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सोशल वाणी: चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने गौमाता पर पोता भाजपा का झंडा।

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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का प्रचार शुरू हो गया है। ऐसे में चुनाव प्रचार में गौमाता भी उतर गयी है। दरअसल सोशल मीडिया पर भाजपा का प्रचार करते हुए गौमाता की यह तस्वीर जमकर वायरल हो रही है। तस्वीर में गौमाता पर किसी ने भाजपा का ध्वज बना दिया है। पता नही यह अचार संहिता का उल्लंघन है या नही पर लोगों ने इस तस्वीर को देख भाजपा को जमकर लताड़ लगाई।

ट्विटर यूज़र अंकित ने कमेंट में लिखा, “जिसने भी हमारी गौ-माता को पेंट से पोता है, जिसने भी इनपे ऐसा अत्याचार किया है उनको म.प्र की जनता लात मारके पाकिस्तान भेज देगी। भाजपा का गौमाता पे ऐसा अत्याचार नही सहेगा हिंदुस्तान।”वहीं सुमित ने कमेंट किया, “शरम आनी चाहिए, अपनी मां को ऐसे रंग कर शान जता रहे हैं। धिक्कार है।” वहीं एक ट्विटर यूज़र ने लिखा “क्यों गाया को नेता बना रहे हो उसे भगवान ही बने रहने दो।”

हर घर भाजपा ध्वज ?

रविवार को ट्विटर पर बीजेपी की राजस्थान इकाई ने #हर_घर_भाजपा_ध्वज ट्रेंड किया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा “विकास का उजाला समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सुनिश्चित तरीके से पहुंचाते हुए बीजेपी सरकार ने प्रदेश में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। वहीं पूरे जोश और उत्साह के साथ राजस्थान की जनता ने एक बार फिर कमल खिलाने का मन बना लिया है।

#हर_घर_भाजपा_ध्वज”वसुंधरा राजे के एलावा भाजपा के और भी कई नेताओं ने ‘हर घर भाजपा ध्वज’ की बात करते हुए भाजपा सरकार की जमकर तारीफ की। वहीं कई लोगों ने इस हैशटैग पर बीजेपी को ट्रोल भी किया।संघमित्रा ने इस हैशटैग पर लिखा, “देखो यह बीजेपी और संघ वाले ‘हर घर भाजपा ध्वज की बात कर रहे है, यह कभी ‘हर घर तिरंगा ध्वज’ की बात नही करेंगे। बीजेपी और आरएसएस ने हमेशा अपने ध्वज को तिरंगे से ऊपर रखा है।”  

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने वचन पत्र में भी अपने मित्र संजय गांधी को याद रखा है

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mp congress released manifesto for mp legislative election

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल की उपेक्षा को लेकर लगातार कांग्रेस पर किए जा रहे हमलों के बाद कांग्रेस अभी पूरी तरह से गांधी-नेहरू से बाहर तो नहीं निकल पाई है लेकिन, उसने पटेल के अलावा देवी अहिल्या बाई, स्वामी विवेकानंद, और टंटया भील जैसे नामों को भी अपनाना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणा पत्र में किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता पर खास तौर पर जोर दिया गया है।


कांग्रेस  ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को वचन पत्र का नाम दिया है। इस वचन पत्र में प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने मित्र संजय गांधी को भी जगह दी है। संजय गांधी की विधवा मेनका गांधी के सास इंदिरा गांधी का घर छोड़ दिए जाने के बाद कांगे्रस ने भी संजय गांधी का नाम लेना बंद कर दिया था। वचन पत्र में विधानसभा की कार्यवाही को हंगामे से बचाने के लिए कार्यबाधित होने पर सदस्यों को उस दिन का भत्ता न देने प्रावधान लागू करने की घोषणा की गई है। जनता भी विधानसभा में मंत्रियों से सीधे सवाल पूछ सके,इसके लिए जनता प्रहर शुरू करने का एलान किया गया है।

किसानों के सिर्फ दो लाख रूपए तक के कर्ज ही माफ होंगे

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के शिवाजी नगर स्थित कार्यालय में चुनाव का वचन पत्र जारी करने के लिए प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता मौजूद थे। चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस वचन पत्र पर कहा कि इसमें दर्ज एक-एक अक्षर घोषणा नहीं है, कांग्रेस का वचन है। हर वचन को सरकार बनने के बाद समय-सीमा में पूरा किया जाएगा। वचन पत्र में कांग्रेस ने किसानों के सिर्फ दो लाख रूपए तक के कर्ज माफ करने का वादा किया है। यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश भर में घूम-घूमकर अपनी सभाओं में किसानों का पूरा कर्जा दस दिन में माफ करने की बात कह रहे हैं। राहुल गांधी की इस मंशा के अनुरूप ही छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफी की कोई सीमा निर्धारित नहीं की है। दस दिन का वादा भी किया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के वचन पत्र में दस दिन की समय-सीमा का उल्लेख भी नहीं किया गया है। यद्यपि उस कर्ज को भी माफ करने का वचन कांग्रेस ने दिया है, जो कालातीत हो चुका है। किसानों का बिजली का बिल आधा किए जाने के लिए दस हॉर्सपावर की सीमा निर्धारित की गई है। लगभग डेढ़ दर्जन फसलों के अलावा दूध पर भी पांच रूपए प्रति लीटर का बोनस दिए जाने का वचन दिया गया है। किसानों को फसल बीमा का लाभ ग्रामसभा की अनुशंसा पर दिलाए जाने का वचन भी दिया गया है। राज्य कृषि विकास आयोग का गठन किए जाने का उल्लेख भी किया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि किसानोंे को उनकी उपज को मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बिकने दिया जाएगा।

सरकारी नौकरयों में नहीं घुस सकेंगे दूसरे राज्यों के बेरोजगार

कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में युवाओं को नौकरी न दिला पाने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देने का कोई सीधा वादा नहीं किया है। युवाओं को उद्योगों में रोजगार मिल सके इसके लिए उद्योगपतियों को वेतन अनुदान दिए जाने की योजना का एलान किया गया है। इस योजना का लाभ उन उद्योगपतियों को दिया जाएगा, जो पचास करोड़ के निवेश से नया उद्योग लगाएगें अथवा उद्योग का विस्तार कर प्रदेश के युवाओं को रोजगार देंगे। सरकार रोजगार के एवज में वेतन का पच्चीस प्रतिशत अथवा दस हजार रूपए प्रतिमाह, जो भी कम उद्योगपति को देगी। सरकारी नौकरियों में राज्य के बाहर के उम्मीदवारों का चयन रोकने के लिए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा है कि वे ही लोग शासकीय अथवा सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी के लिए पात्र होंगे, जिन्होंने दसवीं अथवा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा मध्यप्रदेश से उत्तीण की हो। कांग्रेस ने व्यापमं को बंद कर इसके स्थान पर राज्य कर्मचारी चयन आयोग के गठन का एलान किया है। परिवार की छह लाख से कम बार्षिक आय होने पर चयन परीक्षा शुल्क से छूट देने का वादा किया गया है। अधिकतम आयु सीमा में दो साल की वृद्धि देने का भी उल्लेख वचन पत्र में है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागी रहे खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी न दे पाने की स्थिति में हर माह पंद्रह हजार रूपए सम्मान निधि देने का उल्लेख भी वचन पत्र में है।

