Home Tags Muslim

Tag: muslim

राजधानी भोपाल में आया तीन तलाक का मामला,पीड़िता ने जताया अपना दुख

0

राजधानी भोपाल(Bhopal) में फिर एक बड़ा मामला पुलिस(Police) के लिए काफी सिरदर्द बन गया। प्रकरण मुस्लिम परिवार के बीच का था। घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Triple Talaq) की है। मुस्लिम नीति नियमों के अनुसार भी सुलह की कोशिश हुई थी। पत्नी सुलह नहीं चाहती पर रिश्ते बचाने के लिए पति जान देने के लिए तैयार है।

शाहजहांनाबाद थाना पुलिस ने 12 जनवरी की रात लगभग आठ बजे धारा 498ए/323/3/4 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ है। मामले में आरोपी पेशे से पेंटर है और उसने 2007 में निकाह किया था। आरोपी का तेरह साल का बेटा भी है। आरोपी ने बताया कि वह बेटे के साथ—साथ पत्नी को भी बहुत प्यार करता है। उसने आत्महत्या करने की भी चेतावनी दी।


मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता का कहना है कि वह ऐसे ही विरोध नहीं कर रही। उसने पति के मोबाइल पर दूसरी युवती के साथ चैट और तस्वीर देखी है। और इसी बात को लेकर विरोध करने पर नवंबर, 2018 में पति ने तलाक, तलाक तलाक बोला था। पीड़िता ने बताया कि विवाद होने पर 6 जनवरी को ज्यादा हाथापाई हो गई थी जिसके कारण पति—पत्नी का विवाद थाने पहुंचा था। इससे पहले मुस्लिम विवाह अधिनियम के तहत समाज में सुनवाई चल रही थी। जांच अधिकारी एसआई अर्शिया सिद्दीकी ने बताया कि अभी तफ्तीश जारी है।

हिन्दू महासभा ने की बुर्के पर बैन लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

0

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा की याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश करने की अनुमति देने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि “एक मुस्लिम महिला को आने दें और इसे चुनौती दें। तब हम विचार करेंगे।”

बता दें कि यह याचिका हिंदू महासभा के केरल अध्यक्ष स्वामी देथाथरेया साईं स्वरूप नाथ ने दाखिल की थी। उन्होंने केरल उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था।

याचिकाकर्ता ने कहा, “पुरुषों के साथ नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश से इंकार करना उनके साथ अन्याय है और उन्हें समानता के अधिकार से वंचित करता है जो आधुनिक समाज के लिए एक अपमान है।”

मस्जिद के साथ ही याचिकाकर्ता ने बुर्का पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

भाजपा शासित मध्य प्रदेश में कश्मीरी होने पर मुस्लिम छात्र की हुई पिटाई

0


NewBuzzIndia: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कश्मीरी मुस्लिम होने के कारण छात्र के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। 

उमर रशीद नाम का छात्र बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शोध का छात्र है। छात्र का आरोप है कि सोमवार को करीब 10 लोगों ने उसे घेर लिया और उसकी व्यक्तिगत जानकारी मांगने लगे। जब उन्हें पता चला वो कश्मीर से है तो लोगों ने उसके साथ मार पीट शुरू कर दी और वारदात के बाद वहाँ से भाग निकले।

मध्य प्रदेश में हुई भाजपा की करारी हार, नगर पालिका चुनाव में कंग्रेस ने जीती 3 सीटें

घटना के बाद विश्वविद्यालय के कश्मीरी छात्र विरोध जताते हुए बीयू कुलपति के ऑफिस जा पहुंचे। ऑफिस में हंगामा करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी कश्मीरी छात्रों को सुरक्षा दिए जाने की मांग करने लगे। हंगामा बढ़ने पर छात्रों को कुलपति के ऑफिस से बाहर निकाल दिया गया। बाद में पुलिस प्रशासन को बुलाया गया तब जा के मामला संभाला।

योग के समर्थन में बोले मुस्लिम उलेमा, ‘योग ज़रूर करें, ओम की जगह पर अल्लाह हू कहें।’

0

NewBuzzIndia:

आज विश्व योग दिवस है। मुस्लिम उलेमा ने योग को धर्म से न जोड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि योग से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। सेहत के लिए कोई भी योग कर सकता है। ओम के स्थान पर अल्लाह हू का उच्चारण कर सकते हैं।

