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विवाह से पहले दूल्हे को मंडप से किया गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला…
बैतूल। बाल विवाह रोकने को लेकर चलाए जा रहे कई जागरूकता अभियानों के बाद भी मध्यप्रदेश में बाल विवाह पर रोक नहीं लग पा रही है। बैतूल जिले से हालही में एक मामला सामने आया है। जहां 25 साल के एक युवक का विवाह 14 साल की एक नाबालिग के साथ कराया जा रहा था।विवाह की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची टीम ने दूल्हे सहित दूल्हे और दुल्हन के पिता को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है।
ये मामला साईंखेड़ा थाना क्षेत्र के उमनबेहरा गांव का है। जहां पुलिस को डायल 100 पर इस विवाह के संबंध में सूचना प्राप्त हुई थी। सूचना मिलने के बाद एसडीओपी सृष्टि भार्गव के नेतृत्व में टीम गठित की गई जिसमें स्थानीय पुलिस, महिला बाल विकास अधिकारी और आंगनवाडी कार्यकर्ता को शामिल किया गया। टीम जब मौके पर पहुंची तो शादी हो रही थी।
अधिकारियों ने जब नाबलिग के उम्र से संबंधित दस्तावेज की मांग की तो परिजन दस्तावेज दिखाने में आनाकानी करने लगे। जिसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने रजिस्टर जांच कर किशोरी की सही उम्र का पता लगाया। दस्तावेज के अनुसार बालिका की उम्र 14 वर्ष 5 माह पाई गई। नाबालिग का विवाह नियम विरुद्ध पाया गया।
प्रभारी महिला बाल विकास अधिकारी की रिपोर्ट पर थाना सांईखेड़ा में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपी दूल्हे और उसके पिता के साथ दुल्हन के पिता को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बच्ची का शव बाइक पर ले जाने को मजबूर हुआ पिता, अस्पताल ने नहीं दिया शव वाहन
शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत के बाद एक पिता सिस्टम के रैवये के चलते शव को बाइक पर रखकर 60 किलो मीटर दूर का सफर तय करने के लिए निकल पड़ा। दरअसल, शहडोल के बुढ़ार ब्लॉक के कोटा गांव के निवासी लक्षमण सिंह गोंड की 13 साल की बेटी माधुरी सिकल सेल बीमारी से ग्रसित थी। उसे इलाज के लिए कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान सोमवार की शाम बच्ची की मौत हो गई।
परिजनों ने शव को गांव तक ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की तो अस्पताल प्रशासन ने कहा कि दूरी अधिक होने के कारण उन्हें शव वाहन नहीं मिलेगा। पिता निजी शव वाहन का खर्च नहीं उठा सकते थे। ऐसी स्थिति में वे खुद बेटी का शव लेकर बाइक में निकल पड़ा। इस मामले की जानकरी लगते ही कलकेटर मौके पर पहुंचीं और परिजनों को शव वाहन उपलब्ध कराया।
आदिवासी बाहुल्य शहडोल संभाग में इस तरह के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके सुधार करने के बजाय जिम्मेदार लोग ध्यान नहीं देते। इस पूरे मामले में कलेक्टर वन्दना वैद्य का कहना है कि जानकारी के अभाव में शव वाहन नहीं मिल पाया था। लेकिन फिर उन्हें शव वाहन उपलब्ध करा दिया गया। परिजन बच्ची के शव को लेकर गांव चले गए हैं।
सागर में धर्मांतरण का मामला आया सामने ! जांच में हुए बड़े खुलासे
मध्य प्रदेश के सागर में ईसाई मिशनरी सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम से बच्चों का धर्म परिवर्तन करने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि आश्रम में दाखिले के समय एक लड़की का नाम हिन्दू था और अब जब वह बालिग हो चुकी है तो उसका नाम क्रिश्चियन हो गया है।
बताया जा रहा है कि सेंट फ्रांसिस सेवा धाम आश्रम के खिलाफ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को शिकायत मिली थी। जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग की चार सदस्यों की टीम मंगलवार को सेवाधाम आश्रम पहुंची।
