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वर्ल्ड बैंक: विकाशील देशों की श्रेणी से हट अब लो इनकम वाला देश हुआ भारत

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वर्ल्‍ड बैंक ने भारत को लेकर विकासशील देशों का तमगा हटा दिया है। अब भारत लोअर मिडिल इनकम कैटेगरी में गिना जाएगा। भारत नए बंटवारे के बाद जांबिया, घाना, ग्‍वाटेमाला, पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और श्रीलंका जैसे देशों की श्रेणी में आ गया है।

सबसे बुरी बात यह है कि ब्रिक्‍स देशों में भारत को छोड़कर चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील अपर मिडिल इनकम श्रेणी में आते हैं। अभी तक लो और मिडिल इनकम वाले देशों को विकासशील और हाई इनकम वाले देशों को विकसित देशों में गिना जाता रहा है। वर्ल्‍ड बैंक ने अर्थव्‍यवस्‍था के बंटवारें की श्रेणियों के नामों में परिर्वतन किया है।

वर्ल्‍ड बैंक के डाटा साइंटिस्‍ट तारिक खोखर ने बताया, “हमारे वर्ल्‍ड डवलपमेंट इंडिकेटर्स पब्लिकेशन में हमने लो और मिडिल इनकम वाले देशों को विकासशील देशों के साथ रखना बंद कर दिया है। विश्‍लेषणात्‍मक उद्देश्‍य से भारत को लोअर मिडिल इनकम अर्थव्‍यवस्‍था में रखा जा रहा है। हमारे सामान्‍य कामकाज में हम विकासशील देश की टर्म को नहीं बदल रहे हैं। लेकिन जब स्‍पेशलाइज्‍ड डाटा देंगे तो देशों की सूक्ष्‍म श्रेणी का प्रयोग करेंगे।”

वर्ल्‍ड बैंक की ओर से कहा गया है कि मलावी और मलेशिया दोनों विकासशील देशों में गिने जाते हैं। लेकिन अर्थव्‍यवस्‍था की दृष्टि से देखें तो मलावी का आंकड़ा 4.25 मिलियन डॉलर है जबकि मलेशिया का 338.1 बिलियन डॉलर है।

नए बंटवारे के बाद अफगानिस्‍तान, नेपाल लो इनकम में आते हैं। रूस और सिंगापुर हाई इनकम नॉन ओईसीडी और अमेरिका हाई इनकम ओईसीडी कैटेगिरी में आता है। नई श्रेणियों को निर्धारण वर्ल्‍ड बैंक ने कई मानकों के आधार पर किया है। इनमें मातृ मृत्‍यु दर, व्‍यापार शुरू करने में लगने वाला समय, टैक्‍स कलेक्‍शन, स्‍टॉक मार्केट, बिजली उत्‍पादन और साफ-सफाई जैसे मानक शामिल हैं।

कफ़न से लिपटे बेटे के लाश को देख कर बोली एसपी की माँ, ‘एक बार तो माँ बोल दे मेरे लाल।’

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जब SSP और सभी आला अफसर अपने एसी बंगले में आराम फरमा रहे थे तब उपद्रवियों से भिड़ने के लिए अकेले निकल पड़े थे SP । उपद्रवियों के हमले में शहीद हुए SP मुकुल द्विवेदी की लाश जब उनके सरकारी आवास पर पहुँची तो परिवार में कोहराम मच गया। जिस तरह से उनकी माँ उनके लाश से लिपट के रो रही थीं उसे देख वह खड़े लोगों ने भी अपने आंसू रोक ना सके।

उठ जा मेरे लाल। देख तेरी मम्मी आ गई है। बस! एक बार तो मम्मी कह दे। रुंधे गले से बस इतना निकला और बेटे की लाश से लिपटकर रोने लगीं शहीद एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की मां मनोरमा द्विवेदी। पत्नी और बच्चों का तो रो-रोकर बुरा हाल था। रोते जाते और कहते, अब परिवार की देखभाल कौन करेगा।
एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी मूल रूप से औरेया जिले के रहने वाले थे। इनके परिवार में पिता श्रीलचंद, मां मनोरमा देवी और पत्नी अर्चना देवी हैं। बेटे की मौत की खबर पाकर मां मनोरमा देवी शुक्रवार को मथुरा में उनके सरकारी आवास पर पहुंची। जैसे ही यहां मुकुल द्विवेदी का शव पहुंचा कोहराम मच गया।

