Thursday, March 30, 2023
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समाजवादी पार्टी

ससपेंड हुआ योगी सरकार की आलोचना करने वाले आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार।

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​यूपी सरकार ने आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को सस्पेंड कर दिया है। हिमांशु कुमार को अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड किया गया है। हिमांशु कुमार ने ट्विटर पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खास जाति के अफसरों को टारगेट करने का आरोप लगाया था। यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी टीवी चैनलों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि की है कि यह कार्रवाई अनुशासनहीनता के आधार पर ही हुई है। 

आईपीएस अधिकारी पर उनकी पत्नी की तरफ से दर्ज कराए गए दहेज उत्पीड़न का मामला भी चल रहा है। हिमांशु इस मुक़दमे में वांछित चल रहे हैं। 2 मार्च को उनके खिलाफ बिहार की एक अदालत से वॉरंट जारी हुआ था। हिमांशु कुमार वही आईपीएस अफसर हैं जिन्होंने हाल में ही योगी राज में यादव सरनेम वाले अफसरों को टारगेट करने और उनके ट्रांसफर करने का आरोप लगाया था। निलंबन पर हिमांशु कुमार ने पहली प्रतिक्रिया ट्विटर पर जताते हुए लिखा है कि ‘विजय सिर्फ सत्य की ही होती है।’

चुनाव के दौरान ही आईपीएस हिमांशु कुमार को चुनाव आयोग ने फिरोजाबाद से भी हटाया था। हिमांशु कुमार ने 22 मार्च को एक ट्वीट के जरिए यूपी में यादव सरनेम वाले अधिकारियों को टारगेट करने का मुद्दा उठाया था। हिमांशु ने ट्वीट कर कहा था, ‘वरिष्ठ अधिकारियों में ‘यादव’ सरनेम वाले पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने या रिजर्व लाइन भेजने के लिए होड़ मची है।’


बाद में आईपीएस अधिकारी हिमांशु ने अपना ट्वीट हटाते हुए एक दूसरा ट्वीट कर कहा कि लोगों ने उनकी बात को गलत अर्थों में लिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार की पहल का समर्थन करता हूं।’ इससे पहले भी हिमांशु कुमार अपने ही महकमे के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। 22 मार्च को ही उन्होंने एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने सवाल किया है कि उनके द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर डीजीपी ने सही तरीके से जांच क्यों नहीं कराई।

उधर, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सिर्फ एक जाति के पुलिसवालों को सस्पेंड या ट्रांसफर किया जा रहा है।


हिमांशु कुमार से पहले एसपी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव भी इस मामले को सदन में उठा चुके हैं। राज्यसभा में चुनावी सुधार मुद्दे पर चल रही बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि यूपी के बारे में कमिशन की धारणा ये है कि यहां एक खास समुदाय के अधिकारी नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘यूपी में चुनाव के पहले 10 डीएम यादव थे, उनमें से 8 का पहले ही दिन ट्रांसफर कर दिया।’ यादव ने कहा कि इससे अधिकारियों का मनोबल गिरता है। उनके साथ जातिगत भेदभाव नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ को पिता से मिली यह नसीहत !

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Newbuzzindia : उत्तर प्रदेश में नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके पिता आनंद सिंह विष्ट ने सर्वधर्म सम्भाव की भावना और किसी से भेदभाव न करने की नसीहत दी है। वन क्षेत्राधिकारी के पद से रिटायर हुए आनंद सिंह बिष्ट से जब पूछा गया कि वह अपने बेटे से क्या कहना चाहते हैं तो रुंधे गले से उन्होंने कहा कि मैंने उसे समझाया कि सर्व सम्भाव रखो।
उन्होंने कहा कि महंत अवैद्यनाथ के लक्षण योगी में भी आ गए हैं। मैंने उस से कहा है कि अब तुम बड़े पद पर हो। क‍िसी से बुरा व्यवहार न करो। मुसलमानों से भेदभाव न करो। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलना होगा, मुंह बंद रखना होगा, कई बार वे कुछ ज्यादा कड़वी बात बोल जाते हैं।
आनंद स‍िंह बिष्ट ने कहा, आज मैं बहुत खुश हूं। मुझे अपने बेटे पर गर्व है। बच्चे अपनी इच्छा से ही काम करें, तो वही ठीक है। इससे पहले आज योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ।
इस अवसर पर कई राज्यो के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित बीजेपी के कई कद्दावर नेता मौजूद रहे।

चुनाव परिणाम से पहले जानें सट्टा बाजार में किस पार्टी पर लगा कितना पैसा !

