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आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान को ED ने दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाले में किया गिरफ्तार

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. शराब नीति केस में कथित घोटाले को लेकर पहले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया गिरफ्तार हुए. फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने कस्टडी में लिया. अब आम आदमी पार्टी के एक और विधायक की गिरफ्तारी की खबर है. ED के सूत्रों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड नियुक्ति घोटाले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमानतुल्लाह खान गुरुवार (18 अप्रैल) को ED के सामने पेश हुए थे. ED दफ्तर में करीब साढ़े 9 घंटे उनसे पूछताछ हुई, जिसके बाद एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. 

अमानतुल्लाह खान ओखला से विधायक हैं. 2020 में आम आदमी पार्टी ने ओखला से अमानतुल्ला खान को फिर से मैदान में उतारा था. इस चुनाव में उनकी जीत हुई. अमानतुल्ला खान अक्सर विवादों में घिरे रहे हैं. ओखला विधानसभा में वो अक्सर विपक्षी दलों के निशाने पर भी रहे.

अमानतुल्ला खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया. इसके साथ ही उन्होंने अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराए पर दिया है. AAP विधायक पर ये भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के फंड का गलत इस्तेमाल किया है. दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन CEO ने इस तरह की अवैध भर्ती के खिलाफ बयान जारी किया था. जांच के दौरान अमानतुल्लाह के करीबियों के ठिकानों से कैश बरामद हुए थे.

केजरीवाल ने मांगा कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मिलने के लिए समय

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केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार की ताकत कम कर उपराज्यपाल को देने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और समर्थन मांग रहे हैं। बता दे की लोकसभा में अध्यादेश के पास होने के बाद अब यह बिल राज्यसभा में रखा जाएगा जहां भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने के बाद हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र जाकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोट करने की अपील करी। तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बाद अब अरविंद केजरीवाल प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के पास समर्थन मांगने गए है।

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करी है जानकारी दी कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा है। केजरीवाल ने साथ ही बताया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलकर केंद्र सरकार द्वारा ले गए अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगेंगे।

कांग्रेस के लिए मुश्किल है केजरीवाल का समर्थन करना

एक बात तो साफ है कि केंद्र सरकार द्वारा ले गए अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल को हर हाल में कांग्रेस पार्टी के समर्थन चाहिए। हालांकि अरविंद केजरीवाल के पुराने बयानों को लेकर कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा उनका समर्थन करने के खिलाफ है। ज्ञात हो कि अरविंद केजरीवाल ने 2014 लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस से कई वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए थे।

आम आदमी पार्टी की पूर्व विधायक और कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता अलका लांबा ने अरविंद केजरीवाल को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और गांधी परिवार से माफी मांगने की बात कही है।

दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ऐलान, 18 साल से ऊपर सभी लोगों को मुफ्त लगेगा कोरोना टीकास

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है उन्होंने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त में Corona का टीका (Vaccination) लगाये जाने की बात की है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने 1.34 करोड़ टीकों के खरीद को भी मंजूरी दे दी है।

टीकों की खरीदी पर केजरीवाल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे जल्द से जल्द खरीदा जाए और लोगों को जल्द से जल्द कोरोना का टीका लगाया जाए।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम दिए अपने संबोधन में कहा था कि 1 मई से कोरोना टीकाकरण का अभियान चलाया जाएगा जिसमें 18 वर्ष से ज्‍यादा उम्र के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे वैक्‍सीन की कीमत 150 रुपये प्रतिडोज़ तक रखें, मुनाफा कमाने के लिए पूरा जीवन बचा है। यह वक्‍त लाभ कमाने का नहीं है।

इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से भी टीके की कीमत तय करने का अनुरोध किया है।

दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में 24 घंटे में 25 मरीजों की मौत, कई अस्पतालों में भी नही बची ऑक्सिजन

