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बिलासपुर में मायावती ने रैली को किया सम्बोधित,कहा पूर्ण बहुमत से बनेगी जोगी-बसपा सरकार

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छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में गठबंधन हुआ है। जोगी कांग्रेस से गठबंधन के बाद बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पहली बार शनिवार को बिलासपुर में हुई संयुक्त रैली को सम्बोधित किया है। महारैली को संबोधित करते बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा।

बिलासपुर के मंच से मायावती ने दावा किया कि इस बार पूरे बहुमत से छत्तीसगढ़ में बसपा-छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी की सरकार बनेगी। इस विशाल रैली में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी प्रमुख अजीत जोगी भी शामिल हुए। प्रदेश में जोगी कांग्रेस 55 और बसपा 35सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

मायावती ने कहा आगे कहा, छत्तीसगढ़ में चुनाव को घोषणा को चुकी है। गठबंधन के लोगों की पूरी कोशिश होनी चाहिए कि हमारी पूर्ण बहुमत से सरकार बन सके। मायावती ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्कों का शोषण हो रहा है। उनके विकास के लिए कोई कार्य नहीं किए गए। नोटबंदी ने लोगों की कमर तोड़ दी है। देश में फैले भ्रष्टाचार से लोग परेशान है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि राफेल और बोफर्स घोटाले के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही हैं, गौरक्षक के नाम पर बने कानून का दुरुपयोग हो रहा है।

नाव पर सवार होकर आ रहीं अंबे कांग्रेस की नाव पार लगाएगीं या हाथी पर जाने से होगा नुकसान

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इस वर्ष की शारदीय नवरात्रि पर मां अंबे का आगमन नाव पर हो रहा है। नाव पर सवार मां अंबे मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों में क्या कांग्रेस का सत्ता से वनवास समाप्त कर देगीं या फिर हाथी की उपेक्षा महंगी पड़ जाएगी। मां जगदंबा की वापसी भी इस बार हाथी पर बैठ कर हो रही है। मां अंबे का नाव पर आगमन पूरे देश के लिए अच्छे दिन आने का संकेत देने वाला है। क्या ये अच्छे दिन कांग्रेस की हिन्दी भाषी तीन राज्य मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार में वापसी से आएंगे? कांग्रेस को इस सवाल का जवाब अपनी भक्ति के जरिए वोटर को खुश करके मिल सकता है। कांग्रेस को इन तीन राज्यों में अपने हाथ के कमाल पर ही भरोसा है। कांग्रेस ने अपनी नाव किनारे लगाने के लिए न तो साइकल की सवारी की है और न ही हाथी पर बैठने की हिम्मत दिखाई है।

मायावती और अखिलेश यादव को कांग्रेस ने किया है निराश

वैसे तो पिछले पांच विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने का काम शारदीय नवरात्रि के बाद ही होता है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार इस मौके का उपयोग अपने चुनाव प्रचार के लिए करते हैं। इस वार की नवरात्रि पर जगदंबा नाव पर सवार होकर आ रहीं हैं। इस कारण राजनीतिक दलों के लिए यह नवरात्रि ज्यादा खास हैं। चुनाव वाले तीनों हिन्दी भाषी राज्यों में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी और मायावती मिलकर मुकाबला त्रिकोणीय बनाने का पूरा प्रयत्न कर रहे हैं। मायावती को अजीत जोगी का साथ कांग्रेस द्वारा हाथ आगे न बढ़ाए जाने के कारण लेना पड़ा है।

मायावती इस उम्मीद में थीं कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जो महागठबंधन तैयार करना चाहते हैं,वह तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में बसपा को साथ लिए बगैर नहीं बन सकता। मायावती इंतजार करतीं रहीं,कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार ही नहीं किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ कहते हैं कि मायावती वो सीटें चाहतीं थीं, जिन पर उन्हें हजार-दो हजार वोट ही पिछले चुनाव में मिले थे। दरअसल मायावती कांग्रेस के वोट के जरिए अपनी नाव पार लगाना चाहतीं थीं। कांग्रेस को लग रहा था कि इस गठबंधन से सत्ता मिल भी गई तो उसका रिमोट मायावती के हाथ में चला जाएगा।