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Newbuzzindia: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के ऐग्जिट पोल्स आ चुके हैं और परिणाम आने में ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। दिग्गजों ने चुनावी मैदान मार लेने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। सरकार बनाने को लेकर हर किसी के अपने दावे हैं। राजनीति के पंडित अपने-अपने अनुभव के आधार पर अनुमान लगा रहे हैं, लेकिन सटोरिए इन सब पर भारी हैं। सट्टा मार्केट में शुरुआती दौर में पीछे रहने वाली बीजेपी ने बढ़त ली है, तो साइकल गठबंधन पीछे-पीछे है। हाथी का सही से खड़ा भी न हो पाना चौंकाता है। देखें: सभी के सभी EXIT POLLS एक जगह खूब चली दुकानें चुनाव भले पांच राज्यों में हो पर पूरे देश की निगाह ‘यूपी दौड़’ पर है।

जनवरी में घोषणा होने के दिन से ही सियासी दल और उम्मीदवार सक्रिय हुए तो आईपीएल के अलावा सटोरियों और बुकियों को एक और मौका मिल गया। देखते-देखते दिल्ली से लेकर मुंबई और राजस्थान तक के सटोरिए दुकान खोल बैठे। नोटबंदी के चलते भले ही अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने का अनुमान लगाया जा रहा हो पर सट्टा बाजार पर इससे अछूता है। चुनावी रण के हर दिन और हर इलाके का सटीक हिसाब-किताब पार्टियों के मैनेजरों से ज्यादा सट्टा बाजार में उपलब्ध रहा है।
भाव चढ़ता-गिरता रहा सूत्रों के मुताबिक पूर्वांचल के सट्टा बाजारों में चुनाव के पहले चरण के नामांकन तक 210 से 215 सीटों के साथ एसपी -कांग्रेस गठबंधन को पूर्ण बहुमत के दावे किए जा रहे थे। वोटिंग का दौर आया तो हर चरण में बीजेपी समेत गठबंधन और बीएसपी का भाव विदेशी बाजार में क्रूड ऑयल की तरह गिरता-चढ़ता रहा। अंतिम दौर में सट्टा बाजार में ‘कमल’ ब्रैंड का जोर दिखा। तीसरे राउंड तक पीछे रहने वाली बीजेपी को गुरुवार को खुले नए भाव में 188 से 190 और एसपी गठबंधन को 125 से 130 तक सीटें मिलने की संभावना पर बनारस में ही 25 करोड़ से ज्यादा का सट्टा लगा है।

बीएसपी को सट्टेबाजों ने शुरुआती दौर से ही अंडर एस्टिमेट किया। बीएसपी के लिए कभी सौ से ज्यादा का भाव खुला ही नहीं और अंतिम दौर में 80 पर टिका तो टिक ही गया। हालांकि राजनीति के जानकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। इनकी मानें तो बीएसपी दलित-मुस्लिम वोटों की गठरी से ‘साइलेंट किलर’ के रूप में सामने आ सकती है। ऐसे होती है कमाई चाहे आईपीएल हो या फिर चुनावी सट्टा।

