प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई पहली और आखरी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
वार्ता में राफेल के मुद्दे पर राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह प्रेस कांफ्रेंस कर रहें। मैंने पीएम मोदी से राफेल को लेकर सवाल पूछा था। मैं उन्हें भ्रष्टाचार पर बहस की चुनौती दी थी, लेकिन उन्होंने मुझसे बहस नहीं की।
Congress President Rahul Gandhi at a Press Conference: Prime Minister holds a press conference just 4-5 days before the election ends, unprecedented, Prime Minister of India is holding a press conference for the first time. pic.twitter.com/S647jZA7XV
राफेल के साथ ही 15 लाख के मुद्दे पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि “हमने पीएम मोदी के झूठ को उजागर किया है। हमने बताया कि वह 15 लाख रुपये नहीं दे सकते हैं। 23 तारीख को पता लग जाएगा कि जनता क्या चाहती है। वैसे प्रधानमंत्री मोदी से सवाल क्यों नहीं किया जाता है।”
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पीएम की पहली प्रेस वार्ता, खोदा पहाड़-निकली चुहिया: रणदीप सिंह सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रधानमंत्री मोदी की प्रेस वार्ता पर हमला बोलते हुए कहा, “मोदीजी की पहली और आखिरी प्रेसवार्ता, अमित शाह की बैसाखी बना। खोदा पहाड़, निकली चुहिया। 1 घंटे का भाषण, पत्रकारों के चेहरे पर थकान, पत्रकारिता पर बहुत सारा प्रवचन, 1 सवाल नहीं, 1 जबाब नहीं।”
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज कांग्रेस दफ्तर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मोदी सरकार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। प्रेस वार्ता में सुरजेवाला ने सरकार से 10 प्रश्न भी पूछे।
वीडियो में देखें सुरजेवाला की प्रेस वार्ता के प्रमुख अंश
भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के तंज ने सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों को एक साथ ला दिया है। युद्ध से त्रस्त देश में एक पुस्तकालय के वित्त पोषण को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसने को आधिकारिक सूत्रों ने खारिज कर दिया। कांग्रेस ने भी ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि अफगानिस्तान में विकास कार्यों के संदर्भ में भारत को अमेरिका से उपदेश की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि प्रिय ट्रंप, भारत के प्रधानमंत्री का मजाक बनाना बंद करिए। अफगानिस्तान पर भारत को अमेरिका के उपदेश की जरूरत नहीं है। मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत ने अफगानिसतान में नेशनल असेंबली की इमारत बनाने में मदद की। मानवीय जरूरतों से लेकर रणनीतिक-आर्थिक साझेदारी तक, हम अफगान भाइयों एवं बहनों के साथ हैं।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी ठीक नहीं है और यह अस्वीकार्य है। हम आशा करते हैं कि सरकार सख्ती से इसका जवाब देगी और अमेरिका को यह याद दिलाएगी कि भारत ने अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर सड़कें एवं बांध बनवाएं हैं तथा तीन अरब डॉलर के मदद की प्रतिबद्धता भी जताई है।’’
फ्रांस के साथ मिलकर राफेल बनाने वाली अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस एण्ड एयरो स्पेस प्रायवेट लिमिटेड को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फरवरी 2016 में भोपाल एयरपोर्ट के पास 76 एकड़ और धार जिले के पीथमपुर में 195 एकड़ जमीन काफी कम दामों पर दी। 2 साल और 9 महीने बीत जाने के बाद भी अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस ने यहाँ कोई निवेश नही किया। ऑपरेशन क्लीनबोल्ड के तीसरे भाग को जारी करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर लगाए।
