इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने नाइट कल्चर को लेकर विरोध जताया है। विजयवर्गीय का कहना है कि नाइट कल्चर की वजह से युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है। नाइट कल्चर के ज़रिए ड्रग्स और नशे की आदत लग रही है।
विजयवर्गीय ने आगे कहा कि इंदौर में नाइट कल्चर एक संस्कृति की तरह रहा है। इंदौर का नाइट कल्चर सर्राफा बाजार के रूप में हमने देखा है। एक समय था जब हमारे पिताजी-मामाजी हमें रात में सराफा बाजार ले जाया करते थे, वहां हम रबड़ी खाया करते थे उस दौरान शहर के कई बड़े लोग भी सराफा में मौजूद रहते थे। पहले के समय में नाइट कल्चर इंदौर की संस्कृति था लेकिन अब नाइट कल्चर में युवा नशे में धुत नजर आते हैं।
विजयवर्गीय ने कलेक्टर-कमिश्नर से नाइट कल्चर की इस व्यवस्था का मूल्यांकन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें यह पता करना बहुत जरूरी है कि इसके क्या फायदे हुए और क्या नुकसान नज़र आये। इसमें ड्रग रैकेट काम कर रहा है और कुछ नाम भी सामने आ रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय नशे को लेकर दिए गए बयानों से पहले भी विवादों में घिर चुके हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने प्रशासन को नाइट कल्चर पर विस्तृत रिपोर्ट बनाकर देने के लिए कहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद नाइट कल्चर पर विचार भी किया जाएगा। आपदा प्रबंधन की बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित बीजेपी के नेता इंदौर कलेक्टर, इंदौर पुलिस कमिश्नर, निगम आयुक्त भी शामिल हुए।
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर से विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा सरकारी कर्मचारी की बल्ले से पिटाई करने पर प्रधानमंत्री मोदी की तीखी प्रतिक्रिया आई है।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम ने आज कहा कि किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार जो पार्टी का नाम खराब करता है, वह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए, फिर चाहे वो कोई भी हो।”
RP Rudy, BJP MP on Akash Vijayvargiya: PM in BJP parliamentary party meeting today said any kind of misbehaviour that brings down party’s name is unacceptable. He said that action should be taken if someone has done something wrong. He also said that it is applicable on everyone. pic.twitter.com/TWTUkmeHy8
रूडी ने आगे कहा कि “पीएम मोदी ने आज पार्टी के सभी सदस्यों को स्पष्ट संदेश दिया कि इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है, चाहे वह कोई भी हो।”
Rajiv Pratap Rudy, BJP MP, on BJP MLA Akash Vijayvargiya: PM Modi today conveyed a clear message to all the party members that such behaviour is not acceptable, be it anyone. https://t.co/dSWto9EogA
बता दें कि कुछ दिनों पहले भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय का सरकारी कर्मचारी को बल्ले से पीटते हुए वीडियो वायरल हो गया था। जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी। वहीं इस मामले में आकाश की गिरफ्तारी हुई उर उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
कांग्रेस के पूर्व सांसद और दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले प्रेमचंद गुड्डू भाजपा में शामिल हो गए हैं. आज शुक्रवार की शाम दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में सदस्यता ली. गौर करने वाली बात है कि गुड्डू के सदस्यता लेने के दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ थावरचंद गहलोत भी मौजूद थे. बता दें कि उज्जैन जिले की घट्टिया सीट से गुड्डू और गहलोत चुनावी मैदान में आमने सामने रहते थे.
सूत्रों की मानें तो प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस में साइड लाइन होने की वजह से पिछले कई दिनों से परेशान चल रहे थे. इसलिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया. प्रेमचंद गुड्डू उज्जैन से सांसद रह चुके हैं इसके बावजूद भी उज्जैन में नियुक्तियों के दौरान उन्हें नजरअंदाज किया गया. सभी पद कमलनाथ के करीबी को दे दिया गया. जिस वजह से गुड्डू काफी नाराज चल रहे थे. हालांकि इस मामले पर दिग्विजय सिंह ने गुड्डू का साथ भी दिया था लेकिन कमलनाथ ने पद देने से इंकार कर दिया. यही कारण है कि गुड्डू और कमलनाथ की बिलकुल नहीं बनती.
