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उपेंद्र कुशवाहा ने तोड़ी चुप्पी, मध्यप्रदेश की 66 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

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राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि भाजपा ने सीटों के आधे-आधे बंटवारें के फैसले पर नाराज हैं। साथ ही मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। कुशवाहा ने बताया की पार्टी प्रदेश की 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, आरएलएसपी और पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार की 40 सीटों में एक साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा को 22, लोक जनशक्ति पार्टी 6 और आरएलएसपी को तीन सीटें मिलीं थीं।

क्या है मामला :

26 अक्टूबर को दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से हुई, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बटवारें पर फैसला लिया गया। प्रेस कांर्फेंस कर दोनो ने बराबरी की सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही। साथ ही बिहार में भाजपा के सहयोगी दल आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) और लोक जनशक्ति पार्टी को भी सम्मान जनक सीटें देने की बात कही।

इसी दिन दूसरी तरफ कुशवाहा की मुलाकात लालू के बेटे और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) नेता तेजस्वी यादव से हुई, जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि शायद कुशवाहा अब आरजेडी के साथ लोकसभा चुनाव लड़ सकतें हैं। साथ ही शाह-नीतीश की लड़ाई से नाराज कुशवाहा के इस्तीफा देने की खबरें भी आने लगी थी। खैर कुशवाहा ने चुप्पी तोड़ते हुए सारी बतों का खंडन किया और मध्यप्रदेश में भाजपा को झटका देते हुए 66 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।

उपेंद्र कुशवाहा और तेजस्वी यादव की मुलाकात।

मध्यप्रदेश में बाहरी पार्टियों की भरमार :

28 नवंबर को मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस चुनावीं जंग में बाहर की कई पार्टियों ने छलांग लगा दिया है। इसी कड़ी में बिहार में भाजपा के साथ 2014 के लोकसभा चुनाव लड़ने वाली उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी मध्यप्रदेश में भाजपा की प्रतिव्दंदी बन खड़ी हो गई है। भाजपा-कांग्रेस के अलावा प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, कम्यूनिस्ट पार्टी जैसी कई पार्टियों ने हिस्सा लिया है।

40 दिन 40 सवाल: कमल नाथ ने पूछा ग्यारहवां सवाल

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40 दिन 40 सवाल पूछने के अभियान में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने शिवराज सरकार से पूछा ग्यारहवां सवाल . ग्यारहवें सवाल में कमल नाथ ने ट्वीट करते हुए पूछा, ‘मोदी जी बता रहे हैं मनरेगा की बात, मामा जी ने मेहनतकशों से किया कुठाराघात । रोज़गार का कानूनी अधिकार मामा, क्यों किया बेकार ?

ग्यारहवां सवाल-

1) मध्यप्रदेश में 68.35 लाख़ मनरेगा के जॉब कार्ड्स हैं,अर्थात लगभग 3 करोड़ 41 लाख़ 75 हज़ार लोग प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मज़दूरी के माध्यम से जीवन यापन कर रहे हैं ।

2) कांग्रेस ने यह तय किया था कि एक साल में 100 दिनों का रोज़गार इस योजना के तहत दिया जाएगा ।

मप्र में मनरेगा में पंजीकृत लोगों मे से
वर्ष 2014-15 में 100 दिन का पूरा रोज़गार पाने वाले परिवार – 1,58,776 (2.33%)।
वर्ष 2015-16 में 100 दिन का पूरा रोज़गार पाने वाले परिवार – 2,25,502 (3.30%)।
वर्ष 2016-17 में 100 दिन का पूरा रोज़गार पाने वाले परिवार -1,40,990 (2.1%)।

वर्ष 2017-18 में 100 दिन का पूरा रोज़गार पाने वाले परिवार – 1,34,724 (1.97%) ।

3) कांग्रेस द्वारा बनाए गए क़ानून में कहा गया था कि हर मज़दूर को काम करने के एक सप्ताह के भीतर मज़दूरी का भुगतान हो जाएगा; और यदि नहीं हुआ तो सरकार देरी से मज़दूरी के भुगतान का मुआवजा देगी।

