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सोशल मीडिया पर की दोस्ती और फिर मिलने के बहाने बुलाकर किया रेप, बीमारी का बहाना बनाकर युवती से ऐंठे 2 लाख रुपए

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इंदौर। सोशल मीडिया के ज़रिए दोस्ती और फिर ठगी आजकल आम है। कुछ ऐसा ही मामला इंदौर में सामने आया है जहां लसूड़िया क्षेत्र निवासी युवती से हिमाचल प्रदेश के एक युवक ने सोशल मीडिया पर दोस्ती की और फिर इंदौर आकर रेप किया। युवक ने बीमारी का बहाना बनाकर युवती से दो लाख रुपये भी ठग लिए।

युवक ने पैसे लेने के बाद युवती से संपर्क कम कर दिया। युवती को सोशल मीडिया से ही पता चला कि जगदीप नाम के इस शख्स के अन्य युवतियों के साथ भी संबंध हैं। युवती ने इस बारे में पूछा तो उसका युवक से विवाद हो गया और उसने बात भी बंद कर दी। इससे युवती का उस पर शक और बढ़ गया।

लसूड़िया क्षेत्र निवासी युवती से जगदीप नाम का युवक तीन साल से संपर्क में था। फेसबुक पर दोनों की पहचान हुई जो धीरे-धीरे दोस्ती में बदल गई। पिछले साल वह युवती से मिलने इंदौर आया और उसे एक होटल में बुलाया और उसके साथ रेप किया। युवती ने लसूड़िया थाने में हिमाचल प्रदेश निवासी जगदीप सिंह के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रेप और ठगी की केस दर्ज कर लिया है।

झोलाछाप डॉक्टर ने तबाह की मासूम की जिंदगी, जानिए पूरा मामला

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मुरैना। डॉक्टर भगवान का रूप माने जाते हैं क्योंकि एक वही हैं जो मरीज को नया जीवन देते हैं। आज कई ऐसे बिना डिग्री वाले झोलाछाप डॉक्टर हमारे आसपास घूम रहे हैं जो मरीज़ों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। खासतौर से छोटे गांव-कस्बों में इस तरह के झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम बेखौफ घूमते हैं। ऐसे डॉक्टरों का कारोबार लगातार गांवों में फैलता ही जा रहा है। इनके द्वारा किए गए गलत इलाज के बाद मरीज का क्या होगा इन्हें इसकी ज़रा भी फिक्र नहीं होती, क्योंकि इनका मकसद सिर्फ पैसा कमाना होता है।

झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही का एक ऐसा ही मामला मुरैना जिले के पहाड़गढ़ ब्लॉक पंचायत के माधौगढ का है जहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक मासूम की जिंदगी को तबाह कर दिया।
बता दें कि माधौगढ़ निवासी प्रीतम सिंह धाकड़ के पुत्र को एक साल पहले पेट में दर्द उठा था। बेटे के पेट में अचानक होने वाले तेज़ दर्द के कारण माता-पिता घबरा गए और घर के पास में ही प्रैक्टिस करने वाले एक झोलाछाप डॉक्टर सुनील धाकड़ के पास उसे इलाज के लिए ले गए।

सुनील धाकड़ ने बच्चे को देखकर किसी प्रकार की जांच किए बिना ही उसे इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगने के बाद ही बच्चे के बाएं पैर में दर्द होने लगा और देखते ही देखते पैर की सारी नसें फूल गयीं। फिर कुछ समय बाद पैर ने काम करना बंद कर दिया। इस घटना से घबराए हुए मां-बाप ने बेटे का पैर खराब होने पर उसका इलाज कराने दिल्ली ले गए।

इस घटना के बाद सारा मामला सीएमएचओ डॉ. राकेश शर्मा के सामने लाया गया, लेकिन अब तक सीएमएचओ द्वारा उस झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इस तरह के मामले आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और सुस्त रैवया इस तरह के झोलाछाप डॉक्टरों को मनमर्ज़ी करने की छूट देता है।

