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स्वामी के बड़बोलेपन पर झल्लाये मोदी, कहा ‘सब पब्लिक स्टंट है।’

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पिछले कई दिनों से भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा अधिकारियों और नेताओं पर लगातार लगाए जा रहे आरोपों पर आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा की राजन एक अच्छे नागरिक हैं, अपने काम से ईमानदार और देशभक्त हैं। उन्होंने स्वामी के बयानों का खंडन करते हुए उन्हें नसीहत दी कि ‘ अगर किसी को लगता है की वो सिस्टम से ऊपर है तो वो गलत है।’

प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब वित्‍त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा ने खुद को स्‍वामी के हालिया बयानों से अलग कर लिया है। स्‍वामी ने राजन, मुख्‍य आर्थ‍िक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यम और आर्थ‍िक मामलों की सचिव शक्तिकांता दास पर कई आरोप लगाए थे। स्‍वामी ने बिना नाम लिए जेटली पर भी कुछ तीखी टिप्‍पणियां की थी।
प्रधानमंत्री एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ”चाहे ऐसा मेरी पार्टी में हो या नहीं, फिर भी मुझे यही लगता है कि इस तरह की चीजें अनुचित हैं। पब्लिसिटी के लिए इस तरह की बातों से देश का कोई भला नहीं होगा। लोगों ने जिम्‍मेदारी के साथ व्‍यवहार करना चाहिए। अगर कोई खुद को सिस्‍टम से ऊपर समझता है तो वह गलत है।” स्‍वामी का नाम लिए बिना मोदी से रघुराम राजन के संदर्भ में ‘उनके राज्‍यसभा सांसद’ के विचारों पर सवाल पूछा गया था।

मोदी ने राजन की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी देशभक्ति पर कोई शक नहीं है। मोदी ने भरोसा जताया कि राजन देश की सेवा करते रहेंगे, चाहे वे गवर्नर पद पर रहें या नहीं। उन्‍होंने कहा, ”उनके साथ मेरा अनुभव अच्‍छा रहा है और मैं उनके काम की तारीफ करता हूं। वह भारत से प्‍यार करते हैं, वह जहां भी काम करेंगे, भारत के लिए काम करेंगे और वे देशभक्‍त हैं।”

पाकिस्तान पर गरजे राजनाथ सिंह, कहा ‘पाकिस्तान ने हमला किया तो हम भूल जाएंगे गोलियों का हिसाब।’

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पम्‍पोर में सीआरपीएफ जवानों की हत्‍या पर सख्‍त रुख अख्तियार करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्‍तान को आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने रविवार को कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्‍तान का रवैया ठीक नहीं है।  राजनाथ सिंह ने पम्‍पोर में हुए आतंकी हमले में हुई चूक की जांच करने के लिए कमेटी का गठन कर उसे जांच के लिए भेजा है। उन्‍होंने आठ जवानों की हत्‍या पर कहा कि अगर पाकिस्‍तान अपनी आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाता तो भारतीय सेना गोलियों का हिसाब भूल जाएगी।
उन्‍होंने कहा, ”हम पहले हमला नहीं करेंगे। लेकिन अगर पाकिस्‍तान ने हमला किया तो हम गोलियों का हिसाब भी नहीं रखेंगे।” उन्‍होंने कहा कि पड़ोसी देश भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। गृहमंत्री ने कहा, ”भारत अपने शहीद जवानों को भुला नहीं सकता। वे हमारे साथ नहीं है और हम उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”

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सुरक्षा बलों में पिछले कुछ सालों के सबसे घातक हमले में, शुक्रवार को कश्‍मीर के पम्‍पोर में सीआरपीफ जवानों को ले जा रही बस पर आतंकियों ने गोलियां बरसाईं। हमले में आठ जवान शहीद हो गए तथा 21 अन्‍य घायल हो गए। राजनाथ ने आगे कहा कि वर्तमान चुनौती से निपटने के लिए देश को बहादुर लोगों की जरूरत है।

उद्धव ने भाजपा और संघ को कहा पाखंडी, बोला ‘हिंदुत्व से पकड़ खो रही है भाजपा।’

