प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसने अपने 15 वर्षीय कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश को अपराधों का गढ़ बना दिया था। महिला अपराधों व बालात्कार के मामले में मध्यप्रदेश को अव्वल बनाकर कलंकित कर चुकी भाजपा किस मुंह से कानून व्यवस्था की बात कर रही है। अपराधों को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाने के पहले भाजपा को स्वयं अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। पिछले दिनों मंदसौर में जिस भाजपा नेता की हत्या हुई, उसकी मूल जड़ में पैसों का लेनदेन रहा है। भाजपा के शासनकाल में जब भ्रष्टाचार चरम पर था और उसके नेता-जनप्रतिनिधि भी इसमें शामिल थे, तब भाजपा नेताओं को उम्मीद नहीं थी कि उनकी सरकार सत्ता में नहीं आएगी। जिन भाजपा नेताओं ने रिश्वत के नाम पर पैसे ले लिए लेकिन सत्ता जाने के बाद उसे वापस नहीं कर रहे थे अथवा न करने के मूड में थे, ऐसे भाजपा नेताओं से वसूली करने में असफल उसी की पार्टी के नेताओं या कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी हत्या या हमला करने जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
ओझा ने कहा कि अपराध और भ्रष्टाचार भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति रही है। इसी भाजपाई संस्कृति के दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं। भ्रष्टाचार के कारण भाजपा नेता अपने ही लोगों का शिकार बन रहे हैं। वे न सिर्फ कानून हाथ में ले रहे हैं, बल्कि बेखौफ होकर भी घूम रहे है, लेकिन मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार उनके मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगी। प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ने संबंधी भाजपा के आरोपों में कोई दम नहीं है। भाजपा ने ही अपने कार्यकाल में मध्य प्रदेश का अपराधीकरण किया है। भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि विभिन्न अपराधों से घिरे उसके दो तत्कालीन वरिष्ठ मंत्री जेल की हवा खा चुके हैं। व्यापम कांड में हुई हत्याओं के पीछे भी भाजपा सरकार वस्तुस्थिति का पता नहीं लगा पाई थी।
ओझा ने कहा कि यदि भाजपा के शासनकाल में इतना भ्रष्टाचार नहीं हुआ होता तो इस प्रकार की घटनाएं भी नही होती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपराधों को सख्ती से रोकने के प्रति पुलिस प्रशासन को सचेत कर चुके है। अपराध में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नही जाए और न ही प्रकरण में ढिलाई बरती जाए।