मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं में शामिल होने पर प्रतिबंध की तैयारी

अपने वचन के मुताबिक कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के संघ की शाखाओं में शामिल होने पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी कवायद करने लगा है। मप्र में कर्मचारियों पर संघ की शाखा में बैन लगाने के लिए केंद्र सरकार के आदेश को आधार बनाया जाएगा। इसके अलावा सरकारी परिसरों में संघ की शाखा लगाने पर भी बैन लगाया जाएगा।

कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इन दोनों कार्यों का उल्लेख किया था, जिस पर खूब बवाल मचा था। भाजपा ने इसे संघ पर प्रतिबंध लगाने से जोड़ते हुए चुनावी मुद्दा बनाया था, जिसका कुछ हद तक उसे फायदा भी हुआ।, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही अब इस वचन पर अमल करने के लिए मंत्रालय में तैयारी तेज हो गई है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारवार्ता में भी इस बात के संकेत देते हुए कहा था कि राज्य सरकार कोई नया काम नहीं करने जा रही है। केंद्र और गुजरात सरकार ने यह प्रतिबंध पहले से लागू कर रखा है।

केंद्र ने 1993 में लगाया था प्रतिबंध

केंद्र सरकार ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कर्मचारियों के संघ की शाखा में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया था। गृह मंत्रालय ने संघ की गतिविधियों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे।

2000 में दिग्विजय ने जारी किया था आदेश

केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने के लिए ही वर्ष 2000 में दिग्विजय सरकार में एक आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं अन्य ऐसी संस्थाओं के कार्यकलापों में भाग लेना या उससे किसी रूप में सहयोग करना मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन माना जाएगा।”

2006 में शिवराज ने हटाया था प्रतिबंध

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सितंबर 2006 में यह प्रतिबंध हटा दिया गया था। इसमें दिग्विजय सरकार के आदेश को शिथिल कर दिया गया था।

मीसाबंदी की पेंशन पर सीएम लेंगे फैसला

मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने के लिए विधानसभा में विधेयक लाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ फैसला करेंगे। नाथ को ही यह फैसला करना है कि इसे कब से बंद करना है, लेकिन इसके लिए सरकार को कानून समाप्त करने के लिए विधानसभा जाना पड़ेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री सचिवालय को विभाग की प्रमुख गतिविधियों का ब्यौरा भेजा है, जिसमें मीसाबंदी पेंशन भी शामिल है।

विभागों से मंगवाई जानकारी

मुख्यमंत्री कमलनाथ सभी विभागों की समीक्षा भी करेंगे। इस समीक्षा के लिए सभी विभागों से उनके प्रमुख कामकाज, योजनाओं और बजट को लेकर जानकारी मांगी गई है।

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