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कोरोना की बढ़ती महामारी के बीच देश के हर राज्य में ऑक्सीजन की कमी की खबरे आ रही हैं ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल से जुड़ा है जहाँ पर ऑक्सीजन खत्म होने के कारण बीते 24 घंटों में 25 लोगों की मौत हो गयी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली वासियों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करवाने की अपील की लेकिन उनकी अपील का प्रधानमंत्री पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है बीते 24 घंटों में दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में 25 लोगों की मौत ऑक्सीजन न मिलने के कारण हो गई तो कई भर्ती मरीजों की जान भी खतरे में पड़ गई।

खबरों के अनुसार सर गंगा राम हॉस्पिटल दिल्ली के स्टॉक में सिर्फ 2 घंटे की ही ऑक्सीजन बची हुई थी फॉक्स हॉस्पिटल ने प्रशासन से तुरंत ऑक्सीजन सप्लाई की मांग भी की थी प्रशासन ने गिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पहुंचाई भी लेकिन इसी बीच 24 घंटे में 25 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई।

इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल कम होने से 60 से ज्यादा मरीजों की जान खतरे में थी हॉस्पिटल प्रशासन ने ऑक्सीजन तुरत एयर लिफ्ट करा कर पहुंचाने की मांग की थी जब हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पहुंच गया तब जाकर मरीजों के घरवालों ने चैन की सांस ली।

ऐसा नहीं है कि दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में ही ऑक्सीजन की कमी हुई है इसके पहले मैक्स हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन की कमी थी जहां पर ऑक्सीजन पहुंच गई है। गुरुवार को ही दिल्ली के शांति मुकुंद हॉस्पिटल के सीईओ सुनील सागर,हॉस्पिटल में ऑक्सिजन की कमी का हाल सुनाते- सुनाते रो पड़े थे। उन्होंने कहा कि बहुत विकट स्थिति है। हमारे पास बहुत कम ऑक्सिजन बचा है। हम ऑक्सिजन नहीं दे पाए तो हमारे मरीज मर जाएंगे।

दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित मकुंद हॉस्पिटल के सीईओ को जब यह पता चला कि उनके हॉस्पिटल में सिर्फ 2 घंटे का ही ऑक्सिजन बचा है तो वो परेशान हो गए। उनके यहां भर्ती 110 कोरोना मरीजों को लेकर वो परेशान हो गए।

कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में लगा एक हफ्ते का लॉकडाउन-कर्फ्यू

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दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य में एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। आज से लेकर सोमवार तक राज्य में कर्फ्यू लगाया गया है।

  • सभी मॉल, जिम, स्पा, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल, एंटरनेटमेंट पार्क बंद रहेंगे.
  • दिल्ली में रेस्तरां में जाकर खाने पर पाबंदी होगी. होम डिलिवरी या टेक अवे की इजाजत रहेगी.
  • अस्पताल, सरकारी कर्मचारी, पुलिस, जिलाधिकारी, बिजली, पानी, सफाई से जुड़े लोगों को कर्फ्यू में छूट मिलेगी. 

हर पल बदतर हो रहे दिल्ली के हालात, केजरीवाल ने लिखा मोदी को पत्र

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कोरोना की दूसरी लहर से इस समय पूरा भारत जूझ रहा है। वहीं संक्रमण के मामले में दिल्ली भी पीछे नहीं है। शनिवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 24,375 नए मामले सामने आए। एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित मिलने का ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। बीते 24 घंटे में 167 लोगों ने कोरोना से जान भी गंवाई है। अब तक की मौत का का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसके बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति के बारे में पत्र लिखा है। उन्होंने कोविड संक्रमित रोगियों के लिए केंद्रीय सरकार के 10,000 बिस्तरों में से 7,000 बिस्तरों और ऑक्सीजन के लिए आरक्षण की अपील की है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 24% से बढ़कर 30% हो गई। 100 से कम ICU बेड बचे हैं और ऑक्सीजन की कमी है। मैंने डॉ. हर्षवर्धन से कल और अमित शाह जी से आज सुबह बेड की कमी के बारे में बात की और उन्‍हें बताया कि हमें इसकी जरूरत है।

