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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में नई राजनीतिक पार्टी ‘एकम सनातन भारत दल’ की एंट्री

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मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मैदान में अब एक और नई पार्टी उतर गई है। पार्टी का नाम है एकम सनातन भारत दल। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह दल सनातनी सिद्धांतों और लक्षण हेतु समर्पित भारत का निर्माण करना चाहता है।

जहां एक तरफ सनातन को लेकर पूरे देश में सियासत छिड़ी हुई है तो वहीं मध्यप्रदेश में एक राजनीतिक पार्टी सनातन को समर्पित होकर लेकर लोकतंत्र की परीक्षा देने की तैयारी कर रही है। पार्टी पदाधिकारी का दावा है कि सनातन भारत दल का सनातनी सिद्धांतों और लक्षण हेतु समर्पित भारत की पहली राष्ट्रीय राजनीतिक दल है।

पार्टी की उपाध्यक्ष संस्कृति सिंह का कहना है कि “यह दल भले ही नया है लेकिन इसके विचार काफी पुराने हैं। हिंदुत्व की रक्षा के लिए हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए हम संकल्पित हैं इसी उद्देश्य से हम लोगों ने पार्टी का गठन किया है। काफी मंथन के बाद इस पार्टी का गठन किया गया है क्योंकि हर हिंदू के दिमाग में इस वक्त ये सवाल चल रहा है कि हमारे लिए क्या होगा क्योंकि हिंदू के पास कोई ऑप्शन नहीं है। आज देश का हिंदू डरा हुआ है और वह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। इन्हीं तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए अंकुश शर्मा ने राजनीतिक दल का गठन किया है। हमारा देश लोकतांत्रिक देश है यहां पर चुनाव लड़कर ही हम अपने मुद्दों हासिल किया जा सकता है।

एकम सनातन भारत दला का मैनिफेस्टो

  • संविधान में संशोधन कर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना
  • गौरक्षा कानून बनाना
  • 5 फीसदी से अधिक जनसंख्य़ा वाले धर्मों से अल्पसंख्यक का दर्जा छीनना
  • भारत में सनातन समाज की स्थापना

भारत के लोकतंत्र की खूबी यही रही है कि यहां कोई भी चुनाव लड़ सकता है, लेकिन देखना होगा जिस लोकतंत्र के ज़रिए इन्हें यह अधिकार मिला है उसके मूल्यों को ये कितना अंगीकार करते हैं।

बमोरी विधानसभा: वर्तमान परिदृश्य, प्रमुख दावेदार, किसकी होगी जीत ?

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Who will become the next MLA from Bamori

गुना जिले और लोकसभा के अंतर्गत आने वाली बमोरी विधानसभा में वर्तमान में क्या राजनैतिक परिदृश्य है, आने वाले विधानसभा चुनावों में कौन प्रमुख दावेदार हैं, किस पार्टी का पलड़ा भारी है, जनता से जुड़ी प्रमुख समस्याएं क्या है, किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा अगला विधानसभा चुनाव, आईयो जानता है।

मौजूदा विधायक और मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया

बमोरी विधानसभा से विधायक और राज्य सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया 2013 से बमोरी विधानसभा से विधायक हैं। 2020 में उन्होने 21 अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेत्रत्व में भाजपा का दामन थाम लिया था।

संपत्ति: 7,23,02,956
देनदारियां: 32,93,325 रुपये

अन्य दावेदार

बमोरी विधानसभा से कांग्रेस की और से कई दावेदार टिकट मांग रहे हैं। जिसमें 2 बार के उम्मीदवार कन्हैयालाल अग्रवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुमेर सिंह गढ़ा, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष हेमराज सिंह सिसोदिया, कांग्रेस नेता मुरारी लाल धाकड़ प्रमुख हैं

प्रमुख मुद्दे

बमोरी विधानसभा चुनाव में महंगाई, सड़क, और विकास प्रमुख मुद्दा है। क्षेत्र के लोग मौजूदा विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया के क्षेत्र कम सक्रीय रहने की भी शिकायत कर रहे हैं।

बमोरी विधानसभा से कौन बनेगा विधायक ?

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मिशन 2023 – चुनावी रणनीति बनाने में जुटी भाजपा, बंद कमरे में हो रही चर्चा

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भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव ( Assembly Elections) की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसी बीच गुरुवार को भोपाल (Bhopal) के भाजपा कार्यालय (Bjp Office ) में दो बड़ी बैठकों की खबर सामने आई है। इस बैठक में बूथ विस्तार और सशक्तिकरण के साथ मोर्चों के आगामी कार्यक्रम को लेकर रणनीति बनाई जा रही है।

सूत्रों की मानें तो इस बैठक में विधानसभा और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर लेकर बूथ एक्शन प्लान बनाया जा रहा है, जिसमें करीब 64 हजार से ज्यादा बूथों का बूथ एक्शन प्लान तैयार होगा। हर बूथ का माइक्रो मैनेजमेंट किया जाएगा।