लड़कियों की पीएचड़ी तक की शिक्षा मुफ्त

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं के जवाब में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में एक लाइन में लिखा है कि कन्याओं को स्कूल से पीएचड़ी तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। कॉलेज जाने वाली छात्राओं को दो पहिया वाहन के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण दिलाए जाने का भी वचन दिया गया है। महिला अपराधों को रोकने के लिए सिर्फ ठोस कानून बनाने की बात कही गई है। ज्ञातव्य है कि महिला अपराधों के मामले में देश में मध्यप्रदेश का पहला नंबर होने पर कांग्रेस लगातार शिवराज सिंह चौहान पर हमले कर रही है। महिला अपराधों को कांग्रेस ने चुनाव का मुद्दा भी बनाया है। कांग्रेस का वचन पत्र 75 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित है। इसमें रामपथ गमन का निर्माण और पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलना भी शामिल है। सपाक्स की चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस ने सरकार में आने पर सामान्य वर्ग आयोग के गठन का भी एलान किया है। राज्य के असंतुष्ट कांग्रेस ी नेताओं को साधने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर विधान परिषद के गठन का कार्ड खेला है। डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस सस्ता करने का वचन भी दिया गया है।

वचन पत्र में नेहरू नहीं संजय गांधी का उल्लेख है

कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस भवन में टंगी तस्वीरों में भी बदलाव देखा गया था। इंदिरा-राजीव के साथ-साथ कमलनाथ ने संजय गांधी की तस्वीर को भी कांग्रेस के दफ्तर में जगह दी है। कांग्रेस के वचन पत्र में पंडित जवाहर लाल नेहरू के उल्लेख कहीं नहीं है। लेकिन, इंदिरा-राजीव के साथ संजय गांधी का उल्लेख किया गया है। संजय गांधी के नाम पर पर्यावरण मिशन शुरू करने की बात वचन पत्र में कही गई है। समग्र सामाजिक सुरक्षा परिवार कार्यक्रम को वैधानिक मान्यता हेतु राजीव गांधी स्व निराकरण सेवा नाम से अधिनियम बनाया जाएगा। राजीव गांधी स्मार्टकार्ड देने की योजना भी प्रस्तावित है। इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सौ यूनिट तक बिजली सौ रूपए प्रतिमाह की दर पर दिए जाने की घोषणा की गई है। वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान की सरकार दो सौ रूपए प्रतिमाह की निश्चित दर पर एक हजार वॉट पर बिजली दे रही है। घोषणा पत्र में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर किसान पुत्र स्वावलंबन योजना की घोषणा की गई है। विवेकानंद के नाम पर युवा शक्ति निर्माण मिशन शुरू करने की घोषणा है। देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम पर लड़कियों की नि:शुल्क शिक्षा योजना शुरू की जाएगी। रानी दुर्गावती के नाम से महिला पुलिस बटालियन बनाने की घोषणा की गई है।

विधायकों ने रोकी सदन की कार्यवाही तो नहीं मिलेगा भत्ता

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सबसे महत्वपूर्ण पहल सदन को जवाबदेह बनाने की दिशा में की है। सदन की कार्यवाही बिना बाधा के चले इसके लिए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा है कि विधायकों द्वारा सदन की कार्यवाही बाधित किए जाने की स्थिति में उस दिन का भत्ता सदस्यों को नहीं दिया जाएगा। देश में कहीं भी अब तक इस तरह की व्यवस्था लागू नहीं है। राज्यसभा और लोकसभा में भी कार्यवाही बाधित होने पर भी भत्ता नहीं रोका जाता। विधायकों एवं मंत्रियों को प्रतिवर्ष अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण पटल पर रखना होगा। विधानसभा में जनता सीधे मंत्रियों से सवाल पूछ सके इसके लिए जनता पहर की व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की गई है। इस तरह की व्यवस्था भी देश में कहीं भी प्रचलन में नहीं है।

MP Congress Manifesto: उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्‍करण

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  1. मसाला उत्‍पादन के लिए छोटे-छोटे प्रोसेसिग प्‍लांट लगवायेंगे।
  2. सब्जियों के उत्‍तम किस्‍म के बीज एवं पौध प्रदाय करेंगे । स्‍वसहायता समूह/ सहकारी समितियों के माध्‍यम से बीज एवं पौध तैयार करा कर उपलब्‍ध करायेंगे।
  3. सब्जियों, फल एवं फू लों को उचित मूल्‍य दिलाने हेतुमार्के ट की व्‍यवस्‍था, ग्रेडिग, पैकिग, भण्‍डारण हेतु शीत गृह एवं परिवहन के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण बैंक से उपलब्‍ध कराएंगे।
  4. शासकीय नर्सरियों को आधुनिक तरीके से पी.पी.पी मोड पर विकसित करेंगे।
  5. फलों के अंतर्गत के ला, संतरा, अंगूर, अमरूद, आम एवं अनारों की पैदावार बढ़ाने के कार्यक्रम बनायेंगे इनके क्‍लस्‍टर और सिट्रस जोन विकसित करेंगे, प्रदेश में TISSUE कल्‍चर प्रयोगशाला स्‍थापित करायेंगे।
  6. संतरा उत्‍पादक जिलों से नागपुर अथवा निकटस्‍थ बड़ी मंडियों में संतरा बेचने ले जाने के लिए परिवहन अनुदान देंगे।
  7. खरबूज, तरबूज, सिंघाड़े एवं कमल की खेती को फसल कार्यक्रम में रखते हुये, उन्‍नत बीज, बाजार एवं अनुदान देंगे, इन फसलों को राजस्‍व परिपत्र 6-4 में सम्मिलित कर मुआवजा देंगे।
  8. चिन्हित फल एवं सब्जियों को फसल बीमा से जोड़ेंगे। शेष फसलों की बीमारी एवं प्राकृतिक आपदा से नुकसान पर मुआवजा राजस्‍व परिपत्र 6-4 में जोड़ेंगे।
  9. फूलों की खेती को बढ़ावा देंगे तथा नये बाजार विकसित करेंगे तथा इनके निर्यात हेतु इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, भोपाल, छिन्दवाड़ा एवं रीवा में निर्यात केंद्र खोलेंगे तथा विशेष अनुदान देंगे।
  10. आदिवासी अंचलों में फू लों की खेती को प्रोत्‍साहित करते हुये विशेष अनुदान उपलब्‍ध करायेंगे।
  11. प्रदेश में फू ड प्रोसेसिग पार्क स्‍थापित करेंगे तथा खेतों एवं बगीचे से सीधा जोड़ते हुये फूड प्रोसेसिग इकाईयां स्‍थापित करायेंगे।
  12. खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योगों को जीएसटी से मुक्‍त करने हेतु भारत सरकार को अनुशंसा भेजेंगे।
  13. फल, सब्‍जी, औषधीय फसल, फू लों की खेती, प्रसंस्‍करण एवं विपणन के क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्‍साहित करेंगे तथा सुरक्षात्‍मक प्रबंधकीय व्‍यवस्‍था के साथ बड़े औद्योगिक संस्‍थानों से जोड़ेंगे तथा नवीन मंडियां स्‍थापित करेंगे जिसमें कोल्‍ड स्‍टोरेज की सुविधा रहेगी।
  14. पान उत्‍पादन- ‘’पान उत्‍पादन हेतु नया कार्पोरेशन बनाएंगे, जिसके माध्‍यम से पान उत्‍पादन बढ़ाने और पान उत्‍पादकों को बाजार तथा पूंजी उपलब्‍ध कराएंगे। (  पान अनुसंधान केन्‍द्र बुंदेलखण्‍ड, मालवा तथा महाकौशल में स्‍थापित करेंगे। पान बरेज के नुकसान पर प्रतिपारी राहत राशि 1000/- के मान से देंगे।)
  15. कृषि विश्‍वविद्यालय/महाविद्यालय में उद्यानिकी विभाग पृथक से स्‍थापित करेंगे तथा आधुनिक उद्यानिकी पद्धति के प्रशिक्षण केन्‍द्र प्रत्‍येक जिले में स्‍थापित करेंगे।
  16. उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्‍करण हेतुविशेषज्ञ समिति का गठन करेंगे।

