उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लखीमपुर हिंसा के बाद सक्रिय हुई कांग्रेस अब अगले साल होने वाले चुनाव कि तैयारी में लग गई है। जहां एक और राहुल प्रियंका के बाद कांग्रेस के अन्य नेता भी लखीमपुर जाकर मृत किसानों के परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर प्रियंका गांधी ने आगामी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिसकी शुरुआत प्रियंका प्रधानमंत्री मोदी के ग्रह लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से कर रही है।
10 अक्टूबर को प्रियंका गांधी वाराणसी मैं किसान रैली को संबोधित करने वाली है। यह रैली वाराणसी के रोहनिया विधानसभा के जगतपुर डिग्री कॉलेज मैदान में होगी। रैली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल होंगे।
लखीमपुर हिंसा के रूप में उत्तर प्रदेश में बरसों से सो रही कांग्रेस को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। जिस तरह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा और अन्य विपक्षी पार्टियों से पहले इस मुद्दे को बनाया उससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में एक नई जान फूंक दी गई है।
सर्वाधिक सक्रिय रही प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी को लखीमपुर जाने के क्रम में सीतापुर पीएसी गेस्ट हाउस में 60 घंटे तक हिरासत में रखा गया। इसके बाद राहुल गांधी समेत भूपेश बघेल, चरणप्रीत सिंह चन्नी, सचिन पायलट समेत बड़े नेताओं ने एक साथ यूपी की सियासत में अपनी धमक दिखाई। इसके बाद बैकफुट पर आई यूपी सरकार ने कांग्रेस के नेताओं को लखीमपुर जाने की इजाजत दी।
1 लाख लोगों को जुटाने का है लक्ष्य
सूत्रों के अनुसार प्रियंका की रैली उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार कार्यक्रम की शुरुआत होगी। कांग्रेस इस रैली को ऐतिहासिक बनाना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए वाराणसी के साथी आसपास के जिला जैसे मिर्जापुर सोनभद्र चंदौली भदोही से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। ।