Sunday, September 24, 2023
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बीजेपी नेताओं को होगी जेल ! कांग्रेस अपने वचन पत्र में जारी करेगी करप्शन की सूची

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भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर है। दोनों ही मुख्य पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। इसी बीच एमपी कांग्रेस अपना वचन पत्र तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वचन पत्र में बीजेपी नेताओं को जेल भेजने का वचन देगी।

बता दें कि कांग्रेस अपने आने वाले वचन पत्र में करप्शन का मुद्दा लेकर आएगी। इसके अलावा वचन-पत्र में सरकारी विभागों में करप्शन की सूची जारी की जाएगी और जिन नेताओं पर आरोप है उन्हें जेल भेजने का वचन देगी। इसके अलावा कांग्रेस पुराने मामले फिर से खोलने का भी वचन देगी।

इस बारे में जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि जिस दिन कांग्रेस सरकार आएगा उसी दिन जिन्न बाहर निकलेगा। यह जिन्न घोटालों का होगा जो बाहर आएगा। इसमें व्यापमं, सिंहस्थ, पेंशन और बीजेपी सरकार ने जितने अन्य घोटाले किए है सब बाहर आएंगे।

सज्जन वर्मा के बयान और वचन पत्र पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस हमेशा द्वेष से काम करती है। 15 महीने में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किए गए, मकान तोड़े गए। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो वोट नहीं मिलने पर जनता से भी बदला लेती है। जनता को सब दिखता है और हमें जनता पर पूरा विश्वास है कि वे कांग्रेस को नहीं चुनेगी।

कमलनाथ ने लॉन्च की ‘नारी सम्मान योजना’, 1500 रुपये प्रतिमाह देने का किया वादा, CM शिवराज पर कसा तंज

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छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 9 मई मंगलवार को छिंदवाड़ा में ‘नारी सम्मान योजना’ लॉन्च की। इस योजना के बारे में बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश की हर महिला के बारे में सोचती है और इसलिए सभी को 1500 रुपये हर माह दिए जाएंगे और 500 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। कमलनाथ ने कार्यक्रम के दौरान जनता से सवाल किया कि मैं आप सभी से कुछ पूछना चाहता हूं, माता बहनों को हर महीने 1500 रूपये चाहिए, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन चाहिए, सौ रुपये में सौ यूनिट बिजली चाहिए, किसानों को कर्ज माफी चाहिए, युवाओं को रोजगार और उद्योग चाहिए। अगर आप सभी को ये सब चाहिए तो कांग्रेस का साथ दीजिए।

कार्यक्रम के दौरान कमलनाथ बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिवराज जी अब समय आ गया है। पांच महीने बचे हैं और जनता सामने है। मध्यप्रदेश की जनता आपको प्यार से विदा करेगी और घर बिठाएगी। एक बार फिर मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस का झंडा लहराएगा। कमलनाथ ने बात आगे कहा कि 2018 में हमने जनता के वोट से सरकार बनाई थी और 2020 में बीजेपी ने सौदेबाजी से सरकार बनाई। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर कोयले की उन कंपनियों की लीज़ कैंसिल की जाएगी, जहां अब खदानें बंद हो गई हैं और उन पर कब्जा किया हुआ है। उनकी लीज़ निरस्त करके वो जमीन गरीबों को आवास के लिए दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि शिवराज जी के कान बेरोजगार नौजवानों की पुकार नहीं सुन सकते क्योंकि उनके कान बंद हैं, उनकी आंखें किसानों की बदहाली देखने के लिए बंद हैं। उनके आंख-कान बंद हैं लेकिन मुंह चलता है। आने वाले 5 महीने में चुनाव हैं और इसीलिए अब शिवराज जी जगह-जगह जा रहे हैं। वो घोषणाओं की मशीन बन गए हैं, झूठ की मशीन बन गए हैं। कमलनाथ ने सीएम शिवराज को घेरते हुए कहा कि शिवराज जी मुख्यमंत्री तो क्या हैं, ये तो शिलान्यास मंत्री हैं, ये भूमिपूजन मंत्री हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री बहुत व्यस्त हैं। उनका एक हाथ भ्रष्टाचार में और दूसरा अत्याचार में व्यस्त है।