केजरीवाल ने आगे कहा कि पिछले 24 घंटों में दिल्ली में लगभग 25,000 कोविड-19 मामले सामने आए। दिल्ली में 10,000 बेड हैं, जो कि सेंट्रल गवर्नमेंट के हैं। जिनमें से 1,800 बेड वर्तमान में कोविड मरीजों के लिए आरक्षित हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि कोविड मामलों के मद्देनजर 10,000 बेड में से 7,000 कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए जाएं।

उन्होंने कहा कि हम अगले 2-3 दिनों में यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 6,000 से अधिक हाई फ्लो ऑक्सीजन बेड लगाएंगे। राष्ट्रमंडल खेल गांव और कुछ स्कूलों को भी कोविड केंद्रों में बदल दिया जाएगा और राधा स्वामी सत्संग ब्यास में कोविड सुविधा फिर से शुरू की जाएगी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने में यह देश मजबूत से क्यों बना मजबूर ?

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यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल को आज भी कॉमनवेल्थ और 2जी घोटालों को लेकर याद किया जाता है। उस समय पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने सड़क पर आ गया था। तब देश विरोध करना और अपने हक़ के लिए आवाज उठाना जानता था। पेट्रोल के दाम में रुपये की वृद्धि करने में भी सरकार का पसीना निकल जाया करता था। सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने का यह भाव जनता के बीच लाने में अरविंद केजरीवाल का “इंडिया अगेंस्ट करप्शन”, अन्ना हजारे का जन लोकपाल आंदोलन और बाबा रामदेव का काला धन के लिए किया गया आंदोलन प्रमुख है।

उस समय एक तरफ अरविंद केजरीवाल देश के युवाओं को सड़क पर ला रहे थे, अन्ना देश की जनता को सत्याग्रह में शामिल कर रहे थे और बाबा रामदेव हर रोज सुबह-सुबह योगा के साथ टीवी पर कालेधन पर बड़े-बड़े आंकड़े दे रहे थे। वहीं दूसरी और नरेंद्र मोदी देश की गरीब जनता को 15-15 लाख रूपये देने की बात कर रहे थे। भ्रष्टाचार मुक्त भारत, कालाधन, जन लोकपाल और 15 लोख, यह 2014 में वोट देने वाले मुद्दे बने।

ऐसे में सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार और महँगाई के खिलाफ इतनी बड़ी औऱ लंबी लड़ाई लड़ने वाला देश आज प्रदर्शन तो दूर बल्कि आवाज उठाने से भी कतरा रहा है। हाल ही में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक आरटीआई के जवाब में 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की एक सूची जारी की है। यह देश वो बड़े उद्द्योगपति है जो जानबूझ कर बैंकों से लिए कर्ज को नही चुकाना चाहते है। आरबीआई ने आरटीआई में दी गई जानकारी में बताया कि वह 2019 में इन विलफुल डिफॉल्टर्स का 68,607 करोड़ का कर्ज माफ कर चुकी है।

आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त की है सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले ने। आपको याद ही होगा राहुल गांधी ने संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 50 सबसे बड़े डिफॉल्टर्स की सूची मांगी थी। तब निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया था। जिसके तुरंत बाद साकेत गोखले ने आरटीआई लगाकर यह जानकारी आरबीआई से मांगी थी। अगर आपको याद नही तो राहुल गांधी ने एक बाद फिर संसद में पूछे गए अपने प्रश्न का वीडियो ट्विटर पे शेयर किया है। उसे आप यहां देश सकते है,

इन 50 विलफुल डिफाल्टर्स की सूची में मेहुल चौकसे की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड 5,492 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर 4,314 करोड़ रुपए की देनदारी के साथ आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिसके निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला हैं। इसके बाद भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का नाम है, जिसने 4076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है, वहीं कानपुर स्थित रोटमैक ग्लोबल 2,850 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है. इसके अलावा सूची कुदोस केमी 2,326 करोड़ रुपए, रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड 2,212 करोड़ रुपए शामिल हैं।


