Sunday, September 24, 2023
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अंतिम संस्कार के बाद घर लौटा मृत कोरोना मरीज, चौकाने वाला मामला आया सामने

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धार। कोरोना महामारी ने देश-दुनिया को हिला कर रख दिया था। कोरोना की चपेट में आने से व जाने कितने परिवार और कितनी ज़िंदगियां तबाह हो गई थीं। लाखों लोग काल के गाल में समा गए। महामारी के चलते अव्यवस्था इस क़दर फैली कि लोगों के शव बदलने तक के मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य सुविधाएं कमज़ोर पड़ गयी थीं। एक बार फिर प्रदेश के धार से कोरोना से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।

मध्यप्रदेश के धार में रहने वाले कमलेश नाम के व्यक्ति को कोरोना की दूसरी लहर में मृत घोषित कर दिया गया था। अब कमलेश दो साल बाद वापस लौट आया है। कमलेश के लौटने से जहां घरवाले खुश हैं वहीं आस-पड़ोस के लोग हैरान हैं।

साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 30 साल का कमलेश भी कोरोना से संक्रमित हुआ था। तब अस्पताल ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया था। तत्काली एडवाइजरी के कारण कमलेश का शव परिजनों को नहीं सौंपा गया था। कोरोना नियमों के तहत प्रशासन ने कमलेश की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार की खबर परिवार वालों को दी थी।

अब दो साल बाद जब कमलेश घर लौटा तो कमलेश का बुरा हाल था और वह अब भी सकते में है। दरअसल कमलेश को एक गिरोह ने अहमदाबाद में बंधक बना लिया था। उसे हर दिन नशे का इंजेक्शन दिया जाता था। कमलेश की वापसी ने प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। कमलेश की वापसी की जानकारी मिलते ही प्रशासन भी एक्टिव हो गया है। अधिकारियों के अनुसार मामले में पड़ताल की जा रही है।

Around 700 cases booked for Corona curfew violation

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Telangana: As the nation undergoing with the second corona wave, covid protocols went for a toss in Hyderabad’s Charminar market on Thursday. Large number of people were seen shopping and flouting covid norms of maintaining social distancing and wearing face masks.

After this, the city police registered the cases against the violators. DCP South Zone says, “There have been some violations in some parts of the city & we have been booking a lot of cases against such violators, especially in and around Charminar.”

“Since 20th April, night curfew implemented in Hyderabad city & all over Telangana. We’ve booked 698 cases for not wearing masks, 146 cases for not maintaining social distancing norms, 4 cases of large public gatherings, 253 cases of night curfew violation”, DCP South Zone added.

स्पूतनिक का लाइट वर्जन सिंगल डोज में ही कर देगा कोरोना का काम तमाम

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रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक ने गुरुवार को कहा कि स्पूतनिक V का लाइट वर्जन सिंगल डोज में ही कोरोना वायरस का काम तमाम कर देगा।

रूस के मुताबिक स्पूतनिक V का लाइट वर्जन सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन है जो कि 80 फीसदी तक प्रभावी है। जो कि दो डोज वाले टीकों की तुलना में अधिक है।

स्पूतनिक वी के सूत्रों के अनुसार वैक्सीन के लाइट वर्जन से टीकाकरण को गति मिलेगी जो महामारी को फैलने से रोकने में मदद करेगा।

स्पूतनिक ने कहा कि वैक्सीन के लाइट वर्जन ओवरआल 79.4 फीसदी रही है। 91.7 फीसदी लोगों में मात्र 28 दिन के भीतर वायरस से लड़ने की एंटीबॉडी बन गई। कंपनी ने कहा कि 100 फीसदी लोग जिनके शरीर में पहले से इम्यूनिटी थी उनको वैक्सीन लेने के बाद शरीर का एंटीबॉडी लेवल 10 दिन में 40 गुना बढ़ गया 

आपको बता दें कि रूस की वैक्सीन स्पूतनिक V के इस्तेमाल को भारत सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। जिसके बाद उसकी पहली खेप भी भारत पहुंच गई है।

