Thursday, March 30, 2023
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मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस की ऑनलाइन बैठक सम्पन्न, कोरोना से लड़ाई एवं मप्र सरकार की विफलता पर हुई चर्चा

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आज युवा कांग्रेस की ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यरुप से मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शेष नारायण ओझा, प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया,मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने प्रदेश एवं जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को संबोधित किया।

आज की इस बैठक में मुख्य रूप से वर्तमान कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के बिगड़ते हालातो एवं मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामियों पर चर्चा की गई।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया द्वारा मध्यप्रदेश में परेशान हो रहे जनता को राहत पहुंचाने के लिए युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई।

भूरिया ने कहा युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवास जी की पहल पर पूरे देश भर में युवा कांग्रेस कार्यकर्ता दिन-रात निरंतर कोरोना महामारी के इस लड़ाई में जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं पूरे देश भर में जब भी लोगों द्वारा मदद की आवाज उठाई गई युवा कांग्रेस तत्काल उनकी मदद के लिए पहुंची है।

भूरिया ने प्रदेश में युवाओं से आव्हान किया कि आज मध्य प्रदेश के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को भी आवश्यकता है कि वह जिस तरीके से मध्य प्रदेश की जनता की मदद कर रहे हैं उसको दुगनी रफ़्तार से बढ़ा दे आज जब मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश की जनता कोई विषम परिस्थिति में भगवान भरोसे छोड़कर गायब है ऐसी परिस्थितियों में सभी युवा कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह प्रदेश की जनता की मदद के लिए हर संभव प्रयास करें।

प्रदेश प्रभारी शेष नारायण ओझा ने कहा आज प्रदेश की जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है परंतु संवेदनहीन भाजपा सरकार जनता की मदद के लिए आगे नहीं आ रही है इनके द्वारा विगत वर्ष कोरोना महामारी के समय करोड़ों रुपए लगाकर जिन कोविड सेंटरों का निर्माण किया गया था उनमें से आधे से ज्यादा गायब हो चुके हैं।इसका हिसाब देना होगा।

मप्र युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार द्वारा पिछले वर्ष कोरोना काल के समय बड़ी बड़ी घोषणा की गई थी,उनके द्वारा कागजों में ऑक्सीजन प्लांट लगा दिए गए और खुद ही की पीठ थपथपा ली गई उनकी दूरदर्शिता कितनी कमजोर है उसका स्पष्ट उदाहरण वर्तमान परिस्थिति है।

मीटिंग में भोपाल जिले के शहर अध्यक्ष नरेंद्र यादव,ग्रामीण अध्यक्ष रोहित राजौरिया, उपाध्यक्ष आकाश चौहान,ग्वालियर अध्यक्ष हेवरन कंसाना,विदिशा अध्यक्ष वैभव भारद्वाज, सागर अध्यक्ष राहुल चौबे,होशंगबाद अध्यक्ष हुजेफ बोहरा,आधी कई जिला अध्यक्षो ने अपनी बात रखी।

जानिए क्या है कोरोना का ‘डबल म्यूटेंट’, जिसने भारत में मचा दी है तबाही

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भारत में कोरोना संक्रमण(Corona Infection) चरम पर है देश मे एक दिन में ढाई लाख से ज्यादा केस निकल रहे हैं हजारों लोग इस वायरस से संक्रमित होकर अपनी जान दे रहे हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं भारत मे कोरोना की दूसरी लहर या आज की स्थिति में कहें तो बेकाबू रफ्तार के लिए जिस ‘डबल म्यूटेंट’ वायरस को जिम्मेदार बताया जा रहा है वह क्या है?