कैलाश विजयवर्गीय ने दिलाई सदस्यता
प्रेमचंद गुड्डू के भाजपा में शामिल होने के संकेत भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पहले ही दे दिया था. विजयवर्गीय ने एक टीवी चैनल को बताते हुए कहा था कि आज शाम तक बड़ा ‘धमाका’ करने वाले हैं, उनके इस ऐलान से कांग्रेस को झटका लगेगा. बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय ने ही गुड्डू को सदस्य्ता दिलाई.
उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
बहरहाल, प्रेमचंद गुड्डू का भाजपा में शामिल होने से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि जैसे ही प्रेमचंद ने भाजपा में शामिल हुए वैसे ही भाजपा मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, ‘घट्टिया विधानसभा सीट से पहली सूची में उम्मीदवार का नाम त्रुटिवश जारी हो गया है. अभी इस सीट पर उम्मीदवार का निर्णय नहीं हुआ है. अगली सूची में इस विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी.’
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर आज भाजपा और कांग्रेस टिकटों का ऐलान कर सकती है। टिकटों को लेकर राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं के बीच दिल्ली में हो रही लगातार बैठकों में ये कयास लगाए जा रहें है कि टिकटों की घोषणा जल्द ही हो सकती हैं। दोनों ही पार्टियों में सीटों को लेकर अंर्तविरोध देखा जा रहा है। मीटिंग के दौरान बड़े नेताओं के भी आपस में भिड़ने की खबरें लगातार बनी हुई हैं।
भाजपा की मीटिंग धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में खत्म हो चुकी है वहीं कांग्रेस की मीटिंग राहुल गांधी के नेतृत्व में फिलहाल अभी भी जारी है। दोनों पार्टियों में सीटों को लेकर पार्टी नेताओं के बीच धमासान को विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को एक चरण में पूरे प्रदेश में चुनाव होने वालें हैं। वहीं 11 दिसंबर को इस चुनाव के परिणाम भी आ जाएंगे।
भाजपा की सीटों को लेकर दिल्ली स्थित धर्मेंद्र प्रधान के घर में बैठकों का सिलसिला आखिर कार खत्म हो चुका है। जहां राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और प्रदेश के नेताओं के बीच लगातार बैंठक हो रही थी, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा समेत कई बड़े नेताओं के बीच सीटों के मंथन का दौर समाप्त हो चुका है और जल्द ही भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी की फिलहाल मीटिंग अभी जारी है, जहां प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योर्तिरादित्य सिंधिया मौजूद है। टिकट बटवारे को लेकर दिग्विजय सिंह और सिंधिया बे बीच भिड़ने की भी खबर वायरल हो रही थी। लेकिन बाद में सिंधिया ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि इस प्रकार की कोई भी विवाद हमारे बीच नहीं हुआ है।
मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय अपने दोनों हाथों में लड्डू रखने की रणनीति पर चल रहे हैं। विजयवर्गीय की निगाहें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर लगी है। विजयवर्गीय इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। अभी लोकसभा अध्यक्ष इस क्षेत्र से सांसद हैं। सुमित्रा महाजन अपनी राजनीतिक पारी समाप्त करने से पहले बेटे मंदार महाजन को विधानसभा में भेजना चाहती हैं। कुछ ही समय यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि कैलाश विजयवर्गीय और सुमित्रा महाजन के बेटे को पार्टी टिकट देती है या नहीं।
इंदौर की राजनीति में होगा बड़ा फेरबदल
राज्य में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनना और उसका नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान के हाथ में होना कैलाश विजयवर्गीय के लिए किसी भी स्थिति में अच्छे संकेत देने वाला नहीं रहा। कैलाश विजयवर्गीय को वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इंदौर-2 की अपनी परंपरागत सीट को छोड़ना पड़ी थी। यह सीट उन्होंने अपने सहयोगी रमेश मेंदोला के लिए छोड़ी थी। विजयवर्गीय महू चुनाव लड़ने के लिए चले गए थे। वे चुनाव जीते भी।
