राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है उन्होंने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त में Corona का टीका (Vaccination) लगाये जाने की बात की है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने 1.34 करोड़ टीकों के खरीद को भी मंजूरी दे दी है।
टीकों की खरीदी पर केजरीवाल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे जल्द से जल्द खरीदा जाए और लोगों को जल्द से जल्द कोरोना का टीका लगाया जाए।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम दिए अपने संबोधन में कहा था कि 1 मई से कोरोना टीकाकरण का अभियान चलाया जाएगा जिसमें 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे वैक्सीन की कीमत 150 रुपये प्रतिडोज़ तक रखें, मुनाफा कमाने के लिए पूरा जीवन बचा है। यह वक्त लाभ कमाने का नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से भी टीके की कीमत तय करने का अनुरोध किया है।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ऐलान, 18 साल से ऊपर सभी लोगों को मुफ्त लगेगा कोरोना टीकास
दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में 24 घंटे में 25 मरीजों की मौत, कई अस्पतालों में भी नही बची ऑक्सिजन
कोरोना की बढ़ती महामारी के बीच देश के हर राज्य में ऑक्सीजन की कमी की खबरे आ रही हैं ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल से जुड़ा है जहाँ पर ऑक्सीजन खत्म होने के कारण बीते 24 घंटों में 25 लोगों की मौत हो गयी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली वासियों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करवाने की अपील की लेकिन उनकी अपील का प्रधानमंत्री पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है बीते 24 घंटों में दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में 25 लोगों की मौत ऑक्सीजन न मिलने के कारण हो गई तो कई भर्ती मरीजों की जान भी खतरे में पड़ गई।
खबरों के अनुसार सर गंगा राम हॉस्पिटल दिल्ली के स्टॉक में सिर्फ 2 घंटे की ही ऑक्सीजन बची हुई थी फॉक्स हॉस्पिटल ने प्रशासन से तुरंत ऑक्सीजन सप्लाई की मांग भी की थी प्रशासन ने गिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पहुंचाई भी लेकिन इसी बीच 24 घंटे में 25 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई।
इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल कम होने से 60 से ज्यादा मरीजों की जान खतरे में थी हॉस्पिटल प्रशासन ने ऑक्सीजन तुरत एयर लिफ्ट करा कर पहुंचाने की मांग की थी जब हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पहुंच गया तब जाकर मरीजों के घरवालों ने चैन की सांस ली।
ऐसा नहीं है कि दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में ही ऑक्सीजन की कमी हुई है इसके पहले मैक्स हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन की कमी थी जहां पर ऑक्सीजन पहुंच गई है। गुरुवार को ही दिल्ली के शांति मुकुंद हॉस्पिटल के सीईओ सुनील सागर,हॉस्पिटल में ऑक्सिजन की कमी का हाल सुनाते- सुनाते रो पड़े थे। उन्होंने कहा कि बहुत विकट स्थिति है। हमारे पास बहुत कम ऑक्सिजन बचा है। हम ऑक्सिजन नहीं दे पाए तो हमारे मरीज मर जाएंगे।
दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित मकुंद हॉस्पिटल के सीईओ को जब यह पता चला कि उनके हॉस्पिटल में सिर्फ 2 घंटे का ही ऑक्सिजन बचा है तो वो परेशान हो गए। उनके यहां भर्ती 110 कोरोना मरीजों को लेकर वो परेशान हो गए।
कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में लगा एक हफ्ते का लॉकडाउन-कर्फ्यू
दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य में एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। आज से लेकर सोमवार तक राज्य में कर्फ्यू लगाया गया है।
कोरोना महामारी के चलते अत्यंत खराब हालत के मद्देनज़र दिल्ली में आज रात से अगले सोमवार तक कर्फ़्यू
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) April 19, 2021
- सभी मॉल, जिम, स्पा, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल, एंटरनेटमेंट पार्क बंद रहेंगे.
- दिल्ली में रेस्तरां में जाकर खाने पर पाबंदी होगी. होम डिलिवरी या टेक अवे की इजाजत रहेगी.