MP Congress Manifesto: मध्यप्रदेश कांग्रेस का घोषणा पत्र

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कृषि एवं किसान सशक्तिकरण

भारतीय जनता पार्टी की सरकार में किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है, डीजल, खाद, बीज के भाव बढ़ने से लागत बढ़ी है, उस अनुपात में उपज के दाम नहीं मिले हैं। कर्ज बढ़ा है, इन तनावों के चलते आत्‍महत्‍याएं बढ़ी हैं, भाजपा सरकार का किसानों की आय कोदो गुना करने का सपना खोखला साबित हुआ है। म.प्र. में कांग्रेस सरकार बनने पर कांग्रेस पार्टी वचन देती है कि-

1.1 सभी किसानों का 2.00 लाख तक कर्जमाफ करेंगे। जिसमें सहकारी बैंक एवं राष्‍ट्रीकृत बैंकों का चालू एवं कालातीत कर्ज शामिल रहेगा।

1.2 किसानों को शून्‍य ब्‍याज योजना का वास्‍तविक लाभ देने के लिए भुगतान की नई तिथि रबी फसल हेतु 31 मई तक और खरीफ फसल हेतु 31 दिसम्‍बर रखेंगे।

1.3 स्‍वामीनाथन आयोग की स्‍थापना यूपीए सरकार के समय हुई थी उनकी सिफारिशें किसानोंके हित में थीं, लेकिन भाजपा सरकार ने नहीं माना है। हमारी कांग्रेस सरकार बनने पर किसानोंको उनकी उपज का उचित मूल्‍य दिलायेंगे। मंडियों में समर्थन मूल्‍य से नीचे फसल नहीं बिकनेदेंगे , कांग्रेस सरकार किसानों को – गेहूँ, धान, ज्‍वार, बाजरा, मक्‍का, सोयाबीन, सरसों,कपास, अरहर, मूंग, चना मसूर, उड़द, लहसुन, प्‍याज, टमाटर तथा गन्‍ने पर बोनसदेगी।

1.4 ‘’इन्दिरा किसान ज्‍योति योजना’’ इस नई योजना के अंतर्गत 10 हॉर्सपावर तक के कृषिप्रयोजन के लिए आधी दर पर विद्युत प्रदाय करेंगे। अंत्‍योदय परिवार को पूर्वकी भांति पूरीछू ट रहेगी।

  • 10 हॉर्सपावर तक के अस्‍थायी विद्युत कनेक्‍शन में 50 प्रतिशत की छू ट दी जायेगी तथा कृषक इसे फसल की थ्रेशिग हेतु इस्‍तेमाल कर सकेगा।
  • किसानों को 3 फ़े स की बिजली प्रतिदिन 12 घंटे देना सुनिश्चित करेंगे, जिसमें कम से कम 8 घण्‍टे दिन का समय रहेगा। 1.5 नवीन फसल बीमा योजन कांग्रेस सरकार नवीन फसल बीमा योजना लायेगी, फसल बीमा की इकाई खेत रहेगा, जो किसान स्‍वेच्‍छा से इससे पृथक रहना चाहते हैं, उन्‍हे अनुमति रहेगी। बीमा कम्‍पनियों द्वाराकिसानों को बीमा पॉलिसी एवं प्रीमियम राशि की रसीद देना सुनिश्चित किया जायेगा।
  • नई फसल आने के पूर्व फसल क्‍लेम का वितरण करायेंगे।
  • ग्रामसभा की अनुशंसा पर फसल बीमा का लाभ किसान को देंगे ।
  • फसल बीमा से वंचित किसानों की फसल नुकसानी पर मुआवजा हेतु भू-राजस्‍व परिपत्र 6-4 में संशोधन करेंगे।
  • बिना कर्ज लिये खेती करने वाले कृषक को भी फसल बीमा से जोड़ेंगे।

1.6 कृषकों का जीवन एवं स्‍वास्‍थ्‍य बीमा किया जायेगा ।

1.7 किसानों को क्रेडिट कार्ड देंगे एवं क्रेडिट कार्डकी लिमिट बढ़ाने के लिए केन्‍द्र को लिखेंगे।

1.8 भूमि अधिग्रहण एक्‍ट 2014 (UPA सरकार के समय का मूल एक्ट) को अक्षरश: लागू किया जायेगा।

1.9 किसान आंदोलन के समय किसानों पर दर्ज आपराधिक व राजनैतिक आंदोलनों में दर्ज सभी प्रकरण वापिस लिये जायेंगे।

1.10 मंदसौर गोलीकांड लाठीचार्जकांड की पुन: न्‍यायायिक जांच माननीय उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश से कराने के लिए माननीय मुख्‍य न्‍यायाधीश से अनुरोध करेंगे।