शुक्रवार शाम प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को समोधित करते हुए सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इन्वेस्टर्स मीट के नाम पर निवेश के फर्जी आंकड़े जारी करने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2007 से 2016 तक कुल 12 इन्वेस्टर्स मीट की। जिसमें मामा ने 6,821 निवेश के प्रस्तावों और कुल 17,49,739 करोड़ रूपये के निवेश का दावा करके झूठी प्रसिद्धि हासिल की। सच्चाई तो यह है कि निवेश के प्रस्ताव न तो ज़मीन पर आए और न ही लागू हुए। विशेषज्ञों के मुताबिक इन इन्वेस्टर्स मीट के 17,49,739 करोड़ के निवेश के प्रस्तावों में से 50,000 करोड़ का निवेश भी जमीन पर नहीं आया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने आगे कहा कि सच्चाई यह है कि मामा ने उद्योगों में निवेश नहीं, स्वयं की खोखली छवि में निवेश किया है। अब इस ढोल की पोल खोलने का वक्त आ गया है।
कांग्रेस करेगी जनवरी की इन्वेस्टर्स मीट
जनवरी 2019 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक और इन्वेस्टर्स मीट करने जा रहे है, कांग्रेस अगर सरकार में आती है तो क्या यह मीट कराएगी ? के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि शिवराज जी झूठी इन्वेस्टर्स मीट करवाते है। कांग्रेस की सरकार आएगी तो मध्यप्रदेश के युवाओं और किसानों के लिए इन्वेस्टर्स मीट करवाएगी।
निवेश न करने वाली कंपनियों से जमीन वापिस लेगी कांगेस
एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस सरकार में आएगी तो जमीन लेकर निवेश न करने वाली कंपनियों से जमीन वापिस लेगी और उन कंपनियों को देगी जो प्रदेश में निवेश भी करे और प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी दे।
प्रधानमंत्री मोदी की झूठ बोलने की आदत जाती नही: सुरजेवाला
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कर्नाटक और पंजाब में कांग्रेस द्वारा किसानों का कर्जा माफ़ नही करने के दावे पर पलटवार करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी को झूठ बोलने की आदत है और शायद उन्हें यह आदत बचपन की है इसलिए जा ही नही रही। कांग्रेस ने कर्नाटक और पंजाब में किसानों का कर्जा माफ़ किया है। पंजाब में तो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जिला-जिला जाकर किसानों से मिल रहे है, जहां किसान मुख्यमंत्री को कर्ज माफ़ी की पर्ची दिखा रहे है। मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करूंगा की वह मेरे साथ पंजाब चलें और खुद किसानों के कर्जमाफी के सबूत देखें।
कांग्रेस मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरूवार शाम प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते शिवराज सरकार पर बुंदेलखंड पैकेज में भरी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यूपीए सरकार ने 2008 में बुंदेलखंड के विकास के लिए उत्तरप्रदेश को 3506 और मध्यप्रदेश को 3760 करोड़ का “स्पेशल बुंदेलखंड पैकेज” दिया था। जिसमे मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड कहे जाने वाले 6 जिलों को शामिल किया गया था। बुंदेलखंड के विकास के लिए जारी किये गये इस पैकेज को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया।
हाईकोर्ट दिया था जांच का आदेश
