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मध्यप्रदेश में खाली है डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के पद

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मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के इस कठिन दौर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। डॉक्टरों के 5 हजार पद तो वहीं नर्सिंग स्टाफ के 16 हजार पद खाली है पूरे प्रदेश भर में खाली है। वहीं प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर के 800 से ज्यादा पद खाली है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश में अभी लगभग 16996 लोगों पर एक डॉक्टर की व्यवस्था है। जबकि डब्ल्यूएचओ(WHO) के मुताबिक एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए।

बता दे कि सरकार के वैकेंसी निकालने के बाद भी कोई आने को तैयार नहीं है। पिछले साल अप्रैल में मात्र 6 मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती हुई थी। लेकिन उनका भी समय पूरा होने से पहले हटा दिया गया।

हनीट्रेप की ओरिजनल पेन ड्राइव मेरे पास अभी भी है : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

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सोनिया भारद्वाज की आत्महत्या मामले में घिरते विधायक उमंग सिंघार को बचाने अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सामने आ गये हैं। उन्होंने गुरूवार केा विधायक दल की वर्चुअल बैठक में कहा कि उमंग के खिलाफ बिना ठोक साक्ष्य के राजनीतिक विद्वेष से एफआईआर दर्ज की गई है। नाथ ने विधायकों से कहा कि कोई यह न भूले कि हनीट्रेप मामले की ओरिजनल पेन ड्राइव अभी भी मेरे पास है और उसके साथ कई पत्रकारों के पास भी।

कमलनाथ ने कहा कि सोनिया की मां और बेटा दोनों ने ही उमंग के खिलाफ बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से भी उनकी बात हुयी है। कमलनाथ उमंग के मामले में शुक्रवार केा सीएम से मुलाकात भी करेंगे यह भी बैठक में बताया।

सोनिया आत्महत्या कांड में परिवार भले ही बयान नहीं दे रहा हो लेकिन उमंग के खिलाफ साक्ष्य पुलिस को मिलते जा रहे हैं। उमंग के खिलाफ कार्यवाही न हो इसे लेकर अब कांग्रेस ने दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया है। कमलनाथ के बयान को भी उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।

मृतक महिला पूर्व मंत्री से करने वाली थी शादी,पुलिस की तहकीकात अभी भी है जारी

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मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार अब खतरे में पढ़ सकते है। दरअसल रविवार को उनले बंगले पर उनकी गर्लफ्रेंड सोनिया भारद्वाज ने खुदकुशी कर ली थी और एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। मिली जानकारी में ये भी पता चला है कि मंत्री अक्सर अपने दिल्ली दोहरे पर सोनिया से मिला करते थे। सूत्रों से ये भी पता चला कि है दोनों किसी दिल्ली के बड़े होटल में मिला करते थे।

वहीं ASP राजेश सिंह भदौरिया ने कहा कि अब तक की पूछताछ में पता चला है कि सिंघार जल्द ही सोनिया से शादी करने वाले थे। उन दोनो की पहचान एक मेट्रिमोनियल वेबसाइट के माध्यम से हुई थी। बता दे कि पुलिस अब यह जानने में लगी है कि ऐसा क्या हुआ कि सिंघार की अनुपस्थिति में सोनिया ने सुसाइड ही कर ली। और साथ ही सुसाइड नोट में उसने इशारों में बात की है लेकिन किसी को सीधे जिम्मेदार क्यों नहीं लिखा।

जानकरी मिली है कि पुलिस ने सुसाइड नोट मृतक की मां को दिखाया है। इसके अलावा इसमें राइटिंग एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है। हालांकि अब इस मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का भी बयान आया है। उनका कहना है कि सोनिया के पिता नहीं हैं। और उनकी मां भोपाल आ गई हैं।

ASP राजेश सिंह भदौरिया ने आगे कहा कि सोनिया और विधायक उमंग सिंघार करीब 2 साल से संपर्क में थे। बता दे कि वे करीब एक महीने से भोपाल में उनके ही बंगले में ठहरी हुई थी। पुलिस इस मामले में सिंघार के परिजनों से भी पूछताछ कर रही है।

वहीं बता दे कि उमंग सिंघार सोनिया के अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट भी पहुंचे है। वहां पहुच कर उमंग सिंघार ने उसकी मां को गले से लगाया।

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री ने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से अलग होने की करी घोषणा

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मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच एक बे फिर सियासत गर्मा गई। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने जिला कलेक्टर को संबोधित करते हुए अपने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से अलग होने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस ग्रुप में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग शामिल है और साथ ही नौकरशाह बीजेपी के गुलाम बनकर काम कर रहे है।