4)शिवराज जी ने वर्ष 2013-14 से सितम्बर 2018-19 तक 6हज़ार 167 करोड़ रुपए की मज़दूरी का देरी से भुगतान किया।
हज़ारों मज़दूरों को अब भी उनकी मेहनत की कमाई नहीं दी गई। क़ानून के मुताबिक देरी से भुगतान पर सरकार को 10 % के मान से कम से कम 610 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का अनुमान था,

मगर मामा ने दिये लगभग केवल 3 करोड़ रुपए।
2013-14- देरी से दिये 1706 करोड़ रुपए ।
2014-15- देरी से दिये 1740 करोड़ रुपये।
2015-16 – देरी से दिये 1326 करोड़ रुपए।
2016-17- देरी से दिये 787 करोड़ रुपए।
2017-18- देरी से दिये 434करोड़ रुपये।
2018-19-देरी से1734करोड़ रुपये।

Total- 6167 करोड़ -देरी से दिया गया भुगतान ।

5) मामा सरकार द्वारा मुहैया कराया गया एवरेज रोजगार: 2014-15मात्र 42 दिन ,2015-16 मात्र 45 दिन 2016-17 मात्र 40 दिन ,2017-18मात्र 46 दिन और 2018 -19 मात्र 38 दिन ।

6)मामा सरकार द्वारा मुहैया कराई गई एवरेज मजदूरी प्रतिदिन :
2014-15 मात्र 149रु ,2015-16 मात्र 149 रु 2016-17 मात्र 155रु ,2017-18मात्र165रु और
2018 -19 मात्र 170रु।

40 दिन 40 सवाल-

“मोदी सरकार के मुँह से जानिए,
मामा सरकार की बदहाली का हाल।”

“हार की कगार पर, मामा सरकार”

धार में राहुल गांधी के भाषण की मुख्य बातें

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कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने दो दिवसीय यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के धार जिले पहुंचे। जहां पर उन्होंने लोगों को सम्बोधित करते हुए मोदी सरकार द्वारा जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। साथ ही राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी कई आरोप लगाए।

पढ़िए धार में राहुल गांधी की 10 बड़ी बातें

1 – मध्य प्रदेश में युवाओं को रोजगार नही है , लाखो युवा बेरोजगार है , युवा प्रदेश के बाहर जाते है।
2 – पीएम ने कहा था 15 लाख बैंक में आएंगे , नही आये ।
3 – पीएम ने 5 सालों में अमीरों का करोड़ो का कर्जा माफ किया है ।
4 – कांग्रेस की सरकार आने वाली है और कांग्रेस का cm 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करेगा।
5 – अनिल अंबानी ओर नीरव मोदी को गरीबो का पैसा दिया ।
6 – एक व्यक्ति आया था बोला मित्रो मुझे प्रधानमंत्री मत बनाओ मुझे चौकीदार बनाओ । चौकीदार प्रधानमंत्री बनता है और फ्रांस जाते है अनिल अंबानी के माध्यमसे विमान का करार होता है ।
7 फ्रांस से 526 करोड़ का विमान 1600 करोड़ में खरीदा । देश का चौकीदार डरता है और सीबीआई के प्रमुख को बाहर कर देता है क्योंकि राफेल डील की जांच में दो लोगो का नाम आ जाता अनिल अंबानी ओर मोदी जी का ।
8 – चौकीदार ने चौकीदारी की पर नीरव मोदी , अनिल अंबानी की ।

राहुल पर कार्तिकेय का वार, दायर की मानहानि याचिका

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा दायर किया। दरअसल सोमवार को झाबुआ में रैली के दौरान राहुल गांधी ने व्यापम और पनामा मामले में शिवराज और उनके बेटे पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद शिवराज ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए माफी मांगने को कहा था।