उद्धव ने भाजपा और संघ को कहा पाखंडी, बोला ‘हिंदुत्व से पकड़ खो रही है भाजपा।’

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NewBuzzIndia:

हिंदुत्व को अपना मुद्दा बना कर देश में दक्षिणपंथी विचार के राजनीति की नीव रखने वाली राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी संगठन शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे के निशाने पर आ गई है। देश में अपनी राजनीतिक पैठ बनाने के लिए अक्सर भाजपा को अपने कट्टर मुद्दों के साथ समझौता करते हुए देखा गया है। जो की समय के साथ अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए ज़रूरी भी है। पर अपने बदलाव के इन्ही गुणों के वजह से आज भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक संगठन की ओर से आयोजित की जाने वाली इफ्तार पार्टी को लेकर शिवसेना ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है। केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने इफ्तार पार्टी को पार्टी का ‘पाखंड’ बताया है। बता दें, आरएसएस के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दो जुलाई को इफ्तार पार्टी रखी है।
शिवसेना की नेता मनीषा ने एएनआई से कहा, ‘यह हैरान करने वाली बात है कि इस तरह की इफ्तार पार्टी आरएसएस आयोजित कर रहा है। लेकिन हैरानी भी नहीं हैं क्योंकि आरएसएस और भाजपा हिंदुत्व एजेंडे पर पकड़ खो रहे हैं।’

साथ ही कहा कि ‘राम मंदिर का मुद्दा देख लीजिए जिसकी वजह से पार्टी दो सांसदों से 181 सांसदों तक पहुंची है। पार्टी उससे भी हटती नजर आ रही है। वे इफ्तार पार्टी को सांस्कृतिक कार्यक्रम बता रहे हैं। यह पार्टी का पाखंड है।’

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने करीब 140 देशों के नेताओं को इफ्तार पार्टी का न्योता दिया है। मंच ने इंटरनेशनल रोजा इफ्तार पार्टी दो जुलाई को आयोजित की है।

FDI के मामले पर अपनों के निशाने पर आए मोदी, स्वदेशी जागरण मंच ने कहा, “ये जनता के साथ विश्वासघात है।”

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NewBuzzIndia:

राष्ट्रीय स्वयं संघ की सम्बद्ध संगठन स्‍वदेशी जागरण मंच ने सरकार के एफडीआई के नियमों में ढील देने के फैसले की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह देश की जनता के साथ विश्वासघात है और इसका प्रभाव स्थानीय कारोबारियों के लिए यह ठीक नहीं होगा। मोदी सरकार की कुछ आर्थिक नीतियों के आलोचक रहे स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि भाजपा नीत सरकार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) पर वही नीति अपना रही है जो पिछली सरकारों ने अपनाई और इसका रोजगार सृजन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने से कहा, ”खुदरा, रक्षा और फार्मा जैसे क्षेत्रों को एफडीआई के लिए खोलना और नियमों में ढील देना देश की जनता के साथ विश्वासघात है। ऐसा करके इस सरकार ने सामान्य तौर पर देश के साथ और विशेष रूप से स्थानीय कारोबारियों के साथ अच्छा नहीं किया है।” नीति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकार को सिंगल-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में नियमों में ढील देने के मामले में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था और दुर्भाग्य की बात है कि राजग सरकार ने भी ऐसा ही किया है।

महाजन ने आरोप लगाया कि इस सरकार के साथ दिक्कत यह है कि यह पिछली सरकार की तरह की सोच के साथ काम करती है और उसे लगता है कि विकास और रोजगार सृजन केवल एफडीआई के साथ ही संभव है। उन्होंने दावा किया, ”जबकि अब एफडीआई नीति अपनाने से देश में रोजगार सृजन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस नीति का उद्देश्य रोजगार सृजन करना नहीं, बल्कि भारतीय लोगों से नौकरी छीनना है।”