बता दें कि बूथ एक्शन प्लान में 51% वोट शेयर की प्लानिंग की जाएगी। हर एक बूथ पर वोट शेयर 51% करने की प्लानिंग की जाएगी। 4 मई से 14 मई तक 64 हजार से अधिक बूथों का, बूथ एक्शन प्लान तैयार होगा। 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में 15 मई से 15 जून तक भाजपा का हर सांसद घर-घर जाकर संवाद करेगा।

मन की बात कार्यक्रम में मध्यप्रदेश भाजपा ने ये तय किया है कि लगभग 64 हजार 100 बूथों पर समाज के प्रबुद्ध, प्रभावी और विशेष तरह के काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में आम लोगों को कनेक्ट करने के लिए 25 हज़ार स्थानों पर अलग से मन की बात का आयोजन किया जाएगा।

गुरुवार शाम को सभी सांसदों और विधायकों की बैठक में विस्तृत दिशा निर्देश आलाकमान देगा। फिलहाल भाजपा में मोर्चा अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में पीएम मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड पर होने वाले कार्यक्रम को लेकर जरूर दिशा निर्देश दिए हैं। एमपी के 65 हजार से ज्यादा बूथों पर 30 अप्रैल को मन की बात का प्रसारण होगा। हर बूथ पर मन की बात के दौरान भाजपा के 100 कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।

इसके साथ ही स्थानीय वरिष्ठ नागरिकों सहित समाज के विशिष्ठ नागरिकों को भी मन की बात में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में जिलाध्यक्षों को भाजपा के आगामी कार्यक्रमों में रूठे कार्यकर्ताओं को भी जोड़ने के निर्देश दिए हैं। वहीं जिलाध्यक्षों को नाराज कार्यकर्ताओं को भी मानने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार इस बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और मोर्चों के राष्ट्रीय पदाधिकारी सहित जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और मोर्चा प्रभारी शामिल हैं।

जनगणना की मांग को लेकर भाजपा-कांग्रेस में खींचातानी, दोनों पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

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2023 के चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। कांग्रेस के पूर्व मंत्री अरूण यादव ने यूपीए सरकार में हुई जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की है। इसके अलावा कांग्रेस ने आबादी के हिसाब से आरक्षण देने की भी मांग की है। कांग्रेस की इस मांग के बाद बीजेपी ने भी इस पर पलटवार किया है।

 बीजेपी के पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने बयान दिया है कि कांग्रेस के नेताओं ने कभी हिंदुस्तान के दलित गरीब को आगे नहीं आने दिया। यूपीए की 57 साल केंद्र में सरकार रही वहीं मध्य प्रदेश में भी कई वर्षों तक सरकार रही, तब किसने मना किया था कि जातिगत जनगणना मत कीजिए। आर्य ने आगे कहा कि जब सत्ता उनके खुद के हाथ में थी उस वक़्त क्यों जातिगत जनगणना नहीं हुई?

लाल सिंह आर्य ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ झूठे वादे करना, भ्रम फैलाना और वोट के लिए राजनीति करना है। हमेशा यही सब कांग्रेस के राज में होता आया है। 

पूर्व मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि अगर कांग्रेस कुछ काम कर लेती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आयुष्मान कार्ड ना बनाना पड़ता, ना ही शौचालय बनवाना पड़ता और ना ही बैंक में खाते खुलवाने पड़ते। दलित और पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के लिए सिर्फ वोट बैंक हैं।

अरुण यादव ने इस पर कहा कि मनमोहन सरकार के समय जनगणना का काम किया गया था, सिर्फ रिपोर्ट जारी करना ही बाकी रह गया था। पर पिछले 10 साल में भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया।

वहीं जातिगत जनगणना की मांग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार विजयदत्त श्रीधर का बयान भी सामने आया है। श्रीधर का कहना है कि ये पूरी तरह वोट की राजनीति है। जिन भी वर्गों के लिए ये मांग की जा रही है उन वर्गों का हक़ इसमें कैसे संरक्षित होगा। उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर हमेशा चाहते थे कि पिछड़े समाज के या अलग-अलग समुदायों से आने वाले लोग मुख्यधारा में किसी के साथ भी मुकाबला कर सकें। आज ज़रूरत सिर्फ इस बात की है कि ऐसे लोगों की योग्यता को बढ़ाया जाए। श्रीधर के अनुसार जातिगत जनगणना बिलकुल भी ज़रूरी नहीं है। इस तरह की मांगों से समाज में बिखराव बढ़ता है।  

जाति के आधार पर आबादी की गिनती को जातीय जनगणना कहते हैं। किस वर्ग को कितनी हिस्सेदारी मिली, कौन वंचित रहा, जातीय जनगणना से इन सभी बातों का पता लगता है। जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का भी पता चलता है। 