- अस्पताल, सरकारी कर्मचारी, पुलिस, जिलाधिकारी, बिजली, पानी, सफाई से जुड़े लोगों को कर्फ्यू में छूट मिलेगी.
हर पल बदतर हो रहे दिल्ली के हालात, केजरीवाल ने लिखा मोदी को पत्र
कोरोना की दूसरी लहर से इस समय पूरा भारत जूझ रहा है। वहीं संक्रमण के मामले में दिल्ली भी पीछे नहीं है। शनिवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 24,375 नए मामले सामने आए। एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित मिलने का ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। बीते 24 घंटे में 167 लोगों ने कोरोना से जान भी गंवाई है। अब तक की मौत का का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसके बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति के बारे में पत्र लिखा है। उन्होंने कोविड संक्रमित रोगियों के लिए केंद्रीय सरकार के 10,000 बिस्तरों में से 7,000 बिस्तरों और ऑक्सीजन के लिए आरक्षण की अपील की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 24% से बढ़कर 30% हो गई। 100 से कम ICU बेड बचे हैं और ऑक्सीजन की कमी है। मैंने डॉ. हर्षवर्धन से कल और अमित शाह जी से आज सुबह बेड की कमी के बारे में बात की और उन्हें बताया कि हमें इसकी जरूरत है।
केजरीवाल ने आगे कहा कि पिछले 24 घंटों में दिल्ली में लगभग 25,000 कोविड-19 मामले सामने आए। दिल्ली में 10,000 बेड हैं, जो कि सेंट्रल गवर्नमेंट के हैं। जिनमें से 1,800 बेड वर्तमान में कोविड मरीजों के लिए आरक्षित हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि कोविड मामलों के मद्देनजर 10,000 बेड में से 7,000 कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि हम अगले 2-3 दिनों में यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 6,000 से अधिक हाई फ्लो ऑक्सीजन बेड लगाएंगे। राष्ट्रमंडल खेल गांव और कुछ स्कूलों को भी कोविड केंद्रों में बदल दिया जाएगा और राधा स्वामी सत्संग ब्यास में कोविड सुविधा फिर से शुरू की जाएगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने में यह देश मजबूत से क्यों बना मजबूर ?
यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल को आज भी कॉमनवेल्थ और 2जी घोटालों को लेकर याद किया जाता है। उस समय पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने सड़क पर आ गया था। तब देश विरोध करना और अपने हक़ के लिए आवाज उठाना जानता था। पेट्रोल के दाम में रुपये की वृद्धि करने में भी सरकार का पसीना निकल जाया करता था। सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने का यह भाव जनता के बीच लाने में अरविंद केजरीवाल का “इंडिया अगेंस्ट करप्शन”, अन्ना हजारे का जन लोकपाल आंदोलन और बाबा रामदेव का काला धन के लिए किया गया आंदोलन प्रमुख है।
यूपीए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते अरविंद केजरीवाल और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता काले धन के खिलाफ बाबा रामदेव के प्रदर्शन में पहुंचे नरेंद्र मोदी अन्ना आंदोलन की तस्वीर
उस समय एक तरफ अरविंद केजरीवाल देश के युवाओं को सड़क पर ला रहे थे, अन्ना देश की जनता को सत्याग्रह में शामिल कर रहे थे और बाबा रामदेव हर रोज सुबह-सुबह योगा के साथ टीवी पर कालेधन पर बड़े-बड़े आंकड़े दे रहे थे। वहीं दूसरी और नरेंद्र मोदी देश की गरीब जनता को 15-15 लाख रूपये देने की बात कर रहे थे। भ्रष्टाचार मुक्त भारत, कालाधन, जन लोकपाल और 15 लोख, यह 2014 में वोट देने वाले मुद्दे बने।