आज दुनियाभर में कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर चर्चा हो रही है जिसने भारत समेत समूचे विश्व को हलाकान कर रखा है। हालात ये हैं कि ब्रिटेन और पाकिस्तान ने भारत को रेड लिस्ट में डाल दिया है। यानी अब इन देशों में भारतीयों की एंट्री फिलहाल नहीं हो सकेगी।

आज हम आपको कोरोना के इस नए वेरिएंट के बारे वो सब चीजें बताएंगे जो आपके लिए जानना बहुत जरूरी है।

क्या है डबल म्यूटेंट वायरस?
इस वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है, जिसमें दो तरह के म्यूटेशंस हैं- E484Q और L452R म्यूटेशन। आसान भाषा में यह वायरस का वह रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है। वैसे वायरस के जीनोमिक वेरिएंट में बदलाव होना आम बात है। दरअसल वायरस खुद को लंबे समय तक प्रभावी रखने के लिए लगातार अपनी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते रहते हैं ताकि उन्हें मारा न जा सके। डबल म्यूटेशन तब होता है जब वायरस के दो म्यूटेटेड स्ट्रेन मिलते हैं और तीसरा स्ट्रेन बनता है। भारत में रिपोर्ट की गई डबल म्यूटेंट वायरस E484Q और L452R के मिलने के प्रभाव से बना है। L452R स्ट्रेन संयुक्त राज्य अमेरिका में कैलिफोर्निया में पाया जाता है और E484Q स्ट्रेन स्वदेशी है।

भारत मे सबसे पहले यहाँ पाया गया
भारत मे डबल म्यूटेंट वायरस सबसे पहले महाराष्ट्र में पाया गया जो अब बढ़कर पांच राज्यों दिल्ली,पश्चिम बंगाल,गुजरात,कर्नाटक,मध्यप्रदेश में पहुँच चुका है। जिन राज्यों में डबल म्यूटेंट वाले वायरस पाए गए हैं। वहा पर कोरोना(COVID-19) मामलों में तेजी से वृद्धि में हो रही हैं।


इस कारण है खतरनाक
डबल म्यूटेशन जेनेटिक कोड (E484Q और L452R) से बना है। यह दोनों म्यूटेशंस ज्यादा संक्रमण दर के लिए जाने जाते हैं, वहीं यह पहली बार है कि दोनों म्यूटेशन एकसाथ मिल गए हैं जिससे कि वायरस ने कई गुना ज्यादा संक्रामक और खतरनाक रूप ले लिया है। 

क्या डबल म्यूटेंट वायरस के खिलाफ असरदार है?
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। कि डबल म्यूटेंट वायरस के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन कारगर है या नहीं इसकी जांच जारी है। अभी तक यह माना जा रहा है कि भारत में मौजूद कोवैक्सिन और कोविशील्ड वैक्सीन इस वेरिएंट के प्रति कारगर है। 

शरीर में बढता है वायरल लोड
म्यूटेशन के कारण कई बार वायरस पहले से कमजोर हो जाता है लेकिन कई बार यही प्रक्रिया वायरस को काफी खतरनाक बना देती है। ऐसे में वायरस हमारे शरीर की किसी कोशिका पर हमला करते हैं तो कोशिका कुछ ही घंटों के अंदर वायरस की हजारों कॉपीज बना देती है। इससे शरीर में वायरस लोड तेजी से बढ़ता है और मरीज जल्दी ही बीमारी की गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है।

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा की याचिका पर MP हाईकोर्ट सख्त, 49 पेज के आदेश में सरकार को दिए ये निर्देश

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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और देश के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा की याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार के ऊपर बहुत ही तल्ख टिप्पणी की है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 49 पेज के आदेश में सरकार को कई निर्देश दिए हैं।

देश के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विवेक तन्खा की याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए मध्य प्रदेश में कोरोना संत मित्रों के इलाज में हो रही लापरवाही पर 49 पेज का आदेश जारी कर केंद्र और राज्य सरकार के लिए 19 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की है।

सरकार की लापरवाही पर हाईकोर्ट ने कहा- हम मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकते। कोरोना के गंभीर मरीजों को सरकार एक घंटे में अस्पताल में ही रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए। केंद्र सरकार रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाए। अगर जरूरत पड़े, तो आयात करे।

मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने चीफ जस्टिस जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बेंच ने 49 पेज का विस्तृत आदेश जारी किया है और सरकार को 15 दिन के अंदर प्रदेश की मेडिकल व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को 10 मई को अगली सुनवाई में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के आदेश भी दिए हैं।

ये हैं वो अहम 19 बिन्दु।

कोरोना की स्थिति भयावह, हम मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते।

