मध्यप्रदेश भाजपा में एक बार फिर अनबन होने की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर पार्टी हाईकमान से नाराज हो गए हैं। इस बात को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाए जा रहे हैं। दावा है कि सिंधिया के चुनाव प्रचार तक में आने पर रोक लगा दिया गया था, जिस वजह से खफा होकर उन्होंने अपने कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
इस मामले पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने ट्वीट किया कि, ‘चर्चा ज़ोरों पर है कि दमोह उपचुनाव में प्रचार के लिये नहीं बुलाने से नाराज व अपनी किरकिरी से बचने के लिये श्रीमंत ने अपना 4-5 अप्रैल का ग्वालियर क्षेत्र का दौरा ही निरस्त कर दिया है। वैसे भी उनके इस दौरे में दमोह प्रचार का कोई कार्यक्रम नहीं था,प्रदेश में चुनाव और महाराज महल में?’
सिंधिया के नाराज होने के पीछे दो वजहें हैं। एक तो स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें 10वें स्थान पर धकेल दिया गया और उसके बाद अब चुनाव प्रचार अभियान से भी दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा गद्दार और बिकाऊ करार दिए जाने के बाद सिंधिया की छवि को गलत मानते हुए भाजपा चाहती है कि उनके बिना ही चुनाव प्रचार किया जाए ताकि कांग्रेस को गद्दार और बिकाऊ वाले मुद्दे पर ज्यादा बोलने का मौका न मिल पाए।के
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कोरोना का हवाला देते हुए अपने दौरे रद्द कर दिए हैं। राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, रतलाम, निवाड़ी जैसे कई ऐसे मुख्य शहर है जहां कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश के कई शहरों में लॉकडाउन के बावजूद सीएम शिवराज को अपने कार्यक्रमों को लेकर किरकिरी का सामना करना पड़ा रहा था। मामला तूल पकड़ते देख उन्होंने भी अपने दौरे को रद्द कर दिया है।
सिंधिया और शिवराज के दौरे रद्द होने को साझा फैसला के तौर पर दिखाया जाता है। इसके पीछे तर्क यह है कि सिंधिया का दौरा निजी था और सीएम शिवराज सार्वजनिक शिलान्यास कार्यक्रमों में शरीक होने वाले थे।