उन्होंने कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज से सवाल किया कि शिवराज जी जनता को जवाब दें कि बीजेपी ने 18 साल के शासनकाल में क्या दिया। सिर्फ महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, घर-घर में शराब और आदिवासियों को अत्याचार दिया है। वहीं कांग्रेस की संस्कृति जोड़ने की रही है लेकिन आज हमारी संस्कृति पर हमला हो रहा है। हमारी माताओं-बहनों ने हमेशा सामाजिक मूल्यों की रक्षा की है। भारत अपने सामाजिक मूल्य पर टिका है और आज आपको फिर इसका रक्षक बनना पड़ेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने महिलाओं से आह्वान किया कि आप सिर्फ अपना घर मत देखिए, आने वाली पीढ़ियों के बारे में सोचिए कि आपको कैसा प्रदेश और देश उन्हें सौंपना है, क्योंकि आज यही हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस ने महिलाओं का हमेशा सम्मान किया है। इसलिए कांग्रेस ने महिलाओं के लिए आरक्षण का कानून बनाया, घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून बनाना, पहली महिला प्रधानमंत्री पहली राष्ट्रपति कांग्रेस के शासनकाल में ही बनी हैं।

कमलनाथ ने कहा कि मुझे मध्यप्रदेश और छिंदवाड़ा की जनता पर पूरा विश्वास है। वो धैर्य रखकर सही निर्णय लेगी। वैसे भी अब शिवराज सरकार के पास पुलिस, पैसा और प्रशासन के अलावा बचा ही क्या है। 5 महीने में बीजेपी पुलिस , पैसा और प्रशासन का जितना उपयोग कर सकती है कर ले, क्योंकि अब जनता बीजेपी और सीएम शिवराज को पहचान चुकी है और आगामी विधानसभा चुनाव में वो उन्हें आईना भी दिखा देगी।

छत्तीसगढ़ BJP को बड़ा झटका, कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज भाजपा नेता नंदकुमार साय, सीएम बघेल ने दिलाई सदस्यता

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छत्तीसगढ़ बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के आदिवासी नेता नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए। सोमवार को सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की मौजूदगी में साय ने कांग्रेस की सदस्यता ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं अटल बिहारी वाजपेयी को फॉलो करता हूं लेकिन बीजेपी अब वैसी पार्टी नहीं रही, जैसी अटल जी के समय हुआ करती थी।

नंदकुमार साय के रविवार को बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद से उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थीं, हालांकि शाम को पूर्व सीएम रमन सिंह ने बताया कि वे उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें, साय ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि मेरी गरिमा को लगातार ठेस पहुंचाई जा रही है, जिससे मैं आहत महसूस कर रहा हूं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार सुबह नंदकुमार साय का राजीव भवन में स्वागत किया और कहा कि नंदकुमार साय जाना-पहचाना चेहरा हैं। तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं। साय ने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के लिए समर्पित कर दिया। वे आदिवासी हितों के लिए लड़ते हैं। बहुत ही निश्चल मन के व्यक्ति हैं साय। कांग्रेस की नीति और सिद्धांत पर उन्होंने भरोसा जताया।”

नंदकुमार साय ने कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय रहा है। मैं शुरुआत से ही भाजपा का सदस्य रहा हूं। मैंने भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी के साथ काम किया है। साय ने आगे कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार जरूर है, लेकिन पार्टी अब पहले की तरह नहीं है। भूपेश सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। आज भी भूपेश सरकार अच्छा काम कर रही है।

CM शिवराज ने कहा दिग्विजय और कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को किया तबाह

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भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता अब आमने-सामने आ गए हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ‘मैं बीजेपी और संघ के लिए कोरोना हूं’ वाले बयान पर अब सीएम शिवराज और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जमकर हमला बोला है।

दिग्विजय सिंह के खुद के कोरोना वायरस बताने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये व्यक्ति हानिकारक है, इतना तो तय हो गया है। लोग कहते हैं ये वायरस तो ISI से आया है। कोरोना वायरस तो चीन से आया था, उस लिहाज से भी यह व्यक्ति हानिकारक है। खुद को इन्होंने कोरोना वायरस साबित कर लिया है।