अखिलेश यादव की उम्मीद भरी निगाहों को कांग्रेस ने अनदेखा कर दिया। अखिलेश यादव से कांग्रेस ने समझौते के संकेत तो दिए लेकिन, सहमति का जवाब नहीं भेजा। नतीजा समाजवादी पार्टी को अपनी नाव को बचाने के लिए अकेले ही चुनाव का चप्पू चलाना पड़ रहा है।

कांग्रेस को उम्मीद कि आरक्षित वर्ग और मुस्लिम के साथ लगेगी नाव पार

बसपा प्रमुख मायावती के हाथी को नाराज करने के बाद यह माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस को नुकसान होगा। कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आने से चूक सकती है। इस तरह की अटकलों का आधार बसपा के प्रतिवद्ध वोट बैंक के कारण लगाया जा रहा है। राज्य में बसपा की ताकत निरंतर कम हो रही है। बसपा को पिछले चुनाव में सिर्फ चार सीटें ही मिलीं थीं। जबकि वह नौ सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी। बसपा जिन सीटों पर नबंर दो पर रही थी ये श्योपुर,सुमावलीमुरैना,भिंड,महाराजपुर,पन्ना,रामपुर बघेलान,सेमरियादेबतालाव तथा रीवा विधानसभा सीट हैं।

पहले उत्तरप्रदेश के चुनाव फिर एट्रोसिटी एक्ट का सवर्णों द्वारा किए जा रहे विरोध के बाद कांग्रेस इस नतीजे पर पहुंची है कि अनुसूचित जाति वर्ग मायावती का साथ छोड़ रहा है। कांग्रेस का अनुमान है कि यह वर्ग भाजपा से नाराज है। इस कारण वह ऐसे दल को वोट देना चाहेगा जो सरकार बना सकता है। तीनों हिन्दी भाषी राज्यों में बसपा अकेले अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।

राजस्थान में कांग्रेस को लग रहा है कि हर पांच साल में होने वाले सत्ता परिवर्तन में वोटर इस बार भाजपा को विपक्ष में बैठाएंगे। जबकि छत्तीसगढ़ में माया-जोगी के गठबंधन को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के वोटर अभी विश्वास करने की स्थिति में नहीं है। वहीं सपा की स्थिति तीनों ही राज्यों में सिर्फ सांकेतिक ही मानी जा रही है। कांग्रेस में यह डर भी देखने को मिल रहा है कि कहीं हाथी सत्ता आने के सपने को कुचल न दे?

क्या अब कांग्रेस पर खीज उतार रहे हैं अखिलेश यादव,इच्छुक नेताओं को देंगे टिकट

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कांग्रेस से चुनावी समझौते की बात न बन पाने के बाद अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। सोमवार को खजुराहो में हुई बैठक के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने की इच्छा के साथ उनके पास आता है तो वे जरूर टिकट देंगे। अखिलेश यादव के इस बयान को कोंग्रेसियों के लिए एक संदेश माना जा रहा है। राज्य में पिछले चुनावों में भी कांग्रेस के कई बागी समाजवादी पार्टी अथवा बहुजन समाज पार्टी का टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे। अखिलेश यादव की अपील के बाद यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि बसपा प्रमुख मायावती भी इस तरह का एलान कर सकतीं हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस लगातार यह दावा करती रही है कि मध्यप्रदेश में वह बसपा और सपा के अलावा समान विचारधारा वाले दलों से मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कई बार कहा कि उनकी बसपा और सपा से समझौते की बातचीत चल रही है। लेकिन, कांग्रेस और सपा के बीच कोई अधिकृत टेबल टॉक नहीं हुई। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा जनाधार राज्य में नहीं है। सपा ने अपना जनाधार बढ़ाने की गंभीर कोशिश भी कभी नहीं की। जबकि मध्यप्रदेश में तीसरे दल की जरूरत लगातार महसूस की जाती रही है। बहुजन समाज पार्टी में हमेशा ही विवाद के हालात रहे हैं। फूल सिंह बरैया के पार्टी छोड़ने के बाद बसपा की स्थिति कमजोर हुई है। बसपा ने भाजपा-कांग्रेस से नाराज नेताओं को टिकट देकर उनके निजी वोट बैंक का लाभ उठाया है।

चुनाव आयोग ने मोदी सरकार को लिखी चिट्ठी , आप और बसपा जैसे दलों पर कार्रवाई करने के मांगे अधिकार !

