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शिवराज सरकार ने फिर दिया शराब समूहों को यह सुन्हेरा अवसर

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मध्यप्रदेश में शराब के 41 समूहों को सरकार ने दो महीने का विकल्प चुनने का मौका दिया है। इन समूहों को 10 मार्च तक स्थिति साफ करनी होगी की अगर यह समूह दो माह का अतिरिक्त विकल्प नहीं चुनते हैं, तब आबकारी विभाग 31 मार्च के पहले छोटे-छोटे समूह में वर्ष 2019-20 के अनुसार छोटे-छोटे ग्रुप में ठेके कराएगा।

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश की समस्त मदिरा दुकानें 387 समूहों में दी गई है। कोरोना के कारण दो महीने का अतिरिक्त समय शराब समूहों को दिया गया था। जबकि प्रदेश के 387 समूहों में से 41 समूहों ने उक्त विकल्प का लाभ नहीं लिया था। ऐसे में 346 समूहों की ठेका अवधि 31 मई तक है, जबकि 41 समूहों की ठेका अवधि 31 मार्च को खत्म हो रही है।

सरकार ने इस विकल्प के रूप में शेष दुकानों को अवधि में दो महीने की वृद्धि का विकल्प फिर दिया गया है। ऐसे में अब इन समूहों जो यह विकल्प इस शर्त के साथ दिया जाएगा कि वर्ष 2019-20 की निविदा मूल्य राशि के ऊपर वित्तीय मूल्य राशि के ऊपर वित्तीय वर्ष 2020-21 में जो प्रतिशत वृद्धि दर इन समूहों द्वारा दी गई है।

प्रदेश के कटनी , मंडला, रतलाम, ग्वालियर, बुरहानपुर, बैतूल, सीहोर,सतना, छिंदवाड़ा , आगर-मालवा, देवास, भिंड, मंदसौर, हरदा, राजगढ ̧, रायसेन, गुना,टीकमगढ ̧, बालाघाट, जबलपुर और सीधी जिलों के ठेकेदारों ने सहमति दी थी। इसके अनुसार ऐसी दुकानों का ठेका 31 मई को खत्म होगा और कुछ का 31 मार्च को।

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भाजपा शासित राज्यों में शराब बंदी के लिए अनुरोध किया

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मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री(Ex- Chief Minister) उमा भारती(Uma Bharti) ने शराबबंदी को लेकर अपनी राय सोशल मीडिया के माध्यम से रखी है। उमा भारती ने मध्यप्रदेश में शराब बंदी करने को लेकर ट्वीट किया है। मध्यप्रदेश में शराब बंदी को लेकर आवाज बुलंद होने लगी है। विपक्ष भी प्रदेश में शराबबंदी करने की बात कर रहा है।

उमा भारती अपने ट्वीट में लिखा है कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह जी का यह वक्तव्य अभिनंदनीय है। वहीं अपने अगले ट्वीट में उमा भारती ने लिखा है कि कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही, इससे यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा। अभी हाल में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई।

उमा भारती ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि, अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। जैसे मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है। वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो, सरकारी तंत्र के द्वारा शराब की दुकाने खोलना ऐसे ही है।

उमा भारती ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से निवेदन करते हुए कहा कि ‘मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से इस ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिए। बिहार की भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार जी को दिये।

उमा भारती ने यह भी कहा कि शराब बंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है। किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं तथा देश एवं समाज के लिए कलंक है।