भाव खोलने वाला हो या फिर दाम लगाने वाला, सबकुछ ‘जुबानी जमा-खर्च’ के भरोसे। धंधे में ईमानदारी 24 कैरेट की। फोन से लाखों की कमाई या फिर घर से ‘लक्ष्मी’ का जाना तय मानिए। दांव भी ‘यस’ और ‘नो’ में। बीजेपी की 188 सीट पर ‘नो’ का मतलब हुआ यदि 188 सीट आ गई तो रकम डूब गई और 187 आने पर जेब गरम। 190 पर ‘यस’ के दांव का मतलब हुआ अगर इतनी सीट आई तो दांव लगाने वाले को सट्टे की पूरी रकम मिलना तय है। कुछ सटोरियों ने पांच सीट की जाबिंग भी चलाई।
लोकल मार्केट भी तेज बनारस शहर की तीनों, खासकर दक्षिणी सीट के परिणाम को लेकर भी सट्टा मार्केट के अलावा लोकल लोगों में शर्त खूब लगी हैं। जहां कहीं जुटान हुई, सौ-हजार से लेकर लाख रुपये तक की बाजी लगाने में कोई पीछे नहीं रहा है। रईसों के एक क्लब में तो शहर दक्षिणी में बीजेपी की हार-जीत पर लाख की बाजी लगाने वाले एक-दो नहीं, दर्जनों में हैं। कैंट व उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की हार पर दांव लगाने वालों की कमी नहीं है।
सट्टा मार्केट से चिंता चुनाव के हर चरण में वोटों की बारिश के बावजूद सट्टा मार्केट में बीजेपी की सीटें 190 से आगे न बढ़ने पर बीजेपी नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हम तो 220 से 230 सीटें मानकर चल रहे हैं, लेकिन सट्टा मार्केट है कि अधर में लटकाए हुए है। गोवा में सट्टेबाजी का ‘फॉर्म्युला’ इसी तरह गोवा के सट्टा बाजार में भी बीजेपी की ‘हवा’ है।
यहां सटोरियों को बीजेपी के खाते में 19-21 सीटें आती दिख रही हैं। एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टीओआई को बताया, ‘गुणा-भाग बिल्कुल सिंपल है। या तो आप इस पर शर्त लगा सकते हैं कि बीजेपी 19 से कम सीटें जीत रही है या इस पर कि बीजेपी के खाते में 21 से ज्यादा सीटें आ रही हैं।’

अखिलेश यादव ने  बताया पीएम मोदी का सबसे बड़ा कारनामा !

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Newbuzzindia : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘काम नहीं, कारनामें बोलते हैं’ के सवाल पर घेरने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देते हुए कहा कि कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा है। अखिलेश ने नगरा क्षेत्र में सपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि मोदी जी हमारे कारनामे बताते हैं लेकिन उन्होंने अपने काम का अब तक कोई हिसाब-किताब नहीं दिया। मोदी विकास पर बहस करने से भाग रहे हैं। दरअसल कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा है। अगर वह हमारे कारनामे को देखना चाहते हैं तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर आइये, जो हमने बनाया है।
पीएम पर जमकर साधा निशाना

सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति में भेदभाव का आरोप लगाने वाले प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 24 घंटे बिजली आने को लेकर अब तक गंगा मैया की कसम नहीं खाई है। इसका मतलब है कि वह इस सवाल पर लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं। उन्होंने मोदी को ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की व्यावहारिकता के मामले पर घेरते हुए कहा कि मोदी अपनी हर सभा में कह रहे हैं कि उन्होंने गरीब महिलाआें को रसोई गैस सिलेंडर और चूल्हा दिया है। यह सच है, लेकिन गरीबों ने सिलेंडर और चूल्हा इस्तेमाल करने की बजाय अलमारी में रख लिया है, यह सोचकर कि जब बेटी की या घर में किसी और की शादी होगी तो दहेज में दे देंगे।अखिलेश ने कहा कि सवाल यह है कि आपने बहुत गैस चूल्हा दे दिया, मगर बताइए कि सिलेंडर की कीमत लगातार क्यों बढ़ा रहे हैं, और आप गरीबों को कितने मुफ्त सिलेंडर देंगे। अगर गरीबों को कभी सिलेंडर की जरूरत पड़ गई तो बताआे, क्या दोगे।
मायावती ने जीते-जी लगवा ली अपनी पत्थर की मूर्ति

अखिलेश ने मोदी पर हमले जारी रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने गोंडा में कहा कि उत्तर प्रदेश में परीक्षाआें में बहुत नकल हो रही है। हमने पूछा कि सबसे बड़ा नकल वाला माफिया तो आपके मंच पर बैठा है। जब अमेरिका के राष्ट्रपति आए थे तो नकल करके सूट बनवाया था। आप बताआे किसकी नकल की थी। सपा अध्यक्ष ने बसपा मुखिया मायावती पर भी प्रहार करते हुए कहा कि पत्थर वाली सरकार की नेता जब लिखा हुआ भाषण पढ़ती हैं तो कुर्सियों पर बैठी जनता सो जाती है। मायावती अब कह रही हैं कि वह स्मारक नहीं बनवाएंगी, मगर उन पर कौन भरोसा करेगा। उन्होंने तो अपने जीते-जी अपनी पत्थर की मूर्ति लगवा ली। अपनी नाक, कान, मुंह पत्थर का कर लिया, नकदी वाला बैग भी पत्थर कर कर लिया। वैसे तो कहने को वह हमारी बुआ हैं, लेकिन भाजपा से कब मिल जाएं और रक्षाबंधन मना लें, यह पता नहीं।
सड़कें बनाई हैं तो समाजवादी सरकार ने ही