ज़रूर पढ़ें, “जब वो तोड़ने से ना रोक सके तो मंदिर बनाने से कौन रोकेगा, ज़रूर बनेगा राम मंदिर” : योगी आदित्यनाथ

नायब शहर काजी डा. अशरफ हुसैन कादरी ने योग के समर्थन में कहा कि इस्लाम में सूफिया ए इकराम ने कई तरह यौगिक क्रियाओं को अपनाया है। वे भी अपनी क्रिया में सांस अंदर लेते वक्त अल्लाह और सांस छोड़ते समय हू कहते हैं। यह भी एक योग क्रिया है।

ये भी पढ़े, एक बार फिर दुनिया में बजा योग का डंका

साथ ही उन्होंने लोगों से योग को किसी भी धर्म विशेष से न जोड़ने की अपील भी की। बताया कि हदीस पाक में भी स्वस्थ रहने के लिए इंसान को लाठी चलाना, तैराकी करना, घुड़सवारी करना और कुश्ती की सलाह दी गई है।

कैराना मामले पर योगी आदित्यनाथ ने उगला ज़हर, कहा ’60 फीसदी आबादी हुई है कम।’

1

ओवैसी का भाजपा से सवाल, “मुज़फ्फरनगर दंगे के बाद 50,000 मुसलमानों ने किया पलायन, कौन है ज़िम्मेदार?”

1

NewBuzzIndia:

कैराना पलायन मामले से उत्तर प्रदेश राजनीति ही नहीं राष्ट्रीय राजनीति में एक हलचल पैदा हो गया है। हुकुम सिंह ने जब अपना ‘हुकुम का इक्का’ फेंका तो उन्हें भी अंदाज़ा नहीं रहा होगा की उनके इस कदम से प्रदेश की सियासत किस तरह से प्रभावित होगी।

साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 50,000 मुसलमानों के पलायन करने का दावा करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (18 जून) को भाजपा से कहा कि क्या वह वहां एक तथ्यान्वेषी टीम भेजेगी, जैसा कि इसने हिंदुओं के कथित पलायन के मुद्दे पर कैराना भेजी है। हैदराबाद से लोक सभा सदस्य ने उत्तर प्रदेश के कैराना से कथित तौर पर पलायन करने वाले 346 परिवारों की सूची को ‘फर्जी’ बताया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर नाटक करना भाजपा और सपा दोनों के हितों के अनुकूल बैठता है।
ओवैसी ने दावा किया कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 50,000 से अधिक लोगों ने अपना मूल स्थान छोड़ दिया जहां वे पीढ़ियों से रहते आ रहे थे। उन्होंने इसे देश की आजादी के बाद अल्पसंख्यकों को सामूहिक रूप से हटाने का कार्य बताया। उन्होंने कहा, ‘क्या भाजपा एक तथ्यान्वेषी टीम भेजेगी ? (मुजफ्फरनगर दंगों के बाद) विस्थापित हुए 50,000 लोगों के साथ क्या हुआ उसका पता लगाने के लिए क्या भाजपा कोई समय निकालेगी?’

कैराना मामले पर योगी आदित्यनाथ ने उगला ज़हर, पढ़ें पूरी खबर

ओवैसी ने दावा किया कि मूल रूप से उसके (भाजपा) पास कोई और मुद्दा नहीं है और यह (कैराना मुद्दा) भाजपा का असली चेहरा उजागर करता है जो सबका साथ सबका विकास की बात करती है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा और सपा दोनों के लिए उपयुक्त बैठता है, भाजपा बहुसंख्यक समुदाय के बीच डर की भावना पैदा करना चाहती है। सपा मुसलमानों को यह संदेश देना चाहती है कि यदि आप सपा को नहीं चुनते हैं तो आप असुरक्षित हैं। इस तरह यह नाटक भाजपा और सपा, दोनों के अनुकूल बैठता है।
उन्होंने कहा कि जब ऐसा मुद्दा सामने आता है तो सपा खुश होती है क्योंकि इसे अपने मकसद में नाकाम रहने और कुशासन पर सवालों का जवाब नहीं देना पड़ता है। ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम अगले साल के शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में एक गठबंधन बनाने के लिए विकल्प खुले रखे हैं।

कैराना मामले में आया एक नया मोड़, राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा सांसद करा रहे थे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण !!