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हिंदुत्व को अपना मुद्दा बना कर देश में दक्षिणपंथी विचार के राजनीति की नीव रखने वाली राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी संगठन शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे के निशाने पर आ गई है। देश में अपनी राजनीतिक पैठ बनाने के लिए अक्सर भाजपा को अपने कट्टर मुद्दों के साथ समझौता करते हुए देखा गया है। जो की समय के साथ अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए ज़रूरी भी है। पर अपने बदलाव के इन्ही गुणों के वजह से आज भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक संगठन की ओर से आयोजित की जाने वाली इफ्तार पार्टी को लेकर शिवसेना ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है। केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने इफ्तार पार्टी को पार्टी का ‘पाखंड’ बताया है। बता दें, आरएसएस के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दो जुलाई को इफ्तार पार्टी रखी है।
शिवसेना की नेता मनीषा ने एएनआई से कहा, ‘यह हैरान करने वाली बात है कि इस तरह की इफ्तार पार्टी आरएसएस आयोजित कर रहा है। लेकिन हैरानी भी नहीं हैं क्योंकि आरएसएस और भाजपा हिंदुत्व एजेंडे पर पकड़ खो रहे हैं।’

साथ ही कहा कि ‘राम मंदिर का मुद्दा देख लीजिए जिसकी वजह से पार्टी दो सांसदों से 181 सांसदों तक पहुंची है। पार्टी उससे भी हटती नजर आ रही है। वे इफ्तार पार्टी को सांस्कृतिक कार्यक्रम बता रहे हैं। यह पार्टी का पाखंड है।’

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने करीब 140 देशों के नेताओं को इफ्तार पार्टी का न्योता दिया है। मंच ने इंटरनेशनल रोजा इफ्तार पार्टी दो जुलाई को आयोजित की है।

FDI के मामले पर अपनों के निशाने पर आए मोदी, स्वदेशी जागरण मंच ने कहा, “ये जनता के साथ विश्वासघात है।”

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राष्ट्रीय स्वयं संघ की सम्बद्ध संगठन स्‍वदेशी जागरण मंच ने सरकार के एफडीआई के नियमों में ढील देने के फैसले की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह देश की जनता के साथ विश्वासघात है और इसका प्रभाव स्थानीय कारोबारियों के लिए यह ठीक नहीं होगा। मोदी सरकार की कुछ आर्थिक नीतियों के आलोचक रहे स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि भाजपा नीत सरकार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) पर वही नीति अपना रही है जो पिछली सरकारों ने अपनाई और इसका रोजगार सृजन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने से कहा, ”खुदरा, रक्षा और फार्मा जैसे क्षेत्रों को एफडीआई के लिए खोलना और नियमों में ढील देना देश की जनता के साथ विश्वासघात है। ऐसा करके इस सरकार ने सामान्य तौर पर देश के साथ और विशेष रूप से स्थानीय कारोबारियों के साथ अच्छा नहीं किया है।” नीति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकार को सिंगल-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में नियमों में ढील देने के मामले में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था और दुर्भाग्य की बात है कि राजग सरकार ने भी ऐसा ही किया है।

महाजन ने आरोप लगाया कि इस सरकार के साथ दिक्कत यह है कि यह पिछली सरकार की तरह की सोच के साथ काम करती है और उसे लगता है कि विकास और रोजगार सृजन केवल एफडीआई के साथ ही संभव है। उन्होंने दावा किया, ”जबकि अब एफडीआई नीति अपनाने से देश में रोजगार सृजन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस नीति का उद्देश्य रोजगार सृजन करना नहीं, बल्कि भारतीय लोगों से नौकरी छीनना है।”

गौरतलब है कि केंद्रीय वाणिज्‍य राज्‍य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह एलान किया कि केंद्र सरकार ने उड्डयन, रक्षा समेत कई क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है।

“जब वो तोड़ने से ना रोक सके तो बनाने से कौन रोकेगा, बनेगा राम मंदिर।” -योगी आदित्यनाथ

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भले ही भाजपा राम मंदिर मामले पर बोलने से बचती रहती है पर अभी जैसे ही यूपी में चुनाव का माहौल आया अपने इरादों को स्पष्ट करते हुए आखिर भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात कह दी है। आदित्यनाथ राम मंदिर मामले पर एक बार और विवादित बयान दे कर विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं।

