चुनावी माहौल के बीच गांधी परिवार को घेरने के चक्कर में प्रधानमंत्री खुद सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए। दरअसल छत्तीसगढ़ के महासमुंद में रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा था कि दलित सीताराम केसरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद का अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने नहीं दिया, उन्हें सोनिया गांधी की ताजपोशी के लिए रास्ते से हटाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में गांधी परिवार को तो जमकर घेरा लेकिन सीताराम केसरी को दलित बताकर गलती कर दी। क्योंकि केसरी दलित नहीं थे, बल्कि बनिया थे।
प्रधानमंत्री मोदी की इस गलती को पकड़ते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने पीएम मोदी को जमकर ट्रोल किया। ट्विटर यूज़र अभिषेक ने कमेंट किया “जैसे मोदी जी चुनावी रैलियों में स्वयं को पिछड़े परिवार में जन्म लेने वाला कहते हैं वैसे ही उन्होंने सीताराम केसरी को दलित कह दिया, इतना घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। मोदी जी की बातों को अब कोई सीरियस नहीं लेता है, उनके बोलने पर हर कोई यही मानता है कि झूठ बोलेगा या फेकेगा। वहीं ट्विटर यूज़र मनीष ने कमेंट में लिखा कि हमारे प्रधानसेवक को झूठ बोलने की इतनी आदत है कि अब वह झूठ में ही जीने लगे हैं। वो इतने महान बन गए की उनके लिए झूठ और सच के बीच कोई फर्क ही नहीं बचा है।
वहीं कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार करते हुए सवाल किया, क्या यह सच है कि भाजपा के पहले और एकलौते दलित अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण जी के अंतिम संस्कार में आडवाणी जी के एलावा भाजपा का कोई वरिष्ठ नेता नही गया ?
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर आज भाजपा और कांग्रेस टिकटों का ऐलान कर सकती है। टिकटों को लेकर राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं के बीच दिल्ली में हो रही लगातार बैठकों में ये कयास लगाए जा रहें है कि टिकटों की घोषणा जल्द ही हो सकती हैं। दोनों ही पार्टियों में सीटों को लेकर अंर्तविरोध देखा जा रहा है। मीटिंग के दौरान बड़े नेताओं के भी आपस में भिड़ने की खबरें लगातार बनी हुई हैं।
भाजपा की मीटिंग धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में खत्म हो चुकी है वहीं कांग्रेस की मीटिंग राहुल गांधी के नेतृत्व में फिलहाल अभी भी जारी है। दोनों पार्टियों में सीटों को लेकर पार्टी नेताओं के बीच धमासान को विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को एक चरण में पूरे प्रदेश में चुनाव होने वालें हैं। वहीं 11 दिसंबर को इस चुनाव के परिणाम भी आ जाएंगे।
भाजपा की सीटों को लेकर दिल्ली स्थित धर्मेंद्र प्रधान के घर में बैठकों का सिलसिला आखिर कार खत्म हो चुका है। जहां राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और प्रदेश के नेताओं के बीच लगातार बैंठक हो रही थी, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा समेत कई बड़े नेताओं के बीच सीटों के मंथन का दौर समाप्त हो चुका है और जल्द ही भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी की फिलहाल मीटिंग अभी जारी है, जहां प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योर्तिरादित्य सिंधिया मौजूद है। टिकट बटवारे को लेकर दिग्विजय सिंह और सिंधिया बे बीच भिड़ने की भी खबर वायरल हो रही थी। लेकिन बाद में सिंधिया ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि इस प्रकार की कोई भी विवाद हमारे बीच नहीं हुआ है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की ख़बरें एक बार फिर सामने आ रही है. कल दिग्विजय सिंह की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी थी. चिट्ठी में दिग्विजय सिंह ने सोनिया गाँधी से टिकट बटवारे वो लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. हालाँकि दिग्विजय सिंह ने इस चिट्ठी पर सफाई देते हुए इस चिट्ठी को फर्जी करार दे दिया था.
मीडिया में फैली सिंधिया-दिग्विजय में झड़प की खबर
मीडिया आज सुबह-सुबह सुबह खबर आई की देर रात स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में दिग्विजय सिंह और सिंधिया के बीच झड़प हो गयी थी. टिकट बटवारे को लेकर दिग्विजय सिंह और सिंधिया राहुल गाँधी के सामने ही बहस करने लगे. प्रदेश के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच हुई इस लड़ाई के कारण राहुल गाँधी भी काफी नजर हो गए है.