भाजपा नेता ने कहा कि कमलनाथ ने तो कोविड-19 के दौरान मध्यप्रदेश की जनता को छोड़ दिया था कि जो करना है करो। कोविड आज पूरी तरह से कंट्रोल में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने मिलकर मध्यप्रदेश को तबाह कर दिया। दिग्विजय सिंह ने बिल्कुल ठीक तुलना की है। कोरोना वायरस ने जितना नुकसान पहुंचाया था, उससे कई गुना ज्यादा नुकसान दिग्विजय और कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को पहुंचाया है। मुझे तो आश्चर्य होता है कि तुलना के लिए उन्हें और कोई वायरस नहीं मिला। कोरोना वायरस से हाहाकार मच गया था, लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई थी। इसके अलावा अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई थी। ये तो मोदी जी थे जिनके नेतृत्व में दो-दो वैक्सीन बनी।

बता दें कि इंदौर में पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कोरोना वायरस बताया था और कहा था उनका जन्म चीन में होना चाहिए। मंत्री तुलसी सिलावट के सवाल पर पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा इंदौर के लोग जानते हैं कि तुलसी सिलावट ने कैसे काम किया। वह कितने धंधों में शामिल हैं और उससे कितना पैसा कमाते हैं ये सबको पता है। इसलिए मैं भाजपा और संघ के लिए कोरोना वायरस हूं।

शिवराज कैबिनेट के मंत्रियों को किया गया तलब, सक्रियता बढ़ाने को लेकर बंद कमरे में हुई चर्चा…

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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में होना हैं, हालांकि अभी तक चुनाव की तारीखों को लेकर किसी तरह की जानकारी सामने नहीं आयी है। लेकिन बीजेपी ने अपने स्तर पर चुनावी तैयारियां ज़रूर शुरू कर दी हैं। आज बीजेपी ने सीएम शिवराज कैबिनेट के निष्क्रिय नेताओं और मंत्रियों को प्रदेश कार्यालय में तलब किया। संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव ने बंद कमरे में इन नेताओं के साथ काफी देर तक चर्चा की।

इस मीटिंग में पदाधिकारियों ने नेताओं और मंत्रियों की फीडबैक रिपोर्ट भी पेश की।
इस मीटिंग में प्रदेश के डिएक्टिव नेताओं और मंत्रियों को उनके जमीनी फीडबैक से अवगत कराया गया। घंटों चली इस मीटिंग में चुनावी साल होने पर मंत्रियों को उनके क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने के लिए कहा गया।
BJP ने चुनाव पर फोकस करते हुए घर-घर कैंपेन जैसे कई प्लान तैयार किए हैं। जैसे मंत्रियों द्वारा प्रदेश की जनता के पास जाना, उनसे जुड़ना और उनकी समस्याएं सुनकर उनका निपटारा करना भी शामिल है।

मुख्यमंत्री शिवराज ने प्रदेश के सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर जन मानस की समस्याएं सुनें और उन्हें सुलझाएं। प्रदेश की जनता की समस्याओं का निपटारा खुद मंत्री करेंगे। सभी मंत्री और नेता 10 मई से अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से मिलेंगे और जनसमस्याएं सुनेंगे।

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने की तैयारी, कमलनाथ ने 16 नेताओं को सौंपी अलग-अलग जिलों की कमान

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भोपाल। 2023 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के 16 नेताओं को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है। सभी नेता आवंटित जिलों में संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने के साथ ही चुनाव की कार्ययोजना को लेकर कार्य करेंगे। कमलनाथ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को विंध्य, अरुण यादव और जीतू पटवरी को बुंदेलखंड और जयवर्धन सिंह को इंदौर व उज्जैन जिले की ज़िम्मेदारी सौंपी है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और फूल सिंह बरैया ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में चुनाव की तैयारियां संभालेंगे। चुनाव अभियान समिति की बैठक में वरिष्ठ नेताओं को जिले सौंपने का निर्णय लिया गया था। सभी की सहमति के बाद जिले आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी की जिम्मेदारी दी गई है तो फूल सिंह बरैया श्योपुर, मुरैना और भिंड में मतदान केंद्र स्तर पर चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को सीधी, रीवा, कटनी और सिंगरौली, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और जबलपुर का प्रभार दिया गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के पास आदिवासी बहुल बड़वानी और खरगोन जिले में पार्टी को जिताने का काम रहेगा। संगठन ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को बुंदेलखंड के निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर और जीतू पटवारी को सतना, दमोह, पन्ना के साथ रायसेन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

