अदालत की अवमानना मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है। न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट करने को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ स्वत: शुरू की गई अवमानना कार्यवाही में आज कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने इस मामले में अधिवक्ता प्रशांत भूषण को दोषी करार देते हुए 20 अगस्त को सज़ा पर सुनवाई करने की बात कही।
इससे पहले न्यायालय में 5 अगस्त को हुई सुनवाई में अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अपने उन दो ट्वीट का बचाव किया था। कोर्ट ने आज हुई सुनवाई में यह माना है कि इससे अदालत की अवमानना हुई है।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े और चार पूर्व सीजेआई को लेकर प्रशांत भूषण की ओर से किए गए दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को नोटिस भेजा था।
नोटिस के जवाब में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा था, ‘सीजेआई की आलोचना सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करता। बाइक पर सवार सीजेआई के बारे में ट्वीट कोर्ट में सामान्य सुनवाई न होने को लेकर उनकी पीड़ा को दर्शाता है। इसके अलावा चार पूर्व सीजेआई को लेकर ट्वीट के पीछे मेरी सोच है, जो भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना नहीं है।’
कोर्ट की अवमानना अधिनियम की धारा 12 के तहत तय किए गए सजा के प्रावधान के मुताबिक, दोषी को छह महीने की कैद या दो हजार रुपए तक नकद जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है। अब सजा पर बहस 20 अगस्त को होगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट सजा सुनाएगी।