सिंधिया ने किसी भी विवाद का किया खंडन
मीडिया में ख़बरें आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह से किसी भी विवाद का खंडन किया है. सिंधिया के करीबी सू्त्रों के मुताबिक कल रात स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में उनका दिग्विजय सिंह से कोई विवाद नहीं हुआ.
Update: दिग्विजय सिंह ने भी किया किसी भी तरह के विवाद का खंडन
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब दिग्विजय सिंह ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया से किसी भी तरह के विवाद का खंडन किया है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अककॉउंट पर लिखा कि “मीडिया में यह गलत खबर चलाई जा रही है कि मेरे और सिंधिये जी के बीच कोई विवाद हुआ है जिसमे राहुल गांधी जी को बीच बचाव करना पड़ा। मध्यप्रदेश कांग्रेस के हम सभी नेता एक है और इस भ्रष्ट भाजपा सरकाकर को मध्यप्रदेश में हारने के लिए प्रतिबद्ध है।
व्यापम घोटाले में आरोपी गुलाब सिंह किरार ने मंगलवार को कांग्रेस की सदस्यता ली थी। एक दिन बाद ही किरार की सदस्यता कांग्रेस की समस्या बन गई। दरअसल राहुल गांधी के दो दिवसीय मालवा-निमाड़ दौरे में गुलाब सिंह किरार समेत नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा के अलावा इंदौर क्षेत्र के एक पूर्व विधायक कमलापत आर्य ने कांग्रेस का दामन थामा था, पर बुधवार को कांग्रेस किरार से पल्ला झाड़ते द्खिाई दी।
गुलाब सिंह किरार का मामला :
गुलाब सिंह किरार पर व्यापम घोटाले में मुख्य आरोपी जगदीश सागर को पैसे देने का आरोप है। दरअसल गुलाब सिंह किरार अपने बेटे शक्ति प्रताप सिंह को एडमिशन दिलाने के लिए जगदीश को पैसे दिए थे। उन पर ग्वालियर के झांसी रोड थाने में मामला दर्ज होने के बाद से वे लंबे समय तक फरार थे। गुलाब सिंह शिवराज के खास थे, जिस कारण शिवराज ने उन्हें राज्य पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का अध्यक्ष और राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। लेकिन व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद किरार को पार्टी ने निलंबित कर दिया था।
गुलाब सिंह किरार
कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला :
शिवराज सरकार पर खुल कर व्यापम घोटाले का आरोप लगाने के बाद राहुल गांधी ने व्यापम के आरोपी किरार को इंदौर में कांग्रेस की सदस्यता दिलाई, इसके साथ ही किरार और राहुल गांधी की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। कांग्रेस मीडिया सेल की चेयरमैन शोभा ओझा का कहना है कि ‘किरार सिर्फ सिंधिया से मिलने आए थे। पार्टी में वो शामिल नहीं हैं।’ शोभा ओझा के इस बयान के बाद सिंधिया के लिए ये समस्या का कारण बनती नजर आ रही है।
आज ही के दिन 31 अक्टूबर 1984 को आयरन लेडी कही जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उन्हीं के अंगरक्षकों द्वारा गोली मार ह्त्या कर दी गई थी. कहा जाता है कि इंदिरा गांधी को अपने मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था. यही कारण था कि 30 अक्टूबर की रात इंदिरा गांधी ठीक से सो भी नहीं पाई थी.
30 अक्टूबर का वो भाषण
भुवनेश्वर के परेड ग्राउंड में 30 अक्टूबर को एक चुनावी सभा के दौरान इंदिरा गांधी ने अपने सूचना सलाहकार एच वाई शारदा प्रसाद का लिखा हुआ भाषण पढ़ते हुए बीच में छोड़कर दूसरी बातें बोलना शुरू कर दी थीं. उस भाषण में आयरन लेडी ने कहा, ‘मैं आज यहां हूं. कल शायद यहां न रहूं. मुझे चिंता नहीं मैं रहूं या न रहूं. देश की चिंता करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है. मैं अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी तो मेरे ख़ून का एक-एक क़तरा भारत को मजबूत करने में लगेगा.’
इंदिरा गांधी को आखिरी रात नींद नहीं आई
इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी के मुताबिक 30 अक्टूबर 1984 की रात इंदिरा जी को नींद नहीं आई थी. जब सोनिया गांधी अपने दमे की दवाई लेने के लिए रात को उठी तो इंदिरा गांधी जाग रही थीं. उन्होंने सोनिया की दवाई खोजने में सहायता भी की और कहा कि अगर रात में कोई दिक्कत हो तो आवाज देना.