जांच के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि सेवाधाम की जांच में बहुत सी खामियां मिली। जिसमें आश्रम में तीन अलग-अलग प्रकार के संस्थान चालू मिले है। सबसे ज़्यादा अनिमितता बालक और बालिका छात्रवास में मिली है। एक ही छात्रावास में लड़के और लड़कियों को रखा गया था। साथ ही एक पंजीयन पर दो संस्थान चल रहे थे।
आगे कहा कि बाल गृह में बड़ी उम्र के बच्चे भी छोटे बच्चे के साथ रह रहे थे। बच्चे कई सालों से यहां रह रहे थे। इनके परिवार के संबंध में इनके पास कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं है। एक बच्चे से उसके परिवार के बारे में पूछने पर उसके पास पूरी जानकारी थी और उसको अपने घर का पता भी मालूम था।
वहीं आश्रम के रजिस्टर में चेक करने पर पाया गया इस बच्चे से संबंधित कोई भी जानकारी इनके पास नहीं थी। बच्चों को कई वर्षों से यहां रखा गया है, जबकि बच्चों के मां-बाप को ढूंढ कर उनको उनके मां-बाप को सौंप देना चाहिए।
प्रियंक ने बताया कि सेंट फ्रांसिस सेवाधाम में विदेशों से डॉलर के रूप में उगाही की जानकारी मिली है। जो बच्चों की फोटो भेजकर स्पॉन्सरशिप के नाम पर लिए गए हैं। ऐसे दस्तावेज भी मिले जो न तो हिंदी में हैं और न ही अंग्रेजी में। कुछ मलयालम भाषा के हैं तो कुछ लैटिन भाषा में दस्तावेज मिले हैं।
इसके अलावा निरीक्षण के दौरान एक कमरे से शराब की बोतलें भी मिली हैं। खेती से होने वाली पैदावार व अनाज बच्चों के कमरे में ठूंसा गया था। यह जांच का विषय है कि इनसे कहीं बालश्रम तो नहीं कराया जा रहा।
पेड़ पर झूलती मिली युवक-युवती की लाश, पुलिस मामले की जांच में जुटी
बड़वानी। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के राजपुर थाना क्षेत्र से हैरान करने वाला मामला आया है, जहां मोरगुण रोड़ के पास बने एक खेत में एक पेड़ पर अज्ञात युवक और युवती की लाश फांसी के फंदे पर झूलती मिली। इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
राजपुर थाना प्रभारी यशवंत बड़ोले के अनुसार शवों की पहचान नहीं हो पाई है। बाकी कि कार्रवाई पीएम रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी। पुलिस मृतकों की पहचान को लेकर आसपास के गांवों में पूछताछ कर रही है।
महिला को जलाकर मारने वाले भाई-बहन को हुई आजीवन कारावास, पानी भरने को लेकर हुआ था विवाद
सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर में हैंडपंप पर पानी भरने को लेकर हुए विवाद में एक महिला को जलाकर मारने के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कंचन सक्सेना आष्टा ने बड़ा फैसला सुनाया है। द्वितीय अपर सत्र न्यायालय आष्टा ने मामले में आरोपी भाई-बहन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।
अदालत ने आरोपी तीतला बाई उर्फ उर्मिला पत्नी भूपेंद्र (30) और रवि पिता मेहरबान सिंह (24) को धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों आरोपियों पर पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। दोनों आरोपी सीहोर के देवली थाना सिद्दीकगंज के रहने वाले हैं।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी देवेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार 18 मार्च 2021 को ग्राम देवली में मृतका और आरोपी रवि के बीच में हैंडपंप से पानी भरने को लेकर हुए विवाद में गाली-गलौज हो गई। धीरे-धीरे बात हाथापाई तक पहुंच गई। उसी समय रवि की बहन तीतला बाई मौके पर पहुंचकर महिला के साथ गाली-गलौज करने लगी। महिला जब अपने घर की ओर जाने लगी तभी तीतला बाई भी उसके पीछे-पीछे उसके घर पहुंच गई।
घर के अंदर कमरे में तीतला बाई और महिला के बीच झूमा झटकी हुई। फिर तीतला बाई ने वहीं कमरे में एक बर्तन में रखे केरोसिन तेल को महिला के शरीर पर डालकर आग लगा दी। चीख-पुकार की आवाज सुनकर घर के बाहर काम कर रही मृतका की मां (फरियादी) घर के अंदर पहुंची। उसे देखकर तीतला बाई वहां से भाग गई। कुछ देर बाद तीतला का भाई आया और महिला को आग से जला हुआ देखकर भाग गया।