मां मनोरमा देवी बेटे के शव से लिपटकर बिलखने लगीं। …बेटा उठ जा। देख तुझे तेरी मम्मी बुला रही है। एक बार सबसे बात तो कर लो। देख सारे परिवार वाले आ गए। मां का हर वाक्य वहां उपस्थित लोगों के हृदय में शूल सा लगा। लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि उन्हें सांत्वना दे। मां बिलखती हुई सवाल करती रहीं…पापा को दवा के बारे में कौन पूछेगा। मां से रोज बात कौन करेगा। छोटे-छोटे बच्चे हैं मेरे लाल के कौन रखेगा उनका ख्याल। पत्नी का भी रो-रोकर बुरा हाल था।

एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी को उनके एक ज्योतिष मित्र ने बताया था कि उनकी गृह दशा ठीक नहीं चल रही है। कोई संकट आ सकता है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराने की सलाह दी गई थी। बताया जाता है कि जाप शुरू भी हो गया था। मगर इससे पहले कि जाप पूरा होता उन पर संकट आ गया

मोदी सरकार के इस कदम ने उड़ाई चाईना की नींद

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NewBuzzIndia: हथियार और सुरक्षा तकनीक में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार का यह फैसला चाईना को आँख दिखने जैसा है। इससे एशियाई देशों के बीच भारत का कद और ज्यादा बढ़ा है।

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चीन को नजरअंदाज करते हुए भारत ने वियतनाम को भारत की सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस बेचने का फैसला लिया है। केन्द्र की मोदी सरकार ने एशिया में चीन की बढ़ती ताकत को चुनौती देने के तहत यह फैसला लिया है। 5 साल पहले वियतनाम ने भारत से क्रूज मिसाइल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने चीन के विरोध के कारण यह सौदा रोक दिया था। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर 5 दिन के वियतनाम और सिंगापुर दौरे पर हैं जहां वे इस सौधे पर अंतिम बातचीत करेंगे।

उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस भारत-रूस के ज्वाॅइंट वेंचर से देश में ही बनाई गई एक सुपर सोनिक एंटी शिप मिसाइल है। लीथल फ्यूल से ऑपरेट करने वाली यह मोस्ट इफेक्टिव एंटी शिप मिसाइल है। यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। इसकी स्पीड अमेरिकी सबसोनिक टॉमहॉक क्रूज मिसाइल से भी तीन गुना ज्यादा 2.8 मैच है। ब्रह्मोस मिसाइल 300 किलो वारहेड के साथ 290 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। सरफेस-टू-सरफेस पर मार करने वाली इस मिसाइल को सबमरीन, शिप और प्लेन से भी दागा जा सकता है। समुद्र और मैदान से मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को इंडियन आर्मी और नेवी में शामिल किया जा चुका है।

मौजूदा समय में साउथ चाइना सी में भी चीन और वियतनाम के बीच बॉर्डर को लेकर टकराव बढ़ रहा है। साउथ चाइना सागर में भारतीय तेल कंपनियां वियतनाम के लिए तेल निकालती हैं। चीन को भारतीय कंपनियों द्वारा तेल निकालने पर भी ऐतराज है, इसके बावजूद भी भारत तेल के क्षेत्र में चीन की मदद कर रहा है।
भारत और रूस ब्रह्मोस को दूसरे देशों को बेचने के लिए तैयार हैं। सूत्रों की मानें तो भारत चिली, यूएई, साउथ अफ्रीका जैसे देशों के साथ ब्रह्मोस के सौदे को लेकर बात कर रहा है। इस फैसले को मोदी सरकार की विदेश नीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

अब चीन के साथ सटे एक देश के पास, चीन में भीतर तक आक्रमण करने की ताकत होगी!