राहुल, सोनिया और मनमोहन सिंह ने दी श्रद्धांजलि
इंदिरा गांधी के पुण्यतिथि पर राहुल गांधी,सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह समेत कई कोंग्रेसी नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया गांव में दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा का लोकार्पण किया। यह आजाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है। प्रतिमा का लोकार्पण सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गुतरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी इस कार्यक्रम में मौजूद थी।
सरदार पटेल का जीवन परिचय :
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर को नडियाड, मुंबई में एक कृषक परिवार में हुआ। सरदार झवेरभाई पटेल एंव लाडबा देवी के चौथी संतान थे, जिन्होंने लंदन से वकालत की पढ़ाई कर अहमदाबाद में वकालत किया करते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रेरित होकर सरदार पटेल स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिए। स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार की पहली और सबसे अहम योगदान खेड़ा संघर्ष था, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली।
सरदार पटेल आजाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे। सरदार ही थे जिन्होंने भारत की आजादी के बाद अलग-अलग 565 रियासतों और राजा रजवाड़ों को एक कर अखण्ड भारत का निर्माण किया था।
प्रतिमा के साथ प्रमुख आकर्षण केंद्र :
नर्मदा तट पर स्थित सरदार पटेल की विशालकाय
प्रतिमा के साथ ही वहां सैलानियों के लिए और भी आकर्षण के केंद्र बनाए गए है।
जिससे वहां के लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा।
1. सरदार पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय,
2. भारत भवन प्रदर्शनी सभागृह,
3. 3डी चित्रों का मानचित्रण,
4. 153 मीटर की ऊंचाई पर प्रतिमा के हृदय से सौदर्य का लुफ्त उठा सकेंगें,
5. 250 शिवरों वाला टेंट सिटी,
6. जनजातीय संग्रहालय, हस्तशिल्प
बाजार,
7. फूलों की घाटी।
लौह पुरुष सरदार पटेल की विशालकाय प्रतिमा को देश के करीब सात लाख गांवों से लाए गए लौह से 5 साल में 2500 करोड़ की लागत से बनाया गया, जिसे 4500 कारीगरों और 250 इंजीनियर्स की मदद से बनाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की खास बातें :
प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा का अनावरण किया, इस दौरान उन्होंने सरदार से जुड़ी कई बातों को कार्यक्रम में देश की जनता के सामने रखा।
1. पटेल ना होते तो गिर के शेर और हैदराबाद का
चारमिनार देखने के लिए वीजा लेना पड़ता,
2. मोदी ने कहा कि आज जो ये सफर एक पड़ाव तक आ पहुंचा है, उसकी यात्रा एक साल पहले शुरु की गई थी, जिसकी कल्पना 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में सबके सामने रखी गई थी,
3. ये सबसे ऊंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामथ्र्य और संकल्प की याद दिलाती रहेगी,
4. उन्होंने कहा कि कच्छ से कोहिमा तक, कारगिल से कन्याकुमारी तक आज हम बेरोकटोक कहीं जा पा रहें हैं तो ये सरदार साहब की वजह से,
5. सरदार पटेल की यह प्रतिमा न्यू इंडिया, नए भारत के बढ़ते आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति है. यह प्रतिमा राष्ट्र
और किसानों के स्वाभिमान का प्रतीक है.
6. पीएम मोदी- कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के
शौर्य के समावेश थे सरदार पटेल.
7. पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि
मुझे सरदार साहब की इस विशाल प्रतिमा को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है.