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पार्टी सांसद योगी आदित्यनाथ ने यूपी के बस्ती में राम मंदिर को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने भड़काऊ अंदाज में कहा कि जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने से कोई नहीं रोक सका, तो भला मंदिर बनाने से कौन रोकेगा।
रविवार को रामकथा के अयोजन में पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को धमकी भरे अंदाज में कहा, ‘भगवान राम के मंदिर को बनने से कोई नहीं रोक सकता है। जब ढांचा ढहाने से कोई नहीं रोक पाया तो मंदिर बनाने से कौन रोकेगा। छह दिसंबर को कार सेवकों ने ढांचा ढहाने के बाद ईट का एक-एक टुकड़ा अपने साथ लेकर चले गए और अपने हिसाब से उसका इस्तेमाल किया।’

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मदर टेरेसा पर फिर हमला

बीजेपी सांसद यही नहीं रुके। उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में भारत रत्न मदर टेरेसा को लेकर भी टिप्पणी की। आदित्यनाथ ने कहा, ‘मदर टेरेसा धर्मांतरण करवाती थी। आज भी सेवा के नाम पर धर्मांतरण जारी है। टेरेसा के लोग भारत का इसाईकरण करने का काम करते हैं। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इन इसाईयों ने किस तरह से खतरनाक स्थ‍िति पैदा कर रखी है, इसे देखना है तो झारखंड, अरूणाचल, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय जाइए।’

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‘कैराना मामले पर किसी ने पुरस्कार क्यों नहीं लौटाया ?’

आदित्यनाथ ने कैराना के मामले पर दुख प्रकट करते हुए कहा, ‘हिंदू कब तक पलायन करेगा और वह जाएगा कहां ? पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदुओं को भगाया गया। तब किसी ने असहिष्णुता की बात नहीं की। तब किसी ने कोई पुरस्कार वापस नहीं किया।’

सरकार की सौगात: अब वाराणसी से दिल्ली दौड़ेगी बुलेट रेल

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2014 लोकसभा चुनाव के प्रचार से ही देश में बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य कार्यों में से एक था। उनके भाषणों में बुलेट ट्रेन की बातों से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार पीएम मोदी की संसदीय सीट वाराणसी को दिल्ली से जोड़ने के लिए इस महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान कर दिया गया है। मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के बाद अब दूसरी बुलेट ट्रेन दिल्ली-वाराणसी के बीच चलेगी। 782 किलोमीटर का यह सफर केवल दो घंटे चालिस मिनट में पूरा होगा।  प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के पीछे पीएम मोदी की रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है, ताकि यूपी में लोगों के बीच उनकी विकास करने वाली सरकार के रूप में छवि बने।  एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि भारतीय रेलवे ने प्रोजेक्ट के लिए एक स्पेनिश कंपनी से बातचीत की है। रेलवे कॉरिडोर के लिए काम करने वाली यह कंपनी नवंबर तक अपनी फाइनल रिपोर्ट जमा करा देगी।

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रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से लखनऊ (506 किलोमीटर) का सफर 1.45 घंटे में पूरा होगा। दिल्ली से कोलकाता (1513) का सफर 4.56 घंटे में पूरा होगा। दिल्ली वाराणसी रूट पर 43 हजार करोड़ और दिल्ली-कोलकाता रूट पर 84 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

स्वामी का विवादित बोल, रघुराम राजन को बताया कांग्रेसी एजेंट

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राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी एक बार फिर से अपने विवादित बयान की वजह से चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। स्वामी ने ट्वीट कर रघुराम राजन पर फिर से निशाना साधा है। अपने ट्वीट में उन्होंने राजन को कंग्रेसी एजेंट बताया है। उन्होंने कहा कि राजन का फैसला उनके आरोप को सिद्ध भी करता है।

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उन्होंने आरबीआई गवर्नर के उस फैसले पर टिप्पणी कहा कि, राजन ने कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद फिर से शिक्षा के क्षेत्र में लौट जाए। स्वामी ने कहा, ‘बीजेपी के सरकार में आने के बाद से ही राजन कांग्रेस के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे और उनका यह फैसला मेरे इश शक को सही साबित करता है।’