गौरतलब है कि केंद्रीय वाणिज्‍य राज्‍य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह एलान किया कि केंद्र सरकार ने उड्डयन, रक्षा समेत कई क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है।

बिहार: जानिए बिहार में कैसे बने फ़र्ज़ी टॉपर

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बिहार के इंटरमीडिएट एग्जाम के रिजल्ट के बाद एक टीवी इंटरव्यू में आर्ट्स और विज्ञान विषय के टॉपरों का का पर्दाफाश हुआ है, इस मामले में हो रहे रोज़ नए खुलासों से बिहार शिक्षा बोर्ड की नींद हराम हो गई है। इस काण्ड में अभी तक पांच छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।  वही बिहार बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह और बिशुन राय कॉलेज के संचालक बच्चा राय अभी तक फरार हैं।

पुलिस लगातार अपने तफ़तीस में लगी हुई है। घोटाले और गिरफ्तारियों की कड़ियों को जोड़ कर मामले की तह तक पहुँचने की कोशिश की जा रही है। इस पुरे घटना की छानबीन करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जिसने हाजीपुर स्थित बिसुन राय कॉलेज में गुरुवार शाम छापामारी भी की।

वहीं टॉपरों को लेकर देश में अपनी तरह के इस पहले घोटाले के बीच बड़ा सवाल ये है कि आखिर इन छात्रों ने टॉप किया कैसे? क्या इसके लिए कुछ छात्रों को विशेष तौर पर नकल करवाई गई या फिर बोर्ड के सेंटर लगवाने में हेराफेरी की गई या इन सबसे इतर कोई अन्य तरीका अपनाया गया।

अभी तक की जांच में टॉप करवाने का जो सच सामने आया है वो थोड़ा चौंकाने वाला है। तो चलिए आपको तफशील से बताते हैं वो सच जिससे जुड़ा है टॉपर बनाने का वो खेल जिसने बिहार की पूरी माध्यमिक शिक्षा व्यवस्‍था पर कालिख पोत दी है।

आइए जाने कैसे होती थी कॉपियों की हेरा फेरी

परीक्षाओं में पास कराने या टॉप करने की हेराफेरी के जितने भी मामले सामने आते हैं उनमें ज्यादातर मामले नकल या सामूहिक नकल कराने के ही होते हैं। लेकिन बिहार में टॉप कराने के मामले में बिल्कुल अलग तरीका अपनाया गया जिससे कहीं पर भी शक की गुंजाइश न रहे और न ही चोरी पकड़ में आ सके।

असल में फर्जीवाड़े का यह सारा खेल बच्चा राय और बोर्ड अधिकारियों की शह पर खेला जाता था। बच्चा राय अपने कालेज विशुन राय कालेज का सेंटर अपनी मर्जी से लगवाता था। इसके बाद कॉपियां कहां चेक होनी हैं ये भी वह खुद ही तय करता था। परीक्षा होने के बाद जब सारी कॉपियां जांच होने के लिए केंद्र पर पहुंच जाती थी तब ये सारा खेल शुरू होता था।

सूत्रों के अनुसार जिन छात्रों को टॉप करवाना या नंबर अच्छे रखवाने होते थे उनकी कॉपियां बंडल में से ढूंढकर निकाल ली जाती ‌थी। फिर उन कॉपियों के ऊपर के पिन खोलकर अंदर के पेज निकाल लिए जाते थे, फ्रंट पेज पहले वाला ही रखा जाता था।

इसी बीच एक व्यक्ति या छात्र इत्‍मीनान से सही सवालों के जवाब खाली उत्तर पुस्तिका में लिखते थे जिसके ऊपर का पेज उतारकर वापस पुरानी वाली कॉपी के फ्रंट पेज के अंदर डाल दिया जाता था। यह सारा काम इतने शातिर तरीके से किया जाता था कि कॉपी से छेड़छाड़ का अंदाजा लगाना मुश्किल होता था।