सुरजेवाला ने बताया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की थी। जिसने बुंदेलखंड पैकेज की जांच कर 2015 में रिपोर्ट लोक सेवा यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव को सौप दी। जांच में पैकेज द्वारा चलाई गयी योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार सामने आया। योजना के अनुसार 6 जिलों में 1287 नल-जल परियोजनाएं शुरू की जानी थी। जांच रिपोर्ट में इनमे से 997 परियोजनाएं बंद पाई गयी तो वहीं 18 योजनाएं तो शुरू ही नही हुई। रिपोर्ट में बुंदेलखंड पैकेज द्वारा शुरू की गयी सभी नल-जल परियोजनाओं की जांच ‘इकनोमिक ऑफिस विंग’ से कराने की सिफारिश की गयी। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘इकनोमिक ऑफिस विंग’ से जांच करवाने की जगह मामले पर लीपापोती कर दी।
सुरजेवाला ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही बुंदेलखंड पैकेज में हुए भ्रष्टाचार की समयबद्ध जांच कांग्रेस जन आयोग द्वारा करवाएगी और दोषिओं को जेल पहुँचाने का काम करेगी।
राम मंदिर पर पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावों से समय भगवान श्री राम के नाम का इस्तेमाल करती है। वहीं चुनाव बाद भगवान राम को वनवास भेज देती है।
वहीं राजनाथ सिंह द्वारा मध्यप्रदेश में चौथी बार भाजपा सरकार बनने के बयान पर पलटवार करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा में अब सिर्फ नरेंद्र मोदी और अमित शाह की चलती है। राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन और अरुण जेटली जैसे नेताओं को पता है बहुत जल्द उन्हें भी मार्गदर्शक मंडली में बैठा दिया जाएगा।
कांग्रेस द्वारा जारी किये गये आरोप पत्र की कवर फोटो
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान के तहत कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जनता का आरोप पत्र जारी किया. आरोप पत्र में कांग्रेस ने भाजपा के 14 सालों की सरकार के दौरान सरकार पर लगे 25 आरोप और 21 घोटालों को शामिल किया. ‘आरोप पत्र’ जारी करने के लिए भारतीय राष्टीय कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला भोपाल आए. सुरजेवाला के साथ प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रियंका चतुर्वेदी, मुख्य प्रवक्ता शोभा ओझा, रविंद्र बड़गैयाँ और भूपेंद्र गुप्ता मौजूद रहे।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस ने जारी किया ‘जनता का घोषणा पत्र’, 21 घोटाले और 25 आरोपों को किया शामिल.
आरोप पत्र जारी करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि “मध्य प्रदेश सरकार के पिछले 15 साल में भारी भ्रष्टाचार किया है. प्रदेश का हर वर्ग इस सरकार से परेशान है. मध्य प्रदेश में भाजपा के शासनकाल में घोटालों की श्रंखला इतनी लंबी है कि यदि उसे लिखा जाए तो विश्व का सबसे बड़ा महाग्रंथ बन जाएगा।”
आरोप पत्र में शामिल मुख्य आरोप
1 – सरकार कृषि विकास दर, अलग कृषि बजट और किसानों को करोड़ो रुपए देने की बात कर, उनका हितैषी बनने का नाटक कर रही है, उन्हें बहका रही है।
2-राज्य की भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं है और उनके मंत्री अहंकार में चूर हो किसानों को तुच्छ समझ उनका तिरस्कार करते हैं।
3-किसानों का सगा बननेके लिए भावांतर योजना ला कर उन्हेंठगा गया हैं, असल में ये योजना, अन्य
योजनाओं की तरह ही दलालों और चहेतेव्यापारियों को फायदा पहुँचानेके लिए बनाई गयी है।
4-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मे किसानों को फायदा पहुँचाने की आड़ में चुनिन्दा बीमा कंपनियों को फायदा पहुँचाया गया ।
5-भाजपा सरकार हमारी माताओं और बहनों को सुरक्षा देने में पूर्णत: विफल रही है और ये सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर भी नहीं है।
6- बलात्कारियों, असामाजिक तत्वों और गुंडों को भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है इसलिए वेबेख़ौफ़ अपराध को अंजाम देते है। गुंडों की भाजपा के नेताओं सेसाँठ-गाँठ हैऔर पुलिस पर भाजपा सरकार का दबाव।