ऐसे में सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार और महँगाई के खिलाफ इतनी बड़ी औऱ लंबी लड़ाई लड़ने वाला देश आज प्रदर्शन तो दूर बल्कि आवाज उठाने से भी कतरा रहा है। हाल ही में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक आरटीआई के जवाब में 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की एक सूची जारी की है। यह देश वो बड़े उद्द्योगपति है जो जानबूझ कर बैंकों से लिए कर्ज को नही चुकाना चाहते है। आरबीआई ने आरटीआई में दी गई जानकारी में बताया कि वह 2019 में इन विलफुल डिफॉल्टर्स का 68,607 करोड़ का कर्ज माफ कर चुकी है।
आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त की है सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले ने। आपको याद ही होगा राहुल गांधी ने संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 50 सबसे बड़े डिफॉल्टर्स की सूची मांगी थी। तब निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया था। जिसके तुरंत बाद साकेत गोखले ने आरटीआई लगाकर यह जानकारी आरबीआई से मांगी थी। अगर आपको याद नही तो राहुल गांधी ने एक बाद फिर संसद में पूछे गए अपने प्रश्न का वीडियो ट्विटर पे शेयर किया है। उसे आप यहां देश सकते है,
इन 50 विलफुल डिफाल्टर्स की सूची में मेहुल चौकसे की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड 5,492 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर 4,314 करोड़ रुपए की देनदारी के साथ आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिसके निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला हैं। इसके बाद भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का नाम है, जिसने 4076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है, वहीं कानपुर स्थित रोटमैक ग्लोबल 2,850 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है. इसके अलावा सूची कुदोस केमी 2,326 करोड़ रुपए, रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड 2,212 करोड़ रुपए शामिल हैं।

इन सब के साथ ही सरकार ने पूर्व भाजपा सांसद विजय माल्या की कंपनी किंगफ़िशर एयरलाइन्स का भी 1943 करोड़ का कर्ज माफ किया है।
अब आप ध्यान से देखेंगे तो इस सरकार के दो चहरे आपके सामने आएंगे। एक जो यह सरकार कह रही है और एक जो यह कर रही है। सामने से प्रश्न पूछने पर तो यह सरकार नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे देशद्रोही भगोड़ों पर कठोर कार्यवाही करने की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ इन्हें देश से भागने देती है और इनका कर्ज माफ कर जानकारी छिपाती है।

ऐसा नही है कि मोदी सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार बंद हो गया लेकिन शायद भ्रष्टाचार के नाइ परिभाषाएं सामने आ गई है। अच्छा भ्रष्टाचार और बुरा भ्रष्टाचार। अब सरकार द्वारा किया गया भ्रष्टाचार न तो देश के सामने आता है और न ही उसकी जांच होती है। यह भ्रष्टाचार देशहित में हो रहा है और इसकड खिलाफ आवाज़ उठाना अब देशद्रोह है।
कहीं आप देशद्रोही तो नही ?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने बनाई नई रणनीति।
2020 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इस चुनाव में राहुल गांधी या प्रियंका गांधी नही बल्कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा होंगी और पूरा चुनाव उनके कार्यकाल में किये गए कार्यों के इर्द-गिर्द लड़ा जाएगा।
नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इसको लेकर अभी से फरमान जारी कर कह दिया है कि, पार्टी की तरफ जारी किये जाने वाले किसी भी पोस्टर पर शीला दीक्षित का चेहरा सबसे प्रमुखता के साथ दिखाया जाए।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में कांग्रेस के पास दिखाने के लिए जो कुछ भी है, वह शीला दीक्षित के समय का कामकाज ही है। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में वह उन्हीं को भुनाएगी। इसके लिए नए नियुक्त किए गए अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की अगुवाई में बैठक कर फैसला ले लिया गया है।