बता दे कि विधायक के फैसले को समर्थन देते हुए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा मैदान भी में उतर गए है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक सम्पूर्ण लॉकडाउन के खिलाफ है। जब सीएम से बैठक होती है तो वहां हमारी बात पर चर्चा ही नहीं होती न ही कोई सुनवाई। जब सुझाव सुने ही नहीं जा रहे तो ऐसी बैठकों में कांग्रेस विधायक क्यों जाएंगे? शर्मा ने ये भी कहा कि इसलिए क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठकों से कांग्रेस विधायक दूर हो रहे है।

पीसी शर्मा ने आगे कहा कि कांग्रेस विधायक जमीन पर काम करना चाहते है। एक महीने से लॉकडाउन होने से गरीबों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेसहारा परिवारों और बच्चों को देंगे 5000 रुपयें पेंशन

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मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। सरकार ने बेसहारा परिवारों और बच्चों को हर महीने 5000 रुपये पेंशन देगी। इसके साथ ही बच्चों के लिए फ्री पढ़ाई की व्यवस्था करेगी।

उन्होंने कहा कि बच्चों को जीवन यापन के लिए परेशान ना होना पड़े। ऐसे सभी बच्चों के शिक्षा का नि:शुल्क प्रबंध किया जाएगा ताकि वह अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी कर सकें। और साथ ही साथ ऐसे परिवार को फ्री में राशन दिया जाएगा।

सीएम ने कहा कि हमारी बहन कोई ऐसी है जो काम या नौकरी करना चाहती है तो उनको सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज का ऋण काम या नौकरी के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। ताकि फिर से वह अपना काम जीवन यापन के लिए प्रारंभ कर सके।

उन्होंने कहा कि बच्चों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है वे प्रदेश के बच्चे है और प्रदेश उनकी चिंता करेगा। दरअसल एमपी में कई ऐसे बच्चे है जिनके माता-पिता का निधन कोरोना की वजह से हो गया है।

विश्व हिन्दू परिषद अध्यक्ष और सिटी अस्पताल का मालिक ही निकला नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का सरगना

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मध्य प्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा की पुलिस ने तलाश खत्म कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को फरार आरोपी अपने ही सिटी अस्पताल में छिपा बैठा मिला।

दरअसल पुलिस को आरोपी के सिटी अस्पताल के कोविड वार्ड में छिपे होने की जानकारी मिली थी। वह खुद को कोरोना संक्रमित बता रहा था। हालांकि पुलिस अपने स्तर पर मंगलवार को सरबजीत सिंह की कोविड जांच कराएगी।

बीते दिनों इस मामले में अन्य आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद पुलिस को मोखा की तलाश थी, लेकिन वह फरार चल रहा था। इस दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फटकार के बाद कुछ घंटों ही आरोपी को पुलिस ने गिरफ्त कर लिया।

बता दें कि आरोपी सरबजीत सिंह मोखा शहर वीएचपी अध्यक्ष होने के अलावा जबलपुर में सिटी अस्पताल का मालिक भी है। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा समेत अस्पताल के देवेश चौरसिया और भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन पर मामला दर्ज किया गया है। दरअसल मोखा पर 500 नकली इंजेक्शन मरीजों को लगाने का आरोप है।

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में पुलिस ने दिखाई अपनी कठोरता,लात और घूसों से एक शख्स को पीटा

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मध्य प्रदेश के शहडोल से दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। उसमे पुलिसकर्मी एक शख्स को लात-घूंसों से पीटता हुआ दिखाई दे रहा है। यहीं नहीं बल्कि पुलिसकर्मी गमछे से शख्स का गला दबाकर उसे घसीटने की कोशिश कर रहा है।

दरअसल, ये मामला शहडोल जिले के पपौंध थाना क्षेत्र का है। ये वीडियो 5 से 6 दिन पुराना बताया जा रहा है। इस वीडियो में पुलिसकर्मी किसी शख्स की पिटाई करता नजर आ रहा है।

जानकरी के अनुसार शख्स का नाम सत्येंद्र कुमार द्विवेदी है। इस घटना के बाद पुलिस की बर्बरता की शिकायत करने सतेंद्र कई एसपी कार्यालय पहुंचा और अधिकारियों से मदद का गुहार लगाने लगा। बता दे कि वे गेंहू और दवा लेने बाजार निकला था।