1.5 लाख डोज लेकर रूसी विमान शनिवार को करीब 4 बजे हैदराबाद में लैंड किया। इसके साथ ही देश को कोरोना के खिलाफ तीसरा हथियार मिल गया है। आज ही देश में टीकाकरण के पहले फेज की शुरुआत हुई है, जिसे स्पूतनिक वी के आने से तेजी मिलेगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ते कोरोना को लेकर कहा, प्रदेश में अप्रैल के अंत तक हो सकते है 1 लाख एक्टिव मरीज

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मध्य प्रदेश में बेकाबू हो रहे कोरोना वायरस को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अप्रैल के अंत तक राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या एक लाख पहुंच सकती है। जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है इससे मरीजों की संख्या इस महीने के अंत तक एक लाख तक पहुंच सकती है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों में कोरोना केयर सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इंदौर व भोपाल में अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल भवनों का पता लगा रहा है, जहां इस प्रकार की सुविधा बनायी जा सके।

ऑक्सीजन की बढ़ी डिमांड पर कहा

उन्होंने ने कहा, ‘तीन दिन पहले तक प्रतिदिन 60 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती थी। शुक्रवार को प्रदेश में 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।

गुरुवार को 2000 रेमडेसिवीर मिले


इस पर कहा, ‘हमें गुरुवार को 2000 इंजेक्शन (रेमडेसिवीर) मिले हैं। प्रदेश सरकार ने एक लाख इंजेक्शन खरीदने का निर्णय लिया है और यह मिलना शुरु हो गया है। उनके अनुसार प्रदेश सरकार वेंटिलेटर की भी व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा, ” केंद्र से हमें जल्द ही 350 वेंटिलेटर मिलेंगे। 

अनावश्यक बाहर नहीं निकलने की अपील


मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के फैलने से रोकने में मदद के लिए लोगों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी की प्रदेश में स्थिति पर वह शनिवार को जिला आपदा प्रबंधन समितियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगा को-वैक्सीन का दूसरा डोज

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कोरोना वायरस की दूसरी लहर बढ़ती जा रही है। लोगों से ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगवाने की अपील की जा रही है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली के एम्स में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई है। इससे पहले पीएम मोदी को भारत बायोटेक की देश में विकसित को-वैक्सीन की पहली डोज एक मार्च को लगी थी।

पीएम मोदी ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी। पीएम मोदी ने ट्वीट करके लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज AIIMS में मुझे कोरोना वैक्सीन की मेरी दूसरी खुराक मिली। टीकाकरण हमारे पास वायरस को हराने के कुछ तरीकों में से एक है। अगर आप वैक्सीन लगवाने के लिए योग्य हैं तो जल्द ही Cowin.Gov.In पर रजिस्ट्रेशन करा कर वैक्सीन लगवाएं।’

इसके साथ साथ उन्होंने लोगों से अपील की , अगर आप वैक्सीन के लिए योग्य हैं तो CoWin ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाकर टीका लगवाएं , वैक्सीनेशन ही उन रास्तों में से एक है, जिसके जरिए वायरस को हराया जा सकता है। बता दें कि देश में वैक्सीन की अब तक 9 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं।

मध्यप्रदेश में जिला और तहसील स्तर पर बनाएंगे कोविद केयर सेंटर

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए मध्य प्रदेश के सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर प्रारंभ करने के निर्देश दिए है। उन्होंने शुरुआत में कहा था कि हम प्रदेश में अलग से कोविड केयर सेंटर शुरू नहीं करेंगे बल्कि अपने अस्पतालों को बेहतर बनाएंगे।

आज मिंटो हॉल परिसर से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर जिले में कोविड केयर सेंटर प्रारंभ किया जाए। जिन जिलों में आवश्यकता है वहाँ विकासखंड और तहसील स्तर पर भी आइसोलेशन सेंटर तथा आवश्यक चिकित्सा सुविधा विकसित की जाएँ।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी मेडिकल कॉलेज अपने यहाँ हैल्पडेस्क स्थापित करें और कोरोना के संबंध में लोगों की मदद करें। आवश्यकता होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मरीज से डॉक्टर की बातचीत भी करवाई जाए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया बड़ा बयान , कहा लॉकडाउन लगाना नहीं है कोरोना से बचने का उपाय

