Thursday, March 30, 2023
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राफेल पर गोवा ऑडियो टेप असली क्योंकि अब तक दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी

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राहुल गांधी ने राफेल मामले को लेकर गोवा के एक मंत्री की बातचीत के ऑडियो टेप को असली बताया। उन्होंने कहा कि इस टेप के सामने आने के 30 दिनों बाद भी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई और ऐसे में यह तय है कि यह टेप असली है तथा गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पास राफेल के बारे में विस्फोटक गोपनीय जानकारियां हैं जो प्रधानमंत्री के मुकाबले उनको ताकतवर बनाती है।

दरअसल, कांग्रेस ने गत दो जनवरी को एक ऑडियो जारी किया था जिसमें गोवा सरकार के मंत्री विश्‍वजीत राणे की आवाज होने का दावा किया गया था। इसमें राणे कथित तौर पर यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि ‘मुख्यमंत्री (पर्रिकर) ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि मेरे शयनकक्ष में राफेल मामले की सभी जानकारियां हैं।’ बाद में राणे ने ऑडियो टेप को फर्जी करार देते हुए कहा था कि इस टेप के साथ छेड़छाड़ की गई है।

राफेल डील : राहुल गाँधी पहुंचे HAL दफ्तर,बेंगलुरु में कर्मचारियों से करेंगे मुलाकात

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल पर छिड़ी राजनीतिक जंग को लगातार हवा दे रहे हैं। इस कड़ी में राहुल गांधी शनिवार को बेंगलुरु पहुंचे हैं जहाँ वे हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करेंगे। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत की सामरिक संपत्ति है, इस संस्थान से राफेल बनाने का ऑर्डर छीनकर इसे बर्बाद करने की कोशिश की गई है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘एचएएल भारत की सामरिक संपत्ति है, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से राफेल का ऑर्डर छीनकर और इसे अनिल अंबानी को गिफ्ट कर भारत के एयरोस्पेस इंडस्ट्री के भविष्य को बर्बाद कर दिया गया है।’ राहुल ने लिखा, “आगे आइए भारत की रक्षा करने वालों की प्रतिष्ठा की रक्षा करिए, मैं एचएएल के कर्मचारियों के साथ खड़ा होने के लिए बेंगलुरु में हूं। मेरे साथ एचएएल मुख्यालय के सामने आइए।”

कर्नाटक कांग्रेस के प्रवक्ता रवि गौड़ा ने कहा कि राहुल जानना चाहते हैं कि इस सौदे के हाथ से जाने के बाद एचएएल के कर्मचारी कैसा महसूस करते हैं। राहुल गांधी यहां पर एचएएल के कुछ कर्मचारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि एचएएल की ओर से अपने स्टाफ को सलाह दी गई है कि नौकरी की सेवा शर्तों के मुताबिक वे राहुल गांधी से मुलाकात नहीं करें। फिर भी कुछ कर्मचारी और एचएएल के रिटायर्ड स्टाफ राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।

देश के PM भ्रष्ट हैं, अंबानी के प्रधानमंत्री है,जबाब नहीं दे सकते तो इस्तीफा दें मोदी:राहुल गाँधी

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राफेल सौदे को लेकर फ्रांस की और से नये खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से राफेल मामले पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है। राहुल गाँधी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि पता नहीं कि फ्रांस में क्या इमरजेंसी है कि रक्षामंत्री सीतारमण को तुरंत फ्रांस जाना पड़ता है। राहुल गांधी ने कहा कि अंबानी के प्रधानमंत्री ने अनिल अंबानी के जेब में करोड़ों रुपये डाले है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फ्रांस्वा ओलांद के बाद अब अधिकारी का बयान आ गया है कि डील के लिए अनिल अंबानी की रिलायंस को जोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी के चौकीदार हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है और भारत के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि ऐसे आरोप लग रहे हैं कि भारत के प्रधानमत्री भ्रष्ट हैं तो इस पर पीएम को जवाब देना चाहिए। अगर वे जबाब नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

केंद्र सरकार बताये कैसे हुई राफेल सौदे पर डील,बंद लिफाफे में माँगा जवाब : सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से फ्रांस के साथ हुई राफेल एयरक्राफ्ट डील पर जवाब मांगा। केंद्र से पूछा कि सरकार ने कैसे राफेल डील की, इसके बारे में पूरी जानकारी 29 अक्टूबर तक सीलबंद लिफाफे में दी जाए। इस संबंध में एक जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। इस पर अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोेगोई की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला किया है।

खंडपीठ ने कहा कि वह इस समय केन्द्र सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं कर रही है। इस याचिका में फ्रांस की कंपनी दसाल्ट द्वारा रिलायंस को दिए गए ठेके की जानकारी भी मांगी गई है। गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस भारी अनियमितताओं का आरोप लगा रही है।

कांग्रेस का कहना है कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार 1670 करोड़ रुपये प्रति राफेल की दर से इन विमानाें को खरीद रही है, जबकि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में इनकी कीमत 526 करोड़ रुपये प्रति विमान निर्धारित की गई थी।

मोदी के कहने पर रिलायंस को साझेदार बनाया

राफेल सौदे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। पिछले कई दिनों से कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार में हुए राफेल सौदे पर सवाल उठाया है।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर जो सहमति बनी थी उसकी तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।

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