स्वास्थ्य विभाग के खाली पदों पर संविदा पर तत्काल नियुक्ति करें।

2-3 साल में रिटायर मेडिकल स्टाफ को सेवा में फिर से लिया जाए।

अगली सुनवाई से पहले सरकार एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करे।

हाईकोर्ट ने 49 पन्नों का आदेश दिया। 10 मई को अगली सुनवाई।

प्रदेश में विद्युत शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाएं।

जरूरतमंद मरीज को एक घंटे में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराएं।

रेमडेसिविर की कीमत अस्पताल में चस्पा की जाए।

मरीज को 36 घंटे में RTPCR रिपोर्ट दी जाए।

प्रदेश में कोरोना की जांच बढ़ाई जाए।

निजी अस्पतालों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन की उपलब्धता कलेक्टर व सीएमएचओ सुनिश्चित कराएं।

केन्द्र सरकार को दखल देने का आदेश दिया है।

केन्द्र सरकार से कहा है, वह उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीज़न अस्पतालों में पहुंचाए।

देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़वाने का प्रयास करे। सरकार विदेशों से रेमडेसिविर का आयात भी करवाए।

सरकारी और निजी अस्पताल में एयर सेपरेशन यूनिट लगाए जाएं।

निजी अस्पतालों में यूनिट के लिए सॉफ्ट लोन दिए जाएं।

प्रदेश में 9 अक्टूबर 2020 की स्थिति में प्रारंभ किए गए 262 हॉस्पिटल के कोविड-19 सेंटर, 62 डेडिकेटेड कोविड-19 केयर सेंटर और 16 डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल को फिर से शुरू करें।

निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली ना कर पाएं। इसके लिए सरकार इलाज की दर फिक्स करे।

स्कूल, कॉलेजों, मैरिज हॉल, होटल, स्टेडियम को अस्थाई अस्पतालों के लिए अधिग्रहीत किया जाए।

अस्पताल किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने से इंकार ना करें।

मध्यम वर्ग, निम्न मध्यमवर्ग, गरीब और बीपीएल श्रेणी के लोगों के लिए भी ऑक्सीजन, रेमडीसिविर और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

कलेक्टर और सीएमएचओ निजी, सरकारी अस्पतालों, पैथोलॉजी सेंटर और डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रतिनिधियों से समय-समय पर मीटिंग करते रहें, जिससे अन्य आवश्यकताओं की भी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

शासन स्तर पर आईएमए और मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बैठक सुनिश्चित करें कि मरीजों से अत्यधिक शुल्क न वसूला जाए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का दावा झूठा, कुम्भ मेले में 1700 लोग पॉजिटिव, एक साधु की कोरोना से मौत    

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हरिद्वार कुम्भ मेले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का वह दावा झूठा साबित हो गया है जिसमे उन्होंने कहा था कि माँ गंगा के पावन जल से स्नान करने से कोरोना नही होगा।

कल मेष संक्रांति के दौरान उमड़ी साधुओं की भीड़

देश मे लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण और बेकाबू होते कोरोना के कारण देश के कई बुद्धिजीवियोँ ने यह चिंता जाहिर की थी कि कुम्भ में लाखों करोड़ों की भीड़ एकत्रित है इससे कोरोना विस्फोट हो सकता है लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इसपर बिल्कुल भी ध्यान नही दिया और न ही कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाया जिससे कुछ दिनों से कुम्भ मेले के हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

बीते 5 दिनों की बात करें तो कुम्भ मेले में 1701 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं यह वह लोग हैं जिनकी तबियत बिगड़ने के बाद हरिद्वार कुंभ मेले में ही जांच की गई थी। अब कोरोना की रिपोर्ट आई है जिसपर जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि पिछले पांच दिनों में मेला क्षेत्र में 1701 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. ये आकंड़ा सामने आने के बाद अब मेले में कोरोना संक्रमण का डर और बढ़ गया है। इन आकंड़ो में आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन दोनों जांच रिपोर्ट का आंकड़ा शामिल है.