कई बड़े वादे कर सकती है कांग्रेस
कांग्रेस द्वारा हाल के विधानसभा चुनावों में किये वादों पर नजर डाली जाए तो उसने अपने घोषणा पत्र में कई बड़े-बड़े वादे किये। जिसका लाभ उसे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिला। वहीं हरियाणा में भी उसे उम्मीद से अच्छे परिणाम मिले।
हरियाणा चुनाव के बाद उत्साह में आई कांग्रेस दिल्ली में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहती। वह पूरी रणनीति बनाकर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और भाजपा का मुकाबला करने को तैयार है। दोनों ही दलों के ट्रंप कार्ड का बारीकी से अध्ययन कर उनका जवाबी उत्तर तैयार किया जाएगा। पार्टी के अध्यक्ष रह चुके एक नेता के मुताबिक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के फ्री बिजली, पानी और बस-मेट्रो के मुकाबले शानदार योजनाएं पेश करेगी और लोगों का समर्थन फिर से प्राप्त करेगी।
दिल्ली में मजबूत होने की उम्मीद
अध्यक्ष पद को लेकर तमाम उलझनों के बाद भी कांग्रेस ने हरियाँणा में शानदार प्रदर्शन किया है। चूंकि, पड़ोसी राज्य होने के नाते दिल्ली के चुनाव पर हरियाणा काफी असर डालता है, कांग्रेस को उम्मीद है कि वह दिल्ली में भी मजबूती पाने में कामयाब रहेगी। इसके लिए हरियाणा के नेता ऐसे इलाकों में प्रचार करते नजर आएंगे जहां हरियाणा के लोगों की बसावट ज्यादा है।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ के शपथग्रहण में केजरीवाल के शामिल न होने का यह हो सकता है बड़ा कारण
तो क्या सिख दंगों के दाग ने केजरीवाल को भोपाल आने से रोका ?
सिख दंगों का कोई आरोपी बचना नही चाहिए: केजरीवाल
मध्य प्रदेश में 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी नीतीश की जेडीयू
मध्यप्रदेश चुनाव में महज 39 दिन बाकी है और राजनैतिक माहौल गरमाता जा रहा है। इस चुनावी रण में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) ने भी छंलाग लगा दी है। इसकी जानकारी जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने दी है। जानकारी के मुताबिक जेडीयू 150 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। जिसमें विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल और नर्मदांचल की सीटें शामिल हैं।
क्या मध्यप्रदेश की कमान प्रशांत के हाथों में ?
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर जेडीयू में शामिल हो गए हैं। नीतीश ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौपीं है। प्रशांत किशोर ही इस समय जेडीयू की चुनावी रणनीति तैयार करते नजर आ रहे हैं। अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा की क्या प्रशांत किशोर का जादू मध्यप्रदेश में चलेगा?? 25 अक्टूबर को जेडीयू की चुनावी रणनीति पर चर्चा को लेकर प्रदेश अध्यक्ष को पटना बुलाया गया है।
छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन का प्रयास :
जेडीयू चुनाव में उतरने से पहले प्रदेश की छोटी पार्टीयों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। जिसमें अपना दल, भारतीय शक्ति चेतना, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नाखुश लोगों से इस मसले पर बात कर रही है। 22 अक्टूबर को नीतीश ने सभी छोटे दलो के पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है, जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की जाएगी। फिर 23 अक्टूबर को जेडीयू अपनी पहली सूची जारी कर देगी।
गोंडवाना और जेडीयू का गठबंधन हो पाएगा ?