7-सरकार की महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी सोच है वो महिलाओं को बराबरी की नज़र सेनहीं देखती उन्हें हीन समझती है। महिलाओं के नाम पर चलायेजाने वाली तमाम योजनायेंइस रूढ़िवादी सोच पर पर्दा डालनेका प्रयास है।
8-प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है। हजारों-करोड़ों खर्च करने के बाद भी न डॉक्टर उपलब्ध हैऔर न जनता को बेहतर इलाज मिल रहा है।
9-स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर हजारों करोड़ फूं क दिए गए और प्रदेश की जनता को कुछ नहीं मिला ।
10-हज़ारों करोड़ रुपयेके कु प्रबंधन का नतीजा है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाए ICU में हैं, येजनता के पैसे की सरासर बर्बादी है। आप नेअपनेकु प्रबंधन सेसरकारी स्वास्थ्य तंत्र को पंगुबना दिया है।
11-नवजात शिशुओं का निवाला, बच्चों का खाना और गर्भवती महिलायों का पोषण आहार खा गयी भाजपा सरकार ।
12-सरकार के मंत्रियों का निवेश केनाम पर विदेशी दौरे मात्र सैर सपाटे और मौज मस्ती बन कर रह गए तथा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सिर्फ विज्ञापन केरूप में, प्रदेश की जनता को बहकाने के लिए किया गया ।
13-भाजपा सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए, अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्हें वेंचर फाइनेंस के नाम पर ठगा है, सरकारी नौकरियों के नाम पर उनके साथ छल किया तथा स्वरोजगार के नाम पर उन्हें झांसा दिया ।
14-बच्चे देश के भविष्य होते है अगर उन्हें बुनियादी शिक्षा से वंचित रखा जायेतो ये सम्पूर्ण मानवता के खिलाफ अपराध है. मध्य प्रदेश की सरकार ने ये अपराध किया है।
15-भाजपा की सरकार नेप्रदेश को घाटे में धके ल दिया और कर्जे से लाद दिया है।
16-भाजपा की सरकार सम्पन्न राज्य होने का झूठा दावा कर रही है।
17-भाजपा की सरकार सुशासन के झूठेदावेकर प्रदेश की जनता को बहका रही है।
18-भाजपा की सरकार के मुखिया घोषणावीर मुख्यमंत्री है। वे प्रदेश की जनता को मात्र घोषणा कर बहकाने का काम करते है।
19-प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम से प्रदेश के युवाओं को धोखा दिया और व्यापम जैसे महाघोटाले के जनक बने। इस तरह प्रदेश की भाजपा सरकार नेकरीब 90 लाख युवाओं के सपनो पर पानी फेरा और उनके भविष्य को अन्धकार में धकेल दिया।
20-अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों मेंपेसा कानून और पांचवी अनुसूची के प्रावधान लागून कर भाजपा सरकार अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ जानबूझ कर उनको संवेधानिक अधिकारों से वंचित कर रही है।
21- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ जानबूझ कर आर्थिक रूप से कमजोर बनाने और उनके रहवासी क्षेत्रों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित कर रही है।
22-वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू न कर भाजपा सरकार आदिवासियों के व्यापक हितो पर कु ठाराघात कर रही है।
23-प्रदेश की भाजपा सरकार कर्मचारियों एवंअधिकारियों के हितों का शोषण कर रही है।
24-प्रदेश की भाजपा सरकार नर्मदा डूब प्रभावितों केसाथ अन्याय कर रही है।
25- पिछले 15 सालो मेंभाजपा की सरकार ने घोटाले कर कर के घोटालों की सरकार चलाई है। इससे प्रदेश की जनता का जो नुकसान हुआ है उनकी भरपाई नहीं हो सकती । घोटाले कर कर के भाजपा ने जो अपराध किया हैउसे प्रदेश जनता, महिलाएं, बच्चे- बच्चियां, किसान, युवा, व्यापारी और मजदूर कभी माफ नहीं करेंगे।
आरोप पत्र में शामिल प्रमुख घोटाले
ई-टेंडर घोटाला
सिंहस्थ घोटाला
सोलर पंपों की खरीदी में 130 करोड़ रुपए का घोटाला
उद्यानिकी विभाग में चार सौ करोड़ का घोटाला
बुंदेलखंड पैके ज घोटाला
प्याज घोटाला
दाल खरीदी घोटाला