अखिलेश ने बलिया समेत पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा सड़कें बनाने का दावा करते हुए कहा कि हमारी मत मानो, आप सरकारी आंकड़े निकाल लो, अगर किसी ने सड़कें बनाई हैं तो समाजवादी सरकार ने ही बनाई हैं। यह अलग बात है कि ठेका कोई पा ले, हमारी मुश्किल तो यह है कि जिन्होंने ठेका पाया उन्हीं से हमारे प्रत्याशी को लड़ना पड़ रहा है। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ठेका दिलाने वाले अब चले गए। अब तो उनकी जोड़ी बन गई होगी। सोचो बुआ के यहां गए होंगे तो उन्होंने घुटनों के बल बैठाया ही होगा, रेंगते हुए गए होंगे। हमने तो सुना है कि जो उनके दल से निकलकर आता है, वह बताता है कि बुआजी बिना नकदी लिए टिकट नहीं देतीं हैं। जिन्होंने कमाया, जिन्होंने दिलाया, वो खर्चा करके हमारी बुआ के यहां चले गए। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का यह तंज सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव की तरफ था, क्योंकि बसपा मुखिया मायावती अपनी हर रैली में उनके प्रति हमदर्दी जताई पाई जाती हैं।

​सामने आए महाराष्ट्र निकाय चुनाव के Exit Poll, जानें किस पार्टी को मिलेंगी कितनी सीटें !

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Newbuzzindia : देश के सबसे अमीर नगर निगम बृहणमुंबई म्‍यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) में मंगलवार को वोट डाले गए। इस नगर निगम में पिछले करीब दो दशक से बीजेपी और शिवसेना गठबंधन का कब्जा है। इस बार दोनों पार्टी अलग अलग चुनाव में उतरी है। पिछले कई बार की तुलना में बीएमसी चुनाव का मतदान इसबार कुछ बेहतर रहा है। इस बार के नगर निगम चुनाव में 52.17 प्रतिशत मतदान रहा। यह प्रतिशत पिछले तीन बार के चुनावों में सबसे ज्यादा है।
 चुनाव के नतीजे 23 फरवरी को आने हैं। बृहणमुंबई म्‍यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के नतीजे राज्य में चल रही शिवसेना बीजेपी गठबंधन सरकार के और शिवसेना बीजेपी के आपसी रिश्तों पर फर्क डालने वाले होंगे। मंगलवार देश शाम अंग्रेजी न्यूज चैन इंडिया टूडे ने चुनाव से जुड़ा एक्सिट पोल जारी किया है। इस एक्सिट पोल के अनुसार 227 सीटों वाले नगरनिगम की शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर सकती है। लेकिन बहुमत से काफी पीछे रहेगी।
पोल के अनुसार शिवसेना 86-92 सीट जीत सकती है। पिछले चुनाव में शिवसेना को 75 सीटें मिली थी। ऐसे में शिवसेना को अकेले लड़ने का कोई खास फायदा होना नहीं दिख रहा है। तो वहीं बीजेपी शिवसेना को कांटे की टक्कर देती दिख रही है। बीजेपी 80 से 88 सीटें अपने नाम कर सकती है। पीछली बार बीजेपी 31 सीट ही जीतने में कामयाब रही थी। 
मतलब बीजेपी अपना आंकड़ा दो गुने से भी ज्यादा करने में कामयाब हो सकती है।। कांग्रेस 30-14 सीट जीत सकती है। एमएनएस 5-7 सीटें जीत सकती है तो वहीं एनसीपी 3-6 सीट ही जीत सकती है। अगर वोट शेयर की बात करे तो बीजेपी और शिवसेना को 32-32 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। वहीं कांग्रेस 16 वोट और एमएनएस 8 प्रतिशत वोट अपने प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा बीजेपी राज्य के दूसर नगर निगम में अपना दबदबा बढ़ा सकती है। एक्जित पोल के अनुसार राज्य के दूसरे दो बड़े शहर नागपुर और पुणे में बीजेपी बहुमत प्राप्त कर सकती है तो शिवसेना ठाणे में बहुमत प्राप्त कर सकती है।

