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कमलनाथ के ऊपर हुई FIR का पूरे मध्यप्रदेश में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गांधीवादी तरीके से किया विरोध प्रदर्शन

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान को आधार बना कर भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने कल भोपाल क्राइम ब्रांच में एक ज्ञापन सौपा,जिसके बाद शिवराज सरकार के इशारे पर कमलनाथ जी के ऊपर एक मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है। इसके विरोध में आज मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में गांधीवादी तरीके से अपना विरोध प्रदर्शित किया।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने अपने सभी पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन कर अपने जिले/विधानसभा/ब्लॉक में गांधीजी या अंबेडकरजी की प्रतिमा/चित्र के सामने धरना देने को कहा। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने कोरोनो गाइडलाइन का पालन करते हुए काली पट्टी बांध कर धरना दिया।

विक्रांत भूरिया झाबुआ जिले में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे। डॉ भूरिया ने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कमलनाथ पर हुए FIR को तत्काल वापस लेकर मुख्यमंत्री शिवराज चौहान पर FIR किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा की सरकार पूरे प्रदेश में कोरोना महामारी में लाखो मृतको की जिम्मेदार है।

वहीं भोपाल में युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल के साथ क्राइम ब्रांच थाने जा कर शिकायती आवेदन प्रस्तुत कर शिवराज चौहान पर FIR की मांग की है। विवेक त्रिपाठी ने बीजेपी पर घ्रणित राजनीति करने का आरोप लगाया है। त्रिपाठी ने सवाल पूछा की जो भाजपा के नेता और विधयाक कल कमलनाथ पर fIR करवाने थाने आगये थे वे अस्पतालों की मनमाने बिलो की शिकायत ले कर,रेमडीसीवेर इंजेक्शन,ऑक्सीजन,की काला बाजारी,या हमीदिया हॉस्पिटल से चोरी गए इंजेक्शन के मामले में थाने क्यों नही गए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पे राजनीति का आरोप लगाने वाले बीजेपी के नेता पहले अपने गिरेबान देखे। त्रिपाठी ने कहा की कमलनाथ पर FIR करना शिवराज सरकार की विपक्ष को दबाने की कायराना हरकत है जिसका हम मुँह तोड़ जवाब देंगे।

कमलनाथ पर हुई एफआईआर के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ क्राइम ब्रांच को सौपा आवेदन

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मध्य प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों को लेकर कांग्रेस जहां सरकार पर लगातार वार कर रही है वहीं बीजेपी भी चुप बैठने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ पर एफआईआर के बाद अब अब कांग्रेस सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी।

बता दे कि कांग्रेस ने प्रशासन से सीएम चौहान पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक आरिफ मसूद, पूर्व महापौर विभा पटेल, विधायक कुणाल चौधरी सहित अनेक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एफआईआर के लिए क्राइम ब्रांच में आवेदन सौंपा है।

वहीं शिवराज सिंह पर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर कांग्रेस क्राइम ब्रांच में शिकायती आवेदन सौंपेगी। तो दूसरी तरफ बीजेपी फिर आज दूसरे जिलों में कमलनाथ के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज कराएगी।

कमलनाथ पर हुई एफआईआर के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं में दिखा आक्रोश, शिवराज के खिलाफ खोला है मोर्चा

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मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ भोपाल में एफआईआर दर्ज होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी को कोरोना संक्रमण से हुई अब तक की मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस इस मामले को लेकर अब सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाएगी।

बता दे कि पूरा कांग्रेस खेमा अब सक्रिय हो गया है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि एफआईआर उन लोगों पर होनी थी जिनके कारण इतनी मौतें हुई है। उन्होंने कहा कि जनता के सामने सरकार का असली चेहरा आ रहा है। इसी को लेकर प्रदेशभर में मुख्यमंत्री के खिलाफ कांग्रेस केस दर्ज करवाएगी।

वहीं अरुण यादव ने ट्विटर पर ट्वीट किया है कि एफआईआर सीएम शिवराज की तिलमिलाहट को बताता है। उन्होंने लिखा कि सरकार ने मौत के हजारों आंकड़े छुपाए है। पूरी कांग्रेस कमलनाथ द्वारा सरकार पर लगाए आरोपों का समर्थन करती है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हुई एफआईआर

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मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ भोपाल की क्राइम ब्रांच पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। क्राइम ब्रांच ने धारा 188 और डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा 54 की धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

बता दे कि बीजेपी ने क्राइम ब्रांच को कमलनाथ के खिलाफ अपराध दर्ज करने का ज्ञापन सौंपा था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कमलनाथ ने प्रेस कान्फ्रेंस में कोरोना को इंडियन वैरिएंट कहकर देश की छवि को धूमिल करने का काम किया है।

दरअसल पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के लिए कहा था। कमलनाथ ने सरकार पर कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छिपाने का सरकार पर आरोप लगाया था।

पूर्व सीएम कमलनाथ की शिकायत करने पहूंची बीजेपी प्रतिनिधि मंडल

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मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान के खिलाफ रविवार को भोपाल में बीजेपी प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौपा है। भोपाल के एएसपी ने कहा कि थाना प्रभारी को ज्ञापन दिया गया है और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि कमलनाथ ने कोरोना को लेकर शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि दुनियाभर में देश की पहचान इंडियन कोरोना के नाम से बन गई है। इसी बयान के बाद राजनीति गर्मा गई जिसके चलते आज उनके खिलाफ ज्ञापन सौपा गया है।

कमलनाथ ने ये भी कहा था कि इसकी शुरुआत चीनी कोरोना से हुई थी। अब यह भारतीय वेरिएंट कोरोना है। आज भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कोविड-19 के भारतीय संस्करण से डरते है। और हमारे ही देश के वैज्ञानिक इसे भारतीय संस्करण कह रहे है। सिर्फ बीजेपी के सलाहकार ही नहीं मान रहे।