सरकारी खाद्यान्न घोटाला
पेंशन घोटाला
लाड़ली लक्ष्मियों के साथ घोटाला
रेत /अवैध उत्खनन घोटाला
PSC (लोक सेवा आयोग ) में चयन घोटाला
बिजली घोटाला
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के भूखंड आवंटन में घोटाला
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को नोटबंदी की दूसरी बरसी पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में सुरजेवाला ने कहा कि नोटबंदी को अब दो साल हो गये है। लोगों को समझ आ गया है कि नोटबंदी कोई क्रन्तिकारी कदम नही था बल्कि कालेधन को सफ़ेद करने वाली ‘फेयर एंड लवली योजना’ थी। जिसके कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गये, हजारों कारखाने बंद हो गये, 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गयी और देश की अर्थव्यस्था चौपट हो गयी। सुरजेवाला ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जापान में अप्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए ताली बजा-बजाकर देश के गरीब व मध्यम वर्ग का मजाक उड़ाते हुए कह रहे थे कि “घर में शादी है और पैसे नहीं हैं, देखो नोटबंदी का कमाल”। यह भाजपा के अहंकार की आखिरी सीमा थी। सच तो यह है कि जहां एकतरफ नोटबंदी ने किसान, नौजवान, महिलाएं, छोटे व्यवसायी व दुकानदार की कमर तोड़ डाली, तो दूसरी तरफ कालाधन वालों की हो गई ‘ऐश’, जिन्होंने रातों रात सफेद कर लिया सारा कैश।
नोटबंदी घोटाले ने किया सबको बेज़ार, किसान हों, नौजवान हों, व्यवसायी या दुकानदार, रोजी गई, गया रोजगार – अर्थव्यवस्था का बंटाधार, ऐश की कालाधन वालों ने, भुगत रहे हैं ईमानदार, वोट की चोट से बताएंगे, कि भाजपाई हैं जिम्मेवार
रणदीप सिंह सुरजेवाला
सुरजेवाला ने कहा ” दो साल पहले, 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की तबाही को आर्थिक क्रांति का नया सूत्र बताते हुए तीन वादे किये – सारा काला धन पकड़ा जाएगा, फर्जी नोट पकड़े जाएंगे, आतंकवाद व नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। ऐसे में अब दो साल बाद नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान से नोटबंदी पर जवाब मांगने का समय आ गया है.” कांग्रेस मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मौके पर भाजपा सरकार से 8 प्रमुख सवाल किये.
सारा कालाधन कहां गया ?
10 दिसंबर, 2016 को मोदी सरकार ने देश की सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि 15.44 लाख करोड़ पुराने नोटों में 3 लाख करोड़ कालाधन है, जो जमा नहीं होगा और जब्त हो जाएगा। सुरजेवाला ने बताया कि “24 अगस्त, 2018 की आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के दिन चलन में 15.44 लाख करोड़ के नोटों में से 99.9 प्रतिशत मतलब 15.31 लाख करोड़ पुराने नोट तो बैंकों में जमा हो गए। बाकी बचा पैसा भी रॉयल बैंक ऑफ नेपाल व भूटान तथा अदालतों में केस प्रॉपर्टी के तौर पर जमा है। तो फिर कालाधन गया कहां ?
फर्जी नोट कहां गए ?
मोदी जी और बीजेपी ने नोटबंदी के समय बड़े-बड़े दावे किये थे कि नोटबंदी से हजारों करोड़ के नकली नोट पकडे जायेंगे। साल 2017-18 आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक 15.44 लाख करोड़ के पुराने नोटों में से मात्र 58.30 करोड़ ही नकली नोट पाए गए, यानि 0.0034 प्रतिशत। क्या नोटबंदी से नकली नोटों पर नकेल कसना भी भाजपाई जुमला निकला ?
क्या ख़त्म हुआ उग्रवाद और नक्सलवाद ?
बीजेपी ने दावा किया था कि नोटबंदी से नक्सलवाद और उग्रवाद ख़त्म हो जाएगा। नोटबंदी के बाद अकेले जम्मू-कश्मीर में 86 बड़े उग्रवादी हमले हुए, जिनमें 127 जवान और 99 नागरिक शहीद हुए। वहीं 1030 नक्सलवादी हमले हुए, जिनमें 114 जवान शहीद हुए। तो क्या मोदी सरकार ने देश को जानबूझकर गुमराह किया?
