीक पहले भाजपाइयों ने ली कांग्रेस की सदस्यता

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मध्यप्रदेश के दमोह में उपचुनाव का बिगुल बजते ही दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत चुनाव जीतने में लगा दी है।

एकतरफ जहाँ भाजपा ने अपने सभी बड़े और प्रमुख नेताओं मसलन केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा,दमोह के प्रभारी मंत्रीद्वय भूपेंद्र सिंह,गोपाल भार्गव समेत लगभग 30 विधायकों को जीत सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी दी है

तो दूसरी तरह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी इस सीट को वापस पाने के लिए कमर कस ली है कमलनाथ ने लगभग 30 विधायकों और पूर्व मंत्रियों की टीम समेत समस्त मोर्चा संगठनों के प्रमुखों को दमोह में कैम्प करने के निर्देश दिए हैं।

आज इसी क्रम में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के नेतृत्व में दमोह के लगभग 20 से ज्यादा उन भाजपा के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में शामिल करवा लिया जो भाजपा की जीत में निर्णायक भूमिका अदा करते रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले दिनों हुई मुख्यमंत्री की रैली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मुकेश नायक के भाई ने कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा जॉइन कर ली थी आज उसी का पलटवार करते हुए कांग्रेस ने भी भाजपा के कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करवा लिया।

विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी को लगा एक और झटका, अब इस मंत्री ने दिया इस्तीफा

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पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले TMC अध्यक्ष और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक और झटका लगा है अब की बार एक और मंत्री ने ममता का साथ छोड़कर अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

ममता सरकार के वन मंत्री राजू बनर्जी ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजकर पार्टी सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है 17 दिनों में ऐसा करने वाले वह दूसरे मंत्री हैं।

बता दें कि इसके पहले ममता सरकार के खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी अपना इस्तीफा ममता बनर्जी को भेज दिया था जिसके 17 दिन बाद वन मंत्री ने भी अपना इस्तीफा ममता सरकार को और राज्यपाल को भेज दिया है।

पिछले 1 महीने में पश्चिम बंगाल के तीन मंत्रियों ने सरकार से रुष्ट होकर अपना इस्तीफा दे दिया है जिसकी शुरुआत शुभेंदु अधिकारी से हुई थी शुभेंदु अधिकारी के बाद लक्ष्मी रतन शुक्ला और अब राजीव बनर्जी के इस्तीफे से ममता सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

गौरतलब है कि ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान दिया था कि हम चाहें तो 1 दिन में सरकार गिरा सकते हैं।

नारायण त्रिपाठी से खफा हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष,इस मुद्दे पर लगाएंगे क्लास

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भोपाल:- अपनी बेबाकी के लिए पहचाने जाने वाले मैहर विधानसभा के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा रुष्ट दिखाई दे रहे हैं बीडी शर्मा ने नारायण को उनके ऐसे ही कारनामों से परेशान होकर मिलने के लिए बुलावा भिजवाया है।

आपको बता दें कि नारायण त्रिपाठी इससे पहले भी कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं और अपनी अलग टाइप की ही राजनीति हमेशा से करते आए हैं।

इस बार नारायण ने विंध्य प्रदेश को अलग बनाने की मांग को लेकर पूरे विंध्य क्षेत्र में आंदोलन छेड़ रखा है इसके पीछे नारायण की मंशा है कि विंध्य एक बड़ा भूभाग है और उसे मध्य प्रदेश से अलग नया प्रदेश बनाया जाना चाहिए नारायण ने इसके पक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेई के उस बयान को भी हर जगह कोट किया है जिसमें उन्होंने कहा था की हमें भारत में छोटे राज्य बनाये जाना चाहिए।

गौरतलब है कि मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने विंध्यप्रदेश को अलग प्रदेश बनाने के लिए सतना,रीवा, सीधी,सिंगरौली समेत विंध्य क्षेत्र के सभी जिलों में मीटिंग चर्चाएं शुरू कर दी हैं नारायण इन सब के बाद एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है जिससे विंध्य प्रदेश के अलग गठन को मजबूती मिल सके।

इसी कारण से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने त्रिपाठी को तलब करके उनसे विंध्यप्रदेश बनाने के मुद्दे पर जवाब मांगा है भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर से जब मीडियावालों ने यह सवाल किया तो पाराशर इस सवाल से बचते नजर आए यही कारण है कि दूसरे ही दिन नारायण को भाजपा कार्यालय से एक नोटिस मिला है जिसमें उन्हें प्रदेशअध्यक्ष से बंद कमरे में बात करने के लिए कहा गया है।