1.11 किसान को उपज का भुगतान तीन दिन के भीतर जिस तरह किसान चाहेगा उस तरह करेंगे। आयकर विभाग द्वारा नगद भुगतान की निर्धारित सीमा को इस प्रयोजन हेतु बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे।

1.12 मंडियों में इलेक्‍ट्रॉनिक धर्मकांटा लगवायेंगे।

1.13 मंडी कमेटियों का पुनर्गठन करेंगे, मंडी अधिनियम में संशोधन करेंगे तथा प्रदेश एवं देश की अन्‍य मंडियों से जोड़ेंगे ।

1.14 मण्‍डी शुल्‍कों का युक्तियुक्‍तकरण करेंगे ।

1.15 मंडियों में ग्रेडिग प्‍लांट के लिए किसानों के स्‍वसहायता समूह/ समितियों को रिक्‍त भूमि आवंटित की जायेगी।

1.16 सूचना एवं परामर्शकेन्‍द्र खोलेंगे तथा मंडियों में ठहरने एवं रियायती दर पर भोजन की व्‍यवस्‍था करेंगे।

1.17 राज्‍य कृ षि विकास आयोग की स्‍थापना की जायेगी।

1.18 सरदार वल्‍लभ भाई पटेल किसान पुत्र स्‍वावलंबन योजना पात्रता- कृषक परिवार के शिक्षित बेरोजगार जो स्‍नातक हैं और वह स्वयं कृषि विकास एवं विस्‍तार तथा कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, सहायक कृषि उद्योग जैसे पशुपालन, डेयरी विकास, कुक्‍कुट पालन, आदि करने के इच्‍छुक हैं, जिनकी आयु सीमा 25 से 50 वर्षहै और वे ग्रामीण क्षेत्र के मूल निवासी हैं तथा अन्‍य किसी व्‍यवसाय/नौकरी से उनकी आय नहीं है, वे पात्र होंगे। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सुविधाएं:-

  •  रियायती ब्याज दर पर 5 वर्षके लिए रूपये 1 करोड़ तक का ऋण बैंक से उपलब्‍ध कराएंगे।
  •  कृषि प्रयोजन के लिए विद्युत में 25 प्रतिशत की छू ट देंगे।
  • सिंचाई कर में छू ट देंगे।
  • उपज के विक्रय की स्‍वतंत्रता तथा मंडी कर से छू ट देंगे।

1.19 गुणवत्‍तायुक्‍त और प्रमाणित बीज समय पर उपलब्‍ध करायेंगे, बीज उत्‍पादन सहकारी समिति और स्‍वसहायता समूह को जोड़ेंगे।

1.20 सहायक कृषि आधारित उद्योग जैसे- पशुपालन, डेयरी विकास, कुक्‍कुट पालन, म‍त्‍स्‍य पालन, उद्यानिकी के लाभ के लिए किसानों को प्रोत्साहन देंगे, रियायती ब्याज दर पर बैंक से 5 वर्ष का ऋण उपलब्‍ध कराएंगे।

1.21 दूध उत्‍पादक कृषक को दुग्‍ध संघ के माध्‍यम से प्रति लीटर 5 रूपये बोनस देंगे। दुधारू पशुओं का बीमा/ चिकित्‍सा सुविधा नि:शुल्क करेंगे।

1.22 खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र, सिंचाई आदि में कर/शुल्‍क की दरों बढ़ोतरी नहीं करेंगे ।

1.23 कृषि यंत्र तथा किसानी के उपयोग की वस्‍तुओं व पशुआहार पर 0 प्रतिशत जीएसटी हेतु जीएसटी काउंसिल (भारत सरकार) को अनुशंसा भेजेंगे ।

1.24 अमानक खाद, बीज तथा कीटनाशक बेचने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही के लिए कानून बनायेंगे । खाद की आपूर्ति समय पर सहकारी समितियों के माध्‍यम से करायेंगे।

1.25 मिट्टी एवं बीज परीक्षण नि:शुल्क सुविधा प्रदाय करेंगे।

1.26 मेरा खेत मेरा तालाब – ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्‍तर को बनाये रखने के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण बैंक से उपलब्‍ध कराएंगे।

1.27 सिंचाई के साधन की अनुदान राशि में बढ़ोतरी करेंगे।

1.28 कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाएंगे, पूंजी उपलब्‍ध करायेंगे। उद्योग विभाग के अनुदान की पात्र सूची में कृषि आधारित उद्योगों को जोड़ेंगे।

1.29 फसल की अनुकू लता के आधार पर स्‍पेशल एग्रीकल्‍चर ज़ोन स्‍थापित करेंगे। 1.30 200 से 500 हेक्टर विशेष कृषि प्रक्षेत्र विकसित किये जायेंगे, जिसमें एक ही स्‍थान पर कृषि उपकरण, सिंचाई, विद्युत, बीजोपचार, मिट्टी परीक्षण, ग्रेडिग, भण्‍डारण की सुविधा रहेगी, इन क्षेत्रों को मण्‍डी कर से मुक्‍त रखेंगे।

1.31 कृ षि भूमि की रजिस्‍ट्री में छूट’- प्रदेश के किसानों को खेती के विस्‍तार हेतु पटवारी हल्‍के में कृषि भूमि खरीदने पर स्‍टाम्‍प 6 प्रतिशत तथा कृषक महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत स्‍टाम्‍प शुल्‍क रहेगा। इसमें शर्त यह रहेगी कि संबंधित व्‍यक्ति की प्रमुख आय खेती से हो। कृषि भूमि की रजिस्‍ट्री के आधार पर ही स्‍वत: नामांतरण एवं सीमांकन की व्‍यवस्‍था करेंगे। पारिवारिक बंटवारे के अंतर्गत स्‍टाम्‍प शुल्‍क 1 प्रतिशत की दर से पंजीकृत करने की व्‍यवस्‍था करेंगे।

1.32 गौशाला- प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में गौशाला खोलेंगे एवं चिन्हित क्षेत्रों में गौ अभ्‍यारण्‍य बनाएंगे, इनके संचालन एवं रख रखाव के लिये सरकार अनुदान देगी ।

  • गौशाला में गोबर खाद, कण्‍डा व गौमूत्र एवं अन्‍य वस्‍तुओं का व्‍यावसायिक स्‍तर पर उत्‍पादन करायेंगे ।
  •  मुख्‍य मार्गों पर गौवंश के संरक्षण एवं देखभाल के लिए अस्‍थायी शिविर की व्‍यवस्‍था, दुर्घटना में घायल गायों का उपचार एवं मृत गायों के अंतिम संस्‍कार की व्‍यवस्‍था करेंगे।

1.33 पशुओं से फसल क्षति पर मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को सरलीकरण करेंगे तथा वन/ राजस्‍व विभाग को जवाबदेह बनायेंगे।

