Home Tags Pregnancy test

Tag: pregnancy test

डिंडोरी में हुए प्रेग्नेंसी टेस्ट पर कमलनाथ ने जताई आपत्ति, महिला आयोग को लिखा पत्र

0

डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में हुए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के कार्यक्रम के दौरान हुए प्रेग्नेंसी टेस्ट के मामलें को लेकर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने राष्ट्रीय महिला आयोग को एक पत्र लिखा है। कमलनाथ ने पत्र में युवतियों के प्रति चिंता जताते हुए इस प्रकार के आपत्तिजनक टेस्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पत्र में कमलनाथ ने लिखा है कि मध्यप्रदेश सरकार का यह कृत्य महिलाओं की निजता और उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।

कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि डिंडोरी जिले में 22 अप्रैल, 2023 को राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कन्या विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सूचनाओं के माध्यम से पता चला है कि कार्यक्रम के लिए मेडिकल टेस्ट के नाम पर सैकड़ों युवतियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया है।

उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा कि जिस प्रदेश में सरकार ही महिलाओं को बेआबरू करने पर उतारू हो, वहां अपराधियों के हौसले बुलंद होना कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश लम्बे समय से महिलाओं के खिलाफ अपराध में अव्वल है। शिवराज सरकार महिला अत्याचारों के खिलाफ मौन है।

कमलनाथ ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए पत्र में लिखा है कि युवतियों को सार्वजनिक तौर पर इस तरह अपमानित करना बेहद शर्मनाक है। ये नारी अस्मिता और भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। जिन गरीब बेटियों ने अपने विवाह संस्कार का सपना देखा था, उन्हें अपनी जिंदगी के सबसे खुशनसीब दिन ऐसा सरकारी दुर्व्यवहार देखना सरकार के लिए डूब मरने जैसा है।

वीरांगना दुर्गावती, रानी अवंती बाई लोधी और महारानी अहिल्याबाई जैसी देवियों ने जिस भूमि को अपने तप से सींचा, वहीं मातृ शक्ति के साथ ऐसी अपमानजनक बर्बरता समूची नारी जाति के आत्म सम्मान के खिलाफ है।

बता दें पीसीसी अध्यक्ष ने इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग से अनुरोध करते हुए लिखा है कि डिंडोरी में महिलाओं के खिलाफ हुए इस अपमानजनक और गैरकानूनी कृत्य की विस्तृत और उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत विवाह के लिए आईं कुछ दुल्हनें मिलीं गर्भवती, कांग्रेस ने टेस्ट को बताया निजता का हनन

0

डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत शादी के लिए आईं कुछ दुल्हनें गर्भवती पाई गई हैं। बताया जा रहा है कि शादियों में मेडिकल चेकअप के नाम पर प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया है। इसे लेकर अब विवाद शुरू हो गया है।

कांग्रेस के स्थानीय विधायक ने इस तरह के टेस्ट पर आपत्ति जताई है। इस योजना के लाभ के लिए कई लोगों ने आवेदन दिया था जिसमें से 219 आवेदनों को मंजूरी मिली थी। इस आयोजन में प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद महिलाओं का नाम लिस्ट से हटा दिया गया है। इस घटना के बाद से राजनीति तेज हो गई है। वहीं सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस ने इसे निजता का हनन बताया है।

दरअसल, प्रेग्नेंसी टेस्ट पर कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि यह पूरी तरह से निजता का हनन है। नियम प्रक्रिया को लेकर शासन को पहले स्पष्ट करना चाहिए। विधायक ने आगे कहा कि अगर कोई वैवाहिक जीवन में प्रवेश कर रहा है तो प्रशासन को प्रेग्नेंसी टेस्ट कर उनके जीवन में बाधा नहीं डालनी चाहिए।

वहीं, माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने भोपाल में कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत डिंडोरी जिले के गाड़ासरई में 219 आदिवासी युवतियों के सामूहिक विवाह से पहले उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाना बीजेपी के आदिवासी और महिला विरोधी आचरण को उजागर करता है, जिसकी चौतरफा निंदा होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने दोषी अधिकारियों को सजा दिलाने की भी मांग की।

इस घटना के बाद स्तिथि को संभालते हुए व प्रशासन का बचाव करते हुए डिंडोरी के कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि गाड़ासरई में शनिवार को होने वाले सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले 219 जोड़ों के मेडिकल परीक्षण का प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं था बल्कि आनुवांशिक बीमारी ‘सिकलसेल’ की जांच कराना था। उन्होंने कहा कि सिकलसेल बीमारी की जांच के दौरान चिकित्सकों ने चार युवतियों का गर्भावस्था परीक्षण किया है क्योंकि इन युवतियों ने माहवारी नहीं आने की बात बताई थी। इसे लेकर प्रशासन की ओर से कोई निर्देश नहीं थे। यह चिकित्सकों पर निर्भर है कि वे सिकलसेल की बीमारी का पता करने के लिए क्या प्रक्रिया और जांच करवाते हैं।

फिलहाल चिकित्सक की रिपोर्ट के बाद ऐसे चार जोड़ों को सामूहिक विवाह में शामिल नहीं किया गया। ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ के तहत, राज्य सरकार पात्र जोड़ों को वित्तीय सहायता के रूप में 56,000 रुपए प्रदान करती है।