विवाद पर शिवराज का ट्वीट :

राहुल गांधी के बयान के बाद शिवराज ने ट्वीट कर कहा कि “पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही हैं। हम सबका सम्मान करते हुए मर्यादा रखते हैं, लेकिन आज तो राहुल गांधी जी ने मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम पनामा पेपर्स में आया है कहा कर, सारी हदें पार कर दी! कल ही हम उन पर मानहानि का दावा कर रहे है।”

 ट्वीट कर कार्तिकेय ने दिया अल्टीमेटम  :

कार्तिकेय ने राहुल के बयान के बाद ट्वीट कर कहा कि “आज राहुल गांधी जी ने मुझे ‘पनामा पपेर्स’ में संलिप्त होने का झूठा बयान दिया है। मैं व्यथित हूँ कि बचपने की आड़ में सार्वजनिक मंच से मेरी व मेरे परिवार की प्रतिष्ठा खंडित की गई है। यदि 48 घंटे में उन्होंने माफी नहीं मांगी तो मैं उनपर कठोरतम कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य हो जाऊँगा।”

राहुल का यू-टर्न :

इस पूरे विवाद को बढ़ता देख राहुल गांधी 24 घंटे के अंदर ही अपनी बात से पलट गए। राहुल गांधी ने कन्फ्यूजन में पनामा घोटाले में सीएम के बेटे का नाम लेने पर गलती तो मानी, जिसके बाद कार्तिकेय ने मंगलवार को 48 घंटे के भीतर ही राहुल गांधी पर मानहानि का केस दायर कर दिया। इसके साथ ही मालवा-निमाड़ की दो दिन की यात्रा राहुल गांधी के लिए भारी पड़ती नजर आ रही है।

तीन भाजपा नेताओं ने कमल छोड़ थामा कांग्रेस का हाथ

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जैसे-जैसे मध्य प्रदेश विधानसभ चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे दल बदल की राजनीति भी शुरू हो गई है। जिसका जीता जागता नजारा दिखाई दिया नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा में जहां भाजपा विधायक संजय शर्मा ने मंगलवार सुबह राहुल गांधी के सामने कांग्रेस का हाथ थाम लिया।

बता दें कि संजय शर्मा भाजपा से पहले कांग्रेस में ही थे, भाजपा में आने के बाद उन्हें तेंदूखेड़ा से टिकट दिया गया था जिसके बाद वे विधायक बने थे। वहीं इस बार के विधानसभा चुनवा में संजय शर्मा को ये आभास होने लगा था कि अबकी बार टिकट मिलने के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का मन बना लिया।

ये नेता भी हुए शामिल

संजय शर्मा के साथ भाजपा से पूर्व विधायक कमलापत आर्य और व्यापमं घोटाले में आरोपी और भाजपा नेता डॉ गुलाब सिंह किरार ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली। बता दें कि गुलाब सिंह किरार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।

8 और भाजपा नेता हो सकते हैं कांग्रेस में शामिल

सूत्रों की माने तो संजय शर्मा, कमलापत आर्य और डॉ गुलाब सिंह किरार 8 नेता और भाजपा को अलविदा कह सकते हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 28 नवम्बर को होगा जिसका परिणाम 11 दिसम्बर को आएगा।

महाकाल दर्शन के साथ राहुल गांधी ने शुरु की मालवा-निमाड़ की दो दिवसीय यात्रा

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सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मालवा-निमाड़ की दो दिवसीय यात्रा में मध्यप्रदेश पहुंचे। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी का ये सबसे अहम दौरा माना जा रहा है।  राहुल गांधी सबसे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने दर्शन कर इस यात्रा की शुरुआत की। जिसके बाद उज्जैन के दशहरा मैदान में जनसभा को संबोधित कर, उनका काफिला झाबुआ की ओर रवाना हुआ।