इसी दौरान एक हेड कांस्टेबल ने सत्येंद्र से लॉकडाउन के दौरान बाहर निकलने का कारण पूछते हमला बोल दिया। इस मामले में पुलिस का कहना है कि सत्येंद्र लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहा था। जिसके बाद सत्येंद्र के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की गई। बता दें कि सत्येंद्र के खिलाफ पहले से काफी मामले दर्ज है जिनमें से कई संगीन मामले भी हैं। 

मध्यप्रदेश बनेगा ऑक्सीजन सप्लाई में आत्मनिर्भर

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार बीना में बीओआरएल के निकट 1000 बिस्तर के अस्थायी कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया और साथ ही मौके पर पूरे रोडमैप की समीक्षा भी की।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि ये प्रदेश का पहला आक्सीजन सप्लाई आधारित अस्थाई अस्पताल है जहां पलंग तक डायरेक्ट ऑक्सीजन पाइप लाइन रहेगी।

इस दौरान सीएम ने कहा कि हमारा उद्देश्य आने वाले समय में मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता के मामले में भी आत्मनिर्भर बनकर उभरे। उन्होंने यह भी कहा कि हमें कोरोना से हर मुकाबले के लिए तैयार रहना होगा। इस सिलसिले में ही बड़े ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना भी की जा रही है।

हार पर बीजेपी मे हाहाकार, कमलनाथ का सरकार से सवाल हार के लिए कौन-कौन जिम्मेदार

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दमोह के एसपी-कलेक्टर के ट्रांसफर पर सवाल उठाया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए प्रदेश की सरकार से पूछा है कि क्या दमोह में बीजेपी को चुनाव जिताने की ज़िम्मेदारी वहाँ के कलेक्टर और एसपी को सौंपी गई थी ?

कमलनाथ ने कहा कि यदि दमोह कलेक्टर और एसपी ने अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन और अपनी वर्दी का सम्मान करते हुये निष्पक्ष चुनाव कराये तो क्या सरकार उन्हें इस कर्तव्यपरायणता की सजा देगी ?  असफल होने के बाद अब प्रशासनिक अधिकारियों में आतंक पैदा करने के लिये कलेक्टर एवं एसपी को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि दमोह चुनाव की पराजय का दूसरा शिकार बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया एवं उनके पुत्र सिद्धार्थ मलैया को बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा यदि वास्तव में धनबल के साथ-साथ पूरी बीजेपी, पूरी सरकार, 22 मंत्री, कई विधायक और सांसद के दमोह में महीनों डेरा डालने के बाद भी यदि मलैया परिवार कांग्रेस को 17000 वोटों से जीत दिला सकते है तब उनके वर्चस्व और राजनीतिक कौशल को देखते हुये उन्हें तत्काल मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना देना चाहिये ?

उन्होंने आगे कहा, जबकि ये हार वास्तव में बीजेपी के हर उस नेता की है जो पूरे दो महीने दमोह में रहने के बाद भी अपने प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके। ये हार शिवराज की उस अनैतिक राजनीति की हार है जो ख़रीद-फ़रोख़्त से सत्ता हथियाने के लिये कुख्यात है।

दरअसल दमोह में बीजेपी की हार शिवराज सरकार के एक साल के कार्यकाल पर जनता का मत है। ये हार बताती है कि बीजेपी ने पिछले एक साल में प्रदेश को कैसी सरकार दी है।

अधिकारियों का दबाव नहीं झेल पाए भोपाल के टीकाकरण अधिकारी, दिया इस्तीफा

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भोपाल के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ कमलेश अहिरवार ने कार्य मे अत्यधिक दबाव के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल को लिखे पत्र में डॉक्टर अहिरवार ने लिखा कि वह कार्य का अत्यधिक दबाव नहीं झेल पा रहे हैं इस कारण वह अपने पद से इस्तीफा देते हैं हालांकि उनके इस्तीफे पर कई प्रकार के सवाल भी उठ रहे हैं।

सूत्रों की माने तो जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ कमलेश अहिरवार पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का एवं प्रशासनिक अधिकारियों का अत्यधिक दबाव है जिसके कारण वह इस्तीफा दिए हैं।

आपको बता दें इसके पहले भी इंदौर में प्रभारी सीएमएचओ और एक बीएमओ ने भी इस्तीफा दे दिया था हालांकि बाद में उन्होंने कलेक्टर पर आरोप भी लगाए थे और कलेक्टर के इस्तीफे की मांग करी थी जिसके बाद इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप से वह है पुनः काम पर वापस लौट आई है।