” सुनने में अजीब लगेगा लेकिन इस लेख में हम आपको बताएंगे कि “राम मंदिर “ के मुद्दे पर भाजपा कैसे हारेगी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव “
Newbuzzindia: राम मंदिर हमेशा से ही भाजपा , आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद् का मुख्य मुद्दा रहा है । चुनावों में भी “राम मंदिर” के मुद्दे ने भाजपा को बहुत सफलता दिलाई है । एक समय भाजपा नेताओं की रैली की शुरुआत ही “जय श्री राम” के नारे के साथ होती थी । अटल जी की सरकार हो या मोदी की दोनों के सत्ता में आने के पीछे “राम मंदिर निर्माण” एक बहुत बड़ा मुद्दा रहा है ।
विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने राम मंदिर निर्माण के लिए कई आंदोलन किए । “राम मंदिर” ने स्वर्ण और ब्राह्मण वोटबैंक को भाजपा की तरफ एक जुट कर दिया था । ब्राह्मण वोट बैंक और हिंदूवादी छवि के दम पर मोदी सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की ।
अगले साल उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है । उत्तरप्रदेश में जातिवाद वोट बैंक ही राजनैतिक पार्टियों को चुनाव जितवाता है । 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तरप्रदेश में बड़ी जीत दर्ज की थी । भाजपा को उम्मीद है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वह ब्राह्मण और सवर्णों के वोट पाकर उत्तरप्रदेश में सत्ता वापसी करेगी ।
राम मंदिर के मुद्दे पर उत्तरप्रदेश हारेगी भाजपा ।
सुनने में अजीब जरूर लगेगा लेकिन हम आपको इसके पीछे का तर्क बताते है । हाल में हिन्दू महासभा ने राम मंदिर बनाने की घोषणा की है । हिन्दू महासभा का कहना है कि वह 21 नवंबर को राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करेगी ।
वह समय अलग था जब भाजपा विपक्ष में थी । तब राम मंदिर के नाम पर भाजपा नेता हल्ला करते थे । अब भाजपा सत्ता में है और कानून और जिम्मेदारियों से बंधी हुई है । अब जब हिन्दू महासभा राम मंदिर निर्माण के लिए आगे बढ़ेगी तो भाजपा का रुख देखने लायक होगा ।
भाजपा सत्ता में है ऐसे में अगर वह राम मंदिर निर्माण में हिन्दू महासभा का साथ देती है तो दंगे होंगे और भाजपा का जितना मुश्किल हो जाएगा । वहीं अगर भाजपा राम मंदिर निर्माण पर हिन्दू महासभा का विरोध करती है तो ब्राह्मण वोट बैंक भाजपा के विरोध में जाएगा ।
ऐसे में भाजपा अपने द्वारा पकाए गये पकवान को न निगल पाएगी और न ही उगल पाएगी । अगर राम मंदिर का मुद्दा गर्माता है तो भाजपा की मुश्किल बढ़ना लाज़मीय है ।