राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि भाजपा ने सीटों के आधे-आधे बंटवारें के फैसले पर नाराज हैं। साथ ही मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। कुशवाहा ने बताया की पार्टी प्रदेश की 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, आरएलएसपी और पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार की 40 सीटों में एक साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा को 22, लोक जनशक्ति पार्टी 6 और आरएलएसपी को तीन सीटें मिलीं थीं।
क्या है मामला :
26 अक्टूबर को दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से हुई, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बटवारें पर फैसला लिया गया। प्रेस कांर्फेंस कर दोनो ने बराबरी की सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही। साथ ही बिहार में भाजपा के सहयोगी दल आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) और लोक जनशक्ति पार्टी को भी सम्मान जनक सीटें देने की बात कही।
इसी दिन दूसरी तरफ कुशवाहा की मुलाकात लालू के बेटे और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) नेता तेजस्वी यादव से हुई, जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि शायद कुशवाहा अब आरजेडी के साथ लोकसभा चुनाव लड़ सकतें हैं। साथ ही शाह-नीतीश की लड़ाई से नाराज कुशवाहा के इस्तीफा देने की खबरें भी आने लगी थी। खैर कुशवाहा ने चुप्पी तोड़ते हुए सारी बतों का खंडन किया और मध्यप्रदेश में भाजपा को झटका देते हुए 66 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
मध्यप्रदेश में बाहरी पार्टियों की भरमार :
28 नवंबर को मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस चुनावीं जंग में बाहर की कई पार्टियों ने छलांग लगा दिया है। इसी कड़ी में बिहार में भाजपा के साथ 2014 के लोकसभा चुनाव लड़ने वाली उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी मध्यप्रदेश में भाजपा की प्रतिव्दंदी बन खड़ी हो गई है। भाजपा-कांग्रेस के अलावा प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, कम्यूनिस्ट पार्टी जैसी कई पार्टियों ने हिस्सा लिया है।