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मुख्यमंत्री(Chief Minister) शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chouhan) आज भोपाल(Bhopal) के विभिन्न जगहों पर जाकर मास्क(Mask) लगाने तथा कोरोना(Corona) संबंधी सावधानियों(Safety) का पालन करने की जनता से अपील की। उन्होंने अलग अलग जगह जाकर लोगों से कहा कि ‘मैं आपका सेवक और आपसे हाथ जोड़ कर अपील करता हूँ कि कोरोना को हराने के लिए मास्क अवश्य लगाएँ, एक दूसरे के बीच सुरक्षित दूरी रखें तथा बार-बार हाथ धोएं एवं सैनिटाइज करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा कर्त्तव्य है कि कोरोना के विरुद्ध अभियान में हर व्यक्ति शामिल हो। सभी के सक्रिय सहयोग से ही हम कोरोना को प्रभावी रूप से शीघ्र हरा पाएँगे। इस अभियान में स्वयं शामिल हों, अपने परिवार को शामिल करें तथा दूसरों को प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए दो महत्वपूर्ण कार्य करें ‘मास्क नहीं तो बात नहीं’, ‘मास्क नहीं तो सामान नहीं।’ आप किसी भी ऐसे व्यक्ति से बात न करें जो मास्क न लगाए हो। यदि आप सामान लेने बाजार जाते हैं और दुकानदार ने मास्क नहीं लगाया है तो आप उस दुकानदार से सामान न खरीदें।

मुख्यमंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। हमने कोरोना की जाँच, उपचार आदि की पूरी व्यवस्था अस्पतालों में की हैं। परंतु हम चाहते हैं कि कोरोना का संक्रमण फैले ही नहीं।

मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन को लेकर कहा कि इससे अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो जाती है। लोगों के धंधे चौपट हो जाते हैं।हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते। उन्होंने बताया कि हम सब पूरी सावधानियाँ बरतें और कोरोना को हराएं।

इस दौरान मुख्यमंत्री आनंद नगर, गांधी मार्केट, पिपलानी, गांधी चौराहा, बरखेड़ा स्थित विजय मार्केट, महाराणा प्रताप नगर, बोर्ड ऑफिस चौराहा, 6 नंबर, 7 नंबर और 10 नंबर मार्केट, विट्टन मार्केट, रविशंकर मार्केट, शिवाजी नगर, पंचशील नगर, हर्षवर्धन नगर, माता मंदिर चौराहा, न्यू मार्केट, रोशनपुरा चौराहा आदि बाजारों में गये और आम नागरिकों को समझाइश देकर कोरोना के विरूद्ध अभियान में सहयोग का अनुरोध किया।

सरकार ने प्राइवेट लैब और अस्पताल में हो रहे कोरोना टेस्ट के दाम किए तय

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प्राइवेट लैब में हो रहे कोरोना संक्रमण की जांच के दामों को सरकार ने आज पुन निर्धारित कर दिया। सरकारी अस्पतालों में टेस्ट पूरी तरह से निशुल्क हो रहे हैं, लेकिन कुछ लोग प्राइवेट अस्पतालों और लैब्स में भी टेस्ट करवा रहे हैं। ऐसे में प्राइवेट लैब्स और अस्पतालों द्वारा लोगों से ज्यादा वसूली न कि जा सके इसको लेकर आज दामों का संशोधन सरकार द्वारा किया गया है।

सरकारी के तय किए दामों के मुताबिक अब मध्यप्रदेश में RT-PCR से कोरोना की जांच अगर प्राइवेट लैब में जा कर करवाई जाती है तो 700 और रैपिड एंटीजन टेस्ट 300 रुपए प्रति व्यक्ति जांच शुल्क देना होगा। यदि मरीज के घर जा कर सैम्पल कलेक्ट किया जाता है तो उसके लिए 200 रुपए अतिरिक्त चार्ज देना होगा। उक्त शुल्क में सैंपल कलेक्शन, ट्रांसपोर्ट शुल्क, पीपीई किट एवं अन्य समस्त सुविधा शुल्क सम्मिलित है।

भारत सरकार और राज्य सरकार एवं आईसीएमआर द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रोटोकॉल एवं गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।प्राइवेट लैब्स और अस्पतालों द्वारा किए गए कोविड टेस्ट की रिपोर्ट राज्य सरकार और ICMR के पोर्टल पर साझा की जाएगी। टेस्ट की रिपोर्ट आते ही संबंधित मरीज को तत्काल सूचना दी जाएगी। कोविड-19 की RT- PCR जाच एवं रैपिड एंटीजन टेस्ट के संबंध में सैंपल लेते समय ही संबंधित व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर की पूरी जानकारी rt-pcr ऐप पर अपलोड की जाएगी। उक्त सूचना को गोपनीय रखा जाएगा।