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उत्तरप्रदेश चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद से ही लगभग सभी दल ईवीएम के मुद्दे को जोरों से उठा रहे है . आम आदमी पार्टी और बसपा मोदी सरकार पर ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगा रहे है . इन आरोपों से परेशान होकर चुनाव आयोग ने सरकार को चिट्ठी लिखकर इन दलों पर कार्यवाही करने के अधीकार मांगे है .

 

दरअसल चुनाव आयोग ने सरकार से यह अधिकार मांगा है कि सुप्रीम कोर्ट और दूसरे न्यायालयों के तर्ज पर उसके पास भी अवमानना का अधिकार हो . इसमें आयोग को यह अधिकार देने की मांग है कि अगर उसके खिलाफ पक्षपात करने जैसी अपमानजनक टिप्पणियां हो तो उसे अवमानना के नोटिस जारी करने और कार्रवाई करने का अधिकार हो.

 

चुनाव आयोग का कहना है की वह एक संवैधानिक संस्था है जो देश में लोकसभा विधानसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पदों के चुनाव करने के लिए अधिकृत है. ऐसे में चुनाव आयोग को  उसकी अवमानना करने वालों पर कार्यवाही करने का अधीकार होना चाहिये .

जानें “वैलेंटाइन डे” पर बसपा सुप्रीमो मायावती का क्या है प्लान ?

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Newbuzzindia :  वैलेंटाइन डे प्यार का त्यौहार है । भारत में इस त्यौहार को जोरों शोरों से मनाया जाता है । पाकिस्तान की तरह भारत में वैलेंटाइन डे पर बैन नही लगाया गया है । हालाँकि बजरंग दल जैसे कुछ दल इसका विरोध जरूर करते रहते है । ऐसे चुनाव के माहौल में अगर कोई आपको बसपा सुप्रीमो मायावती के वैलेंटाइन डे के प्लान के बारे में बताए तो कौन नही जानता चाहेगा ।

जी हां आपने सही सुना । यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का वेलेंटाइन डे प्लान । दरअसल वैलेंटाइन डे यानि 14 फरवरी को मायावती  उत्तर प्रदेश में चुनावी अभियान के तहत कल दिनांक 14 फरवरी (दिन मंगलवार) को कानपुर व लखनऊ ज़िले में चुनावी जनसभा को सम्बोधित करेंगी।

 

इस कार्यक्रम के तहत मायावती की पहली चुनावी जनसभा कानपुर ज़िला में रामसहाय इण्टर कालेज मैदान बैरी शिवराजपुर के सामने खेल का मैदान में आयोजित होगी व दूसरी चुनावी जनसभा लखनऊ जिले के ई1-कॉम-1, सीतापुर रोड, दुबग्गा बाईपास, आम्रपाली योजना में आयोजित होगी।

 


इसके अगले दिन अर्थात् दिनांक 15 फरवरी 2017 को बीएसपी सुप्रीमो द्वारा उत्तर प्रदेश के रायबरेली व बाराबंकी जिले में जनसभा को सम्बोधित करने का कार्यक्रम निर्धारित है।
    

उत्तर प्रदेश में बीएसपी उत्तर प्रदेश विधान सभा की सभी 403 सीटों पर अपनी पूरी दमदारी व तैयारी के साथ अकेले अपने बलबूते सरकार बनाने के लिये चुनाव लड़ रही है।

 

मायावती उत्तर प्रदेश में बीएसपी उम्मीदवारों के समर्थन में अब तक मेरठ, अलीगढ़, बुलन्दशहर, हाथरस, मुजफ्फरनगर, एटा, बरेली, फिरोजाबाद, फर्रूखाबाद, आगरा, गाजियाबाद सम्भल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, मुरादाबाद, लखीमपुरखीरी, सहारनपुर, बिजनौर, सीतापुर व हरदोई जिले में चुनावी जनसभा को सम्बोधित कर चुकी हैं।

जन्मदिन पर बोली मायावती , नोटबंदी के कारण 90% लोग हुए कंगाल !