मथुराकांड: संबित पात्रा के पांच सवालों ने की अखिलेश यादव की बोलती बंद

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NewBuzzIndia:  मथुरा में हुए सामाजिक अव्यवस्था पर संबित पात्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पांच तीखे प्रश्न पूछे हैं, जिसपर अभी तक अखिलेश यादव के तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

गौरतलब है कि, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने मथुरा काण्ड को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य्मंत्री अखिलेश यादव से काफी तीखे सवाल पूछे हैं। कल हुई इस घटना में दो पुलिस अफसरों समेत करीब 18 लोगों की मौत हो गयी है। इस घटना के बाद एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। संबित पात्रा ने भी आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव के ऊपर कई सवाल दागे –

पहले प्रश्न में उन्होंने अखिलेश यादव से पूछा कि जवाहर बाग़ में कब्ज़ा करके बैठे इस भू माफिया को किसका राजनैतिक संरक्षण प्राप्त था।

दूसरे सवाल में उन्होंने कहा कि मीडिया काफी तफ्शीश के साथ हर दिन इस पूरे मामले को उजागर कर रही है। मीडिया का श्पष्ट कहना है कि इस घटना का जो मास्टरमाइंड था वह किस प्रकार की करतूतों को अंजाम दे रहा था उससे सभी लोग भली भाँती परिचित थे, उसपर पहले भी 15 लोगों पर जानलेवा हमले करने का आरोप लगा था और जांच भी चल रही थी। इसके अलावा मथुरा और आस पास के लोग उस व्यक्ति और उस पूरे समूह के कार्यकलापों से परेशान थे। ऐसे में वह व्यक्ति ढाई-तीन साल तक मथुरा की गलियों में ढाई-तीन साल तक सीना चौड़ा करके घूमता रहा, यह सब कुछ प्लान करता रहा, प्रशासन और पुलिस शांत रही, यह ऐसे ही तो नहीं हो सकता है, सबकुछ जानते हुए उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई??

तीसरे प्रश्न में उन्होंने कहा – अभी हमारी प्रेस कांफ्रेंस के पहले हमने उत्तर प्रदेश के DGP की प्रेस कांफ्रेंस को सुना, उन्होंने बहुत ही श्पष्टता के साथ कहा कि जब पुलिस वहां पर पहुंची तो पहले से ही कुछ लोग बन्दूक लेकर पेड़ों के ऊपर बैठे हुए थे, पुलिस को देखते ही उन्होने ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया जिसमें दो पुलिसकर्मी अपना जीवन खो बैठे। संबित पात्रा ने कहा कि ये तो बड़ा आश्चर्य का विषय है, इतना बड़ा पुलिस महकमा, पुलिस बिना तैयारी के वहां चली जाती है, पुलिस में किसी प्रकार का इंटेलिजेंस ही नहीं कि लोग पेड़ पर बन्दूक लेकर बैठे हुए हैं और गोली चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति पुलिस में भर्ती होते हैं वो जनता की हिफाजत के लिए भर्ती होते हैं, वे मुस्तैदी के साथ काम करना चाहते हैं लेकिन अगर इंटेलिजेंस ही नहीं है कि पेड़ पर पहले से ही लोग बन्दूक लेकर बैठे हुए हैं तो हम उत्तर प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछना चाहते हैं कि जाने से पहले पुलिस ने तैयारी क्यों नहीं की। ये इंटेलिजेंस कहाँ नदारद थी।

चौथे सवाल में संबित ने कहा – तमाम न्यूज चैनल्स दिखा रहे हैं कि किस प्रकार का असलहा और बारूद जवाहर बाग़ से  निकाला गया है, वहां पर बम, बारूद और बंदूकों का जमावड़ा था, यह कोई रातोंरात तो नहीं हो गया, जिस तादात में यह इकठ्ठे हुए हैं, ये खुद अपने आप में बयान करता है कि ये वर्षों का काम था, दो ढाई वर्ष में धीरे धीरे करके एक मिनी वार जोन, या एक मिनी युद्ध मैदान तैयार किया गया था, उसके अन्दर इतना असलहा, बम बारूद इत्यादि है, टीवी यह भी दिखा रही है कि आधुनिक हथियार भी वहां पर मौजूद था। प्रश्न यह है कि जब उत्तर प्रदेश के सेंटर यानी मथुरा में इतना बम बारूद इकठ्ठा हो रहा था यह छोटी बात नहीं है, मथुरा कोई छोटा शहर नहीं है, आखिर यह किसके बल पर हुआ, इतना असलहा ऐसे ही इकठ्ठा नहीं हो जाता है, संभव ही नहीं है बिना कि बिना पुलिस और प्रशासन की जानकारी के इतना असलहा वहां इकठ्ठा हो जाय, जब असलहा आता है तो कई चेक पोस्ट पर उनकी चेकिंग होती है, क्या उनकी कोई चेकिंग नहीं हुई? जिस लोगों ने यहाँ पर इतना असलहा और बम बारूद इकठ्ठा किया, उसने पूछताछ नहीं की गयी या भ्रष्टाचार के कारण हर चेकपोस्ट पर उन्हें छोड़ दिया गया। यह दिखाता है कि उत्तर प्रदेश में प्रशासन की हालत क्या है।

