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Essar Oil & Gas gets environment nod to begin shale gas exploration in Raniganj

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Finally, Shale gas revolution is coming to India. ONGC drilled the first hole in 2013 near Jambusar, Gujarat. Now, Essar Oil & Gas Exploration and Production (EOGEPL) is set to begin exploring shale gas reserves in its Raniganj block in West Bengal.

All thanks to Hydrocarbon Exploration Licensing Policy (HELP), which allow operators freedom to explore both conventional oil and natural gas as well as non-conventional sources like coal-bed methane (CBM) and shale reserves within an exploration acreage. Previously, companies could explore only oil and natural gas or CBM depending on their license for the block.

Shale gas has abundant reserves around the world, which may be sufficient to meet the demand for clean energy for many years to come. Shale gas is found in unconventional reservoirs typically trapped in shale rock, having low permeability, originally deposited as clay and silt. This makes it more difficult and more expensive to extract because of the high upfront costs. Shale gas is generally found at 2000 to 5000 meters below the earth’s surface unlike conventional natural gas – trapped in sandstone rock having high permeability and can be easily assessed to be produced by traditional vertical drilling, found at 1500 meters.

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The expert appraisal committee (EAC) in January 29 meeting allowed Essar to drill 20 wells to explore shale gas in its Raniganj CBM block. It has been awarded an exploration lease for shale gas, CBM, and hydrocarbons in the Raniganj block. EOGPL has got approval to drill 20 shale wells at a cost of Rs 10 crore. To start with, it will drill five wells in the block to test the shale potential. If this exploration is successful, the company would drill around 220-250 wells that will require an investment of Rs 7,000 crore.

EOGEPL has invested around Rs 4,000 crore in the Raniganj block, which will produce 1.7 million standard cubic meters per of gas from coal seams (CBM) in the next two years and ramp up to 2.5 MMSCMd in the next three to four years.

ममता vs सीबीआईः सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलीं ममता, यह हमारी जीत

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मोदी सरकार की सीबीआई और ममता सरकार की पुलिस के बीच पैदा हुआ टकराव अब राजनीतिक लड़ाई में बदल गया है। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ममता ने इस मुद्दे को बंगाल से उठाकर दिल्ली तक फैला दिया है। यही नहीं सोमवार को संसद में भी विपक्ष ने केन्द्र के खिलाफ नारेबाजी कर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद कर रही है और सीबीआई जैसी अन्य जांच एजेंसियों के सहारे राज्य सरकारों को डराने का काम कर रही है। ममता की इस लड़ाई में समुचा विपक्ष एकजुट होता जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने ममता को समर्थन दिया है। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे जान दे देंगी लेकिन समझौता नहीं करेंगी। दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने भी बंगाल सरकार के तानाशाही होने का आरोप लगाया है। विवाद को देखते हुए राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को गोपनीय रिपोर्ट सौंपी है। दिनभर होगी सियासत के बीच मामला कोर्ट में पहुंचा।

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3 फरवरी को कोलकाता में मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे कन्हैया कुमार

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पश्‍चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में तीन फरवरी को वाम मोर्चा ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक सभा का आयोजन कर रही है। जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर वामपंथी छात्र नेता कन्हैया कुमार मुख्य वक्ता होंगे। माक्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के आग्रह पर युवा छात्र नेता कन्हैया कुमार ने सभा में शामिल होने की सहमति दे दी है।

कन्हैया कुमार के साथ ही रैली में शामिल होने के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आजमी को भी आमंत्रित किया गया है।

हालांकि आजमी ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। कन्हैया कुमार के जरिये वाममोर्चा युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। ब्रिगेड की सभा को राज्य स्तर के वाम नेेताओं के साथ-साथ माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश कारात तथा महासचिव सीताराम येचुरी भी संबोधित करेंगे।

राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी भाजपा की करारी हार ।

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राजस्थान में अलवर और अजमेर लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट गवाने के बाद बीजेपी को एक और झटका लगा है। राजस्थान के साथ ही पश्चिम बंगाल में भी भाजपा की उम्मीदों पर पानी फिर गया। 

श्चिम बंगाल की एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टीएमसी ने जीत दर्ज की है. राज्य की नवपाड़ा विधानसभा सीट को टीएमसी उम्मीदवार सुनील सिंह ने 63018 मतों से जीता. उन्हें एक लाख से ज्यादा वोट मिले. दूसरे नंबर पर बीजेपी के संदीप बनर्जी को 38,711 मत मिले. इसके अलावा हावड़ा के उलुबेरिया लोकसभा सीट पर भी टीएमसी जीत की ओर अग्रसर है.