0

NewBuzzIndia:

उत्तर प्रदेश के कैराना मामले में डीआईजी एके राघव ने डीआईजी मुख्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है जिसने इस पूरे मामले में एक नया मोड़ दे दिया है। इस रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। इसमें कहा गया है कि, कथित पलायन करने वाले हिंदुओं की लिस्ट बनाने वाले भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने ये सब सिर्फ इसलिए किया क्योंकि वो यूपी चुनाव में अपनी बेटी को लड़वाना चाहते हैं, जिसके लिए वो अपनी बेटी को जीत दिलाने के लिए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करवा रहे हैं।
ये ज्ञात हो की हुकुम सिंह ने ही एक लिस्ट जारी की थी जिसमे उन्होंने इस बात का ज़िक्र किया कि किसी विशेष समुदाय के डर और उनकी दहशत से भारी संख्या में हिंदुओं का वहां से पलायन हुआ है।

11 जून को डीजीपी हेडक्वार्टर को भेजी गई रिपोर्ट में डीआईजी ने बताया कि शामली जिले के कैराणा, झिंझाना, कांधला कस्बे में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग रहते हैं। यहां 85 फीसदी मुस्लिम और 15 फीसदी हिंदू आबादी है। आने वाले चुनाव में फायदा उठाने के लिए भाजपा और अन्य सहोयगी दल सांप्रदायिक माहौल बना रहे हैं। साथ ही रिपोर्ट में बड़ी सांप्रदायिक घटना की भी संभावना जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये छोटी घटनाएं तुल देने की वजह से बड़ा रूप धारण कर सकती हैं।

आइए जाने रमज़ान के आध्यात्मिक, शारारिक और मानसिक फायदे

0

NewBuzzIndia:

किसी भी धर्म का मुख्य उद्देश्य मनुष्य की भलाई और बेहतरी होती है। जीवन को एक अनुशासन और लयबद्ध तरीके से जीना, जिससे व्यक्ति को आत्मिक एवं शारारिक शांति हासिल करना ही प्राथमिकता होती है। यही कारण है कि सभी पंथों में इस सुकून, चैन और शांति को प्राप्त करने के राह को अलग अलग तरह से समझाया गया है।
आइए समझते हैं कि इस्लाम में रमज़ान का महीना किस तरह से आत्मा, मन और शारीर के लिए महत्वपूर्ण है।

रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र और आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस महीने में मुसलमानों पर रोजा रखना फर्ज है जिसका अर्थ है कि सुबह से शाम तक हर खाने पीने के साथ हर अवैध काम से परहेज करना और शारीरिक और मांसिक रूप से नियंत्रण रखना है जो समाज और मानवता के लिए एक उपहार से कम नहीं है।

इस पवित्र महीने में रोजे रखना सभी बालिग और स्वस्थ्य लोगों के लिए वाजिब (अनिवार्य) बताया गया है। बीमार, बूढ़े, सफर कर रहे लोगों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माओं को रोजे रखने या ना रखने की आजादी दी गई है। मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं के लिए भी रोजा रखने की मनाही है। मासिक धर्म के खत्म होने के बाद रोजा रखना जरूरी है।

रोजा का अर्थ

रोजा का सही अर्थ सुबह से संध्या तक केवल खाने पीने को छोड़ देना नहीं है बलकि रोजा जिसे अरबी में सौम कहा जाता है का अर्थ रुकना है और अपनी इंद्रियों को नियंत्रण करना है। अर्थात पेट का रोजा जिसका अर्थ है कि रोजे के समय कुछ न खाये पिये और उसके पश्चात रिश्वत जैसे अवैध पैसे से खरीदा गया भोजन न करे, आंखों का रोज अर्थात किसी बहू बेटी को गंदी और हवस भरी नजर से न देखे, जुबान का रोजा अर्थात झूठ न बोले, किसी की बुराई न करे, किसी पर गलत आरोप न लगाए, किसी को बुरा भला न कहे, किसी को अपशब्द न कहे आदि, कान का रोजा अर्थात किसी की बुराई न सुने, हाथ पैर का रोजा अर्थात किसी का अधिकार न छीने और न ही पर अत्याचार करे। बलकि दूसरों का हाथ थामे और पीड़ितों की सहायता के लिए आगे बढ़े, तथा दिल और दिमाग में ईष्वर की श्रद्धा हो एंव अपनी भावनाओं पर अंकुश लगाए ताकि गलत रास्तों पर न जा सके।