इसके बाद से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनकी दूरी बढ़ती गई। दूरी बढ़ने की बड़ी वजह पेंशन घोटाला रहा। इस घोटाले के लिए चौहान द्वारा बनाए गए आयोग की रिपोर्ट को अब तक विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गया है। जबकि आयोग ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। बताया जाता है कि विजयवर्गीय ने मेंदोला को मंत्री बनावाने के लिए ही मंत्री पद छोड़ा था। विजयवर्गीय को पार्टी ने राष्ट्रीय महा सचिव बना दिया। विजयवर्गीय पर उनका बेटा आकाश विजयवर्गीय टिकट के लिए दबाव बना रहे हैं। पार्टी एक ही टिकट देने को तैयार बताई जाती है।
सूत्रों ने बताया कि विजयवर्गीय ने इंदौर से लोकसभा का टिकट देने की मांग भी पार्टी के सामने रखी है। अभी यह पूरी तरह साफ नहीं हुआ है कि आकाश विजयवर्गीय को महू से उम्मीदवार बनाया जाएगा या फिर इंदौर-दो से। इंदौर-दो से यदि आकाश को टिकट दी जाती है तो रमेश मेंदोला का भविष्य दांव पर होगा। सुमित्रा महाजन के बेटे को टिकट देने की स्थिति में परिवारवाद की चर्चा इंदौर की सड़कों पर भी सुनाई दे सकती है।
सूर्यप्रकाश मीणा ने इज्जत बचाने लिखी चिट्ठी
कैलाश विजयवर्गीय के चुनाव न लड़ने के पीछे कारण और भी हैं। पार्टी में कई दिग्गज नेता अपने साथ-साथ अपने पुत्र-पुत्रियों के लिए भी टिकट मांग रहे हैं। इनमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव का नाम प्रमुख है। वे अपने बेटे अभिषेक के लिए देवरी से टिकट मांग रहे हैं। विजयवर्गीय फार्मूले को पार्टी ने यदि मान लिया तो कई नेताओं को अपने बेटों की खातिर घर बैठना पड़ेगा। राज्य में चौथी बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोशिश नए चेहरों को टिकट देने की है। इसमें बड़ा फायदा उनका ही है। पार्टी में उनके कद का कोई नेता चुनौती देने वाला नहीं होगा।
पिछले सप्ताह कैलाश विजयवर्गीय ने ही सार्वजनिक तौर पर कहा था कि अब नई पीढ़ी आगे आना चाहिए। उनका यह सुझाव कई नेताओं के लिए मुश्किल बन गया है। भाजपा में उथल-पुथल कई मोर्चों पर देखी जा रही है। राज्य के उद्यानिकी मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा का एक पत्र सोशल मीडिया पर चल रहा है, जिसमें उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा प्रकट की है। पत्र मुख्यमंत्री को लिखा गया है। मीणा का टिकट काटे जाने की चर्चाएं काफी दिनों से चल रही थी। वे अपने दावेदारी को लेकर पार्टी कार्यालय में बड़े नेताओं से मिले थे।
Newbuzzindia: असहिष्णुता पर दिए अपने बयान को लेकर भाजपा के समर्थकों के निशाने पर आए बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। बुधवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के साथ मंच पर दिखे शाहरुख ने पार्टी की तरफ दोस्ती के कदम बढ़ा दिए हैं। भाजपा प्रवक्ता और फैशन डिजाइनर शाइना एनसी की किताब के विमोचन समारोह में शाहरुख ने पुराने सारे गिले-शिकवे दूर करने की भरपूर कोशिश की और कुछ हद तक इसमें सफल भी रहे।
इस दौरान शाहरुख ने कहा कि मेक इन इंडिया का कार्यक्रम पीएम मोदी की सबसे खास और बेहतरीन पहल है और इसको लेकर मुंबई और उन्हें इस पर गर्व है। शाहरुख ने इस बड़े आयोजन के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की भी काफी तारीफ की तो इस पर सीएम साहब ने भी अभिनेता की प्रशंसा की। सीएम फड़नवीस ने तारीफ करते हुए कहा कि युवाओं के आईकॉन बन चुके शाहरुख खान के महाराष्ट्र में रहने पर उन्हें गर्व है। बता दें कि शाहरुख इससे पहले भी पीएम मोदी तारीफ कर चुके हैं।
शाहरुख ने बढ़ते विरोध के बीच एक बार असहिष्णुता से जुड़े अपने बयान को गलत समझ लेने की बात कहते हुए खेद जताया था. वहीं दूसरी बार अपने एक फिल्म के प्रमोशन में कहा था कि उनसे बड़ा देशभक्त दूसरा कोई नहीं है। उन्होंने तब भी पीएम मोदी की तारीफ करते हुए खुद को उनका फैन बताया था।