2016 के चुनाव में नवपाड़ा विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस को महज 10527 वोट मिले हैं. वो चौथे पायदान पर रही. दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी को सीपीआई(एम) से ज्यादा वोट मिले हैं. सीपीएम 35497 वोटों से तीसरे नंबर पर रही.

उलुबेरिया लोकसभा सीट के 9वें राउंड की मतगणना के बाद टीएमसी उम्मीदवार को 3 लाख 74074, बीजेपी को 1 लाख 38229 और कांग्रेस को 12373 वोट मिले हैं. इस तरह देखा जाए तो टीएमसी इस सीट पर भी करीब दो लाख मतों से बढ़त बनाए हुए है. उलुबेरिया लोकसभा सीट पर टीएमसी अपना दबदबा कायम रखती हुई नजर आ रही है. ये सीट सांसद सुल्तान अहमद के निधन के कारण खाली हुई थी. 

पश्चिम बंगाल की एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. नवपाड़ा विधानसभा सीट पर भले ही बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन जिस तरह से सीपीआई(एम) को पीछे करके पार्टी दूसरे नंबर पर आई है. ये बंगाल की सियासत में चौकाने वाला है.

टीएमसी से बगावत करके बीजेपी में आए मुकुल रॉय के नेतृत्व में पार्टी उपचुनाव में उतरी थी. ऐसे में ममता और लेफ्ट दोनों के लिए बीजेपी राज्य में एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है.बीजेपी को 38,711 मत मिले हैं.

नवपाड़ा से जीत दर्ज करने वाले टीएमसी उम्मीदवार सुनील सिंह ने कहा, ‘स्थानीय होने के बाद भी मुकुल रॉय का कोई प्रभाव नहीं है. जबकि रॉय बैरकपुर के पास रहते हैं. 

राजस्थान की तीनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा, भाजपा का सूपड़ा साफ।

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Update: राजस्थान उपचुनाव में दोनों लोकसभा और एक विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने नेताओं ने भारी बढ़त बनाकर अपनी जीत सुनिश्चित कर ली है। 

राजस्‍थान की दो लोकसभा और एक विधानसभा तथा पश्चिम बंगाल की एक लोकसभा सीट पर मतों की गणना जारी है। गुरुवार (1 फरवरी) को सुबह 8 बजे मतगणना प्रारंभ हुई। ताजा अपडेट के अनुसार, अलवर में कांग्रेस को अब तक 2,66,814 मत प्राप्‍त हुए हैं, जबकि बीजेपी को 2,06,879, नोटा को 6,173 लोगों ने चुना है। अजमेर में अब तक कांग्रेस उम्‍मीदवार को 1,54,336, बीजेपी को 1,28,291, नोटा को 2,187 मत मिले हैं। 

मंडलगढ़ में कांग्रेस उम्‍मीदवार विवेक धाकड़ को अब तक 45,011 तथा बीजेपी के शक्ति सिंह को 42,999 वोट मिले हैं। राजस्‍थान के अलवर में भाजपा के जसवंत सिंह यादव का मुकाबला कांग्रेस के करण सिंह यादव से है, जबकि अजमेर में कांग्रेस के रघु शर्मा को भाजपा के राम स्वरूप लांबा से चुनौती मिल रही है। मंडलगढ़ सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के शक्ति सिंह हाडा और कांग्रेस के विवेक धाकड़ के बीच है। अजमेर में कांग्रेस के रघु शर्मा 26,045 से ज्‍यादा वोटों से आगे हैं। वहीं, अलवर में करण सिंह यादव 59,935 वोटों से आगे चल रहे हैं। मंडलगढ़ में भी कांग्रेस के विवेक धाकड़ लगभग 2012 वोट से आगे चल रहे हैं।
 