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को इस पूरे दौरे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस दो दिवसीय दौरे के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कांग्रेस के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगें। मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव होना है, जिसका परिणाम 11 दिसंबर को आएगा।

दो दिनों में पांच जिलों का दौरा :

उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर जनसभा को संबोधित करने के बाद राहुल गांधी झाबुआ में लोगों से मिलेंगें। फिर शाम में राहुल का इंदौर में रोड शो होगा, जो गणपति के मंदिर से शुरु होकर मल्हारगंज, लोहारपट्टी, इतवारिया बाजार, नरसिंह बाजार, बंबई बाजार, जवाहर मार्ग, इमलीसाहब गुरुद्वारा होते हुए राजबाड़ा पर जाकर समाप्त होगा। दूसरे दिन राहुल धार, खरगोन और महू की यात्रा करेंगें। दो दिन की इस यात्रा में राहुल गांधी छह जनसभाओं समेत पांच जिलों में रोड शो कर जनता से रुबरु होंगें।

मालवा भाजपा का गढ़  :

मालवा-निमाड़ को भाजपा का गढ़ कहा जाता है, जहां से भाजपा की सबसे ज्यादा सीटें आती हैं। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजवर्गीय और भाजपा से लगातार आठ बार की सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन यहीं से आती हैं। इसलिए इस दौरे को कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा है।

मंदसौर कांड और जीतू पटवारी भाजपा की परेशानी :

6 जून 2017 को हुए मंदसौर गोली कांड भाजपा सरकार के गले की फांस बन चुकी है, जिसे कांग्रेस बीच-बीच में उठाती रहती है। इस आंदोलन में 7 किसानों की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई थी। वहीं मंदसौर गोली कांड के एक साल पूरे होने पर राहुल गांधी मंदसौर आकर शिवराज सरकार को जमकर कोसा था।

इस पूरे आंदोलन में राऊ विधानसभा से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने अहम भूमिका भी निभाई थी। जिसके बाद से वो सुर्खियों में बने हुए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जीतू पटवारी को कांग्रेस ने कार्यकारी अध्यक्ष भी बना दिया है।

महाकाल की नगरी में राहुल का पहला भाषण :

सोमवार को उज्जैन पहुंचे राहुल गांधी ने महाकाल के दर्शन करने के बाद दशहरा मैदान में जनसभा को संबोधित किया।  शिवराज और मोदी दोनों पर पर जम कर बरसे। उज्जैन में हुए महाकुंभ और क्षिप्रा नदी की हालत पर भी सवाल उठाते हुए घोटाले का आरोप लगाया। मध्यप्रदेश में रोजगार, किसानो, व्यापारियों, महिलाओं समेत कई मुद्दों को उठाया। मोदी सरकार को भी आड़े हाथ लेते हुए राहुल गांधी ने सीबीआई, रफाएल जैसे मुद्दों पर मोदी को दोषी करार दिया।

दिग्विजय नहीं रहेंगें मौजूद :

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के समन्वयक समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह इस दौरे में भी नजर नहीं आएंगें। इस बात की जानकारी खुद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर दी। पहले ट्वीट में दिग्विजय ने कहा कि “मैं इंदौर में पैदा हुआ स्कूल व कॉलेज की शिक्षा भी इंदौर में हुई। आज राहुल गॉंधी जी इंदौर पहुँच रहे हैं, मैं उनका हार्दिक स्वागत करता हूँ।“

फिर दूसरे ट्वीट में कहा कि “मुझे अध्यक्ष जी ने कुछ आवश्यक कार्य सौंपा हुआ है, जिसके कारण राहुल जी के इंदौर उज्जैन कार्यक्रम में अनुपस्थित रहूँगा क्षमा करें। सभी मित्रों से राहुल जी का गर्म जोशी से स्वागत करने की अपील करता हूँ। “