इन सब के साथ ही सरकार ने पूर्व भाजपा सांसद विजय माल्या की कंपनी किंगफ़िशर एयरलाइन्स का भी 1943 करोड़ का कर्ज माफ किया है।

अब आप ध्यान से देखेंगे तो इस सरकार के दो चहरे आपके सामने आएंगे। एक जो यह सरकार कह रही है और एक जो यह कर रही है। सामने से प्रश्न पूछने पर तो यह सरकार नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे देशद्रोही भगोड़ों पर कठोर कार्यवाही करने की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ इन्हें देश से भागने देती है और इनका कर्ज माफ कर जानकारी छिपाती है।

भरष्टाचार की लड़ाई

ऐसा नही है कि मोदी सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार बंद हो गया लेकिन शायद भ्रष्टाचार के नाइ परिभाषाएं सामने आ गई है। अच्छा भ्रष्टाचार और बुरा भ्रष्टाचार। अब सरकार द्वारा किया गया भ्रष्टाचार न तो देश के सामने आता है और न ही उसकी जांच होती है। यह भ्रष्टाचार देशहित में हो रहा है और इसकड खिलाफ आवाज़ उठाना अब देशद्रोह है।

कहीं आप देशद्रोही तो नही ?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने बनाई नई रणनीति।

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2020 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इस चुनाव में राहुल गांधी या प्रियंका गांधी नही बल्कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा होंगी और पूरा चुनाव उनके कार्यकाल में किये गए कार्यों के इर्द-गिर्द लड़ा जाएगा।

नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इसको लेकर अभी से फरमान जारी कर कह दिया है कि, पार्टी की तरफ जारी किये जाने वाले किसी भी पोस्टर पर शीला दीक्षित का चेहरा सबसे प्रमुखता के साथ दिखाया जाए।

पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में कांग्रेस के पास दिखाने के लिए जो कुछ भी है, वह शीला दीक्षित के समय का कामकाज ही है। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में वह उन्हीं को भुनाएगी। इसके लिए नए नियुक्त किए गए अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की अगुवाई में बैठक कर फैसला ले लिया गया है।

कई बड़े वादे कर सकती है कांग्रेस

कांग्रेस द्वारा हाल के विधानसभा चुनावों में किये वादों पर नजर डाली जाए तो उसने अपने घोषणा पत्र में कई बड़े-बड़े वादे किये। जिसका लाभ उसे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिला। वहीं हरियाणा में भी उसे उम्मीद से अच्छे परिणाम मिले।

हरियाणा चुनाव के बाद उत्साह में आई कांग्रेस दिल्ली में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहती। वह पूरी रणनीति बनाकर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और भाजपा का मुकाबला करने को तैयार है। दोनों ही दलों के ट्रंप कार्ड का बारीकी से अध्ययन कर उनका जवाबी उत्तर तैयार किया जाएगा। पार्टी के अध्यक्ष रह चुके एक नेता के मुताबिक विधानसभा चुनाव  में कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के फ्री बिजली, पानी और बस-मेट्रो के मुकाबले शानदार योजनाएं पेश करेगी और लोगों का समर्थन फिर से प्राप्त करेगी।

दिल्ली में मजबूत होने की उम्मीद

अध्यक्ष पद को लेकर तमाम उलझनों के बाद भी कांग्रेस ने हरियाँणा में शानदार प्रदर्शन किया है। चूंकि, पड़ोसी राज्य होने के नाते दिल्ली के चुनाव पर हरियाणा काफी असर डालता है, कांग्रेस को उम्मीद है कि वह दिल्ली में भी मजबूती पाने में कामयाब रहेगी। इसके लिए हरियाणा के नेता ऐसे इलाकों में प्रचार करते नजर आएंगे जहां हरियाणा के लोगों की बसावट ज्यादा है।

मध्यप्रदेश में कमलनाथ के शपथग्रहण में केजरीवाल के शामिल न होने का यह हो सकता है बड़ा कारण