पश्चिम बंगाल के नोआपारा, जहां कांग्रेस विधायक मदुसूदन घोष के निधन के चलते उपचुनाव हुआ, तृणमूल के सुनील सिंह ने अपने करीबी प्रतिद्वंदी भाजपा के संदीप बनर्जी को 63,000 से ज्यादा वोटों से मात दे दी। उलुबेरिया में तृणमूल की सजदा अहमद जो दिवगंत सांसद सुल्‍तान अहमद की बेवा हैं, वे भाजपा के अनुपम मलिक से 1,84,949 मतों से आगे हैं।

  •  उलुबेरिया में तृणमूल कांग्रेस की उम्‍मीदवार निकटतम भाजपा प्रतिद्वंदी से अब 1,84,949 वोटों से आगे चल रही हैं। यहां भाजपा मुख्‍य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। इस सीट पर 40 फीसदी से ज्‍यादा मुस्लिम आबादी है और यहां से मुस्लिम उम्‍मीदवार दशकों से जीतते आए हैं।
  •  कांग्रेस अब राजस्‍थान की सभी सीटों पर लीड कर रही है। अजमेर में कांग्रेस को अब तक 108161 वोट मिले जबकि बीजेपी को 85510। यहां कांग्रेस 22651 मतों से आगे है। अलवर में कांग्रेस ने 172535 मत हासिल किये हैं, जबकि बीजेपी को 133289 वोट मिले हैं। कांग्रेस की बढ़त 39,246 मतों की है। मंडलगढ़ में कांग्रेस को 35166 वोट, बीजेपी को 35050 वोट मिले हैं। यहां कांग्रेस 116 वोट से आगे है।
  • एएनआई से बातचीत में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, ”शुरुआती रुझान साबित करते हैं कि जनादेश सरकार के खिलाफ है। उम्‍मीद है कि कांग्रेस की बढ़त और बढ़ेगी। वसुंधरा जी और उनकी सरकार को लोगों ने पूरी तरह खारिज कर दिया है।”
  •  न्‍यूज 18 के अनुसार, नोआपारा में टीएमसी उम्‍मीदवार सुनील सिंह 63,018 वोट्स से जीत गए हैं। टीएमसी को कुल 1,11,729 वोट मिले। दूसरे नंबर पर भाजपा रही, जिसके उम्‍मीदवार को 38,771 वोट मिले। सीपीआई (एम) उम्‍मीदवार को 35,497 वोट हासिल हुए। कांग्रेस उम्‍मीदवार को केवल 10,527 वोट मिले।
  • रिपोर्ट्स के अनुसार, नोआपारा में 11 राउंड की मतगणना के बाद टीएमसी के सुनील गुप्‍ता को 77,983 वोट्स मिले हैं। भाजपा उम्‍मीदवार 30,220 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर चल रहे हैं। सीपीआई (एम) की गार्गी चटर्जी को 28,732 वोट मिले हैं।
  •  मंडलगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी ने बढ़त बना ली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां से शक्ति सिंह हदा 15,419 वोट्स से आगे चल रहे हैं। बंगाल की दोनों सीटों पर टीएमसी क्‍लीन स्‍वीप की ओर बढ़ रही है
  • एएनआई के अनुसार, अलवर में कांग्रेस उम्‍मीदवार करण सिंह यादव 30,985 वोट पाकर सबसे आगे चल रहे हैं। बीजेपी के जसवंत सिंह दूसरे नंबर पर हैं। वहीं अजमेर में भी कांग्रेस उम्‍मीदवार 7,585 वोटों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं।
  •  मंडलगढ़ में बीजेपी के शक्ति सिंह अब 699 वोट पाकर आगे चल रहे हैं। निर्दलीय उम्‍मीदवार गोपाल मालवीय दूसरे स्‍थान पर हैं जबकि कांग्रेस के विवेक धाकड़ तीसरे नंबर पर चल रहे हैं।
  • नोआपारा विधानसभा उपचुनाव में पहले रुझान के बाद टीएमसी को 7,329 वोट मिले हैं। लेफ्ट उम्‍मीदवार गार्गी चटर्जी 2,290 वोट्स के साथ दूसरे नंबर पर ल रही हैं। बीजेपी 2,286 वोटों के साथ तीसरे स्‍थान पर है। कांग्रेस के गौतम बोस को 1,503 वोट्स मिले हैं।
  • अलवर और अजमेर, दोनों की सीटों पर शुरुआती रुझान में कांग्रेस ने बढ़त बनाई है। अमजेर से कांग्रेस उम्‍मीदवार रघु शर्मा 4500 वोट से आगे चल रहे हैं। अलवर में 65.2 फीसदी जबकि अमजेर में 61.86 प्रतिशत मतदान हुआ था। मंडलगढ़ में भी कांग्रेस के विवेक धाकड़ बीजेपी के शक्ति सिंह से आगे चल रहे हैं।
  • सभी सीटों पर मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हो गई है। मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा व्‍यवस्‍था के पुख्‍ता इंतजाम किये गए हैं। बंगाल के नोआपारा में टीएमसी ने सुनील सिंह को उम्‍मीदवार बनाया है, उनके सामने सीपीआई (एम) की गार्गी चटर्जी, कांग्रेस के गौतम बोस