विंध्य प्रदेश की मांग कोई नई मांग नहीं है यह मध्यप्रदेश के गठन के साथ ही चालू हो गई थी विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी भी अलग विंध्य प्रदेश बनाने के पक्षधर थे तिवारी का तर्क था कि बघेलखंड और बुंदेलखंड और उससे जुड़े यूपी के इलाकों को जोड़कर एक नया प्रदेश बनाया जा सकता है जिससे प्रदेश में खुशहाली का वातावरण बना रहे।

धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को राज्यपाल ने दी मंजूरी, लव जिहाद करना पड़ेगा महंगा

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मध्य प्रदेश सरकार के बहुप्रतीक्षित लव जिहाद कानून धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दी है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज लखनऊ में मध्यप्रदेश कैबिनेट द्वारा पास इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए इस विधेयक के बन जाने के बाद अब प्रदेश में धर्मांतरण पर रोक लगाई जा सकती है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के इस बहुप्रतीक्षित विधेयक के पास हो जाने से अब बहला-फुसलाकर शादी करने धर्म परिवर्तन करने लव जिहाद करने समेत कई अपराधों पर रोकथाम की जा सकती है यह कानून एक-दो दिन में गजट नोटिफिकेशन के प्रकाशन के साथ ही पूर्ण रुप से लागू हो जाएगा।

इसपर लगेगी लगाम

1.बहला-फुसलाकर धमकी देकर जबर्दस्ती धर्मांतरण करवाना और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान, यह गैर जमानती अपराध होगा।

2. धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने वाले और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित आवेदन देना होगा।

3. बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले गुरुजी,धर्मगुरु,काजी,मौलवी,पादरी को 5 साल सजा का प्रावधान है।

4. धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित माता पिता परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है।

5. जबरन धर्मांतरण या विवाह करवाने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।

6. धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले आरोपियों पर मुख्य आरोपी की तरह कार्यवाही की जाएगी।

भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार जल्द,सिंधिया समर्थकों को मिलेगा झुनझुना

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भोपाल- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा जल्द ही अपनी कार्यकारिणी का विस्तार कर सकते हैं लेकिन इस कार्यकारिणी में सिंधिया समर्थकों को इस विस्तार में मायूसी हाथ लग सकती है।

लंबे इंतजार और मंथन के बाद भाजपा मध्यप्रदेश में अपनी कार्यकारिणी को कल मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कभी भी घोषित कर सकती है क्योंकि इस बारे में प्रदेशाध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच चर्चा भी हो चुकी है और जे पी नड्डा ने इसपर अपनी सहमति भी दे दी है।

प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी चर्चा करके सिंधिया समर्थकों को कार्यकारिणी विस्तार में एडजस्ट करने पर बातचीत कर चुके हैं लेकिन सिंधिया के अड़ियल रूख को देखते हुए सभी समर्थकों को एडजस्ट करने पर सहमति नही बन पा रही है यही कारण है कि अब भाजपा सिंधिया के 2-3 खास समर्थकों को ही शामिल करने का मूड बना चुकी है।

सूत्रों की माने तो संघ के बढ़ते दवाब के कारण प्रदेशाध्यक्ष शर्मा खुद भी ऐसे लोगों को अपनी टीम में शामिल करना नहीं चाहते जो पहले कभी संघ और उसकी विचारधारा के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं इसी कारण वो ऐसे चेहरों को शामिल करके सबको चौका सकते हैं जो भले ही कांग्रेस से भाजपा मे आये हैं लेकिन उन्होंने कभी अनर्गल बयानबाजी नहीं की हो।

सिंधिया के ये समर्थक हो सकते हैं शामिल

बात अगर सिंधिया समर्थकों की करें तो भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में गिरीश शर्मा,मनोज चौधरी,पंकज चतुर्वेदी नई टीम में प्रमुखता से दिखाई दे सकते हैं।

वही अन्य जो समर्थक या तो अपने विवादित बयानों या संघ विरोधी बयानबाजी के कारण चर्चा में रहते हैं ऐसे लोगो को भाजपा कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा सकती है।