गौरतलब है कि भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ, मनोज तिवारी, कैलाश विजयवर्गीय और साध्वी प्राची ने नवंबर में दिए असहिष्णुता संबंधी बयान पर हमला करते हुए शाहरुख को पाकिस्तान भेज देने की बात कही थी। इसके उलट वहीं बुधवार को शाहरुख भाजपा नेताओं के साथ काफी घुले-मिले दिखे।
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Newbuzzindia: असहिष्णुता पर दिए अपने बयान को लेकर भाजपा के समर्थकों के निशाने पर आए बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। बुधवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के साथ मंच पर दिखे शाहरुख ने पार्टी की तरफ दोस्ती के कदम बढ़ा दिए हैं। भाजपा प्रवक्ता और फैशन डिजाइनर शाइना एनसी की किताब के विमोचन समारोह में शाहरुख ने पुराने सारे गिले-शिकवे दूर करने की भरपूर कोशिश की और कुछ हद तक इसमें सफल भी रहे।
इस दौरान शाहरुख ने कहा कि मेक इन इंडिया का कार्यक्रम पीएम मोदी की सबसे खास और बेहतरीन पहल है और इसको लेकर मुंबई और उन्हें इस पर गर्व है। शाहरुख ने इस बड़े आयोजन के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की भी काफी तारीफ की तो इस पर सीएम साहब ने भी अभिनेता की प्रशंसा की। सीएम फड़नवीस ने तारीफ करते हुए कहा कि युवाओं के आईकॉन बन चुके शाहरुख खान के महाराष्ट्र में रहने पर उन्हें गर्व है। बता दें कि शाहरुख इससे पहले भी पीएम मोदी तारीफ कर चुके हैं।
शाहरुख ने बढ़ते विरोध के बीच एक बार असहिष्णुता से जुड़े अपने बयान को गलत समझ लेने की बात कहते हुए खेद जताया था. वहीं दूसरी बार अपने एक फिल्म के प्रमोशन में कहा था कि उनसे बड़ा देशभक्त दूसरा कोई नहीं है। उन्होंने तब भी पीएम मोदी की तारीफ करते हुए खुद को उनका फैन बताया था।
गौरतलब है कि भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ, मनोज तिवारी, कैलाश विजयवर्गीय और साध्वी प्राची ने नवंबर में दिए असहिष्णुता संबंधी बयान पर हमला करते हुए शाहरुख को पाकिस्तान भेज देने की बात कही थी। इसके उलट वहीं बुधवार को शाहरुख भाजपा नेताओं के साथ काफी घुले-मिले दिखे।
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को मालदा में कहा कि वह आशान्वित हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में सरकार बना सकती है। मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार के मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षक ने कहा कि चुनाव परिणामों के बाद पार्टी इसका निर्णय करेगी।
माकपा और कांग्रेस के आपसी गठबंधन बनाने के कथित प्रयासों को उन्होंने ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा कि सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस इन दलों के डर का नतीजा है। विजयवर्गीय ने कहा कि इन दोनों पार्टियों की पश्चिम बंगाल में मुश्किल से कोई उपस्थिति है। वे काफी कमजोर हैं और यही कारण है कि वे गठबंधन करने के बारे में सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये दल काफी समय तक एक-दूसरे का विरोध करते रहे लेकिन अब आपस में हाथ मिला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह गठबंधन बनता है तो मैं उम्मीद करता हूं कि भाजपा को इसका लाभ मिलेगा और हमें जीतने में मदद मिलेगी। अंतिम निगम चुनावों में भाजपा के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बारे में विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि हिंसा की पृष्ठभूमि में चुनावों का आयोजन किया गया था।
उन्होंने कहा कि असमाजिक तत्व बंदूक और बमों के साथ घूमते थे और ऐसे में लोगों की इच्छा परिणाम में नहीं बदल सकी। विजयवर्गीय ने कहा कि लेकिन विधानसभा चुनावों में कड़े सुरक्षा प्रबंध होने के कारण ऐसा नहीं होगा। अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं तो मैं आश्वस्त हूं कि भाजपा बेहतर प्रदर्शन करेगी।
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