40 दिन 40 सवाल: पंचायती राज और पिछड़े जिलों का दिवाला होने को लेकर कमलनाथ ने पूछा दसवां सवाल

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40 दिन 40 सवाल पूछने के अभियान में कांग्रेस मध्यप्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार से दसवां सवाल पूछा। अपने दसवें सवाल में कमल नाथ ने पंचायती राज और पिछड़े जिलों का दिवाला होने को लेकर किया।

सवाल नंबर दस

मोदी जी ने निकाला पंचायती राज और पिछड़े जिलों का दिवाला,
मामा क्यों डाला मुँह पर ताला ? शर्म करो शिवराज ।
मनमोहन जी के समय ‘धरना-धर’ और उपवास का स्वाँग,
अब क्यों नही उठाते बासमती की माँग ?

1) कांग्रेस सरकार ने पंचायती राज को सशक्त करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय स्थापित किया था। मोदी सरकार ने नियोजित रूप से पंचायती राज का गला घोंट कर उसे समाप्त प्रायः कर दिया । इस मंत्रालय के 2014-15 के 7000 करोड़(BE) के बजट को 2015-16 में 94 करोड़(BE) कर दिया गया ।

2) इस मंत्रालय के तहत दो प्रमुख कार्यक्रम चलाए जाते थे।
पहला- देश के पिछड़े जिलों का विकास BRGF) और दूसरा पंचायतों को सशक्त करने के लिये राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान (RGPSA)। मोदी सरकार ने दोनों कार्यक्रमों को 2015-16 के बाद बंद कर दिया।

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3) कांग्रेस सरकार ने मध्यप्रदेश के 30 पिछड़े जिलों को आगे लाने के लिए पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि ( BRGF) कार्यक्रम 2006-07 से प्रारंभ किया था । जिसके तहत 2013 -14 तक मध्यप्रदेश पर 2995.59 करोड़ रु खर्च किए ।
4)अलीराजपुर ,अनूपपुर ,अशोकनगर,बालाघाट ,बड़वानी
,बैतूल,बुरहानपुर ,झाबुआ ,मंडला, टीकमगढ,डिंडोरी, श्योपुर इत्यादि पिछड़े 30 जिलों का अनुदान बंद ।

5) मोदी जी ने आने के बाद 2015 -16 से मध्यप्रदेश को यह(BRGF) अनुदान बंद कर दिया ।आखरी साल 2014 – 15 के लिए मोदी जी ने 647.20 करोड़ रु प्रावधानित किए ,मगर जारी किए सिर्फ़ 221.22 करोड़ और मामा जी ने ख़र्च किए मात्र 197.52 करोड़ ।

6) इसी प्रकार मध्यप्रदेश की पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान को भी अनुदान बंद कर दिया । मोदी जी ने आखरी वर्ष 2015-16 में इस हेतु प्रावधानित किए मात्र 41.63 करोड़ और दिए सिर्फ़ 10.8 करोड़ ।

7)शिवराज जी फरवरी 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को पत्र लिखकर धरने पर बैठे थे कि मध्यप्रदेश के बासमती चावल की पहचान,जो जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) ने स्वीकारी है,को एपीडा द्वारा स्वीकारा नहीं जा रहा है।ये मध्यप्रदेश के किसानों के साथ कांग्रेस सरकार का अन्याय है

8) अब क्या हुआ मामा जी , जब मोदी सरकार ने फरवरी 2016 में आपकी मांग को ठुकरा कर आदेश दिया कि मध्यप्रदेश के किसान अपने चावलों को बासमती की पहचान नहीं दे सकेंगे ?