मध्यप्रदेश चुनाव से पहले पार्टियों के गठबंधन का सिलसिला शुरु हो चुका है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और सपा के गठबंधन की खबरें आ रहीं थीं। पर अब चुनावी मैदान में जेडीयू भी गोंगपा को अपने पाले में लाने में जुट गई है। अब देखना होगा कि गोंगपा किसके समर्थन में जाती है। वहीं एक ओर प्रदेश में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, सपाक्स समेत कई छोटी बड़ी पार्टियां भी चुनाव लड़ने वाली है।
कंगाल हुई अरविंद की आप, दोबारा इमानदार सरकार चाहिए तो देना होगा चंदा
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20 विधायकों की बर्खास्तगी पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का दिल्ली की जनता के नाम पत्र
इन्होंने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को बर्खास्त कर दिया …
मेरे प्यारे दिल्लीवासी,
आज इस खुले पत्र के माध्यम से मैं आपसे सीधे बात करना चाहता हूँ। मन दुःखी है। पर निराश नहीं हूँ। क्यूँकि मुझे आप पर भरोसा है। दिल्ली के और देश के लोग मेरी आशा हैं।
तीन साल पहले आपने 70 में से 67 विधायक चुनकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनायी थी। आज इन्होंने आपके 20 विधायकों को बर्खास्त कर दिया। इनका कहना है की ये 20 विधायक “लाभ के पद” पर थे।
हमने इन 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था और इन्हें अलग अलग जिम्मेदारियाँ दी थी। जैसे एक विधायक को सरकारी स्कूलों की ज़िम्मेदारी दी। वो रोज़ सरकारी स्कूलों में जाता था, देखता था कि टीचर आए हैं, सब कुछ ठीक चल रहा है। जहाँ ज़रूरत होती थी वहाँ ऐक्शन लेता था। इसी तरह एक विधायक को सरकारी अस्पतालों की ज़िम्मेदारी दी, एक विधायक को मोहल्ला क्लीनिक की ज़िम्मेदारी दी। इस तरह 20 विधायकों को हमने अलग अलग जिम्मेदारियाँ दी। बदले में इन विधायकों को कोई सरकारी गाड़ी नहीं दी, कोई बंगला नहीं दिया, एक नया पैसा तनख़्वाह नहीं दी। कुछ भी नहीं दिया। ये सभी विधायक अपने ख़ुद के पैसे ख़र्च करके काम करते थे क्योंकि ये सब आंदोलन से आए थे और देश के लिए काम करने का जुनून था।
जब इनको कुछ नहीं दिया तो ये “लाभ का पद” कैसे हो गया? आपके इन विधायकों ने चुनाव आयोग को कहा कि इन्हें अपनी बात कहने का मौक़ा दिया जाए। ये साबित कर देंगे कि इन्होंने कोई लाभ नहीं लिया। चुनाव आयोग ने इन्हें 23 जून को पत्र लिखकर कहा कि इन्हें सुनवाई के लिए तारीख़ दी जाएगी। उसके बाद इन्हें सुनवाई की कोई तारीख़ नहीं दी गयी और सीधे केंद्र सरकार ने आपके इन 20 विधायकों को बर्खास्त कर दिया, बिना सुनवाई किए, बिना इनके सबूत और गवाह देखे।
ये तो केंद्र सरकार जनता के साथ घोर अन्याय कर रही है। आपके द्वारा चुने हुए 20 विधायकों को बिना सुनवाई के मनमाने ढंग से बर्खास्त कर दिया?
केंद्र सरकार ऐसा पहली बार नहीं कर रही। पिछले तीन सालों में उन्होंने आपके द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार को तंग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आपके 18 विधायकों के ख़िलाफ़ झूठे मुक़दमे लगा कर गिरफ़्तार किया गया। जब कोर्ट में पेशी हुई तो कोर्ट ने सबको छोड़ दिया। कई मामलों में तो कोर्ट ने केंद्र सरकार को फ़र्ज़ी मुक़दमे लगाने के लिए कड़ी फटकार लगाई। फिर इन्होंने आपके CM अरविंद केजरीवाल पर CBI की रेड करवा दी लेकिन इनको कुछ नहीं मिला। फिर इन्होंने आपके विधायकों को करोड़ों रुपए देकर ख़रीदने की कोशिश की। पर आपके विधायक इतने मज़बूत निकले कि ये लोग आपके एक विधायक को भी नहीं तोड़ पाए। फिर इन्होंने केजरीवाल सरकार की 400 फ़ाइलो की जाँच के आदेश दे दिए। इनको उम्मीद थी कि इन फ़ाइलो में केजरीवाल के ख़िलाफ़ ज़रूर कुछ मिल जाएगा और ये केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लेंगे। 6 महीने तक LG साहब के दफ़्तर में 20 अफ़सर इन फ़ाइलो की जाँच करते रहे पर इनको कुछ नहीं मिला।
सब तरफ़ से हारकर इन्होंने अब आपके 20 विधायकों को बर्खास्त कर दिया। ये लोग आख़िर ये सब क्यों कर रहे हैं? ये लोग हमें इतना तंग क्यों कर रहे हैं? हमारा क़सूर क्या है?