इसी कारण इस महीने में इबादत का 70 गुना सवाब रखा गया है। इस प्रकार रोजा मानव जीवन की समृद्धि का एक मुख्य स्रोत बन जाएगा। इसी भावना को प्रदर्शित करने के लिए इस महीने में अफतार देने पर बल दिया गया है ताकि इस समय किसी के मन में अमीर गरीब, शक्तिशाली निर्बल, ऊंच नीच की भावना मिट जाए और सभी एक ही स्थान पर बैठ कर ईष्वर की इस नीति को समझ कर उच्च समाज की स्थापना कर सकें।

इस एक महीने में यदि सही रूप से रोजा रखा तो बाकी महीनों में भी वह इसी प्रकार का व्यवहार करेगा क्योंकि उसे इसकी आदत हो चुकी होगी क्योकि रोजा मनुष्य के संयम की परीक्षा है।

रोजा का आध्यात्मिक लाभ

रोजा न केवल मानव जीवन के लिए आध्यात्मिक रूप से लाभदायक है बलकि इस प्रकार का रोजा समाज की शांति और समृद्धि का कारण है।

रोजा द्वारा भावनाओं और हवस पर काबू पाया जा सकता है।

रोजा, अन्य लोगों के अधिकारों से हनन से बचाता है और दुसरों की सहायता के लिए प्रोत्साहित करता है।

रोजा द्वारा मन और मस्तिष्क पर नियंत्रण किया जा सकता है जिससे समाज शांति की ओर अग्रसर होगा।

रोजा का शारीरिक लाभ

पिछले युगों में रोजा को खास महत्व प्राप्त था और पाइथागोरस, सुकरात और इब्ने सीना जैसे हकीम रोजा द्वारा बहुत से रोगों का इलाज किया करते थे।

रूस के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉक्टर एलेक्सी सोफ्रीन का कहना है कि साल भर निरंतर खाना उपयोग करने से मनुष्य के शरीर में कुछ ऐसे पदार्थ और ऊर्जा उत्पन्न हो जाते है जो बाद में हानिकारक एंव विषैला हो जाता है लेकिन रोजा रखने से शरीर उस आंत्रिक ऊर्जा का सेवन करता है जिसके कारण शरीर स्वस्थ हो जाता है और रोजा एक विशेष बायोलोजिक इलाज है।

रोजा डिप्रेशन का बेहतरीन इलाज है क्योंकि यह मनुष्य में आशा और आत्मविश्वास जगाता है।

रोजा पाचन तंत्र को आराम देता है जिससे अच्छा फिज़ियोलोजिक प्रभाव डालता है।

इसके अतिरिक्त भी विश्व के विख्यात विद्वानों ने रोजे पर शोध करके इसके सामाजिक, आध्यात्मिक और शारीरिक लाभों का व्याख्यान किया है।

रमजान मानता के लिए उपहार

यूंतो इस्लाम का अर्थ ही शांति है लेकिन इस्लामी कैलेंडर का रमजान महीना न केवल मुसलमानों के लिए बलकि कुल मानवता के लिए शांति का संदेश और समाज की समृद्धि को लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और रोजा मानव के लिए सामाजिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से अत्यंत लाभदायक है और कुल मानव जाति के लिए एक उपहार से कम नहीं है क्योंकि इस महीने में लोगों को भावनाओं और हवस पर नियंत्रण करना और दूसरों की सहायता करना, दूसरों के अधिकारों का करने से परहेज करना, शारीरिक, मांसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने के गुर सिखाकर परीक्षा ली जाती है।