संबित ने पांचवे सवाल में कहा – पुलिस का काम जनता की हिफाजत करना है, जब खुद पुलिस हताहत हो जाए, जब खुद पुलिस अपनी जान के लिए परेशान रहे तो जनता की हिफाजत कौन करेगा, मै NCRB का डेटा लेकर बैठा हूँ। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों में यानी जब से सपा की सरकार बनी है, पुलिस से किस प्रकार का वर्ताव किया गया है, वह भी सोचनीय है।

उन्होंने बताया कि दो दिन पहले आजमगढ़ पुलिस थाने में कुछ लोगों की भीड़ एक थाने पर पथराव करती है, जबरजस्ती थाने में घुस जाती है और पुलिस एन जिस व्यक्ति को बंद किया होता है उसे छुड़ा लेती है।

प्रतापगढ़ के कुंडा पुलिस स्टेशन में एक होमगार्ड को गोली मार दी जाती है।, पीलीभीत में हेडकांस्टेबल को गोली मार दी जाती है।

बदायूं में दो पुलिसकर्मी जब साउंड की आवाज कम कराने जाते हैं तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी जाती है।

उन्होंने बताया कि NCRB का डेता बताता है कि जब से अखिलेश यादव की सरकार बनी है पुलिस पर इस प्रकार की वारदात बढ़ गयी हैं।

उन्होंने बताया कि 2014-15 में पुलिस वालों पर तीन सौ अटैक हुए। विगत चार वर्षों में 1054 बार पुलिस पर अटैक हुआ है।

उन्होंने कहा कि जिस राज्य में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है उस राज्य में जनता का क्या हाल होगा इसका आप अंदाजा लगा सकते हैं। पुलिस की तैयारी पर भी कई प्रश्न उठते हैं, जिस पुलिस को तैयार रहना चाहिए, वह तैयार नहीं रहती, आज एसपी नहीं रहे हमारे बीच, लोग एसपी को मार दे रहे हैं, SHO मर जाते हैं। जब एसपी और SHO को ही DGP और मुख्यमंत्री नहीं बचा सकते तो आप आदमी को मुख्यमंत्री किस प्रकार से हिफाजत कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हम अखिलेश यादव से इन पाँचों प्रश्नों का उत्तर चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश को गुंडाराज बना दिया है।

संबित पात्रा ने कहा कि अखिलेश यादव को नैतिक रूप से इस घटना की जिमेदारी नहीं लेनी चाहिए।

अंग्रेजों को नहीं, पुरी के मंदिर को गिफ्ट करा था KOHINOOR: मनोज श्रीवास्तव (IAS)

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Newbuzzindia: देश में kohinoor हीरे को लेकर छिड़ी बहस के बीच मध्यप्रदेश कैडर के IAS अफसर मनोज श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया के जरिए नई जानकारी दी है। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्रीवास्तव ने 1939 के दस्तावेजों के आधार
पर दावा किया है कि Kohinoor हीरा लाहौर के
महाराजा ने इंग्लैंड की महारानी को गिफ्ट नहीं बल्कि
सरेंडर किया था। प्रमुख सचिव की जानकारी के मुताबिक, जिस समय Kohinoor गिफ्ट करने की बात की जा रही है उस समय महाराजा दिलीप सिंह की उम्र 13 साल थी। IAS मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक महाराज रणजीत सिंह ने kohinoor को अपनी वसीयत में पुरी के मंदिर को भेंट करने
की जिक्र किया था। जिस वसीयत को ईस्ट इंडिया
कंपनी ने लागू होने नहीं दिया।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि ब्रिटिश हुकूमत ने kohinoor पर न तो कब्जा किया है और न ही उसे चुराया था। बल्कि वो गिफ्ट में ब्रिटेन गया था।