सज्जन सिंह वर्मा छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, नर्मदापुरम, बाला बच्चन खंडवा, बुरहानपुर और धार जिले में चुनाव अभियान को देखेंगे। तो वहीं मीनाक्षी नटराजन को आलीराजपुर, झाबुआ और आगर को संभालने की ज़िम्मेदारी दी गई है। रामनिवास रावत को राजगढ़ और शाजापुर, केपी सिंह को गुना, अशोकनगर और विदिशा तो वहीं तरुण भनोत को डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी, मंडला और नरसिंहपुर की कमान सौंपी है। कमलेश्वर पटेल को नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले का प्रभार दिया गया है। सीहोर और देवास जिले में पार्टी को जिताने का दायित्व लाखन सिंह यादव का होगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को समन्वय का कार्य सौंपा गया है।

MP भाजपा संगठन की बढ़ीं मुश्किलें! नेताओं द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर हुई गंभीर चर्चा

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मध्यप्रदेश में आगामी चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने अपनी कमर कस ली है। इस तैयारी के बीच ही भाजपा के 14 नेताओं द्वारा पेश की गई रिपोर्ट ने संगठन को चिंता में डाल दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं की मानसिकता को समझने के लिए 14 नेताओं ने राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया था। जिसके बाद पार्टी की कोर कमेटी ने मंगलवार को इस रिपोर्ट पर चर्चा की। बैठक के दौरान यह बताया गया कि लाड़ली बहना योजना का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, लेकिन कई जिलों के कार्यकर्ताओं में नाराज़गी नज़र आ रही है जो आगामी चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है।

सूत्रों की मानें तो पार्टी कार्यकर्ताओं को सत्ता विरोधी लहर दिख रही है और इस समय उनसे संवाद जरूरी है। बताया जा रहा है कि कोर कमेटी की बैठक से पहले भाजपा के सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने उन नेताओं के साथ बैठक की। जहां नेताओं ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया कि राज्य में सरकार बनाने के लिए हालात सुधारना जरूरी होगा। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में नेताओं के बीच भ्रष्टाचार को सरकार के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं के गुस्से का एक कारण भी बताया गया है।

जानकारी के अनुसार निचली नौकरशाही में भ्रष्टाचार के कारण भी लोग सरकार से नाराज हैं। पार्टी कार्यकर्ता नाराज हैं, क्योंकि अधिकारी शायद ही उन्हें महत्व देते हैं। जिसके बाद शिवप्रकाश ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कहा कि वे कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी शिकायतें दूर करें। इसके साथ ही बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर सीनियर नेताओं को ड्यूटी पर लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सदस्यों को संभाग स्तर पर जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वे स्थानीय नेताओं के संपर्क में रहें और अपना काम करें। अलग-अलग जगहों पर प्रभावशाली नेताओं का संयुक्त दौरा भी आयोजित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर तथा प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर-चंबल अंचल का दौरा करेंगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ मालवा-निमाड़ क्षेत्र का दौरा करेंगे।

संगठन अब केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस करेगा। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं को यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि राज्य में सरकार बनाना कितना जरूरी है। साथ ही डबल इंजन की सरकार पर प्रचार भी होगा। कोर कमेटी ने अगले पांच महीने के लिए पार्टी का एजेंडा तय कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नौ साल अगले महीने पूरे हो रहे हैं, जिसके लिए एक महीने का अभियान चलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात की 100वीं कड़ी 30 अप्रैल को बूथ स्तर पर मनाई जाएगी। उस दिन भाजपा नेता बूथों पर जाएंगे और हर बूथ पर 100 कार्यकर्ता मन की बात सुनेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं का महाकुंभ 25 सितंबर को होगा, जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। साथ ही निष्क्रिय पड़े विभिन्न संगठनों का भी सम्मेलन होगा और इसमें वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे।