ख़त्म हुआ इंतजार, अब एक मंच से मोदी पर हमला  बोलेंगी डिंपल यादव और प्रियंका गांधी !

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Newbuzzindia : ​उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कड़ा जवाब देने के लिए कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा अब रायबरेली की सभा के बाद समाजवादी पार्टी की नेता और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के साथ मिलकर चुनाव प्रचार को गति देने के लिए संयुक्त सभा करने की योजना बना रही हैं। उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लखनऊ में जिस तरह दो बार संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस किया था उसी तरह कांग्रेस प्रियंका और डिंपल को एक साथ मंच पर उतारना चाहती है ताकि जनता को अधिक से अधिक आकर्षित किया जा सके।
प्रियंका और डिंपल कर सकती हैं संयुक्त रैली

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल और अखिलेश की संयुक्त प्रेस कांफ्रेस का दोनों दलों को बहुत फायदा मिला था इसी तरह पार्टी चाहती है कि इन दोनों महिलाओं को उतार कर गठबंधन को मजबूत बनाया जाए। दोनोंं महिला नेताएं अपनी सभा में भीड़ को आकर्षित कर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि आजमगढ़ एवं पूर्वांचल के इलाके में प्रियंका और डिंपल संयुक्त रैली कर सकती हैं। रायबरेली में प्रियंका ने जिस तरह मोदी पर निशाना साधा है उस से पता चलता है कि प्रियंका इस गठबंधन को और आक्रामक बना कर जनता को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं।
प्रियंका का जादू अभी भी बरकरार

आज उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण का मतदान होने के बाद यह गठबंधन चौथे चरण पर आपना ध्यान केन्द्रित कर रहा है। राज्य में सात चरण में मतदान होना है और अभी केवल दो चरण ही हो पाए हैं। सूत्रों का कहना है कि महिला नेता के चुनाव प्रचार में उतरने से मतदाता उनकी बातों को ध्यान से सुनते हैं। भाजपा के साथ हेमामालिनी और उमा भारती स्टार प्रचारक हैं लेकिन वे उतने प्रभाव शाली वक्ता नहीं हैं, इसलिए डिंपल और प्रियंका उन पर भरी पड़ती हैं। डिंपल भी जहां जहां प्रचार कर रही हैं जनता उनकी बात सुनने के लिए आ रही है, प्रियंका का जादू तो अभी भी बरकरार है ही। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख राजबब्बर कह चुके हैं कि प्रियंका 150 सीटों के लिए चुनाव प्रचार कर सकती हैं।

शिवसेना का पीएम मोदी पर सीधा हमला, बोले बाथरूम छाप राजनीती करना बंद करें मोदी !

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Newbuzzindia: ​शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तगड़ा हमला बोलते हुए उन्‍हें बाथरूम छाप राजनीति ना करने को कहा है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे लेख के जरिए पीएम पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह‍ के ऊपर राज्‍यसभा में ‘रेनकोट’ वाले बयान को निशाना बनाया गया है। इस लेख का टाइटल ‘बाथरूम छाप राजनीति यह टाला जाना चाहिए’ है। इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री के पद पर बैठे व्‍यक्ति को इस तरह की टिप्‍पणियां नहीं करनी चाहिए। बाथरूम में झुककर देखना किसी को भी शोभा नहीं देता। यह टाला जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के उत्‍तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी नेताओं की कुंडलियां निकालने के बयान पर भी ‘सामना’ में कटाक्ष किया गया है।