निर्वाणी अखाड़े से जुड़े संत की कोरोना से हुई मौत

हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र 670 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें हरिद्वार, टिहरी और देहरादून जिलों के साथ-साथ ऋषिकेश का इलाका भी शामिल है। कोरोना संक्रमण के वावजूद प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हर अखाड़े और देश के सभी साधु संतों ने इस मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इस बीच निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना संक्रमित होने के बाद मौत हो गई है। उनका इलाज नोएडा में चल रहा था।

जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद जी महाराज के नेतृत्व में उमड़ी नागा साधु संतों की भीड़


आपको बता दें कि 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के मौके पर जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद जी महाराज के नेतृत्व में 50 लाख लोगों ने शाही स्नान में भाग लिया था। जिसमे खुलेआम कोरोना नियमों का उल्लंघन भी हुआ था लेकिन मामला धर्म से जुड़ा होने के कारण किसी भी प्रकार की सख्ती शासन और प्रशासन द्वारा नही की गई जो कोरोना संक्रमण बढ़ने का बड़ा कारण है।

भाजपा की दहलीज तक पहुँचा कोरोना,10 दिनों के लिए बन्द किया गया कार्यालय

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भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही दमोह उपचुनाव के लिए खूब रैलियां और नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं अब भाजपा को भी कोरोनावायरस सताने लगा है।

प्रदेश भाजपा दमोह में भले ही कोरोना से इंकार कर रही हो लेकिन उसी भाजपा ने भोपाल में तेजी से बढ़ते को रोना वायरस के संक्रमण बचने के लिए भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आमजन के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

खबरों के अनुसार कोरोना संक्रमण के भय से भाजपा ने 10 दिनों के लिए प्रदेश मुख्यालय को बंद करवा दिया है। उसके दोनों दरवाजे पूर्णता बंद रहेंगे किसी भी बाहरी व्यक्ति को कार्यालय के अंदर आने की अनुमति नहीं रहेगी।

सूत्रों की माने तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को आशंका है कि हम भले ही चुनाव जीतने के लिए दमोह में कोरोनावायरस से ना नुकुर करते रहें। लेकिन वास्तव में कोरोनावायरस बड़ी तेजी से फैल रहा है। यही कारण है कि भाजपा ने अपने नेताओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेश कार्यालय को बंद करा दिया है।

शिवराज सरकार के मंत्रियों को मिले जिले के प्रभार, जाने कौन है आपके जिले का प्रभारी मंत्री

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मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार को बने 1 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को जिले का प्रभार नही सौंपा था। आज उस बहुप्रतीक्षित चीज से खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्दा उठा दिया है।

हालांकि सरकार ने मंत्रियों को ये प्रभार कोविड 19 से निपटने और योजनायें बनाने के उद्देश्य से दिया गया है।जिसके तहत प्रभारी मंत्री अपने प्रभार के जिले में कोरोना से निपटने के उपाय कलेक्टर को सुझाएंगे और आपसी समन्वय से कोरोना को खत्म करने में महती भूमिका अदा करेंगे।

जानिए कौन है आपके जिले का प्रभारी मंत्री


गोपाल भार्गव – सागर नरसिंहपुर

तुलसी सिलावट – इंदौर

कुंवर विजय शाह – खंडवा बुरहानपुर

जगदीश देवड़ा- मंदसौर रतलाम

बिसाहूलाल सिंह – अनूपपुर शहडोल सीधी

यशोधरा राजे सिंधिया -शिवपुरी दतिया

भूपेंद्र सिंह- दमोह

मीना सिंह- उमरिया,मंडला,डिंडोरी

कमल पटेल- हरदा,बैतूल,होशंगाबाद

बृजेंद्र प्रताप सिंह- पन्ना,कटनी,छतरपुर

विश्वास सारंग-भोपाल,सीहोर

प्रभु राम चौधरी रायसेन विदिशा

महेंद्र सिंह सिसोदिया गुना राजगढ़

प्रदुम्न सिंह तोमर ग्वालियर

प्रेम सिंह पटेल- बड़वानी

ओमप्रकाश सकलेचा- नीमच

उषा ठाकुर- देवास

अरविंद सिंह भदोरिया- जबलपुर,छिंदवाड़ा

डॉ मोहन यादव- उज्जैन

हरदीप सिंह डंग- खरगोन, झाबुआ

राजवर्धन सिंह – धार,अलीराजपुर

भारत सिंह कुशवाह – मुरैना,श्योपुर

इंदर सिंह परमार- शाजापुर,आगर मालवा

रामखेलावन पटेल- रीवा सतना सिंगरौली

रामकिशोर कांवरे – बालाघाट सिवनी

बृजेंद्र सिंह यादव- अशोकनगर

सुरेश धाकड़- निवाड़ी टीकमगढ़

ओपीएस भदोरिया- भिंड

राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अस्वस्थ होने और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को बंगाल चुनाव में व्यस्त होने के कारण अभी प्रभार नही सौपें गए हैं।