1.34 कृषकों की निजी भूमि पर छोटे-बड़े झाड़ लगे हैं जिनको काटने की अनुमति नहीं मिलती और न ही कृषक कृषि एवं अन्‍य कार्यकर पाता है, ऐसे जटिल प्रावधानों को शिथिल करेंगे।

1.35 कृषकों की कन्‍याओं के विवाहों के लिए ‘’कृषक कन्‍या विवाह सहायता योजना’’ प्रारंभ करेंगे। प्रोत्‍साहन राशि 51,000 रु. दी जायेगी। इस लाभ के लिए 2.5 एकड़ तक के खाताधारक भी पात्र होंगे।

1.36 आधुनिक कृषि उपकरणों का अधिक से अधिक उपयोग किसान करें, इसके लिए प्रशिक्षण, प्रदर्शन, प्रोत्‍साहन कार्यक्रम चलायेंगे।

1.37 आधुनिक कृषियंत्र जिनकी लागत दो लाख तक है उस पर 50 प्रतिशत अनुदान देंगे।

1.38 बंजर, बीहड़ एवं दुर्गम क्षेत्र की भूमि को कृषि योग्‍य बनाने एवं एक फसली क्षेत्र को दो फसली, दो फसली क्षेत्र को तीन फसली क्षेत्र बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलायेंगे।

1.39 जैविक कृ षि उत्‍पाद – जैविक कृषि उत्‍पाद के प्रमाणीकरण के लिए केन्‍द्र स्‍थापित करेंगे तथा जैविक उत्‍पाद की ब्रांडिग करेंगे।

  • जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणित बीज एवं विपणन हेतुविशेष पैके ज देंगे।

1.40 किसानों को आधुनिक तकनीकी के आधार पर सब्‍जी, मसाला, औषधि फसल एवं फूल उत्‍पादन आदि के लिये पॉलीहाउस एवं ग्रीनहाउस की वर्तमान योजना के साथ-साथ छोटे आकार 1 हजार से 5 हजार वर्गफीट की यूनिट भी बनायेंगे तथा रियायती ब्याज दर पर बैंक से उपलब्‍ध कराएंगे।

1.41 किसानों के लिए नई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना प्रारंभ करेंग, इसके अंतर्गत 1000 रु. मासिक पेंशन देंगे, जिसके अंतर्गत 60 वर्षके एवं 2.5 एकड़ से कम भूमिधारक तथा अन्य किसी स्रोतों से आय न होने वाले किसान पात्र होंगे।

आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला – मोदी निर्मित तबाही, नोटबंदी से आई : सुरजेवाला

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randeep singh surjewala in bhopal

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को नोटबंदी की दूसरी बरसी पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में सुरजेवाला ने कहा कि नोटबंदी को अब दो साल हो गये है। लोगों को समझ आ गया है कि नोटबंदी कोई क्रन्तिकारी कदम नही था बल्कि कालेधन को सफ़ेद करने वाली ‘फेयर एंड लवली योजना’ थी। जिसके कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गये, हजारों कारखाने बंद हो गये, 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गयी और देश की अर्थव्यस्था चौपट हो गयी। सुरजेवाला ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जापान में अप्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए ताली बजा-बजाकर देश के गरीब व मध्यम वर्ग का मजाक उड़ाते हुए कह रहे थे कि “घर में शादी है और पैसे नहीं हैं, देखो नोटबंदी का कमाल”। यह भाजपा के अहंकार की आखिरी सीमा थी। सच तो यह है कि जहां एकतरफ नोटबंदी ने किसान, नौजवान, महिलाएं, छोटे व्यवसायी व दुकानदार की कमर तोड़ डाली, तो दूसरी तरफ कालाधन वालों की हो गई ‘ऐश’, जिन्होंने रातों रात सफेद कर लिया सारा कैश।

नोटबंदी घोटाले ने किया सबको बेज़ार,
किसान हों, नौजवान हों, व्यवसायी या दुकानदार,
रोजी गई, गया रोजगार – अर्थव्यवस्था का बंटाधार,
ऐश की कालाधन वालों ने, भुगत रहे हैं ईमानदार,
वोट की चोट से बताएंगे, कि भाजपाई हैं जिम्मेवार

रणदीप सिंह सुरजेवाला

सुरजेवाला ने कहा ” दो साल पहले, 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की तबाही को आर्थिक क्रांति का नया सूत्र बताते हुए तीन वादे किये – सारा काला धन पकड़ा जाएगा, फर्जी नोट पकड़े जाएंगे, आतंकवाद व नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। ऐसे में अब दो साल बाद नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान से नोटबंदी पर जवाब मांगने का समय आ गया है.” कांग्रेस मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मौके पर भाजपा सरकार से 8 प्रमुख सवाल किये.

सारा कालाधन कहां गया ?

10 दिसंबर, 2016 को मोदी सरकार ने देश की सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि 15.44 लाख करोड़ पुराने नोटों में 3 लाख करोड़ कालाधन है, जो जमा नहीं होगा और जब्त हो जाएगा। सुरजेवाला ने बताया कि “24 अगस्त, 2018 की आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के दिन चलन में 15.44 लाख करोड़ के नोटों में से 99.9 प्रतिशत मतलब 15.31 लाख करोड़ पुराने नोट तो बैंकों में जमा हो गए। बाकी बचा पैसा भी रॉयल बैंक ऑफ नेपाल व भूटान तथा अदालतों में केस प्रॉपर्टी के तौर पर जमा है। तो फिर कालाधन गया कहां ?

फर्जी नोट कहां गए ?

मोदी जी और बीजेपी ने नोटबंदी के समय बड़े-बड़े दावे किये थे कि नोटबंदी से हजारों करोड़ के नकली नोट पकडे जायेंगे। साल 2017-18 आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक 15.44 लाख करोड़ के पुराने नोटों में से मात्र 58.30 करोड़ ही नकली नोट पाए गए, यानि 0.0034 प्रतिशत। क्या नोटबंदी से नकली नोटों पर नकेल कसना भी भाजपाई जुमला निकला ?

क्या ख़त्म हुआ उग्रवाद और नक्सलवाद ?

बीजेपी ने दावा किया था कि नोटबंदी से नक्सलवाद और उग्रवाद ख़त्म हो जाएगा। नोटबंदी के बाद अकेले जम्मू-कश्मीर में 86 बड़े उग्रवादी हमले हुए, जिनमें 127 जवान और 99 नागरिक शहीद हुए। वहीं 1030 नक्सलवादी हमले हुए, जिनमें 114 जवान शहीद हुए। तो क्या मोदी सरकार ने देश को जानबूझकर गुमराह किया?

क्या नए नोट छापने व बांटने की कीमत नोटबंदी की बचत से 300 प्रतिशत अधिक है?