इसमें लिखा है, ”उत्‍तर प्रदेश की प्रचार सभा में मोदी ने ऐसी धमकी दी कि आप सभी की कुंडलियां हमारे पास हैं। इस पर अखिलेश यादव का जवाब ऐसा था कि गूगल पर सभी की कुंडलियां एक क्लिक पर मिलती है। उत्‍तर प्रदेश का चुनाव कितने निचले स्‍तर तक चला गया है इसका यह एक उत्‍तम नमूना है। इस तरह की कीचड़ फेंक में देश के प्रधानमंत्री या राज्‍य के मुख्‍यमंत्री को तो कम से कम शामिल नहीं होना चाहिए। दुर्भाग्‍य से लोकतंत्र के हमाम में सभी नंगे होने से प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री जैसे लोग भी कैसे दूर रहेंगे।”

‘सामना’ में लिखा है कि प्रधानमंत्री को दलगत राजनीति से दूर रहना चाहिए। जिस सरकारी कवच-कुंडल और सरकारी मशीनरी में वे घूमते हैं और बोलते हैं कि वह एक तरह का चुनावी भ्रष्‍टाचार है। भाजपा के उत्‍तर प्रदेश में खराब कानून-व्‍यवस्‍था के लिए सपा सरकार पर आरोपों पर भी निशाना साधा गया है। इसमें लिखा है कि सूबे में भाजपा के पास 70 सांसद हैं वे क्‍या कर रहे हैं। जिस तरह से मुंबई में शिवसैनिक लोगों की रक्षा को निकलते हैं वैसे ही उन्‍हें भी बाहर आना चाहिए। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुंबई और ठाणे के निकाय चुनावों के प्रचार के दौरान भाजपा व पीएम मोदी पर हमले बोल रहे हैं। उन्‍होंने रैली के दौरान नोटबंदी का मामला उठाते हुए लोगों से कहा कि वे इस तरह से मतदान करें कि वह भाजपा पर सर्जिकल स्‍ट्राइक की तरह वार हो।

गौरतलब है कि मुंबई नगर निगम के चुनावों में भाजपा और शिवसेना अलग-अलग लड़ रहे हैं। दोनों के बीच सीटों को लेकर बात नहीं बनी थी। इसके बाद से शिवसेना के भाजपा पर तेवर तल्‍ख है। वह नोटबंदी और अच्‍छे दिन के नारे पर लगातार भाजपा पर करारे हमले बोल रही है। उद्धव ठाकरे तो कह चुके हैं कि मोदी सरकार ने नोटबंदी से जनता को परेशान किया है।

मैंने संसद में सूट-बूट की सरकार पर भाषण दिया तो मोदी जी ने सूट पहनना छोड़ दिया : राहुल गांधी 

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Newbuzzindia : ​सहारनपुर में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला । राहुल गांधी ने कहा कि हम चाहते हैं जैसे बिहार से मोदी को वापस भेजा था वैसे ही यूपी से भी वापस भेज दें। यही कारण है कि वह बिहार की बात नहीं करते।

उन्होंने कहा मोदी जी पहले सूट पहनते थे, हमने संसद में सूट-बूट की सरकार पर भाषण दिया तो उन्होंने सूट पहनना छोड़ दिया।

राहुल ने आगे कहा कि मैं हिंदी और उर्दू का दोआब हूं, मैं वो हूं जिसमें आप हैं। सपा और कांग्रेस का गठबंधन यूपी की भविष्य का आईना है।

इसके बाद कानपुर में राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने एक साथ मंच साझा करते हुए जमकर मोदी को निशाना बनाया। नोटबंदी पर हमला करते हुए सीएम अखिलेश ने कहा,’जिन्होंने अच्छे दिन की बात कही, उसी ने आप सबको लाइन में लगा दिया।

मोदी के बाद अब अमित शाह की रैली से उठकर भागी जनता, खाली रैली को करना पड़ा संबोधित !

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Newbuzzindia: आज बुलंदशहर पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने इन दोनों नेताओं को शहज़ादे नाम देकर आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि, यूपी में दो शहज़ादे एक साथ आए हैं। एक ने देश को लूटा दूसरे ने प्रदेश को। शाह लगातार रैली में अखिलेश-राहुल पर आरोप लगाते रहे। लेकिन भीड़ रूककर सुनने के बजाए बाहर की ओर निकल रही थी।

इतना ही नहीं शाह अपने भाषण में बार बार शहज़ादे शहज़ादे बोलते रहे लेकिन लगातार कुर्सियां खाली होती रहीं। बताया गया पहले से ही अपेक्षा के मुताबिक भीड़ कम पहुंची हुई थी।

आपको बता दें कि, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बुलंदशहर के पॉलिटेक्निक ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद दिलचस्प हुए उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव !

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Newbuzzindia :समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबन्धन से उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है और ज्यादातर सीटों पर हार जीत का अन्तर काफी कम होने के आसार हो गये हैं।

सपा और कांग्रेस ने आज यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। राज्य विधानसभा की कुल 403 सीटों में से 298 पर सपा उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे जबकि 105 पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारेगी।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने संवाददाताओं से कहा कि उनका गठबंधन साम्प्रदायिक तत्वों को सत्ता से बाहर रखेगा। अखिलेश यादव के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनेगी।

अभी यह तय नहीं है कि सरकार बनने की स्थिति में कांग्रेस उसमें शामिल होगी या नहीं। इस बारे में राजबब्बर ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा, “अभी हमारे सामने 300 से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य है। सरकार बनी तो कांग्रेस उसमें शामिल होगी।” मुख्यमंत्री अखिलेश ने भी कई बार कहा है कि कांग्रेस से गठबंधन होने पर 300 सीटें जीतेंगे ।

गठबन्धन के बारे में सभी राजनीतिक दल अपने अपने ढंग से व्याख्या कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई है कि चुनाव दिलचस्प होगा। कई सीटों पर हार जीत का अन्तर भी काफी कम रहेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार गठबन्धन होने से गैर भाजपा मतों में ज्यादा विभाजन नहीं होगा। इससे सपा और कांग्रेस दोनो को फायदा होगा, हालांकि इससे भाजपा को थोडा नुकसान होने की सम्भावना है।

उधर भाजपा का कहना है कि लडाई त्रिकोणात्मक होने पर ही उसके उम्मीदवारों को फायदा होगा। सीधी लडाई में उसके प्रत्याशी को हानि ही होगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि गठबन्धन की वजह से कांग्रेस और सपा दोनो की ताकत बढेगी और दोनो मिलकर सरकार बनाने में सफल होंगे।

भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक का कहना है कि अखिलेश यादव ने गठबन्धन कर चुनाव से पहले ही अपनी कमजोरी साबित कर दी। पूर्ण बहुमत की सरकार चला रहे थे तो गठबन्धन की बात क्यों की। क्या उन्हें अपने विकास कार्यों पर भरोसा नहीं रह गया। अब तो सपा अखिलेशमय है, फिर भी गठबन्धन कर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि सपा कमजोर हुई है और वह चुनाव अपने दम पर लडने में सक्षम नहीं है।

श्री पाठक ने कहा कि सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दोनों के नेता कहने लगे हैं कि गठबन्धन ही भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकती हैं। इसका मतलब राज्य में चल रही सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है। राजनीतिक दृष्टि से जो पार्टी मजबूत होती है उसी के खिलाफ सारे दल बोलते हैं। वर्ष 2012 में बसपा के खिलाफ भाजपा और सपा बोलते थे और इस समय सपा ,कांग्रेस और बसपा तीनों ही भाजपा के खिलाफ बोल रहे हैं।

इसका मतलब है कि भाजपा की स्थिति मजबूत है और वह सत्ता में आ रही है। उनका दावा है कि भाजपा अपनी कार्यकर्ताओं के बल पर और जनता के समर्थन से 300 सीटों पर जीत हासिल करेगी ।

दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषक राघवेन्द्र का कहना है कि कांग्रेस की नजर 2017 पर कम 2019 पर ज्यादा है। इस चुनाव में गठबन्धन के जरिये वह अपनी ताकत बढाना चाहती है ताकि उसे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिले।

श्री राघवेन्द्र का कहना है कि गठबन्धन और बसपा उम्मीदवारों के मजबूती से लडने पर चुनावी लडाई त्रिकोणात्मक होगी। इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है क्योंकि भाजपा विरोधी मत दो या दो से अधिक उम्मीदवारों में बटेंगे। शायद ही कोई सीट ऐसी होगी जिसपर चुनाव परिणाम आने से पहले निश्चित रूप से यह कहा जा सके कि ‘ फला’ उम्मीदवार ही जीतेगा।

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