यौनशोषण के आरोप में घिरे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एम.जे.अकबर ने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि अकबर पर 20 महिलाओं ने अनुचित व्यवहार/यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसे पहले रविवार को विदेश दौरे से लौटने के बाद एम. जे. अकबर ने दलीलें देते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था।

प्रिया रमानी का सबसे पहला आरोप

एम. जे. अकबर पर आरोपों के लिस्ट में सबसे पहला आरोप प्रिया रमानी ने लगाया था। प्रिया के बाद आरोप लगाने वाली पत्रकारों में फोर्स पत्रिका की कार्यकारी संपादक गजाला वहाब, अमेरिकी पत्रकार मजली डे पय कैंप और इंग्लैंड की पत्रकार रूथ डेविड शामिल हैं।

अकबर का कैरियर

एम. जे. अकबर 1989 में राजनीति में आने से पहले मीडिया में एक बड़े हस्ती के रूप में जाने जाते थे। अकबर दैनिक अखबार ‘द टेलीग्राफ’ और पत्रिका ‘संडे’ के संस्थापक संपादक रह चुके हैं। राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की उसके बाद साल 2014 में भाजपा में शामिल हो गए । वहीं मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य अकबर जुलाई 2016 से विदेश राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत थे।

अकबर का स्टेटमेंट

वहीं अकबर ने इस्तीफे के बाद कहा कि, ‘मैं आरोपों से निजी तौर पर लड़ता रहूंगा। न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ता रहूंगा। इस्तीफा देना उचित समझा इसलिए इस्तीफा दिया।’ गौरतलब है कि #metoo कैम्पेन के तहत उनपर आरोप लगने शुरू हो गए थे।

Loading...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.