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कैराना मामले पर योगी आदित्यनाथ ने उगला ज़हर, कहा ’60 फीसदी आबादी हुई है कम।’

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भारत माता बनी व्यक्ति के शिक्षित और अशिक्षित होने का मापदंड

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Smriti Zubin Irani, HRD Minister of India and BJP leader.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां शुक्रवार को कहा कि कि भारत को मां मानने वाला ही शिक्षित कहा जाएगा। टुकड़े करने की बात करने वाला कतई नहीं। भारतीय शिक्षा पद्धति मनुष्य का निर्माण करती है और ऐसा नागरिक तैयार करती है, जिसमें राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव होता है। स्मृति ने ये बातें लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक संगोष्ठी में कही।

उन्होंने कहा, “कुछ अंग्रेजी पढ़े बुद्धिजीवी भारतीय शिक्षा पद्धति को संस्कृत का गुणगान कहते हैं तो कुछ पत्रकार इसे भगवाकरण, पर इससे शिक्षा में संस्कार भरने के लिए उठे कदम रुकने वाले नहीं हैं।” स्मृति ने यूथ इन एक्शन द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय और भारतीय शिक्षा पद्धति पर व्याख्यान दिया। संगोष्ठी के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि केंद्र की योजनाएं यूपी में जमीन पर नहीं उतर रहीं। साथ ही उन्होंने यूपी में महिला सुरक्षा पर भी चिंता जताई।

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुक्रवार को ईरानी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रकरण की ओर इशारा करते हुए लोगों से पूछा, “आप ही बताइए, भारत के टुकड़े करने वाला शिक्षित है या जननी जन्मभूमिश्च की अवधारणा मानने वाला। क्या ऐसा करने वाले भारतीय शिक्षा पद्धति से परिचित होंगे या जो भारत को माता के रूप में पूजते हैं।” स्मृति ने भारतीय शिक्षा पद्धति को समाज को एकजुट करने वाला बताते हुए कहा, “ऐसे उद्देश्य को लेकर दी जाने वाली शिक्षा ही समाज को एकसूत्र में बांधती है। देश को विकास पथ पर अग्रसर करती है।”

अपने विरोधियों व पत्रकारों पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा, “समाज के कुछ बौद्धिक लोग मुझे संस्कृत का गुणगान करने वाला कहते हैं। इसमें पत्रकारों का एक गुट शिक्षा के भगवाकरण करने का आरोप लगाता है। शायद इन्हें भारतीय शिक्षा पद्धति का ज्ञान ही नहीं है। अब आप ही बताइए, शिक्षित कौन? डिग्रीधारी, भौतिक जीवन जीने वाला या फिर समाज की एकता के लिए मानवीय रूप अख्तियार करने वाला।”

तो ये होंगी उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस का चेहरा, प्रियंका गांधी पर है महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की बिसात बिछना शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भी लगभग उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए अपने ब्राह्मण चेहरे का चुनाव कर लिया है। कांग्रेस के अधिकारिक सूत्रों के मुता‌बिक आज दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगी। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए शीला दीक्षित कांग्रेस की तरफ उम्मीदवार हो सकती हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 78 वर्षीय शीला दीक्षित उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का चेहरा हो सकती है।

कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश चुनावों की रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने पार्टी को सलाह दी थी कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का मुख्यमंत्री पद के लिए एक ब्राह्मण चेहरा उतारना चा‌हिए।

यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी की क्या होगी भूमिका

सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि, प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी का जनाधार, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी से बहुत पीछे है। प्रियंका गांधी ने खुद को अभी तक अमेठी और रायबरेली तक ही ‌सीमित रखा और यहीं पर चुनाव प्रचार किया है। यह दोनों संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के खाते में आते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी की मांग है और समय आ गया है कि प्रियंका गांधी पार्टी का प्रचार अन्य राज्यों में भी करें। उत्तर प्रदेश विधानसभा की 404 सीटों में से कांग्रेस के खाते में मात्र 30 सीट ही हैं।