राजस्थान में कांग्रेस का राजनैतिक संकट अब भी बना हुआ है लेकिन बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों की ओर से कांग्रेस को कुछ राहत जरूर मिली है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को उनकी ही पार्टी के विधायकों से बड़ा झटका लगा है। राजस्थान BSP के विधायकों ने साफ कर दिया कि वो कांग्रेस के साथ हैं।
दरअसल आज सुबह खबर आयी कि BSP ने अपने विधायकों को लेकर एक व्हिप जारी किया है, जिससे कांग्रेस के लिए संकट की स्थिति बन सकती थी, लेकिन बाद में राजस्थान BSP विधायकों ने साफ कर दिया कि वो कांग्रेस के साथ हैं। यहां तक कह दिया कि वो अब कांग्रेस में हैं, क्योंकि राजस्थान के सभी 6 BSP विधायकों का कांग्रेस में पहले ही विलय हो चुका है। विधायकों ने BSP प्रमुख मायावती पर भी आरोप लगाया कि उन्हें अब उनकी याद आ रही है।
राजस्थान BSP विधायक लखन सिंह ने कहा, हम पहले ही 6 के 6 विधायक कांग्रेस में विलय कर चुके हैं। 9 महीने के बाद अब BSP को याद आई है। लखन सिंह ने भाजपा भी पर निशाना साधा और कहा, ये BSP नहीं, BJP के कहने से मैनेज किया हथकंडा है। उसी आधार पर ये व्हिप जारी किया गया है उसी आधार पर ये कोर्ट जा रहे हैं। उन्होंने नोटिस भेजे जाने पर कहा, हमें मीडिया से पता चला है कि उन्होंने (BSP) कोई नोटिस भी दिया है पर हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। हम कांग्रेस के साथ हैं चाहे कोई भी परिस्थिति आए।
इधर राजस्थान हाईकोर्ट से इसी मुद्दे पर भाजपा को भी बड़ा झटका लगा है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने बसपा के छह विधायकों का कांग्रेस के साथ विलय किये जान के खिलाफ भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका को खारिज कर दिया।
गौरतलब हो आज राजस्थान में भाजपा विधायक मदन दिलावर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की प्रति पाने की मांग को लेकर सोमवार को विधानसभा सचिवालय में कुछ देर के लिए धरने पर बैठे। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने राज्य में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर आपत्ति जताते हुए इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को दी थी। दिलावर के अनुसार, अध्यक्ष ने उनकी याचिका का निस्तारण कर दिया, लेकिन उन्हें उसकी प्रति नहीं मिली।