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Newbuzzindia : बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज अपने 61वे जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी पर बड़ा हमला किया है । मायावती ने कहा है कि नोटबंदी के कारण 090% लोग कंगाल हो गए है । मायावती ने आगे कहा कि “नोटबंदी मोदी सरकार द्वारा अपनी कमियों और विफलताओं से प्रदेश और देश की जनता का ध्यान बंटाने के लिए सोची समझी साजिश है”
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बसपा की सरकार बनने का भरोसा व्यक्त करते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार (15 जनवरी) को कहा कि नोटबंदी का फैसला केंद्र की भाजपा सरकार की सोची समझी साजिश है और राजनीतिक स्वार्थ में लिये गये इस फैसले से देश का आम आदमी अभी तक उबर नहीं पाया है। मायावती ने यहां अपने 61वें जन्मदिन के मौके पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अपनी कमियों और विफलताओं से प्रदेश और देश की जनता का ध्यान बंटाने के लिए सोची समझी साजिश के तहत केंद्र की भाजपा सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ में विधानसभा चुनाव घोषित होने से कुछ समय पहले आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लिये गये इस फैसले से देश की जनता विशेषकर मध्यम वर्ग अभी उबर नहीं पा रहा है। पचास दिन से ज्यादा बीत गये लेकिन अभी तक देश में हालात पहले की तरह सामान्य नहीं हुए। नोटबंदी से देश में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मायावती ने कहा, ‘‘देश भर में ये भी आम चर्चा है कि नोटबंदी का ये फैसला लेने से पहले दस महीने में भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी और राष्ट्रीय नेताओं और चंद पूंजीपतियों एवं धन्नासेठों के काले धन को पूरे तौर से ठिकाने लगवा दिया था।’’

उन्होंने कहा कि इस बात में काफी कुछ सच्चाई इसलिए भी नजर आ रही है क्योंकि गत वर्ष हमारी पार्टी व परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा एक ‘रूटीन’ में नियमों के तहत बैंक खाते में जमा धन को भी भाजपा व केंद्र की सरकार ने सोची समझी राजनीतिक साजिश के तहत उसे मीडिया में ऐसे उजागर कराया जैसे कि ये हमारा धन काला धन है।
मायावती ने कहा कि भाजपा और मोदी में थोड़ी सी भी ईमानदारी और सच्चाई है और वे खुद को पूरी तरह बेदाग और दूध के धुले समझते हैं तो नोटबंदी का फैसला लागू करने से पहले के दस महीने और आठ नवंबर के बाद का पार्टी नेताओं और पूंजीपतियों के बैंक खातों का ब्यौरा सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा, ‘‘इन खातों में कितना धन जमा हुआ और किन किन कार्यों पर कितना खर्च किया गया है, उसका भी हिसाब किताब देशवासियों के सामने देना चाहिए। लेकिन वे :भाजपा: ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि इससे उनका असली चेहरा सामने आ जाएगा कि वे कितने बेदाग हैं।’’

मायावती ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में भाजपा एंड कंपनी के लोगों को अपने विरोधियों और उनके रिश्तेदारों के पास खासकर उनके काम को लेकर कुछ भी आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रहा है लेकिन फिर भी ये लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ में नैतिकता को दरकिनार करते हुए मान मर्यादा की हदों को पार कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में खासकर बसपा की मजबूती देखकर और उसे सत्ता में आने से रोकने के लिए बसपा कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने के मकसद से भाजपा आये दिन कभी पार्टी तो कभी परिवार के लोगों पर आरोप लगा रही है।

मायावती ने कहा, ‘‘मेरे परिवार के लोग जो भी छोटा मोटा कारोबार पिछले कई साल से कर रहे हैं और यदि केंद्र सरकार को उनके कारोबार में कुछ गड़बड़ी नजर आ रही थी तो ये लोग अब तक के आधे शासनकाल में क्या कर रहे थे। चुनाव के नजदीक आते ही मेरे परिवार में गड़बड़ी नजर आयी अर्थात चुनाव के दौरान पार्टी और परिवार में सभी कमियां नजर आने लगी हैं।’’ जन्मदिन के मौके पर मायावती ने ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ पुस्तक का विमोचन भी किया।

देश की रक्षा करने में नाकाम रही है मोदी सरकार : मायावती

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Newbuzzindia: बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र में बैठी मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है । मायावती ने पाकिस्तान हमले पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है । मायावती ने कहा है कि मोदी सरकार पाकिस्तान नीति को लेकर देश को गुमराह कर रही है ।

गौरतलब है कि मायावती ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पाकिस्तान में उरी आतंकी हमले में शहीद हुए 18 भारतीय जवानों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान के मामले में प्रधानमंत्री मोदी गुमराह कर रहे हैं।