9) मध्यप्रदेश में 2 लाख़ हेक्टेयर के 13 जिलों,विदिशा ,सीहोर होशंगाबाद ,नरसिंहपुर ,जबलपुर, गुना ,शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया ,भिंड ,श्योपुर, मुरैना,रायसेन के किसानों को मोदी जी ने कहा कि वे अपने चावल बासमती के नाम से नहीं बेच सकेंगे ।

10)मामा जी,मप्र के बासमती चावल उत्पादक किसानो के लिए अब धरने का स्वाँग भी नही करोगे?अब क्या मोदी सरकार से डर लगता है या कांग्रेस सरकार के समय दिखावा कर रहे थे?
सोर्स -केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय,कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण
धरना-धर मामा का स्वाँग

40 दिन 40 सवाल-

“मोदी सरकार के मुँह से जानिए,
मामा सरकार की बदहाली का हाल।”

“हार की कगार पर, मामा सरकार”

गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को निर्वाचन चिन्ह आरक्षित

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विधानसभा निर्वाचन 2018 में 8 पंजीकृत एवं गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को निर्वाचन चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) के लिए निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी कर दिए हैं. निर्वाचन आयोग ने प्रतीक आदेश 1968 के पैरा 10 बी के प्रावधानों के तहत ये आदेश दिए.

वहीं कामन चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने की छूट राज्य के 5 प्रतिशत विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़े करने की शर्त पर दी गई. बता दें कि 28 नवम्बर को मतदान किया जायेगा और परिणाम 11 दिसंबर को आएगा।

राजनैतिक दल आप सबकी अपनी पार्टी का कामन चुनाव चिन्ह पैन स्टैंड

  • पंच पाटी का चुनाव चिन्ह चाय छलनी
  • राष्ट्रीय महाजन शक्ति पार्टी का चिन्ह टाईप मशीन
  • सांझी विरासत पार्टी का चिन्ह मोतियों का हार
  • भारतीय अपना अधिकार पार्टी का चिन्ह माचिस की डिब्बी
  • महनवादी पार्टी का चिन्ह करनी
  • भारतीय जन युग पार्टी का चिन्ह तुरही
  • जन सम्मान पाटी का चिन्ह कोट होगा

अब 66 तक कुल पार्टी दलों के अभ्यर्थियों को आयोग ने कामन सिम्बल आवंटित करने की दी छूट.

भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक शुरू, प्रत्याशियों की अंतिम सूची पर लगेगी मोहर।

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भाजपा कार्यालय में आज प्रदेश कार्यकारिणी और चुनाव समिति की बैठक शुरू हो गयी है। बैठक में आज प्रत्याशियों की अंतिम सूची पर मौहर लग सकती है। बैठक में प्रदेश के लगभग 20 वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और प्रदेश महामंत्री सुहास भगत की अध्यक्षता में यह बैठेक चल रही है। बैठेक में नरोत्तम मिश्रा, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी भी शामिल हुए।

कांग्रेस की शरद कौल और आप की नेहा हुई भाजपा में शामिल।

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विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। शहडोल से कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य शरद कौल आज भाजपा में शामिल हो गयी। शरद ने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और प्रदेश प्रभारी डॉ विनय सहस्रबुद्धे एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं के समक्ष भारतीय जनता पार्टी जॉइन की।

वहीं आम आदमी पार्टी की पूर्व मीडिया समन्वयक नेहा बग्गा नही भी आज भाजपा की सदस्यता ली। इस मौके पर राकेश सिंह ने कहा कि “नेहा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुए विकास कार्य से प्रभावित होकर भाजपा की सदस्यता ली। वहीं नेहा ने कहा कि उन्हें पार्टी में जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसका निर्वहन करेंगी।

आम आदमी पार्टी ने किया नेहा से किनारा।

नेहा बग्गा के भाजपा में शामिल होने पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह डेढ़ साल पहले पार्टी छोड़ चुकी है और फिलहाल उनका पार्टी से कोई संबंध नही है। 2018 विधानसभा चुनाव में भी नेहा की कोई भूमिका नही है। नेहा को उनकी नई भूमिका के लिए शुभकामनाएं।