मैं बताता हूँ कि ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। तीन साल पहले आपने देश की सबसे ईमानदार सरकार चुनी। पिछले तीन सालों में आपकी सरकार ने ढेरों काम किए- दिल्ली में बिजली के दाम देश में सबसे कम कर दिए, तीन साल से दिल्ली में बिजली के दाम बढ़ने नहीं दिए, पानी मुफ़्त कर दिया, 309 कालोनियों में पाइप बिछा कर घर घर तक पानी पहुँचाया, सरकारी स्कूलों का कायापलट किया, प्राइवट स्कूलों से बढ़ी फ़ीस वापिस दिलवाई, मोहल्ला क्लीनिक बनाए, सभी अस्पतालों में दवाई और टेस्ट मुफ़्त कर दिए, बुज़ुर्गों की पेन्शन बढ़ा दी, कई नए फ़्लाइओवर बनाए, कई नई सड़के बनवाई, कई कालोनियों में गली और नालियाँ बनवाई। आपकी ईमानदार सरकार ने इन तीन सालों में और भी ढेरों काम किए।
अब 2 साल बचे हैं। इन दो सालों में और बहुत सारे काम करने हैं। पूरी दिल्ली में CCTV कैमरे लगाने हैं, पूरी दिल्ली में फ़्री Wi Fi देने की योजना बना ली है, सरकारी सेवाओं की डोरस्टेप डिलिवरी की योजना लागू होने जा रही है, हर महीने राशन घर घर तक पहुँचाने का इंतज़ाम कर रहे है, दिल्ली की सारी कच्ची कालोनियों में पानी, सीवर, गली और नाली बनाने का काम शुरू हो गया है। ये सब काम अगले 2 साल में करने हैं।
ये लोग इसी बात से घबरा रहे हैं। जिस तेज़ी से केजरीवाल सरकार काम कर रही है, इन्हें उसी बात से डर लग रहा है। केजरीवाल जी अपने अच्छे कामों की वजह से दिल्ली ही नहीं, पूरे देश में लोकप्रिय होते जा रहे हैं। ये केजरीवाल सरकार को काम नहीं करने देना चाहते।
भाजपा का अपना ग्राफ़ तेज़ी से गिर रहा है। भाजपा से आज सब ग़ुस्सा हैं- दलित, किसान, व्यापारी, मज़दूर, यूथ, विद्यार्थी, अल्पसंख्यक- सब इनसे नाराज़ हैं। ये लोग केजरीवाल को काम करने से हर हाल में रोकना चाहते हैं।
20 विधायकों को बर्खास्त करके इन्होंने दिल्ली पर चुनाव थोप दिए। अब आचार संहिता लग जाएगी और दिल्ली में सारा सरकारी काम रुक जाएगा। उसके बाद लोक सभा के चुनाव आ जाएँगे। फिर आचार संहिता लग जाएगी और फिर सारा सरकारी काम रुक जाएगा। और उसके बाद विधान सभा के चुनाव आ जाएँगे।
तो इन 20 विधान सभाओं पर चुनाव थोप कर एक तरह से भाजपा ने अगले दो सालों तक दिल्ली में सारा विकास का काम रोक दिया। और इन 20 विधानसभाओं में चुनाव पर फ़िज़ूल में आपका पैसा व्यर्थ होगा।
क्या ये गंदी राजनीति नहीं है? क्या दिल्ली को इस तरह चुनावों में धकेलना ठीक है? क्या दिल्ली के सारे विकास कार्यों को दो साल तक ठप करना सही है? क्या इस तरह ग़ैर संवैधानिक और ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से आपके चुने हुए विधायकों को बर्खास्त करना सही है?
मुझे आपसे ही उम्मीद है। आप ज़रूर इसका सही और असरदार जवाब देंगे।
आपका अपना
मनीष सिसोदिया