उन्होंने मौत के आकड़ो पर कहा कि मैंने गणना की है, अखबारों में 26 जिलों की जानकारी थी और बाकी जिलों से जानकारी जुटा रहा हूं । मार्च और अप्रैल में दाहगृहों में लगभग एक लाख 27 हजार शव पहुंचे थे। उन्होंने ये दावा किया कि इनमें से 80 फीसदी लोगों की मौत कोविड की वजह से हुई थी।

मध्यप्रदेश की राजधानी में एक मरीज में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस दोनो के लक्षण

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मध्य प्रदेश कोरोना की महामारी से अभी निपटे ही नहीं कि ब्लैक फंगस से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन अब व्हाइट फंगस ने भी प्रदेश में अपनी दस्तक दे दी है। राजधानी भोपाल में दूसरा मरीज मिला है। बताया जा रहा है कि इस मरीज को ब्लैक और व्हाइट दोनों फंगस मिले है।

जानकरी मिली है कि भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इस व्हाइट फंगस का मरीज भर्ती है। और इस मरीज में व्हाइट के साथ ब्लैक फंगस के भी इंफेक्शन है। राज्य में यह पहला मामला है जहां दोनों इंफेक्शन किसी मरीज में देखे गए है।

बता दें कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे है। 600 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ चुके है। वहीं 30 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।

मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में नहीं हो रहा है वैक्सीनशन, ये है कारण

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 18 और उसके ऊपर वालों के लिए टीकाकरण शुरू हुए 15 दिन से अधिक समय बीत जाने पर भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कोविड टीका नहीं लग रहा है। इसकी वजह वैक्सीनेश की जटिल प्रक्रिया बताई जा रही है।

दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में स्लाॅट बुकिंग की जटिल प्रक्रिया लोगों के टीकाकरण कराने में बाधा बन रही है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 18 वर्ष से अधिक उम्र से अधिक लोगों को वैक्सीन नहीं लगाई जा सकी है।  ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग है जिनके पास स्मार्ट फोन और इंटरनेट है। वे ही लोग टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे है।

बता दें कि शुरवात में शहरी क्षेत्रों में भी वैक्सीन के प्रति लोगों का कम रुझान दिखाई दिया था। लेकिन बाद में लोगों ने टीका लगवाना शुरू कर दिया था। हालांकि अब ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर जागरूकता नहीं दिखाई दे रही है। कई केंद्र तो ऐसे है जहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम सुबह से शाम तक बैठी रहती है, लेकिन टीका लगवाने कोई नही आता।

भोपाल को बाटा जाएगा तीन ज़ोन में, और ऐसे खुलेगा बाजार

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भोपाल में कोरोना का कहर जारी है। आज क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद भोपाल कैसे खुलेगा उसका निर्णय लिया गया है। इसके लिए शहर को तीन जोन में बांटा जाएगा। सबसे गंभीर क्षेत्र को रेड जोन में उसके बाद ऑरेंज और ग्रीन कलर में रखा जाएगा। इसके अनुसार ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे।

मंत्री सारंग ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू कैसे खुलेगा, क्या रहेगी तैयारी, इसे लेकर बैठक में अधिकारियों से चर्चा की गई। जून में भोपाल को कोरोना कर्फ्यू मुक्त करना है। कोरोना केस को देखते हुए सबसे ज्यादा केस वाले इलाकों को रेड जोन में रखा जाएगा।

सारंग ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कोरोना पीक पर था जब मध्यप्रदेश को जरूरत थी तब कमलनाथ कहां थे? उन्होंने सरकार पर आंकड़े छिपाने पर कहा कि सरकार सही आंकड़े ही लोगों के सामने रख रही है। आंकड़े शत-प्रतिशत सही बता रहे है।

कमलनाथ ने बीजेपी को कहा कोविड माफिया

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को उज्जैन के दौरे पर है। यहां उन्होंने बाबा महाकाल के शिखर दर्शन किए। इस दौरान कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा और बीजेपी को कोविड माफिया बताया।

कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरा प्रदेश इस महामारी में शासन भरोसे नहीं भगवान भरोसे है। ऐसे में मंत्रायल और कार्यालय में जाने से कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि भारत पूरे विश्व में बदनाम हो रहा है। कोरोना चीनी वायरस था लेकिन आज विश्व में लोग इसे इंडियन वैरियंट कह रहे है।

उन्होंन कहा कि सरकार कोरोना से नहीं आलोचना से लड़ रहे है। सरकार आज कोविड मैनेजमेंट में नहीं बल्कि इमेज मैनेजमेंट में लगी है। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लाशों को दबाने और छिपाने की राजनीति न करें, कितनी लाशें श्मशान घाट और कब्रिस्तान में आई सरकार इसकी रिकॉर्ड दे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80 फीसदी मौतें कोरोना से हुई है।

मध्यप्रदेश में खाली है डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के पद

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मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के इस कठिन दौर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। डॉक्टरों के 5 हजार पद तो वहीं नर्सिंग स्टाफ के 16 हजार पद खाली है पूरे प्रदेश भर में खाली है। वहीं प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर के 800 से ज्यादा पद खाली है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश में अभी लगभग 16996 लोगों पर एक डॉक्टर की व्यवस्था है। जबकि डब्ल्यूएचओ(WHO) के मुताबिक एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए।

बता दे कि सरकार के वैकेंसी निकालने के बाद भी कोई आने को तैयार नहीं है। पिछले साल अप्रैल में मात्र 6 मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती हुई थी। लेकिन उनका भी समय पूरा होने से पहले हटा दिया गया।