क्या नए नोट छापने व बांटने की कीमत नोटबंदी की बचत से 300 प्रतिशत अधिक है?
आरबीआई के मुताबिक साल, 2016-18 के बीच नए नोट छापने तथा लिक्विडिटी ऑपरेशन में लगभग 30,303 करोड़ रु. खर्च हुए है, वहीं नोटबंदी में मात्र 10,720 करोड़ रु. वापस जमा नही हो पाए। क्या भाजपाई बताएंगे कि इतने बड़े आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेवार है?
क्या डिजिटल हो गया इंडिया ?
8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के समय देश में 17.71 लाख करोड़ नगद चलन में था। वहीं 28 अक्टूबर, 2018 को चलन में कैश की मात्रा बढ़कर 19.61 लाख करोड़ हो गई है। तो फिर डिजिटल भुगतान कैसे बढ़ा?
नोटबंदी से पड़ी बेरोजगारी की मार ?
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी से सीधे तौर पर 15 लाख नौकरियां गईं और देश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। क्या यह सीधे तौर पर आर्थिक आतंकवाद नहीं?
क्या नोटबंदी कालेधन को सफेद बनाने का एक बड़ा घोटाला था ?
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नोटबंदी को कालेधन को सफ़ेद बनाने वाला देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया। सुरजेवाला ने कहा कि “नोटबंदी से ठीक पहले भाजपा व आरएसएस ने सैकड़ों करोड़ रु. की संपत्ति पूरे देश में खरीदी। सितंबर, 2016 में बैंकों में यकायक 5,88,600 करोड़ रुपया अतिरिक्त जमा हुआ। नोटबंदी वाले दिन, यानि 8 नवंबर, 2016 को भाजपा की कलकत्ता इकाई के खाता नंबर 554510034 में 500 व 100 रु. के तीन करोड़ रुपए जमा करवाए गए। कर्नाटक के पूर्व मंत्री व भाजपा नेता, जी. जनार्दन रेड्डी (बेल्लारी ब्रदर्स) के सहयोगी, रमेश गौड़ा ने नोटबंदी के बाद खुदकुशी कर ली तथा सुसाईड नोट में लिखा कि 100 करोड़ रु. का कालाधन भाजपा नेताओं द्वारा बदला जा रहा था। क्या भाजपा व आरएसएस को नोटबंदी के निर्णय की जानकारी पहले से थी? क्या कारण है कि भाजपा व आरएसएस ने इतने सैकड़ों व हजारों करोड़ की संपत्ति खरीदी व इसे सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया? क्या इसकी जाँच नहीं होनी चाहिए?”
क्या अमित शाह व भाजपा नेताओं की जाँच हुई?
नोटबंदी के बाद मात्र 5 दिनों में यानि, 10 नवंबर से 14 नवंबर, 2016 के बीच अहमदाबाद जिला को -ऑपरेटिव बैंक में 745.58 करोड़ रु. के पुराने नोट जमा हो गए। इस बैंक के डायरेक्टर, भाजपा अध्यक्ष, श्री अमित शाह हैं, जो इससे पहले बैंक के चेयरमैन भी रहे हैं। 7 मई, 2018 के आरटीआई जवाब (A1 व A2) में बताया गया कि देश में किसी भी जिला को-ऑपरेटिव बैंक में जमा हई पुराने नोटों की यह सबसे बड़ी राशि थी। ऐसा क्यों? क्या इसकी जाँच हुई? क्या श्री अमित शाह की जाँच हुई?
रणदीप सुरजेवाला ने 8 सवाल पूछने के बाद कहा कि आज नोटबंदी को 731 दिन बीत गए हैं और देशवासी भुगत रहे हैं. जनता अब सब समझ गयी है और नोटबंदी का जवाब वोटबंदी करके देगी। कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो नोटबंदी के दौरान कालाधन बदलने वालों की जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसे सजा मिलेगी।