मिशन 2023 : भाजपा ने संगठन को मज़बूत बनाने के लिए शुरू की छटनी

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मध्यप्रदेश में आगामी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ही मुख्य पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। जीत हासिल करने के लिए दोनों ही पार्टियों के संगठन खुद को मजबूत बनाने में लगे हैं। ऐसे में भाजपा ने जीत हासिल करने के लिए कसावट का दौर फिर शुरू कर दिया। चंद महीनों से भाजपा ने धीरे-धीरे करके चुनाव के हिसाब से छटनी शुरू की है।

जानकारी के अनुसार भाजपा के संगठन द्वारा 18 जिलाध्यक्षों को बदला है और 6 से ज्यादा जिलाध्यक्ष अब रडार पर हैं। 6 संभागीय प्रभारी भी खराब परफॉर्मेंस के कारण बदले गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनके बाद प्रदेश पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी जल्द बदली जाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा चुनावी रणनीति के हिसाब से संगठनात्मक ढांचे पर फोकस कर रहे हैं, और जिन्हें चुनाव लड़ना है या चुनाव लड़वाना है, उन्हें उसके हिसाब से जिम्मेदारी दी जाने की तैयारी की जा रही है।

आपको बता दें कि मई 2020 में 24 अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा बनाए गए थे। 18 को शर्मा ने ही परफॉर्मेंस के आधार पर बदला था। लेकिन इस बार बदलने वाले अध्यक्षों को साधने का नया फॉर्मूला अपनाया गया है। जिन्हें हटाया है उन्हें प्रदेश कार्यसमिति में सदस्य बना दिया गया।

जानकारी के अनुसार भाजपा संगठन में ही अब दर्जनों चेहरे टिकट के दावेदार हैं। इन्हें साधना और टिकट देना या न देना चुनौती बन गई है। जिन 103 हारी सीटों पर प्रभारी बनाए गए हैं, उनमें दो दर्जन से ज्यादा खुद टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे सभी प्रभारियों को लेकर संगठन ने नाराजगी जाहिर की थी।

वहीं जिलाध्यक्ष भी टिकट के दावेदार हैं। भोपाल से सुमित पचौरी और इंदौर से गौरव रणदीवे टिकट की दावेदारी में हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, उपाध्यक्ष आलोक शर्मा, मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर, प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी, मंत्री राहुल कोठारी सहित कई अन्य नेता खुद टिकट के दावेदार हैं। एक ओर जहां संगठन के नेता टिकट के दावेदार हैं, तो दूसरी ओर ऐसे भी दर्जनों नेता हैं जो अभी हाशिये पर दिन गुजार रहे हैं, लेकिन अब संगठन में जिम्मेदारी चाहते हैं। इनके फेरे भी प्रदेश भाजपा नेतृत्व के यहां पर बढ़ गए हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस ने सीधा फॉर्मूला रखा है। यदि चुनाव लड़ना है तो संगठन का पद छोड़ो। इसे लेकर बीते महीनों में कई नेता संगठन की जिम्मेदारी से किनारा कर चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सर्वे, फीडबैक, जिताऊ चेहरे के आधार पर टिकट देने का ऐलान किया है। कांग्रेस जिलाध्यक्षों को चुनाव नहीं लड़ाएगी। संगठन पदाधिकारी को टिकट नहीं दिया जाएगा।

दरअसल कांग्रेस ने बीते दिनों 12 से ज्यादा जिलों में अध्यक्षों की नई नियुक्ति की है। इसके बाद भी 6 से ज्यादा जिलों में और बदलाव होने हैं। हर जिले में प्रभारी बनाकर फीडबैक लिया जा रहा है। इसी के आधार पर अध्यक्षों की परफॉर्मेंस देखी जा रही है। टिकट वितरण में प्रभारियों का फीडबैक अहम रहेगा।

क्या अब की बार बनेगी कांग्रेस की सरकार ? मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस

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भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी शिद्दत से जुटी है। चुनावी तैयारी को लेकर पार्टी में बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार को पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में राजनीतिक मामलों को लेकर बैठक हुई, जो करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक चली। चुनाव को लेकर इस बार कांग्रेस अलग रणनीति तैयार कर रही है।

