कांग्रेस सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सुरक्षा में फिर चूक हुई है। अबकी बार यह किसी के विरोध से नहीं बल्कि पुलिस की लापरवाही के कारण हुआ है।
मामला यह है कि सिंधिया अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित किये जा रहे वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरुआत करने दिल्ली से सड़क मार्ग से ग्वालियर आ रहे थे।
जिस रास्ते से उन्हें आना था वहाँ की पुलिस की इसको सूचना दी चुकी थी। लेकिन जैसे ही सिंधिया का काफिला मुरैना पहुँचा तो सिंधिया की गाड़ी जैसी एक और गाड़ी काफिले में शामिल हो गयी और पुलिसकर्मी गफलत में उसे फॉलो करने में लग गए। और सिंधिया की गाड़ी को छोड़ दिये।
तब तक सिंधिया का काफिला 7 किलोमीटर दूर बिना सुरक्षा के ग्वालियर स्थित IIITM पहुँच चुका था इसी बीच पुलिसकर्मियों को अपनी गलती का अहसास हुआ।
इसी बीच थाने के सामने से जब सिंधिया की असली गाड़ी IIITM के पास से निकली तो वहाँ खड़े TI हजीरा आलोक परिहार ने आनन फानन में पायलटिंग वाहन और थाने के दल बल को बुलाया और उन्हें जय विलास पैलेस छोड़ आये।
इस बीच ग्वालियर एसपी अमित सांघी ने सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर पांच पुलिसकर्मी और मुरैना एसपी ललित कुमार ने नौ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है इन पुलिसकर्मियों में 5 उप निरीक्षक रैंक के अधिकारी भी हैं जिनकी ड्यूटी समन्वय बनाने के लिए लगाई गई थी जिसमे ये सब नाकाम साबित हुए।
आपको बता दें कि बीते दिनों जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर दौरे पर आए थे तब भी सुरक्षा में गंभीर चूक का मामला सामने आया था। उन्हें गोला के मंदिर के पास भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन(NSUI) के कार्यकर्ताओं ने रोककर बेशर्म के फूल और धिक्कार पत्र दिया था जिसके बाद पूरे प्रदेश में बवाल मचा और कई पदाधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।