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मध्यप्रदेश के 18वे मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ ने सोमवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में शपथ ली। शपथ में कांग्रेस और विपक्ष के वरिष्ट नेताओं से साथ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बाबूलाल गौर और कैलाश जोशी भी शामिल हुए। वहीं विपक्षी एकता के इस मंच से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नदारद दिखे। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री केजरीवाल को नियोता भी भेजा गया है लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नही हो पाया है कि आखिर अरविंद या आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता कार्यक्रम में शामिल क्यों नही हुआ। वहीं अटकलें इस बात की भी लगे जा रही है कि सोमवार को हाईकोर्ट द्वारा सिख दंगों पर सुनाए गए फैसले के चलते केजरीवाल कार्यक्रम में शामिल नही हुए।

तो क्या सिख दंगों के दाग ने केजरीवाल को भोपाल आने से रोका ?

सिख दंगों का कोई आरोपी बचना नही चाहिए: केजरीवाल

कमलनाथ की शपथ के साथ ही सोमवार को 1984 के सिख दंगों पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके बाद दिल्ली में आप के सांसद भगवंत मान ने मांग की है कि सिख दंगों में कमलनाथ पर भी केस चलना चाहिए और उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं केजरीवाल ने भी सिख दंगों पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि वे इसका स्वागत करते हैं। केजरीवाल ने यह भी लिखा है कि दंगे में शामिल कोई भी आरोपी नहीं बचना चाहिए, चाहे कोई कितनाभी ताकतवर क्यों न हो। आम आदमी पार्टी इससे पहले भी सिख दंगों में कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते रहे हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आप नेता संजय सिंह ने कहा था कि सिख दंगों के मुख्य आरोपियों में शामिल कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और कमलनाथ सफेद कुर्ते पहनकर घूम रहे हैं। कांग्रेस ने 32 साल से अपनी मानसिकता नहीं बदली है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिख दंगों के दाग से बचने के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कमलनाथ के शपथग्रहण में शामिल नही हुए ?

मध्य प्रदेश में 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी नीतीश की जेडीयू

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मध्यप्रदेश चुनाव में महज 39 दिन बाकी है और राजनैतिक माहौल गरमाता जा रहा है। इस चुनावी रण में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) ने भी छंलाग लगा दी है। इसकी जानकारी जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने दी है। जानकारी के मुताबिक जेडीयू 150 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। जिसमें विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल और नर्मदांचल की सीटें शामिल हैं।

क्या मध्यप्रदेश की कमान प्रशांत के हाथों में ?

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर जेडीयू में शामिल हो गए हैं। नीतीश ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौपीं है। प्रशांत किशोर ही इस समय जेडीयू की चुनावी रणनीति तैयार करते नजर आ रहे हैं। अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा की क्या प्रशांत किशोर का जादू मध्यप्रदेश में चलेगा?? 25 अक्टूबर को जेडीयू की चुनावी रणनीति पर चर्चा को लेकर प्रदेश अध्यक्ष को पटना बुलाया गया है।

छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन का प्रयास :

जेडीयू चुनाव में उतरने से पहले प्रदेश की छोटी पार्टीयों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। जिसमें अपना दल, भारतीय शक्ति चेतना, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नाखुश लोगों से इस मसले पर बात कर रही है। 22 अक्टूबर को नीतीश ने सभी छोटे दलो के पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है, जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की जाएगी। फिर 23 अक्टूबर को जेडीयू अपनी पहली सूची जारी कर देगी।

गोंडवाना और जेडीयू का गठबंधन हो पाएगा ?

मध्यप्रदेश चुनाव से पहले पार्टियों के गठबंधन का सिलसिला शुरु हो चुका है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और सपा के गठबंधन की खबरें आ  रहीं थीं। पर अब चुनावी मैदान में जेडीयू भी गोंगपा को अपने पाले में लाने में जुट गई है। अब देखना होगा कि गोंगपा किसके समर्थन में जाती है। वहीं एक ओर प्रदेश में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, सपाक्स समेत कई छोटी बड़ी पार्टियां भी चुनाव लड़ने वाली है।