इस बार कांग्रेस पूरी मुस्तैदी से सरकार को घेरने की तैयारी में है। इसी दिशा में सरकार की फ्लैगशिप योजना की कमियां वो जनता को बताएगी, साथ ही लाड़ली बहना योजना का काउंटर प्लान भी तैयार करेगी। इसके अलावा कमलनाथ ने नेताओं को अपने प्रभावी इलाकों में दौरे करने के निर्देश दिए हैं।

इस बैठक में कर्नाटक चुनाव के बाद अगले महीने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की विशाल जनसभा कराने की रणनीति भी तैयार की गई है। इसी दौरान कांग्रेस अपना वचन पत्र भी जारी कर सकती है। बैठक में मौजूद रहें पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेताओं से क्षेत्रवार जिम्मेदारी दिए जाने पर सहमति मांगी है। हालांकि नेताओं ने कार्यक्षेत्र मिलने पर पूरी जिम्मेदारी से उसे निभाने का भरोसा दिया है। जयवर्धन ने आगे बताया कि भाजपा के कई नाराज नेता हमारे अलग-अलग नेताओं के संपर्क में हैं।

इस बैठक के दौरान कमलनाथ ने कहा कि जल्द ही क्षेत्रवार नेताओं की जिम्मेदारी को तय करके सूची जारी की जाएगी और उसके अनुसार जिस नेता को जिस भी क्षेत्र की जिम्मेदारी मिलेगी उसे वहां पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करनी होगी।

कांग्रेस ने चुनाव में बूथ कमेटी को लेकर एक नई रणनीति बनाई है। बूथ कमेटी में राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश और जिला स्तर के नेता सदस्य होंगे। दरअसल, बूथ इकाई को मजबूत बनाने के लिए पार्टी ने यह नई गाइडलाइन जारी की है। हर स्तर के नेता अपने मतदाता वाले बूथ पर कमेटी के सदस्य होंगे।

कार्यकर्ताओं को साधने में लगी बीजेपी, सौंपी जा रहीं कई बड़ी ज़िम्मेदारियां

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भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी चुनाव को लेकर भाजपा अपने कार्यकर्ताओं पर नकेल कसना शुरू कर चुकी है। सरकारी निगम-मंडल, प्राधिकरण, आयोग सहित अलग-अलग सरकारी संस्थाओं में राजनीतिक नियुक्तियों के बाद अब संगठन में भी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिम्मेदारी देने का काम तीव्र गति से शुरू हो गया है।

जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल को भाजपा ने राष्ट्रीय महासंपर्क अभियान के जिला संयोजक घोषित किए। इनमें कई पूर्व विधायकों को भी इस विभाग की कमान सौंपी गई है। भाजपा में 14 बड़े नेताओं को पूर्व विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से बातचीत करने की बागडोर सौंपी है। ऐसा करना इसलिए भी ज़रूरी था क्योंकि भाजपा में कई बार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मामला सामने आया था, हालांकि अब पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को साधने में लगी है।

बता दें कि नाराज़ चल रहें कार्यकर्ताओं और पूर्व विधायकों को साधने के लिए भाजपा ने जिला स्तर पर कई बड़े बदलाव किए हैं ताकि चुनाव से पहले बगावत के सुर न सामने आ जाएं। चुनावी दृष्टि को देखते हुए यह बदलाव से संगठन अपने आप को बूथ स्तर पर मज़बूत बनाने में जुट रहा है। संगठन का मानना है कि उन लोगों को पद दिया गया है जो चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करवा सकें और ईमानदारी से अपने काम को कर सकें।

वहीं बड़े नेताओं को इसलिए भी कमान सौपीं गई है जिसके चलते वे उन पूर्व विधायकों को साथ लेकर चल सकें ताकि चुनाव से पहले संगठन कमज़ोर न साबित हो। भाजपा अब तक धार, बालाघाट, जबलपुर, रायसेन, अनूपपुर, राजगढ़, ग्वालियर, कटनी, भिंड, गुना, अशोकनगर, झाबुआ, आलीराजपुर, सिंगरौली, शाजापुर, सीधी, डिंडोरी और आगर के जिलाध्यक्ष बदले जा चुके हैं। इससे पहले राजधानी भोपाल, जबलपुर, शहडोल, उज्जैन और चंबल संभाग के प्रभारी भी बदले गए थे।