अभियोजन अधिकारी ने आगे बताया कि इसके बाद महिला को परिजन इलाज के लिए अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान 21 मार्च 2021 को हमीदिया अस्पताल भोपाल में उसकी मौत हो गई। पुलिस थाना सिद्दीकगंज ने आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 120बी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पूरी जांच के बाद अभियोजन पत्र न्यायालय में एसटी क्र 95/21 पर पंजीबद्ध किया गया।
ऑनलाइन जुए को लेकर सख्त प्रदेश सरकार, बढ़ते अपराध को रोकने के लिए उठाया ये कदम…
मध्यप्रदेश सरकार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जल्द ही ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त कानून बनाएगी। प्रदेश में अब जुआ अधिनियम 2023 बनाया जाएग जिसमें ऑनलाइन गैम्बलिंग (online gambling) पर कार्रवाई के नियम होंगे। इसकी जानकारी देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वर्तमान में मध्यप्रदेश जुआ अधिनियम 1876 के तहत ऑनलाइन गैंबलिंग पर कार्रवाई के कोई प्रावधान नहीं है।
अब शासन ने निर्णय लिया है कि वर्तमान जुआ अधिनियम के स्थान पर मध्यप्रदेश जुआ अधिनियम-2023 बनाया जाएगा। जिसमें ऑनलाइन जुए के अपराध को रोकने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कई प्रावधान शामिल किए जाएंगे। सीएम ने बताया कि ऑनलाइन गैंबलिंग एक बड़ी समस्या बन गई है। ऑनलाइन जुए की लत और इससे बढ़ती आत्महत्याओं की घटना के बाद मध्यप्रदेश सरकार पिछले काफी समय से 1876 के जुआ अधिनियम के स्थान पर नए कानून बनाने की बात कर रही थी, जिस पर बुधवार को मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी।
शिवराज सरकार चिटफंड कंपनियों को लेकर सख्त है। शिवराज ने कहा कि चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई जारी रहेगी। लोगों के पैसे वापस लाने के लिए एडीजी की अध्यक्षता में विशेष सेल बनाया जाएगा। ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर प्रदेश में बनाए जा रहे नए कानून के प्रारूप को गृह विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है और अब जल्द ही यह जुआ अधिनियम-2023 के रूप में मूर्त रूप ले सकता है।
इंदौर की युवती ने की आत्महत्या, धर्म परिवर्तन कर शादी करने का बनाया जा रहा था दबाव
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में लव जिहाद (love jihad) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां पीड़िता ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी है। इस मामले की जानकारी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लगी जिसके बाद उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच और आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग उठाई है।
जानकारी के अनुसार इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र में लव जिहाद का मामला सामने आया है, यहां रहने वाले युवक असद द्वारा हिंदू लड़की पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था। इस बात से परेशान होकर युवती ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि युवक द्वारा युवती के कुछ अश्लील फोटो को वायरल करने की भी धमकी दी जा रही थी। युवक पीड़िता को लगातार परेशान करने लगा था जिससे तंग आकर उसने जहर खा लिया।
जब इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी परिजनों को लगी तो वे उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, घटना की जानकारी जब बजरंग दल कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की, और आरोपी के खिलाफ सख्त करवाई की मांग की है। पुलिस अधिकारी ने इस घटनाक्रम को लेकर बताया कि पूरे ही मामले में जांच पड़ताल की जा रही है और जांच के बाद आरोपी युवक के खिलाफ सख्त धाराओ में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की जाएगी।
हाईकोर्ट ने बढ़ाई पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह की चिंता ! अपहरण कर मारपीट करने का लगा आरोप
मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां चरम पर हैं। इसी बीच कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मारपीट और धमकाने के मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे व कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (Jaivardhan Singh) को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने इस मामले में जयवर्धन सिंह को पक्षकार बनाया है। पुलिस ने एफआईआर में पूर्व मंत्री जयवर्धन को आरोपी नहीं बनाया था। जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला 2015-16 का है। विजयपुर की फैक्ट्री में लेबर सप्लायर विश्वंभर लाल के साथ राघोगढ़ के किले में मारपीट हुई थी। जिसके बाद विश्वंभर ने जयवर्धन सिंह पर अपहरण कर मारपीट का आरोप लगाया था, उसने थाने में भी शिकायत की।
लेकिन पुलिस ने एफआईआर में जयवर्धन को आरोपी नहीं बनाया था। जिसके बाद पीड़ित ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं विश्वंभर लाल ने वकील के माध्यम से एक याचिका दायर की। बुधवार को ग्वालियर हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जयवर्धन को भी अब पक्षकार बनाया है। बताया जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई दो दिन बाद यानी 21 अप्रैल को होगी।
शर्मसार कर देने वाली घटना, सगे भाई ने किया नाबालिग बहन के साथ दुष्कर्म
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, एक सगे भाई ने कथित तौर पर अपनी नाबालिग बहन को अगवा किया और फिर रिश्तेदार के घर ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। फिलहाल परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिजनों के अनुसार, उनकी 17 साल की नाबालिग लड़की घर से लापता हो गई थी। जब लड़की का काफी समय तक तलाश करने पर भी कुछ पता नहीं चला तो परिवार ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। किशोरी के लापता होने की खबर से पुलिस ने तुरंत लड़की की तलाश तेज कर दी। पुलिस के प्रयास के बाद कुछ ही घंटों में लड़की को बरामद कर लिया गया।
पुलिस द्वारा पूछताछ में किशोरी ने जो बताया उसे सुनकर सभी दंग रह गए। लड़की ने बताया कि उसके सगे भाई ने उसका अपहरण किया फिर दुष्कर्म को अंजाम दिया। पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी भाई को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट सहित आईपीसी की कई अन्य धाराओं में केस दर्ज करके आगे की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस इस मामले में रिश्तेदार की भूमिका की भी जांच कर रही है।
अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों शूटरों से SIT करेगी पूछताछ
प्रयागराज। अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में आरोपी तीनों शूटरों को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी में है। अब एसआईटी (SIT) जल्द ही तीनों आरोपियों से पूछताछ करेगी। इसके साथ ही घटनास्थल पर ले जाकर हत्याकांड को रिक्रिएट करेगी। SIT जांच में ADC क्राइम, ACP, इंस्पेक्टर SIT शामिल हैं।
बता दें कि अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटर अरुण मौर्य, सन्नी सिंह और लवलेश तिवारी को प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया था। पुलिस ने तीनों की कोर्ट से रिमांड भी मांगी थी, लेकिन इस पर सुनवाई न हो सकी। अब कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिए भेजा है।
जानकारी के अनुसार अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों शूटरों को नैनी जेल से प्रतापगढ़ जिला कारागार में शिफ्ट कर दिया गया है। शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य 15 अप्रैल को घटना के तुरंत बाद मौके से ही पकड़ लिए गए थे। रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था जहां रिमांड मंजूर होने पर नैनी जेल भेज दिया गया था।