मध्यप्रदेश सरकार पर लग रहा है बड़ा आरोप, छुपा रही है कोरोना से हुई मौत के आंकड़े

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मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) में शिवराज सरकार(Shivraj Government) पर कोरोना(Corona) से मौत(Death) के आंकड़े छिपाने का बड़ा इल्ज़ाम लग रहा है। इस इल्ज़ाम की एक मिसाल खुद भोपाल में पिछले दिनों हुईं अंत्येष्टि से समझा जा सकता है। 6 दिनों में भोपाल के श्मशान और कब्रिस्तान में कुल 102 कोरोना के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन सरकारी रिकॉर्ड देखा जाए तो केवल 6 मारीजों की कोरोना के कारण हुई मौत दर्ज है।

ऐसा बताया जा रहा है कि 27 मार्च से 1 अप्रैल के बीच अकेले भदभदा विश्राम घाट में कोरोना के 84 शवों की अंत्येष्टि की गई है। लेकिन भोपाल के बाहरी शवों को हटाकर अकेले भदभदा में 41 ऐसे शवों का अंतिम संस्कार किया गया है जो कि भोपाल के ही थे। शहर के दूसरे विश्राम घाट सुभाष नगर विश्राम घाट में कोरोना के 9 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।  

कुछ ऐसी ही स्थिति राजधानी के झदा कब्रिस्तान की भी है। झदा कब्रिस्तान में कोरोना के 9 शवों को दफनाया गया, इसमें 5 शव कोरोना के थे। ज़ाहिर है जब इन 6 दिनों के अंतराल में जब राजधानी में कोरोना से केवल 6 मौतें ही हुई, तब ऐसी स्थिति में 100 से भी अधिक कोरोना के शवों की अंत्येष्टि कैसे हो गई। 

कोरोना से मौत होने की संख्या इतनी ज़्यादा है कि एक ही एम्बुलेंस कोरोना के 5-6 शवों को लादकर लाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भदभदा विश्राम घाट में तो रोज़ाना 14-15 की संख्या में कोरोना के शवों को अंत्येष्टि के लिए लाया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री शिवराज का बड़ा बयान, कहा महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ की भी सीमाओं को किया जाएगा सील

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मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस बेकाबू हो गया है। संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। लगभग 30 जिलों में कोरोना वायरस के 20 से ज्यादा केस मिले हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि छत्तीसगढ़ से लगी राज्य की सीमाएं सील कर दी गई है। इससे पहले महाराष्ट्र से लगी सीमा पहले ही सील हो चुकी थी।

शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ते कोरोनावायरस को लेकर कहा कि जरूरत पड़ी तो उन जगहों पर लॉकडाउन लगाया जाएगा जहां 20 से ज्यादा संक्रमित पाए जाएंगे। सरकार का अनुमान है कि अप्रैल के आखिर तक कोरोना अपने पीक पर पहुंच सकता है। इसे देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और कहा कि कोरोना के फीवर क्लिनिक दुबारा बनाये जाएंगे।

प्रदेश में पहला कोरोना संक्रमित 18 मार्च को जबलपुर में मिला था। इसके बाद से यह संख्या हर दिन बढ़ती गई लेकिन वर्ष 2020 में सितंबर से नवंबर का महीना ज्यादा घातक रहा। इस अवधि में एक से दो लाख संक्रमितों की संख्या महज 71 दिन में ही पूरी हो गई थी।

भले ही प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हो, लेकिन सरकारी बुलेटिन के मुताबिक मौत की संख्या नियंत्रित है। प्रदेश में पहले एक लाख मरीजों पर मौत की संख्या 1901 थी, जबकि दूसरे एक लाख मरीजों पर 1330 लोगों की मौत हुई थी। अब तीसरे एक लाख संक्रमितों के मुकाबले मरने वालों का आंकड़ा 805 है। यानी प्रदेश में मृत्यु दर कम है जबकि संक्रमण दर अधिक है।