Mamata Banerjee came up in support of Arvind Kejriwal over disqualification of 20 MLA’s

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West Bengal chief minister Mamta Banerjee came in support of Aam aadmi party over the suspension of 20 MLA’s. Mamata Banerjee wrote on Twitter “A Constitutional body cannot be used for political vendetta. The 20 AAP MLAs were not even given a hearing by the Hon EC. Most unfortunate This goes against the principles of natural justice. At this hour we are strongly with Arvind Kejriwal and his team ”

Election Commision of India on Friday recommended the disqualification of 20 AAP MLA’s over ‘Office Of Profit’ case. Aam aadmi party has approached high court against the decision. The hearing will now resume on Monday. 
Mamata Banerjee and Arvind Kejriwal have been a good friend now. 
Election Commission decision to disqualify 20 AAP MLA’s is undemocratic: CPI(M)

Along with Mamata Banerjee CPI(M) also extended there support towards Aam aadmi party & Arvind Kejriwal. CPI(M) took on Twitter and wrote ‘ Brinda Karat: EC decision to disqualify 20 AAP MLAs  is undemocratic & selective in procedure & substance. It does not enhance the credibility of the election commission as an autonomous, independent, impartial body. We strongly oppose the decision of the EC.

#AAPMLAsDisqualified’

यूपी में हो रहा है मीट पर बवाल तो वही प.बंगाल में ममता ने शुरू की घर-घर ‘मीट की डिलिवरी’।

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश के कई शहरों में बूचड़खाने बंद कर दिए गए. जिसके बाद राज्य में मीट की सप्लाई ठप हो गई है. लेकिन इन सबके बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीट की डिलिवरी शुरू की है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, ममता सरकार मांसाहारी खाना खाने वाले लोगों के घर अब मीट पहुंचाने की योजना बना रही है. इस योजना का नाम ‘मीट ऑन व्हीलज़’ है. इस योजना से कोलकाता के घरों में मीट पहुंचाया जाएगा. इस पहल की शुरुआत वेस्ट बंगाल लाइवस्टॉक डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (WBLDCL) के मशहूर ब्रांड ‘हरिंघता मीट’ ने की है.

अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के अनुसार पका हुआ नॉन-वेज खाना ले जाने के अलावा इसमें हरिंघता के पैक आईटम भी बेचे जाएंगे. यह योजना पशु संसाधन विकास विभाग के मंत्री स्वप्न देबनाथ ने विभाग के सॉल्ट लेक हेडक्वार्टर पर लॉन्च की थी. अधिकारियों का कहना है, ’’कोलकता में फिलहाल डिलिवरी के लिए अभी तीन वैन रखी गई हैं. हालांकि बाद में वैन की संख्या में बढोत्तरी कर दी जाएगी.’’
मंगलवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर की गई कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “जाति, सम्प्रदाय और धर्म के नाम पर हो रहे भेदभाव से लोग डरे हुए हैं.” ‘बटर बिरयानी, गुंडाराज टर्की और डक रोस्ट’ कुछ ऐसी व्यंजन हैं जो बेचे जाएंगे.