8. आज भारत के वर्तमान में अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पूत्र को उजागर करने का काम किया है. आज धरती से लेकर आसामन तक सरदार का अभिषेक हो रहा है।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने दो दिवसीय यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के धार जिले पहुंचे। जहां पर उन्होंने लोगों को सम्बोधित करते हुए मोदी सरकार द्वारा जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। साथ ही राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी कई आरोप लगाए।
पढ़िए धार में राहुल गांधी की 10 बड़ी बातें
1 – मध्य प्रदेश में युवाओं को रोजगार नही है , लाखो युवा बेरोजगार है , युवा प्रदेश के बाहर जाते है। 2 – पीएम ने कहा था 15 लाख बैंक में आएंगे , नही आये । 3 – पीएम ने 5 सालों में अमीरों का करोड़ो का कर्जा माफ किया है । 4 – कांग्रेस की सरकार आने वाली है और कांग्रेस का cm 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करेगा। 5 – अनिल अंबानी ओर नीरव मोदी को गरीबो का पैसा दिया । 6 – एक व्यक्ति आया था बोला मित्रो मुझे प्रधानमंत्री मत बनाओ मुझे चौकीदार बनाओ । चौकीदार प्रधानमंत्री बनता है और फ्रांस जाते है अनिल अंबानी के माध्यमसे विमान का करार होता है । 7 फ्रांस से 526 करोड़ का विमान 1600 करोड़ में खरीदा । देश का चौकीदार डरता है और सीबीआई के प्रमुख को बाहर कर देता है क्योंकि राफेल डील की जांच में दो लोगो का नाम आ जाता अनिल अंबानी ओर मोदी जी का । 8 – चौकीदार ने चौकीदारी की पर नीरव मोदी , अनिल अंबानी की ।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय ने
मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा दायर किया। दरअसल सोमवार
को झाबुआ में रैली के दौरान राहुल गांधी ने व्यापम और पनामा मामले में शिवराज और
उनके बेटे पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद शिवराज ने
आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए माफी मांगने को कहा था।
विवाद पर शिवराज का ट्वीट :
राहुल गांधी के बयान के बाद शिवराज ने ट्वीट कर
कहा कि “पिछले कई वर्षों
से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही हैं। हम सबका सम्मान
करते हुए मर्यादा रखते हैं, लेकिन आज तो राहुल गांधी जी
ने मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम पनामा पेपर्स में आया है कहा कर, सारी
हदें पार कर दी! कल ही हम उन पर मानहानि का दावा कर रहे है।”
पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही हैं। हम सबका सम्मान करते हुए मर्यादा रखते हैं, लेकिन आज तो @RahulGandhi जी ने मेरे बेटे @yuva_kartikey का नाम पनामा पेपर्स में आया है कहा कर, सारी हदें पार कर दी! कल ही हम उन पर मानहानि का दावा कर रहे है।
कार्तिकेय ने राहुल के बयान के बाद ट्वीट कर कहा कि “आज
राहुल गांधी जी ने मुझे ‘पनामा पपेर्स’ में
संलिप्त होने का झूठा बयान दिया है। मैं व्यथित हूँ कि बचपने की आड़ में सार्वजनिक
मंच से मेरी व मेरे परिवार की प्रतिष्ठा खंडित की गई है। यदि 48 घंटे में उन्होंने माफी नहीं
मांगी तो मैं उनपर कठोरतम कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य हो जाऊँगा।”
आज @RahulGandhi जी ने मुझे ‘पनामा पपेर्स’ में संलिप्त होने का झूठा बयान दिया है।मैं व्यथित हूँ कि बचपने की आड़ में सार्वजनिक मंच से मेरी व मेरे परिवार की प्रतिष्ठा खंडित की गई है। यदि 48 घंटे में उन्होंने माफी नहीं मांगी तो मैं उनपर कठोरतम कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य हो जाऊँगा
इस पूरे विवाद को बढ़ता देख राहुल गांधी 24 घंटे के अंदर ही अपनी बात से पलट गए। राहुल गांधी ने कन्फ्यूजन में पनामा घोटाले में सीएम के बेटे का नाम लेने पर गलती तो मानी, जिसके बाद कार्तिकेय ने मंगलवार को 48 घंटे के भीतर ही राहुल गांधी पर मानहानि का केस दायर कर दिया। इसके साथ ही मालवा-निमाड़ की दो दिन की यात्रा राहुल गांधी के लिए भारी पड़ती नजर आ रही है।
जैसे-जैसे मध्य प्रदेश विधानसभ चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे दल बदल की राजनीति भी शुरू हो गई है। जिसका जीता जागता नजारा दिखाई दिया नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा में जहां भाजपा विधायक संजय शर्मा ने मंगलवार सुबह राहुल गांधी के सामने कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
बता दें कि संजय शर्मा भाजपा से पहले कांग्रेस में ही थे, भाजपा में आने के बाद उन्हें तेंदूखेड़ा से टिकट दिया गया था जिसके बाद वे विधायक बने थे। वहीं इस बार के विधानसभा चुनवा में संजय शर्मा को ये आभास होने लगा था कि अबकी बार टिकट मिलने के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का मन बना लिया।