भोपाल में मौत के आंकड़ों पर बड़ा खेल कर रही है सरकार!

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मध्यप्रदेश में कोरोना बेकाबू हो चुका है हालात यह हैं कि मरीज के बेहतर इलाज के लिए न तो सरकार के बेड की समुचित व्यवस्था है और न ही ऑक्सीजन सिलेंडर की यह आरोप हम नही प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगा रही है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कई बार सार्वजनिक मंचों और ट्विटर के माध्यम से सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं लेकिन उसके बाद भी सरकार को कोई फर्क नही पड़ रहा है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब दमोह में मीडिया वालों ने सवाल किया कि दमोह छोड़ पूरे प्रदेश में लॉकडाउन क्यों लगाया जा रहा है तो मुख्यमंत्री ने ऐसा जवाब दिया कि मीडिया वाले ही सन्न रह गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दमोह उनके अधिकार क्षेत्र में नही आता अभी वह इलेक्शन कमीशन के अंतर्गत है।

यही हाल राजधानी भोपाल के श्मशान घाटों का भी है जहाँ पर हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब तो मुर्दे जलाने तक की जगह नहीं बची है कई शमशान घाटों और कब्रिस्तान ने तो शासन प्रशासन से भी गुहार लगाई है कि उनके यहा न तो मुर्दा जलाने के लिए लकड़ी है न ही इतनी जगह की मुर्दा दफन किया जा सके।

कैसे खेल खेल रहा है प्रशासन?

राजधानी में रविवार का दिन जिलेवासियों के लिए कहर बनकर टूटा आज भोपाल में कोरोना से कुल मौते 66 हुई है जिसमे भदभदा विश्राम घाट में 39, सुभाष नगर विश्राम घाट में 23 और झदा कब्रिस्तान में 4 लोगों का कोरोना गाइड लाइन से अंतिम संस्कार किया गया है लेकिन मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थय संचालनालय द्वारा जारी बुलेटिन में आज शाम 6 बजे तक भोपाल में सिर्फ 1 मौत होना बताया जा रहा है जबकि ये सभी 66 अंतिम संस्कार सुबह से शाम के बीच के ही हैं।

स्वास्थ्य विभाग का बुलेटिन जिसमे सिर्फ 1 मौत दर्शाई गई है।

राजधानी में 4 दिन में कोरोना हुई हैं इतनी मौत

भोपाल में बीते 4 दिनों में कोरोना गाइडलाइन द्वारा 208 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है जबकि शासन 8 मौते दर्शाने से भी कतरा रहा है।

कोरोना संक्रमण नियंत्रण में विश्वविद्यालय सहयोग करें : आनंदीबेन पटेल

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मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण नियंत्रण में विश्वविद्यालय सहयोग करें, जिन नगरीय क्षेत्रों में संक्रमण का प्रभाव अधिक है, उन क्षेत्रों में आवासीय, मोहल्ला और वार्ड समितियों के पदाधिकारियों और सदस्यों को जनता कर्फ्यू के लिए प्रेरित किया जाए। इस कार्य में विश्वविद्यालयों द्वारा समन्वय के प्रयास किए जाएं।

विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी जन जागृति और जनता कर्फ्यू के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं में सहयोग दें। इससे कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के प्रयास प्रभावी होंगे। उन्होंने कोरोना गाइड लाइन का जिम्मेदारी से पालन करने के लिए विश्वविद्यालयों के स्टाफ और विद्यार्थियों को संकल्पित कराने की जरूरत भी बताई। श्रीमती पटेल आज लखनऊ राजभवन से प्रदेश के 21 शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो क्रॉन्फ्रेंस कर रहीं थीं।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि जनता कर्फ्यू के दौरान रहवासियों को बाहर नहीं जाना पड़े। इस कार्य में युवाओं द्वारा सहयोग किया जा सकता है। विश्वविद्यालय युवाओं का दल गठित करें, जो रहवासियों के साथ दूरभाष पर सम्पर्क में रहें और उनके लिए आवश्यक वस्तुओं और अन्य सामग्री दुकानों से लाकर प्रदान करें। इससे रहवासी घर पर रहेंगे। दुकानों पर भीड़ में कमी आएगी। सामाजिक दूरी की व्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समाज सेवी कार्यों, वैक्सीनेशन के लिए जन जागृति एवं जन सहयोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया जा सकता है। विश्वविद्यालय इस दिशा में नवाचारी सोच के साथ प्रयास करें।

श्रीमती पटेल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार वैक्सीनेशन के कार्य को तेजी से करने में भी विश्वविद्यालय और उनके छात्र सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में वैक्सीनेशन की एक-एक डोज महत्वपूर्ण है। चूँकि एक वैक्सीन में 10 व्यक्तियों की डोज होती है। इसलिए यह जरूरी है कि वैक्सीनेशन के लिए प्रेरक यह ध्यान रखें कि सेंटर पर 10 के गुणित में ही पात्र व्यक्तियों को ले जाया जाए। इस संबंध में विश्वविद्यालय आईटी सेल के माध्यम से जन जागृति के प्रयासों को तेज किया जाए। विश्वविद्यालय गोद लिए गांवों में शत-प्रतिशत टीककरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर सभी छात्र मास्क और सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन करें। दूसरों को भी पालन के लिए प्रेरित करें। श्रीमती पटेल ने बताया किकोरोना के लक्षण बदल रहे हैं। प्रत्यक्ष रूप से लक्षण नहीं होने पर भी व्यक्ति कोविड संक्रमण से प्रभावित हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति मास्क पहने और सामाजिक दूरी का पालन करे। कोरोना गाइड लाइन का जिम्मेदारी के साथ पालन ही कोरोना पर सफलता का आधार है। उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी को बढ़ाने में योग की प्रभावी भूमिका है। विश्वविद्यालय योग केन्द्रों का विस्तार करें। उन्होंने कहा किऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन का कार्य भी प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए। परीक्षा तिथि के संबंध में असमंजस की स्थिति नहीं रहे। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय परीक्षाओं की संभावित तिथियों को अभी से निश्चित कर लें। इससे परीक्षाओं के संबंध में पालकों और विद्यार्थियों को निश्चिंतता आएगी। परीक्षाओं की तैयारी एकाग्रता के साथ कर सकेगें।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कोरोना संकट का सामना सब को मिलकर करना है। सबके साथ और सहयोग से कोरोना पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि संकट का सामना कौशल और रणनीति बना कर किया जाए। यह भी देखा जाए कि संक्रमण से बचाव के प्रयासों से छात्रों के भविष्य में बाधाएं उत्पन्न नहीं हों। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठयक्रमों की परीक्षाएं जिनके बाद विद्यार्थियों को अखिल भारतीय परीक्षाओं में सम्मिलित होने की पात्रता होती है, ऐसी परीक्षाओं के संबंध में अन्य राज्यों के निर्णयों और छात्रों की परिस्थितियों को भी ध्यान में रख कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों को ग्रामीण अंचल में वैक्सीनेशन और जन जागृति के प्रयासों में सक्रियता के साथ सहयोग के लिए प्रेरित किया।

बैठक के अंत में राज्यपाल के अपर सचिव श्री आर.के. कौल ने राज्यपाल को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का प्रभावी पालन किया जाएगा। इस अवसर पर समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के द्वारा कोविड वैक्सीनेशन और जन जागृति के प्रयासों की जानकारी दी गई।

मध्यप्रदेश में बेकाबू हुआ कोरोनावायरस, पिछले 24 घंटों में मिले इतने केस

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मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस लगातार बेकाबू होता जा रहा है 24 घंटों में ही पूरे प्रदेश में जितने के आए हैं अगर इसी रफ्तार से केस बढ़े तो स्थिति बद से बदतर हो सकती है।