उरी हमले के बाद देश में आक्रोश

मायावती ने कहा कि उरी हमले में 18 जवानों के शहीद होने के बाद देश के लोगों में आक्रोश भरा हुआ है। ऐसे में लोगों की भावनाओं को आदर करते हुए पीएम मोदी को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही से पाकिस्तान कश्मीर में हमले कर रहा है।

देश की सुरक्षा करने में मोदी सरकार नाकाम

उरी हमले में उन्होंने क्रेंद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार देश की सुरक्षा कर पाने में नाकाम है। इससे पहले मायावती ने सैनिकों की शहादत पर दुख व्यक्त किया।

उड़ता पंजाब के समर्थन में मायावती ने कहा की समाज को जागरुक करेगी ये फ़िल्म !

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Newbuzzindia: विवादों में घिरी अनुराग कश्यप की फ़िल्म “उड़ता पंजाब” में एक और नया मोड़ आया है । अनुराग कश्यप की फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ को मायावती का समर्थन मिल गया है। पंजाब में नशे के बढते कारोबार पर बनी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के बारे में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उड़ता पंजाब फिल्म वर्तमान पंजाब की स्थिति पर केन्द्रित है। वहां के युवा नशे की लत में पड़ गए हैं। उन्हें नशे की लत से बाहर निकालने और जागरूक करने के लिए यह फिल्म कोई गलत नहीं है।

मायावती ने संवाददाताआें से कहा कि इस फिल्म का हमारी पार्टी समर्थन करती है। मैं समझती हूं कि केन्द्र को इस फिल्म को चलाने की इजाजत देनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि फिल्म को लेकर निर्माता अनुराग कश्यप और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी में ठन गई है। निहलानी ने कहा कि कश्यप प्रचार के लिए मामले को तूल दे रहे हैं जबकि कश्यप ने आरोप से साफ इंकार किया।

अनुराग कश्यप ने 89 काट-छांट करने, शीर्षक एवं फिल्म से पंजाब शब्द हटाने पर निहलानी की आलोचना की है। फिल्म में पंजाब के ड्रग्स कारोबार और उसमें फंसते युवाआें की कहानी है। विवाद तब हुआ जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म के नाम से पंजाब शब्द के साथ ही 89 कट के साथ इसे रिलीज करने को कहा। कश्यप को ये प्रस्ताव नामंजूर है।

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एक दंगे में मोदी बने दुश्मन तो 457 दंगे होने के बाद भी मुलायम सिंह मसीहा कैसे ..?

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Newbuzzindia: राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के चेयरमैन मौलाना आमिर रशादी मदनी ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों मुस्लिमों को सिर्फ अपना वोट बैंक समझते हैं।

आमिर रशादी ने कहा कि, गुजरात में एक दंगा कराने के बाद मोदी मुसलमानों के दुश्मन बन गए। जबकि मुलायम और उनके शाहबजादे (अखिलेश) के राज में 457 बड़े दंगे हुए फिर भी मुल्ला मुलायम मुस्लिमों के मसीहा बने हुए है।

उन्होंने राजनैतिक पार्टियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने सेकुलरिज्म और कम्युनलिज्म के नाम पर सिर्फ मुसलामानों को ठगा है। उन्होंने कहा कि कुछ दल बीजेपी के नाम का डर दिखाकर मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सालों से इन पार्टियों ने बीजेपी का डर दिखाकर मुस्लिमों को ठगने का काम किया है। रशादी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुसलमानों के सच्चे हमदर्द नहीं हैं। वे सिर्फ उनका इस्तेमाल अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए करते हैं।

रशादी ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा अब मुसलमान इनका वोट बैंक नहीं बनेगा। उन्होंने नारा देते हुए कहा कि, ‘अब मुसलमान नहीं रहेगा दरबार में, वह रहेगा अब सरकार में. उन्होंने कहा कि अब हिंदू-मुस्लिम एकता का नारा नहीं मुस्लिम-हिंदू एकता का नारा चलेगा।

रशादी ने कहा कि अगर मुसलमान, ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत एक हो जाए तो उसे कोई नहीं हरा सकता। यह ऐसा वोट बैंक होगा जो यादवों पर बहुत भारी पड़ेगा।

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