मुख्यमंत्री शिवराज से कमलनाथ ने मांगा जवाब ! कहा – अनर्गल बातें बोलना बन गई है इनकी आदत

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भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच सियासत गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीएम शिवराज के कथित झूठ पर निशाना साधा है।

कमलनाथ ने ट्वीट के माध्यम से लिखा है कि शिवराज जी मैंने सुना है कि आजकल आप अपने मुखारविंद से हर रोज एक नया झूठ बोल रहे हैं कि कमलनाथ ने योजनाएं बंद कर दीं। मेरे बारे में रोज अनर्गल बोलना आपकी आदत बन गई है, उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मध्यप्रदेश की जनता से झूठ और अन्याय मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा।

कमलनाथ ने आगे लिखा कि आप ईश्वर को और मध्यप्रदेश की जनता को साक्षी मानकर जीवन में एक बार सच बोलिए और बताइए के मध्यप्रदेश के करोड़ों किसानों का हित करने वाली किसान कर्ज माफी योजना को आपने क्यों बंद कर दिया और 38 लाख किसानों को क्यों डिफाल्टर बना दिया?

उन्होंने सीएम शिवराज पर सवाल खड़ा किया कि आप बताइए कि महंगाई की मार से जूझ रही मध्य प्रदेश की जनता को कांग्रेस सरकार ₹100 में 100 यूनिट बिजली दे रही थी, आपने जनता का भला करने वाली इस योजना को क्यों बंद कर दिया?

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के किसान और आम आदमी के हित में चलाई गई योजनाओं को आखिर आपने किस नीयत से बंद किया? जनता आपसे भाषण नहीं, जवाब और समाधान चाहती है।

मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है, वैसे ही राजनैतिक पार्टियों में तना-तनी शुरू हो गई है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर निशाना साधा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल यहां मुख्य माने जाते हैं।

इन बयानों को लेकर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ज़ुबानी बयानबाजियों की जगह दोनों ही दलों के मुखियाओं को ज़मीन पर जाकर हक़ीक़त देखनी चाहिए, क्योंकि जनता को इन सवालों से साधा नहीं जा सकता।

अपने दिए नारे पर भी अमल नहीं कर पाई BJP, 5 राज्यों को मिलाकर भी नही हुआ 200 पार

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देश में कोरोना का कहर बरकरार है। ऐसे में बीते दिनों 5 राज्यों में चुनाव हुए है । वहीं आज पश्चिम बंगाल, असम, केरल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी हद तक साफ हो चुके है। बंगाल में ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करती दिख रही है। असम में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए वापसी कर रही है। केरल में भी सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की वापसी हो रही हैम वहीं तमिलनाडु में सत्ता पलट रही है और कांग्रेस-डीएमके गठबंधन बहुमत से सरकार बना रही है। पुद्दुचेरी में अभी तक के रुझानों के अनुसार एनडीए सरकार बना रही है।

  • पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी हैट्रिक बनाने की ओर अग्रसर है। रुझानों में टीएमसी 208 सीटों की बढ़त के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। नंदीग्राम की सीट भी ममता बचाती नजर आ रही है। वहीं बीजेपी डबल डिजिट से भी कम महज 81 सीटों पर सिमटती दिख रही है। बीजेपी के तमाम बड़े नेता भी अपनी सीट हार रहे है।
  • असम में बीजेपी अपना गढ़ बचाने में कामयाब होती दिख रही है। रुझानों में सत्तारूढ़ एनडीए को 78 सीटों पर बढ़त मिली है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में बने महागठबंधन को 47 सीटों पर बढ़त हासिल हुई है। असम में सरकार बनाने के लिए 64 सीटों की जरूरत होती है।
  • तमिलनाडु में बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन है। यहां पिछले 10 सालों से एआईएडीएमके काबिज है। लेकिन इस बार यहां सत्ता पलट रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि की पार्टी डीएमके सत्ता पर काबिज होती दिख रही है।रुझानों में एआईएडीएमके गठबंधन महज 84 सीटों से आगे है जबकि डीएमके गठबंधन ने 149 सीटों पर बढ़त बना रखी है।
  • केरल में विधानसभा की 140 सीटें है। वर्तमान में यहां सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है।और इस बार भी एलडीएफ दोबारा सत्ता में आ सकती है। रुझानों में एलडीएफ 98 और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 41 सीटों से आगे है।वहीं तीसरे मोर्चे बीजेपी को एक ही सीट मिलती नजर आ रही है।
  • पुडुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है। कुल 30 सीटों वाले पुडुचेरी में एनडीए की सरकार बन सकती है। 12 सीटों पर आए रुझानों के अनुसार, यहां एनडीए 8 सीटे और यूपीए को 3 सीटे मिल रही है। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। चुनाव शुरू होने से कुछ महीने पहले यहां कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार गिर गई थी।