आरबीआई के मुताबिक साल, 2016-18 के बीच नए नोट छापने तथा लिक्विडिटी ऑपरेशन में लगभग 30,303 करोड़ रु. खर्च हुए है, वहीं नोटबंदी में मात्र 10,720 करोड़ रु. वापस जमा नही हो पाए। क्या भाजपाई बताएंगे कि इतने बड़े आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेवार है?

क्या डिजिटल हो गया इंडिया ?

8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के समय देश में 17.71 लाख करोड़ नगद चलन में था। वहीं 28 अक्टूबर, 2018 को चलन में कैश की मात्रा बढ़कर 19.61 लाख करोड़ हो गई है। तो फिर डिजिटल भुगतान कैसे बढ़ा?

नोटबंदी से पड़ी बेरोजगारी की मार ?

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी से सीधे तौर पर 15 लाख नौकरियां गईं और देश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। क्या यह सीधे तौर पर आर्थिक आतंकवाद नहीं?

क्या नोटबंदी कालेधन को सफेद बनाने का एक बड़ा घोटाला था ?


रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नोटबंदी को कालेधन को सफ़ेद बनाने वाला देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया। सुरजेवाला ने कहा कि “नोटबंदी से ठीक पहले भाजपा व आरएसएस ने सैकड़ों करोड़ रु. की संपत्ति पूरे देश में खरीदी। सितंबर, 2016 में बैंकों में यकायक 5,88,600 करोड़ रुपया अतिरिक्त जमा हुआ। नोटबंदी वाले दिन, यानि 8 नवंबर, 2016 को भाजपा की कलकत्ता इकाई के खाता नंबर 554510034 में 500 व 100 रु. के तीन करोड़ रुपए जमा करवाए गए। कर्नाटक के पूर्व मंत्री व भाजपा नेता, जी. जनार्दन रेड्डी (बेल्लारी ब्रदर्स) के सहयोगी, रमेश गौड़ा ने नोटबंदी के बाद खुदकुशी कर ली तथा सुसाईड नोट में लिखा कि 100 करोड़ रु. का कालाधन भाजपा नेताओं द्वारा बदला जा रहा था। क्या भाजपा व आरएसएस को नोटबंदी के निर्णय की जानकारी पहले से थी? क्या कारण है कि भाजपा व आरएसएस ने इतने सैकड़ों व हजारों करोड़ की संपत्ति खरीदी व इसे सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया? क्या इसकी जाँच नहीं होनी चाहिए?”

क्या अमित शाह व भाजपा नेताओं की जाँच हुई?

नोटबंदी के बाद मात्र 5 दिनों में यानि, 10 नवंबर से 14 नवंबर, 2016 के बीच अहमदाबाद जिला को -ऑपरेटिव बैंक में 745.58 करोड़ रु. के पुराने नोट जमा हो गए। इस बैंक के डायरेक्टर, भाजपा अध्यक्ष, श्री अमित शाह हैं, जो इससे पहले बैंक के चेयरमैन भी रहे हैं। 7 मई, 2018 के आरटीआई जवाब (A1 व A2) में बताया गया कि देश में किसी भी जिला को-ऑपरेटिव बैंक में जमा हई पुराने नोटों की यह सबसे बड़ी राशि थी। ऐसा क्यों? क्या इसकी जाँच हुई? क्या श्री अमित शाह की जाँच हुई?

रणदीप सुरजेवाला ने 8 सवाल पूछने के बाद कहा कि आज नोटबंदी को 731 दिन बीत गए हैं और देशवासी भुगत रहे हैं. जनता अब सब समझ गयी है और नोटबंदी का जवाब वोटबंदी करके देगी। कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो नोटबंदी के दौरान कालाधन बदलने वालों की जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसे सजा मिलेगी।

विपिन वानखेड़े : स्थानीय-बाहरी के जाल से कब बाहर निकलेगी भाजपा?

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आगर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी श्री विपिन वानखेड़े टिकट घोषित होने के बाद आज जिला कांग्रेस कार्यालय आगर,कानड़ और बड़ौद पहुंचे जहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।

बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री वानखेड़े ने कहा की हमे बीजेपी की कुटिल नीतियों और भ्रामक प्रचार से संभलकर रहना होगा क्योंकि भाजपा हर चुनाव में ऐसे हथकंडे अपनाकर ही चुनाव जीतती आ रही है।

बैठक में उन्होंने प्रत्येक कार्यकर्ता को लक्ष्य देते हुए कहा की हमे हर बूथ से कम से कम 75% वोट प्राप्त करने होंगे तभी हम आगर विधानसभा में कांग्रेस की विजय पताका लहरा पाएंगे।

बीजेपी पर हमला बोलते हुए श्री वानखेड़े ने कहा की निश्चित तौर पर आगर की जनता भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से परेशान है और हर वर्ग चाहे वो युवा हो,किसान हो या समाज का अन्य कोई भी वर्ग यहाँ अच्छी जिंदगी नही जी रहा इसलिए जनता की बेहतरी के लिए बदलाव जरूरी है और यह चुनाव जनता खुद बीजेपी के खिलाफ लड़ेगी।

भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर चुटकी लेते हुए श्री वानखेड़े ने कहा की भाजपाई तो मनोहर ऊंटवाल को अपना प्रत्याशी ही नही मान रहे हैं और उनके पुतले जला रहे हैं ऐसे में जनता उनका विश्वास कैसे मान ले जिनका उनकी पार्टी के नेता ही उनका नही मान रहे।

इस दौरान जिले भर के कांग्रेस नेता,कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनके साथ रहे।

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने जारी की 155 प्रत्याशियों की पहली सूची।

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madhya pradesh congress leaders including kamalnath and jyotiraditya scindia and digvijay singh

काफी इंतजार के बाद आखिर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। उम्मीदवारों की पहली सूची में 155 नामों को को शामिल किया गया है।

सूची को देखकर पता चलता है कि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को बराबरी से टिकट दिया गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने सूची जारी की है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव: कांग्रेस की पहली सूची के प्रमुख नाम