प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने लगातार बढ़ते कोरोनावायरस के संक्रमण से निपटने हेतु आज महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भी बातचीत की है महामहिम ने राज्य के अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से हर हाल में निपटने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास पर भोपाल क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक बुलाई है जो बैठक अभी मुख्यमंत्री निवास में चल भी रही है इस बैठक में ही भोपाल पर लॉकडाउन लगाने का फैसला हो सकता है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लॉकडाउन नहीं लगा रही है बल्कि यह है सामुदायिक संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए कोरोना कर्फ्यू है और जनता को इस कर्फ्यू का पूर्णतः पालन करना चाहिए।

मंत्री ने बताया कि प्रदेश के बाहर से आने वालों पर कोई प्रतिबंध नहीं है किसी जिले से किसी जिले में जाने वालों पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है फल,सब्जी,दूध,एटीएम खुले हुए हैं के अलावा उद्योगों में आने वाले मजदूरों के लिए भी कोई प्रतिबंध नहीं है। बिजली दूरसंचार सेवाएं रसोई गैस सेवाएं चालू रखी गई है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया,नगर निगम, आईटी कंपनी(बीपीओ), अख़बार वितरण,होटल( जिसमें डाइनिंग की सुविधा होटल के अंदर ही है) कोई प्रतिबंध नहीं है।

आपको बता दें कि प्रदेश में 24 घंटे के अंदर 5936 पॉजिटिव मरीज मिले हैं तथा मौतों की आंकड़ा 24:00 तक पहुंच गया है कोरोना संक्रमण के बेकाबू होने की स्थिति प्रदेश में बनती जा रही है। कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है बीते 10 दिनों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोनावायरस से हो चुकी है।

मुख्यमंत्री की विपक्ष को सलाह,कोरोना पर राजनीति करना बंद करें

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि विपक्ष कोरोना पर राजनीति करना बंद कर दे हम प्रदेश की जनता के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के अस्पतालों में कोरोनावायरस ओं के लिए 100000 वर्ड की व्यवस्था की जा रही है बनी बनाई बिल्डिंगों में अस्पताल खड़े किए जाएंगे साथ ही अपने अस्पतालों को खुला ऑफर भी दिया है कि वह बिल्डिंगों में अस्पताल बनाए और ज्यादा से ज्यादा बेडों की व्यवस्था करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रदेश की जनता से अपील करना चाहता हूं कि अगर वह मास्क लगाए भी हुए हैं तब भी 2 गज की दूरी को जरूर अपनाएं जिससे हम कोरोना से सुरक्षित हो सके।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विधायकों से भी अपील की है कि वह भी वैक्सीनेशन करवाएं और अपने अपने क्षेत्रों की जनता को वैक्सीनेशन हेतु जागरूक करें।

विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कोरोनावायरस नीति बंद कर दे यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है ट्वीट करके मुझे गाली देना आसान है लेकिन हम भी प्रदेश की जनता की सेवा में ही लगे हुए हैं।

मंत्री ने विपक्ष से आव्हान करते हुए कहा है कि कोरोनावायरस से लड़ाई में विपक्ष को साथ आना चाहिए हम सब मिलकर ही कोरोनावायरस से जंग जीत सकते हैं।

देश में ऑक्सीजन की कमी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और ना ही हम आगे ऑक्सीजन की कमी होने देंगे।

मुख्यमंत्री ने 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए कहां की वह वैक्सीनेशन जरूर कराएं साथ ही प्रदेश सरकार इसके लिए 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक एक विशेष अभियान भी चलाने जा रही है जिसके माध्यम से 45 वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्तियों को कोरोनावायरस का टीका लगवाना सुनिश्चित किया जाएगा।

आपको बता दें कि कल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने 3 ट्वीट के माध्यम से सरकार को भेजते हुए कहा था कि प्रदेश में ना तो अस्पताल है ना बेड है ना ही ऑक्सीजन है ना वह अच्छी लग रही है प्रदेश में अराजकता का माहौल है आज उसी के जवाब में मुख्यमंत्री ने उन्हें नसीहत दी है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश के हित में सोचे और सरकार का साथ दे।

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