दमोह चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक भाषण और टू इट काफी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने दमोह की जनता से घर से निकल कर वोट डालने की अपील की थी लेकिन आज मतदान में मुख्यमंत्री की उस अपील का दमोह वासियों पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ता दिखाई नहीं दिया।

भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए नाक का सवाल बन चुके दमोह चुनाव में आज कुल 59. 81% ही मतदान हुआ है लोग कोरोनावायरस के डर से घरों से बाहर नहीं निकले
दमोह विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का मतदान के प्रति उत्साह ना दिखाना कहीं कोई सोची समझी साजिश का हिस्सा तो नहीं है यह तो आने वाला वक्त यानी 2 मई को पता चलेगा लेकिन आज जिस प्रकार से लोग घर से नहीं निकले उसका सीधा सा मतलब यह निकाला जा सकता है कि लोगों का उपचुनाव का मन बिल्कुल भी नहीं था।
सूत्र बताते हैं कि दमोह में लोधी वर्सेज अन्य का सीधा मुकाबला है जिसके खाते में लोधियों के वोट जाएंगे वही दमोह का विधायक बनेगा लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह भी है की दमोह के रण में दो लोधी प्रत्याशी आमने-सामने थे कहीं इसका फायदा कांग्रेस तो नहीं ले जाएगी यह तो 2 मई को ही पता चल पाएगा।
हमारे दमोह के सूत्रों ने तो यहां तक बताया कि हमने 35 वर्षों से लगातार जीत रहे जयंत मलैया को इस कारण हर आया ही था कि यहां पर कोई नया विधायक बने और क्षेत्र का विकास कर सके लेकिन आज वही मलैया नेपथ्य में है और उन्हीं मलैया के सामने जिस आदमी ने उन्हें धूल चटाई थी वह भाजपा का प्रत्याशी बना बैठा है यह कारण भी है कि लोग मतदान करने मतदान केंद्र ही नहीं गए।