  1. जोरा- बनवारी लाल शर्मा
  2. सुमावली- एदल कंसाना
  3. मुरैना- रघुराज सिंह कसाना
  4. दिमनी- गिरिराज दंडोतिया
  5. अंबा सुरक्षित- कमलेश जाटव
  6. अटैक- हेमंत कटारे
  7. लहार- डॉक्टर गोविंद सिं
  8. मेहगांव- ओ पी एस भदौरिया
  9. ग्वालियर ग्रामीण- मदन कुशवाहा
  10. ग्वालियर- प्रद्युमन सिंह तोमर
  11. ग्वालियर ईस्ट- मुन्नालाल गोयल
  12. भितरवार- लखन सिंह यादव
  13. डबरा सुरक्षित- श्रीमती इमरती देवी
  14. शिमला- घनश्याम सिंह
  15. भांडेर सुरक्षित- राकेश संतराम
  16. करेरा सुरक्षित- जसवंत जाटव
  17. पोहरी- सुरेश
  18. रथखेड़ा पिछोर- केपी सिंह
  19. चाचौड़ा- लक्ष्मण सिंह
  20. राघोगढ़- जयवर्धन सिंह
  21. बीना सुरक्षित- शशि कुमार कथूरिया
  22. खुरई- अरुणोदय चौबे
  23. सुर्खी- गोविंद सिंह राजपूत
  24. देवरी- हर्ष यादव
  25. नरयावली सुरक्षित- सुरेंद्र चौधरी
  26. सागर- नेवी जैन
  27. बंडा- तरवार सिंह लोधी
  28. टीकमगढ़- यादवेंद्र सिंह
  29. पृथ्वीपुर- बृजेंद्र सिंह राठौर
  30. निवाड़ी- कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव
  31. खरगापुर- श्रीमती चंदा सिंह गौर
  32. महाराजपुर- नीरज दीक्षित
  33. चांदला- हरिप्रसाद अनुरागी
  34. छतरपुर- आलोक चतुर्वेदी
  35. बिजावर- शंकर प्रताप सिंह बुंदेला
  36. जबेरा- प्रताप सिंह लोधी
  37. पवई- मुकेश नायक
  38. गुनौर सुरक्षित- शिवदयाल बागरी
  39. चित्रकूट- नीलांशु चतुर्वेदी
  40. रैगांव सुरक्षित- कल्पना वर्मा
  41. सतना- सिद्धार्थ कुशवाहा
  42. नागौद- यादवेंद्र सिंह
  43. अमरपाटन- राजेंद्र कुमार सिंह
  44. सिरमौर- श्रीमती अरुणा तिवारी
  45. सिमरिया- त्रियुगी नारायण शुक्ला
  46. त्योंथर- रमाशंकर पटेल
  47. मऊगंज- सुखेंद्र सिंह बन्ना
  48. देवतालाब- श्रीमती विद्यावती पटेल
  49. रीवा- अभय मिश्रा
  50. गूढ़- सुंदर लाल तिवारी
  51. चुरहट- अजय सिंह राहुल
  52. सिहावल- कमलेश्वर पटेल
  53. चितरंगी सुरक्षित- श्रीमती सरस्वती सिंह
  54. सिंगरौली- श्रीमती रेनू भवानी
  55. सुरक्षित- श्रीमती कमलेश सिंह
  56. व्यवहारी सुरक्षित- रामपाल सिंह
  57. जयसिंह नगर- ध्यान सिंह
  58. जेतपुर सुरक्षित- श्रीमती उमा धुर्वे
  59. कोतमा- सुनील शराब
  60. अनूपपुर सुरक्षित- बसु लाल सिंह
  61. पुष्पराजगढ़ सुरक्षित- फुन्दूलाल सिंह मार्को
  62. बरवाड़ा- विजय राघवेंद्र सिंह
  63. विजयराघवगढ़- पदमा शुक्ला
  64. बहोरीबंद- सौरभ सिंह सिसोदिया
  65. पाटन- नीलेश अवस्थी
  66. बरगी- संजय यादव
  67. जबलपुर कैंट- आलोक मिश्रा
  68. जबलपुर पश्चिम- तरुण भनोट
  69. सिहोरा एसटी- खिलाड़ी सिंह
  70. शाहपुरा सुरक्षित- भूपेंद्र मरावी
  71. डिंडोरी सुरक्षित- ओंकार सिंह मरकाम
  72. बिछिया सुरक्षित- नारायण सिंह पट्टा
  73. मंडला सुरक्षित- संजीव छोटे लाल उइके
  74. बैहर सुरक्षित- संजय उइके
  75. लांजी- श्रीमती हिना लिखी राम कावरे
  76. परसवाड़ा- श्रीमती मधु भगत
  77. बरघाट सुरक्षित- अर्जुन सिंह काकोडिया
  78. काकोडिया सिवनी- मोहन सिंह चंदेल
  79. केवलारी- रजनीश हरवंश सिंह
  80. लखनादोन- योगेन्द्र सिंह बाबा
  81. गोटेगांव – नर्मदा प्रसाद प्रजापति
  82. नरसिंहपुर – लाखन सिंह पटेल
  83. तैंदूखेड़ा – संजय शर्मा
  84. गाडरवाड़ा – सुनीता पटेल
  85. अमरवाड़ा- कमलेश शाह
  86. सौंसर – विजय चौरे
  87. परासिया -सोहनलाल वाल्मीकि
  88. मुलताई – सुखदेव पांसे
  89. बैतूल – निलय कुमार डागा
  90. घोड़ाडोंगरी ब्रह्माभालवी
  91. भैंसादेही – दामू सिंह सिरसाम
  92. टिमरनी – अभिजीत शाह(अंकित बाबा)
  93. हरदा – आर.के. दोगने
  94. सिवनी-मालवा -ओमप्रकाश रघुवंशी
  95. सोहागपुर- सत्यपाल पालया
  96. उदयपुरा – देवेन्द्र पटेल गदरवास
  97. भोजपुर – सुरेश पचौरी
  98. सांची – डॉ.प्रभुराम चौधरी
  99. सिलवानी- देवेन्द्र पटेल
  100. विदिशा – शशांक भार्गव
  101. बासौदा – निशंक जैन
  102. कुरवाई – सुभाष गोहट
  103. सिरोंज – अशोक त्यागी
  104. शमशाबाद- ज्योत्सना यादव
  105. बैरसिया – जय श्री हरिकरण
  106. भोपाल-उत्तर- आरिफ अकिल
  107. भोपाल-दक्षिण पीसी शर्मा
  108. आष्टा – इंजी. गोपाल सिंह
  109. इच्छावर- शैलेन्द्र पटेल
  110. सीहोर – सुरेन्द्र सिंह ठाकुर
  111. नरसिंहगढ़- गिरीश सिंह भंडारी
  112. राजगढ़ – बापू सिंह तोमर
  113. खिलचीपुर- प्रियव्रत सिंह
  114. सारंगपुर- कला मालवीय
  115. सुसनेर – महेन्द्र सिंह परिहार
  116. आगर – विपिन वानखेड़े
  117. शाजापुर – हुकुम सिंह कराडा
  118. कालापिपल- कुनाल चौधरी
  119. सोनकच्छ- सज्जन सिंह वर्मा
  120. देवास – जय सिंह ठाकुर
  121. बगाली – कमल सिंह वसकले
  122. मांधाता- नारायण सिंह पटेल
  123. हरसूद (एसटी) – सुखराम साल्वे
  124. नेपानगर (एसटी) श्रीमती सुमित्रा देवी कस्दकार
  125. बुरहानपुर – हमीदकांजी
  126. बिकनगांव (एसटी) श्रीमती झूमा सोलंकी
  127. बादवाह – सचिन बिरला
  128. महेश्वर – (एससी) से विजय लक्ष्मी साधो
  129. कसरावद – सचिन यादव
  130. भगवानपुरा (एसटी) – विजय कुमार सोलंकी
  131. सेंधवा (एसटी) – ग्यारसीलाल रावत
  132. राजपुर (एसटी) – बाला बच्चन
  133. बदवानी (एसटी) – रमेश पटेल
  134. जोबत (एसटी) – श्रीमती कलावती भूरिया
  135. झाबुआ (एसटी)- डा- विक्रांत भूरिया
  136. तान्दला (एसटी) – वीर सिंह भूरिया
  137. सरदारपुर (एसटी) -प्रताप ग्रेवाल
  138. गंधवानी (एसटी) -उमंग सेंगर
  139. कुक्षी (एसटी) -सुरेंद्र सिंह बघेल
  140. मनावर (एसटी)- हीरा अलावत
  141. धरमपुरी (एसटी)- प्राची लाल मेदा
  142. धार – श्रीमती प्रभा सिंह गौतम
  143. बदनावर – राजवर्धन सिंह
  144. इंदौर 3 -अश्वनी जोशी
  145. डा.अम्बेदकर नगर -अंतर सिंह डाबर
  146. रउ – जीतू पटवरी
  147. सांबेर (एससी) -तुलसी सिलावत
  148. नागद खाचरोद -दिलीप सिंह गुर्जर
  149. तराना (एससी) – महेश परमार
  150. घटिया (एससी)- राम लाल मालवीय
  151. बढनगर – मुरली मोरवाल
  152. रतलाम गांव (एसटी) -लक्ष्मण सिंह डिंडौर
  153. सेलाना (एसटी) -हर्ष विजय गेहलोत
  154. जौरा – केके सिंह कालूखेडा
  155. सुवसरा -हरदीप सिंह डांगलोत