एक अधिकारी ने बताया, ‘हरिंघता मीट’ ब्रांड की सेल पिछले कुछ सालों में तीन गुनी बढ़ गई है. उन्होंने कहा, “2014-15 में हमनें मीट के जरिए 4.35 लाख की बिक्री की थी. 2015-16 में यह आंकड़ा 9.58 लाख रुपए तक पहुंच गया है और अगर इसमें अहारे बंग्ला फूड फेस्टिवल को भी जोड़ लिया जाए तो इसकी बिक्री दस लाख तक पहुंच गई.”

नोटेबंदी से पहले भाजपा ने बैंक में जमा किए 1 करोड़ रूपये, सामने आया बैंक स्टेटमेंट

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Newbuzzindia: 8 नवंबर को नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान कर के देश को हैरान कर दिया। इस ऐलान के बाद दावा किया जा रहा था कि इसकी भनक किसी को भी नहीं थी। कहा गया है कि प्रधानमंत्री समेत सिर्फ 6 लोगों को इसके बारे में जानकारी थी।

लेकिन अब जो मामला सामने आया है कि इस ऐलान के कुछ घंटे पहले ही भाजपा ने खातों में भारी नकदी जमा किया गया। पश्चिम बंगाल में भाजपा के खाते में एक साथ 1 करोड़ रुपए जमा कराए जाने का मामला सामने आया है।

इस मामले में CPI-M ने सवाल उठाते हुए फैसले की गोपनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। आरोप है कि प्रदेश भाजपा ने कोलकाता में इंडियन बैंक की चित्तरंजन एवेन्यू शाखा में अपने बैंक खाते में एक करोड़ रुपये जमा कराए थे।

सीपीएम के प्रदेश सचिव सुर्जया कांत मिश्रा ने कहा है कि यह संभव है कि भाजपा के लोगों को नोट बैन के बारे में पहले से पता था तभी उन्होंने पूरे देश में बड़ी राशि बैंकों में जमा करवा कर अपना काला धन सफेद कर लिया। जमा की गई राशि में 60 लाख रुपये एक हजार के नोट के थे और बाकी 40 लाख 500 के नोट थे।

तो वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बैंक स्टेटमेंट की कॉपी ट्वीट कर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल में कमजोर है TMC, इसलिए BJP करेगी बेहतर प्रदर्शन

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को मालदा में कहा कि वह आशान्वित हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में सरकार बना सकती है। मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार के मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षक ने कहा कि चुनाव परिणामों के बाद पार्टी इसका निर्णय करेगी।

माकपा और कांग्रेस के आपसी गठबंधन बनाने के कथित प्रयासों को उन्होंने ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा कि सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस इन दलों के डर का नतीजा है। विजयवर्गीय ने कहा कि इन दोनों पार्टियों की पश्चिम बंगाल में मुश्किल से कोई उपस्थिति है। वे काफी कमजोर हैं और यही कारण है कि वे गठबंधन करने के बारे में सोच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये दल काफी समय तक एक-दूसरे का विरोध करते रहे लेकिन अब आपस में हाथ मिला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह गठबंधन बनता है तो मैं उम्मीद करता हूं कि भाजपा को इसका लाभ मिलेगा और हमें जीतने में मदद मिलेगी। अंतिम निगम चुनावों में भाजपा के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बारे में विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि हिंसा की पृष्ठभूमि में चुनावों का आयोजन किया गया था।

उन्होंने कहा कि असमाजिक तत्व बंदूक और बमों के साथ घूमते थे और ऐसे में लोगों की इच्छा परिणाम में नहीं बदल सकी। विजयवर्गीय ने कहा कि लेकिन विधानसभा चुनावों में कड़े सुरक्षा प्रबंध होने के कारण ऐसा नहीं होगा। अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं तो मैं आश्वस्त हूं कि भाजपा बेहतर प्रदर्शन करेगी।

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