इसी कारण यदि धर्मों और सभ्यताओं का इतिहास खंगाला जाए तो बहुत से धर्मों में अलग अलग तरीके से रोजा का कांसेप्ट आपको अवश्य नजर आएगा जैसे युनान और रोम की सभ्यता एंव हिंदू, ईसाई और यहूदी धर्मों में विभिन्न प्रकार से रोजा और उपवास का विश्वास पाया जाता रहा है।मजान इस्लाम का सबसे पवित्र और आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस महीने में मुसलमानों पर रोजा रखना फर्ज है जिसका अर्थ है कि सुबह से शाम तक हर खाने पीने के साथ हर अवैध काम से परहेज करना और शारीरिक और मांसिक रूप से नियंत्रण रखना है जो समाज और मानवता के लिए एक उपहार से कम नहीं है।

इस पवित्र महीने में रोजे रखना सभी बालिग और स्वस्थ्य लोगों के लिए वाजिब (अनिवार्य) बताया गया है। बीमार, बूढ़े, सफर कर रहे लोगों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माओं को रोजे रखने या ना रखने की आजादी दी गई है। मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं के लिए भी रोजा रखने की मनाही है। मासिक धर्म के खत्म होने के बाद रोजा रखना जरूरी है।

रोजा का अर्थ

रोजा का सही अर्थ सुबह से संध्या तक केवल खाने पीने को छोड़ देना नहीं है बलकि रोजा जिसे अरबी में सौम कहा जाता है का अर्थ रुकना है और अपनी इंद्रियों को नियंत्रण करना है। अर्थात पेट का रोजा जिसका अर्थ है कि रोजे के समय कुछ न खाये पिये और उसके पश्चात रिश्वत जैसे अवैध पैसे से खरीदा गया भोजन न करे, आंखों का रोज अर्थात किसी बहू बेटी को गंदी और हवस भरी नजर से न देखे, जुबान का रोजा अर्थात झूठ न बोले, किसी की बुराई न करे, किसी पर गलत आरोप न लगाए, किसी को बुरा भला न कहे, किसी को अपशब्द न कहे आदि, कान का रोजा अर्थात किसी की बुराई न सुने, हाथ पैर का रोजा अर्थात किसी का अधिकार न छीने और न ही पर अत्याचार करे। बलकि दूसरों का हाथ थामे और पीड़ितों की सहायता के लिए आगे बढ़े, तथा दिल और दिमाग में ईष्वर की श्रद्धा हो एंव अपनी भावनाओं पर अंकुश लगाए ताकि गलत रास्तों पर न जा सके।

इसी कारण इस महीने में इबादत का 70 गुना सवाब रखा गया है। इस प्रकार रोजा मानव जीवन की समृद्धि का एक मुख्य स्रोत बन जाएगा। इसी भावना को प्रदर्शित करने के लिए इस महीने में अफतार देने पर बल दिया गया है ताकि इस समय किसी के मन में अमीर गरीब, शक्तिशाली निर्बल, ऊंच नीच की भावना मिट जाए और सभी एक ही स्थान पर बैठ कर ईष्वर की इस नीति को समझ कर उच्च समाज की स्थापना कर सकें।

इस एक महीने में यदि सही रूप से रोजा रखा तो बाकी महीनों में भी वह इसी प्रकार का व्यवहार करेगा क्योंकि उसे इसकी आदत हो चुकी होगी क्योकि रोजा मनुष्य के संयम की परीक्षा है।

रोजा का आध्यात्मिक लाभ

रोजा न केवल मानव जीवन के लिए आध्यात्मिक रूप से लाभदायक है बलकि इस प्रकार का रोजा समाज की शांति और समृद्धि का कारण है।

रोजा द्वारा भावनाओं और हवस पर काबू पाया जा सकता है।

रोजा, अन्य लोगों के अधिकारों से हनन से बचाता है और दुसरों की सहायता के लिए प्रोत्साहित करता है।

रोजा द्वारा मन और मस्तिष्क पर नियंत्रण किया जा सकता है जिससे समाज शांति की ओर अग्रसर होगा।

रोजा का शारीरिक लाभ

पिछले युगों में रोजा को खास महत्व प्राप्त था और पाइथागोरस, सुकरात और इब्ने सीना जैसे हकीम रोजा द्वारा बहुत से रोगों का इलाज किया करते थे।

रूस के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉक्टर एलेक्सी सोफ्रीन का कहना है कि साल भर निरंतर खाना उपयोग करने से मनुष्य के शरीर में कुछ ऐसे पदार्थ और ऊर्जा उत्पन्न हो जाते है जो बाद में हानिकारक एंव विषैला हो जाता है लेकिन रोजा रखने से शरीर उस आंत्रिक ऊर्जा का सेवन करता है जिसके कारण शरीर स्वस्थ हो जाता है और रोजा एक विशेष बायोलोजिक इलाज है।