मध्यप्रदेश कांग्रेस की पहली सूची

मुख्यमंत्री शिवराज के साले संजय सिंह, कांग्रेस में हुए शामिल

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image of cm shivraj singh chouhan's brother in law sanjay singh with pcc chief kamalnath at aicc head office in delhi

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के सगे भाई संजय सिंह ने कांग्रेस का दामन थामा। शनिवार को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कमलनाथ ने संजय के कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी दी। जहां मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सिंधिंया भी मौजूद थे। इस दौरान संजय ने भाजपा पर हमला कर कमलनाथ को खासतौर पर धन्यवाद भी किया।

संजय सिंह : मैं मुख्यमंत्री का परिवार नहीं रिश्तेदार हूँ , मेरा कुल और गोत्र दोनो अलग है।

संजय सिंह का आरोप  :

संजय सिंह ने 5 मिनट की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा पर कई आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने भाजपा को कामदारों की नहीं नामदारों की पार्टी भी कहा। साथ ही भाजपा में परिवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया है। वहीं परिवार को धोखा देने के सवाल पर संजय ने कहा कि “मैं मुख्यमंत्री के परिवार नहीं रिश्तेदार हूँ, मेरा कुल और गोत्र दोनो अलग है।”

वहीं कांग्रेस दो घंटे में मध्यप्रदेश विधानसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव : भाजपा की 177 सीटों पर 16 महिला उम्मीदवार

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प्रदेश में करीब 50 प्रतिशत महिला वोटर होने के बावजूद पार्टियां उन्हें तव्ज्जो नहीं दे रही है। एक ओर महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर पहली सूची में 177 में सिर्फ 16 महिलाओं उम्मीदवारों कोे जगह दी है।

शुक्रवार को भाजपा ने 230 विधानसभा सीटों में से 177 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है, जिसमें 16 महिलाओं के नाम शामिल है। जहां 16 महिला उम्मीदवारों में से 7 अनुसूचित जनजाति(ST) और 9 सामान्य वर्ग से है। वहीं इस सूची में एक भी अनुसूचित जाति(SC) महिला उम्मीदवार का नाम शामिल नहीं है।

महिला उम्मीदवारों के नाम :

अनुसूचित जनजाति(ST) :

1. जैतपुर : मनीषा सिंह

2. मानपुर : मीना सिंह

3. सिहोरा : नंदिनी मरावी

4. नेपानगर : मंजू राजेंद्र दादू

5. मनावर : रंजना बघेल

6. घोड़ाडोंगरी : गीता बाई उइके

7. बैहर : अनुपमा नेताम

प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में अनुसूचित जनजाति(ST)  की प्रदेश में 47 सीटे हैं जिसमें 40 सीटों पर घोषणा की गई है। इन 40 सीटों में भाजपा ने सिर्फ 7 महिला उम्मीदवारों को जगह दी है। बाकी बची 7 सीटों में देखना होगा कि भाजपा कितने SC महिला उम्मीदवारों को उतारती है।

अनुसूचित जाति(SC) :

भाजपा की पहली सूची में फिलहाल किसी महिला SC उम्मीदवार का नाम नहीं है। प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से 35 SC के लिए आरक्षित है। 29 सीटों पर घोषणा हो चुकी है, बाकि बची 6 सीटों पर देखना होगा कि कोई महिला उम्मीदवार को भाजपा जगह देती है या नहीं।

सामान्य वर्ग की महिला उम्मीदवार :

1.  बरगी : प्रतिभा सिंह

2. चचौरा : ममता मीना

3. छतरपुर :  अर्चना सिंह

4. मलहरा : ललिता यादव

5. देवास : गायत्री राजे पनवान

6. बुरहानपुर : अर्चना चिटनिस

7. धार : नीना वर्मा

8. सबलगढ़ : सरला रावत

9. शिवपुरी : यशोधरा राजे सिंधिया

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की पहली सूची

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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आखिरकार भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. बता दें कि भाजपा ने 177 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी की है. शिवराज सिंह चौहान अपने पुरानी सीट बुधनी से ही लड़ेंगे.

  • देवास से सांसद मनोहर ऊंटवाल आगर से लड़ेंगे चुनाव
  •  मंत्री माया सिंह का टिकट कटा
  • मंदसौर- यशपालसिंह सिसोदिया
  • सुवासरा- राधेश्याम पाटीदार,
  • मनासा- माधव मारू
  • नीमच- दिलीप परिहार
  • जावद- ओमप्रकाश सकलेचा
  • मल्हारगढ़- जगदीश देवड़ा
  • जावरा- राजेन्द्र पांडेयके नाम
  • गरोठ, की घोषणा नहीं।

प्रत्याशियों की सूची