ये नेता भी हुए शामिल
संजय शर्मा के साथ भाजपा से पूर्व विधायक कमलापत आर्य और व्यापमं घोटाले में आरोपी और भाजपा नेता डॉ गुलाब सिंह किरार ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली। बता दें कि गुलाब सिंह किरार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।
8 और भाजपा नेता हो सकते हैं कांग्रेस में शामिल
सूत्रों की माने तो संजय शर्मा, कमलापत आर्य और डॉ गुलाब सिंह किरार 8 नेता और भाजपा को अलविदा कह सकते हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 28 नवम्बर को होगा जिसका परिणाम 11 दिसम्बर को आएगा।
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मालवा-निमाड़ की दो दिवसीय यात्रा में मध्यप्रदेश पहुंचे। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी का ये सबसे अहम दौरा माना जा रहा है। राहुल गांधी सबसे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने दर्शन कर इस यात्रा की शुरुआत की। जिसके बाद उज्जैन के दशहरा मैदान में जनसभा को संबोधित कर, उनका काफिला झाबुआ की ओर रवाना हुआ।
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को इस पूरे दौरे की
जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस दो दिवसीय दौरे के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस के
प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत
कांग्रेस के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगें। मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव होना
है, जिसका परिणाम 11 दिसंबर को आएगा।
दो दिनों में पांच जिलों का दौरा :
उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर जनसभा को संबोधित करने के बाद राहुल
गांधी झाबुआ में लोगों से मिलेंगें। फिर शाम में राहुल का इंदौर में रोड शो होगा,
जो गणपति के मंदिर से शुरु होकर मल्हारगंज, लोहारपट्टी, इतवारिया बाजार, नरसिंह
बाजार, बंबई बाजार, जवाहर मार्ग, इमलीसाहब गुरुद्वारा होते हुए राजबाड़ा पर जाकर
समाप्त होगा। दूसरे दिन राहुल धार, खरगोन और महू की यात्रा करेंगें। दो दिन की इस यात्रा में राहुल गांधी छह जनसभाओं
समेत पांच जिलों में रोड शो कर जनता से रुबरु होंगें।
मालवा भाजपा का गढ़ :
मालवा-निमाड़ को भाजपा का गढ़ कहा जाता है, जहां से भाजपा की सबसे
ज्यादा सीटें आती हैं। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजवर्गीय और
भाजपा से लगातार आठ बार की सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन यहीं से आती हैं।
इसलिए इस दौरे को कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा है।
मंदसौर कांड और जीतू पटवारी भाजपा की परेशानी :
6 जून 2017 को हुए मंदसौर गोली कांड भाजपा सरकार के गले की फांस बन
चुकी है, जिसे कांग्रेस बीच-बीच में उठाती रहती है। इस आंदोलन में 7 किसानों की
मौत पुलिस की गोली लगने से हुई थी। वहीं मंदसौर गोली कांड के एक साल पूरे होने पर
राहुल गांधी मंदसौर आकर शिवराज सरकार को जमकर कोसा था।
इस पूरे आंदोलन में राऊ विधानसभा से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने अहम
भूमिका भी निभाई थी। जिसके बाद से वो सुर्खियों में बने हुए हैं। आगामी विधानसभा
चुनाव को देखते हुए जीतू पटवारी को कांग्रेस ने कार्यकारी अध्यक्ष भी बना दिया है।
महाकाल की नगरी में राहुल का पहला भाषण :
सोमवार को उज्जैन पहुंचे राहुल गांधी ने महाकाल के दर्शन करने के बाद दशहरा मैदान में जनसभा को संबोधित किया। शिवराज और मोदी दोनों पर पर जम कर बरसे। उज्जैन में हुए महाकुंभ और क्षिप्रा नदी की हालत पर भी सवाल उठाते हुए घोटाले का आरोप लगाया। मध्यप्रदेश में रोजगार, किसानो, व्यापारियों, महिलाओं समेत कई मुद्दों को उठाया। मोदी सरकार को भी आड़े हाथ लेते हुए राहुल गांधी ने सीबीआई, रफाएल जैसे मुद्दों पर मोदी को दोषी करार दिया।
दिग्विजय नहीं रहेंगें मौजूद :
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के समन्वयक समिति
के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह इस दौरे में भी नजर नहीं आएंगें। इस बात की जानकारी खुद
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर दी। पहले ट्वीट में दिग्विजय ने कहा कि “मैं इंदौर में पैदा हुआ स्कूल व कॉलेज की शिक्षा भी इंदौर में
हुई। आज राहुल गॉंधी जी इंदौर पहुँच रहे हैं, मैं उनका
हार्दिक स्वागत करता हूँ।“
फिर दूसरे ट्वीट में कहा कि “मुझे अध्यक्ष जी ने कुछ आवश्यक कार्य सौंपा हुआ है, जिसके
कारण राहुल जी के इंदौर उज्जैन कार्यक्रम में अनुपस्थित रहूँगा क्षमा करें। सभी
मित्रों से राहुल जी का गर्म जोशी से स्वागत करने की अपील करता हूँ। “