रोजा डिप्रेशन का बेहतरीन इलाज है क्योंकि यह मनुष्य में आशा और आत्मविश्वास जगाता है।

रोजा पाचन तंत्र को आराम देता है जिससे अच्छा फिज़ियोलोजिक प्रभाव डालता है।

इसके अतिरिक्त भी विश्व के विख्यात विद्वानों ने रोजे पर शोध करके इसके सामाजिक, आध्यात्मिक और शारीरिक लाभों का व्याख्यान किया है।

रमजान मानता के लिए उपहार

यूंतो इस्लाम का अर्थ ही शांति है लेकिन इस्लामी कैलेंडर का रमजान महीना न केवल मुसलमानों के लिए बलकि कुल मानवता के लिए शांति का संदेश और समाज की समृद्धि को लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और रोजा मानव के लिए सामाजिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से अत्यंत लाभदायक है और कुल मानव जाति के लिए एक उपहार से कम नहीं है क्योंकि इस महीने में लोगों को भावनाओं और हवस पर नियंत्रण करना और दूसरों की सहायता करना, दूसरों के अधिकारों का करने से परहेज करना, शारीरिक, मांसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने के गुर सिखाकर परीक्षा ली जाती है।

इसी कारण यदि धर्मों और सभ्यताओं का इतिहास खंगाला जाए तो बहुत से धर्मों में अलग अलग तरीके से रोजा का कांसेप्ट आपको अवश्य नजर आएगा जैसे युनान और रोम की सभ्यता एंव हिंदू, ईसाई और यहूदी धर्मों में विभिन्न प्रकार से रोजा और उपवास का विश्वास पाया जाता रहा है।

साध्वी प्राची के फिर से बिगड़े बोल, ‘मुस्लिम मुक्त भारत हो।’

0

NewBuzzIndia:

  अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा में अपनी बढ़त बढ़ाने के नज़रिए से उत्तर प्रदेश चुनाव भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में साध्वी प्राची के ऐसे बयान जो सांप्रदायिक तनाव को और ज्यादा बढ़ाने का काम कर रहा है, बीजेपी का नुकसान ही करेगा।

रुड़की में एक सभा में साध्वी प्राची ने एक बार फिर विवादित बोल कहे हैं। साध्वी कांग्रेस मुक्त भारत बना चुके अब मुसलमान मुक्त भारत बनना चाहिए। रुड़की पहुंची साध्वी प्राची ने यहां कई विवादित ब्यान दिए। उन्होंने  न सिर्फ शाहरूख खान और आमिर खान पर हमला बोला बल्कि यह तक कह डाला कि हम कांग्रेस मुक्त भारत बना चुके हैं अब मुसलमान मुक्त भारत बनना चाहिए जिस पर हम काम कर रहे हैं।

साध्वी प्राची ने शाहरुख खान पर बोलते हुए कहा कि दो फ़िल्म फ्लॉप होते ही शाहरुख़ को हिंदुओं की याद आने लगी है। ऐसा ही आमिर खान की आने वाली फिल्म के साथ होना चाहिए। आमिर की फ़िल्म में चूहे ही दंगल करते नजर आएंगे। ये खाते हिंदुस्तान की और गाते हैं पाकिस्तान की।

रुड़की के लंढोरा में कुंअर प्रणव सिंह चैम्पियन के महल पर हुए हमले के बारे में उन्होंने कहा रंगमहल पर जो हमला हुआ है वो एक सोची समझी साजिश है। हिन्दुस्तान को कांग्रेस मुक्त तो हमने कर दिया अब जरूरत है कि मुस्लिम मुक्त भारत बनना चाहिए जिस पर हम काम कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के चेहरे के बारे में उन्होंने कहा अगर भाजपा योगी आदित्यनाथ जी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाती है तो भाजपा की 300 सीट आएंगी और उत्तर प्रदेश अत्याचार से मुक्त होगा। मुस्लिम मुक्त उत्तर प्रदेश होगा और उत्तम प्रदेश बन जाएगा।